हरियाणा में तीसरी बार भाजपा सरकार बनने के बाद जिला परिषद, पंचायत समिति और ब्लॉक समिति चेयरमैन की कुर्सियों पर खींचतान शुरू हो गई है। अभी तक राज्य में 5 चेयरमैन/चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए गए। जिसमें कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी (JJP) समर्थित चेयरमैनों की कुर्सी भाजपा छीनने में कामयाब रही। जबकि इनेलो अपने चेयरमैन की कुर्सी बचाने में कामयाब रही। 2 चेयरपर्सन के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर अभी वोटिंग होनी है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने वाली रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 3 बार वोटिंग टल चुकी है। वहीं, कैथल की चीका ब्लॉक समिति की कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन डिंपल रानी के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। अभी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए डेट निर्धारित नहीं हुई है। अब सिलसिलेवार ढंग से जानिए लाए गए पांचों अविश्वास प्रस्ताव को लेकर क्या हुआ कैथल में BJP के कौल सर्वसम्मति से चेयरमैन बने कैथल जिला परिषद में JJP समर्थित दीप मलिक चेयरमैन थे। 30 अक्टूबर को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। मीटिंग में 21 में से 19 पार्षद पहुंचे। इसमें भाजपा के कर्मबीर कौल को सर्वसम्मति से नया चेयरमैन चुन लिया गया। इससे पहले कर्मबीर कौल वाइस चेयरमैन थे। दीप मलिक के खिलाफ खड़े हुए पार्षदों का नेतृत्व कर्मबीर कौल ने ही किया था। अब जल्द ही वाइस चेयरमैन को लेकर भी चुनाव होगा। अभी इसकी डेट फाइनल नहीं हुई है। सीवन में कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन हटाई कैथल में सीवन ब्लॉक समिति की कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन मनजीत कौर के खिलाफ 12 नवंबर को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। ब्लॉक समिति में कुल 16 सदस्य हैं। कुल 13 वोट डाले गए, जिसमें 12 भाजपा समर्थित सदस्यों ने वोट किया। एक वोट चेयरपर्सन के पक्ष में गया। अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग को लेकर कैथल के ADC बाबूलाल ने 28 अक्टूबर को समिति के सभी 16 मेंबरों को नोटिस जारी किया था। वोटिंग के लिए भाजपा समर्थित 12 सदस्यों के साथ गुहला के पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ब्लॉक डेवलपमेंट पंचायत ऑफिस (BDPO) पहुंचे। उनके अंदर जाने पर मनजीत के समर्थकों ने विरोध किया। तनावपूर्ण स्थिति देख पुलिस ने मनजीत के समर्थकों को खदेड़ा और अतिरिक्त फोर्स बुलाई। इसके बाद वोटिंग की प्रकिया शुरू हुई। भाजपा छोड़कर इनेलो में शामिल चेयरमैन की कुर्सी बची सिरसा जिले की नाथूसरी चोपटा पंचायत समिति के चेयरमैन सूरजभान बुमरा के खिलाफ 20 नवंबर को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। बैठक में समिति के 30 सदस्यों में से 22 सदस्य शामिल हुए। इनमें से 13 सदस्यों ने सूरजभान के पक्ष में और 9 सदस्य विपक्ष में रहे। जिससे सूरजभान की कुर्सी बच गई। कुर्सी बचने पर वह सबके सामने रो पड़े। वह विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़कर इनेलो में शामिल हुए थे। सूरजभान ने कहा था कि इनेलो का दामन थामने के बाद से ही उनको अध्यक्ष पद से हटाने का षड्यंत्र रचा जा रहा था। पंचायत समिति सदस्यों का समर्थन उनके साथ है और उनकी कुर्सी कायम है। मंजू हुड्डा के खिलाफ 3 बार वोटिंग टली रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन एवं गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाली मंजू हुड्डा के खिलाफ विधानसभा चुनाव के दौरान 10 पार्षदों ने DC को लिखित में पत्र देकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी। अब तक 3 बार अविश्वास प्रस्ताव के लिए डेट निर्धारित की गई, लेकिन तीनों बार अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग टल गई। अविश्वास प्रस्ताव लाने के पक्ष में शपथ पत्र देने वाले एक पार्षद ने अपना शपथ पत्र वापस ले लिया है और वह मंजू हुड्डा के पक्ष में आ गया है। कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग कैथल में चीका ब्लॉक समिति की कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन डिंपल रानी के खिलाफ भाजपा समर्थित पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की है। 