हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में शनिवार को बर्फबारी हुई। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल अटल टनल रोहतांग और उसके आसपास के इलाकों में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। बर्फबारी से प्रदेश में ठंड बढ़ गई है। कुल्लू-मनाली के रोहतांग, गुलाबा और स्पीति के ऊंचे इलाकों में घूमने आए पर्यटक शाम को बर्फ गिरते ही रोमांचित हो गए। बर्फबारी पर्यटकों और पर्यटन कारोबारियों के लिए अच्छी और राहत भरी खबर है। बता दें कि कुल्लू जिले की ऊंची चोटियों पर यह सीजन की पहली बर्फबारी है, जबकि किन्नौर जिले में 12 सितंबर को हल्की बर्फबारी हो चुकी है। मौसम विभाग ने शनिवार को प्रदेश के कुल्लू, लाहौल स्पीति, चंबा और कांगड़ा के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई थी। लेकिन आज से एक बार फिर अगले 4 से 5 दिनों तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। शनिवार को ऊंचाई वाले इलाकों में जरूर बर्फबारी हो रही है। लेकिन प्रदेश के अन्य इलाकों में मौसम साफ बना हुआ है। बारिश और बर्फबारी से पहले ही प्रदेश के 4 शहरों का तापमान माइनस में चला गया है। ऐसे में बर्फबारी से तापमान में और गिरावट आएगी। इन शहरों का पारा माइनस में लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइनस 8.7 डिग्री सेल्सियस तक लुढक गया है। समदो का माइनस 1.3 डिग्री, कुकुमसैरी का 4.1 डिग्री और कल्पा में तापमान शून्य तक पहुंच गया है , केलांग का न्यूनतम तापमान 2.0 डिग्री तक गिर चुका है। मौसम विभाग ने प्रदेश भर में 24 और 25 नवम्बर को मौसम के ड्राई रहने का पूर्वानुमान लगाया है। वहीं 26 तारीख से प्रदेश के मंडी और बिलासपुर जिला के कुछ स्थानों पर धुंध का यलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार धुंध की वजह से विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर सकती है। इसे देखते हुए वाहन चालकों को सावधानी से गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है। किसानों पर सूखे की सबसे ज्यादा मार हिमाचल प्रदेश में भले ऊंचे क्षेत्रों में बर्फ गिर रही है। मगर अन्य क्षेत्रों में ड्राइ स्पेल नहीं टूट रहा। प्रदेशवासी 53 दिन से बारिश के इंतजार में है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है। सूखे के कारण 63 फीसदी जमीन पर किसान गेहूं की बुआई नहीं कर पाए हैं। प्रदेश में इसकी बुवाई का उचित समय एक सप्ताह पहले निकल चुका है।अब नदी नालों में भी जल स्तर गिरने लगा है। इससे पेयजल और सिंचाई योजनाओं पर भी पानी कम होने लगा है। नदी नालों में पानी कम होने से बिजली का उत्पादन पर भी असर पड़ा है। हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में शनिवार को बर्फबारी हुई। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल अटल टनल रोहतांग और उसके आसपास के इलाकों में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। बर्फबारी से प्रदेश में ठंड बढ़ गई है। कुल्लू-मनाली के रोहतांग, गुलाबा और स्पीति के ऊंचे इलाकों में घूमने आए पर्यटक शाम को बर्फ गिरते ही रोमांचित हो गए। बर्फबारी पर्यटकों और पर्यटन कारोबारियों के लिए अच्छी और राहत भरी खबर है। बता दें कि कुल्लू जिले की ऊंची चोटियों पर यह सीजन की पहली बर्फबारी है, जबकि किन्नौर जिले में 12 सितंबर को हल्की बर्फबारी हो चुकी है। मौसम विभाग ने शनिवार को प्रदेश के कुल्लू, लाहौल स्पीति, चंबा और कांगड़ा के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई थी। लेकिन आज से एक बार फिर अगले 4 से 5 दिनों तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। शनिवार को ऊंचाई वाले इलाकों में जरूर बर्फबारी हो रही है। लेकिन प्रदेश के अन्य इलाकों में मौसम साफ बना हुआ है। बारिश और बर्फबारी से पहले ही प्रदेश के 4 शहरों का तापमान माइनस में चला गया है। ऐसे में बर्फबारी से तापमान में और गिरावट आएगी। इन शहरों का पारा माइनस में लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइनस 8.7 डिग्री सेल्सियस तक लुढक गया है। समदो का माइनस 1.3 डिग्री, कुकुमसैरी का 4.1 डिग्री और कल्पा में तापमान शून्य तक पहुंच गया है , केलांग का न्यूनतम तापमान 2.0 डिग्री तक गिर चुका है। मौसम विभाग ने प्रदेश भर में 24 और 25 नवम्बर को मौसम के ड्राई रहने का पूर्वानुमान लगाया है। वहीं 26 तारीख से प्रदेश के मंडी और बिलासपुर जिला के कुछ स्थानों पर धुंध का यलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार धुंध की वजह से विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर सकती है। इसे देखते हुए वाहन चालकों को सावधानी से गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है। किसानों पर सूखे की सबसे ज्यादा मार हिमाचल प्रदेश में भले ऊंचे क्षेत्रों में बर्फ गिर रही है। मगर अन्य क्षेत्रों में ड्राइ स्पेल नहीं टूट रहा। प्रदेशवासी 53 दिन से बारिश के इंतजार में है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है। सूखे के कारण 63 फीसदी जमीन पर किसान गेहूं की बुआई नहीं कर पाए हैं। प्रदेश में इसकी बुवाई का उचित समय एक सप