18 नवंबर को ब्लॉक समिति चीका के 22 सदस्यों में से 18 सदस्यों ने कैथल जिला सचिवालय पहुंचकर ADC दीपक बाबू लाल करवा को अपने शपथ पत्र सौंपे। अब प्रशासन की ओर से अविश्वास प्रस्ताव के लिए मीटिंग बुलाई जाएगी। मीटिंग की डेट अभी तय नहीं हुई है। ADC से मिलने पहुंचे सदस्यों ने बताया था कि चेयरपर्सन कांग्रेस समर्थित होने के कारण उनके वार्डों में विकास कार्यों में भेदभाव कर रही है। 2 सालों से एक दो काम को छोड़कर कोई बड़ा काम उनके वार्डों में नहीं हुआ। इसको लेकर सभी सदस्यों में चेयरपर्सन के खिलाफ रोष है। हरियाणा में तीसरी बार भाजपा सरकार बनने के बाद जिला परिषद, पंचायत समिति और ब्लॉक समिति चेयरमैन की कुर्सियों पर खींचतान शुरू हो गई है। अभी तक राज्य में 5 चेयरमैन/चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए गए। जिसमें कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी (JJP) समर्थित चेयरमैनों की कुर्सी भाजपा छीनने में कामयाब रही। जबकि इनेलो अपने चेयरमैन की कुर्सी बचाने में कामयाब रही। 2 चेयरपर्सन के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर अभी वोटिंग होनी है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने वाली रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 3 बार वोटिंग टल चुकी है। वहीं, कैथल की चीका ब्लॉक समिति की कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन डिंपल रानी के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। अभी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए डेट निर्धारित नहीं हुई है। अब सिलसिलेवार ढंग से जानिए लाए गए पांचों अविश्वास प्रस्ताव को लेकर क्या हुआ कैथल में BJP के कौल सर्वसम्मति से चेयरमैन बने कैथल जिला परिषद में JJP समर्थित दीप मलिक चेयरमैन थे। 30 अक्टूबर को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। मीटिंग में 21 में से 19 पार्षद पहुंचे। इसमें भाजपा के कर्मबीर कौल को सर्वसम्मति से नया चेयरमैन चुन लिया गया। इससे पहले कर्मबीर कौल वाइस चेयरमैन थे। दीप मलिक के खिलाफ खड़े हुए पार्षदों का नेतृत्व कर्मबीर कौल ने ही किया था। अब जल्द ही वाइस चेयरमैन को लेकर भी चुनाव होगा। अभी इसकी डेट फाइनल नहीं हुई है। सीवन में कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन हटाई कैथल में सीवन ब्लॉक समिति की कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन मनजीत कौर के खिलाफ 12 नवंबर को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। ब्लॉक समिति में कुल 16 सदस्य हैं। कुल 13 वोट डाले गए, जिसमें 12 भाजपा समर्थित सदस्यों ने वोट किया। एक वोट चेयरपर्सन के पक्ष में गया। अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग को लेकर कैथल के ADC बाबूलाल ने 28 अक्टूबर को समिति के सभी 16 मेंबरों को नोटिस जारी किया था। वोटिंग के लिए भाजपा समर्थित 12 सदस्यों के साथ गुहला के पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ब्लॉक डेवलपमेंट पंचायत ऑफिस (BDPO) पहुंचे। उनके अंदर जाने पर मनजीत के समर्थकों ने विरोध किया। तनावपूर्ण स्थिति देख पुलिस ने मनजीत के समर्थकों को खदेड़ा और अतिरिक्त फोर्स बुलाई। इसके बाद वोटिंग की प्रकिया शुरू हुई। भाजपा छोड़कर इनेलो में शामिल चेयरमैन की कुर्सी बची सिरसा जिले की नाथूसरी चोपटा पंचायत समिति के चेयरमैन सूरजभान बुमरा के खिलाफ 20 नवंबर को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। बैठक में समिति के 30 सदस्यों में से 22 सदस्य शामिल हुए। इनमें से 13 सदस्यों ने सूरजभान के पक्ष में और 9 सदस्य विपक्ष में रहे। जिससे सूरजभान की कुर्सी बच गई। कुर्सी बचने पर वह सबके सामने रो पड़े। वह विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़कर इनेलो में शामिल हुए थे। सूरजभान ने कहा था कि इनेलो का दामन थामने के बाद से ही उनको अध्यक्ष पद से हटाने का षड्यंत्र रचा जा रहा था। पंचायत समिति सदस्यों का समर्थन उनके साथ है और उनकी कुर्सी कायम है। मंजू हुड्डा के खिलाफ 3 बार वोटिंग टली रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन एवं गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाली मंजू हुड्डा के खिलाफ विधानसभा चुनाव के दौरान 10 पार्षदों ने DC को लिखित में पत्र देकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी। अब तक 3 बार अविश्वास प्रस्ताव के लिए डेट निर्धारित की गई, लेकिन तीनों बार अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग टल गई। अविश्वास प्रस्ताव लाने के पक्ष में शपथ पत्र देने वाले एक पार्षद ने अपना शपथ पत्र वापस ले लिया है और वह मंजू हुड्डा के पक्ष में आ गया है। कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग कैथल में चीका ब्लॉक समिति की कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन डिंपल रानी के खिलाफ भाजपा समर्थित पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की है। 18 नवंबर को ब्लॉक समिति चीका के 22 सदस्यों में से 18 सदस्यों ने कैथल जिला सचिवालय पहुंचकर ADC दीपक बाबू लाल करवा को अपने शपथ पत्र सौंपे। अब प्रशासन की ओर से अविश्वास प्रस्ताव के लिए मीटिंग बुलाई जाएगी। मीटिंग की डेट अभी तय नहीं हुई है। ADC से मिलने पहुंचे सदस्यों ने बताया था कि चेयरपर्सन कांग्रेस समर्थित होने के कारण उनके वार्डों में विकास कार्यों में भेदभाव कर रही है। 2 सालों से एक दो काम को छोड़कर कोई बड़ा काम उनके वार्डों में नहीं हुआ। इसको लेकर सभी सदस्यों में चेयरपर्सन के खिलाफ रोष है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में डेरामुखी की 11 दिन पहले हुई मौत?:डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह का दावा- उनके पास मेडिकल रिपोर्ट, हाईकोर्ट जाएंगे
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वहीं शुक्रवार को ही डेरे के सेवक शमशेर लहरी ने वीडियो जारी कर कहा था कि काफी लंबे समय से डेरा जगमालवाली से जुड़ा हुआ हूं। हमारे पूजनीय बाबा जी शरीर रूप से हमें छोड़कर चले गए। जैसे ही कल महाराज जी ने चोला छोड़ा, अस्पताल से छूट्टी मिली तो महात्मा बिरेंद्र सिंह जी और साथी उनके शरीर को लेकर डेरा जगमालवाली पहुंचे। वहां कुछ लोगों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से उन्हें वहां से निकाला। महाराज जी ने चोला छोड़ने से डेढ़ साल पहले अपनी वसीयत महात्मा बिरेंद्र सिंह के नाम बिना किसी दबाव और उन्हें संगत की सेवा करने का हुकुम दिया। इसकी पूरी वीडियोग्राफी करवाई गई है, जो संगत में पहुंच गई। कुछ सिक्योरिटी कारणों के कारण पुलिस प्रशासन ने महात्मा बिरेंद्र सिंह को अपनी देखरेख में रखा हुआ है। सारी संगत जो महाराज जी के हुकुम को मानते हैं, उनके मैसेज आ रहे हैं, जो महात्मा बिरेंद्र सिंह के दर्शन करने के अभिलाषी हैं। जल्द ही महात्मा बिरेंद्र सिंह संगत में आएंगे। हमें जो महाराज जी ने हुकुम दिया है, उसकी पालना करनी है। 60 साल पहले बना था बलूचिस्तानी आश्रम
डेरा की शुरुआत 1964-65 में हुई। यहां बाबा सज्जन सिंह रूहल ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को अपनी कई एकड़ जमीन दान में दी और डेरा बनाने का अनुरोध किया। जिस पर संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने यहां मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। पहले छोटा सा आश्रम था। अब करीब 100-100 फीट का सचखंड बनाया गया है। इसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना है।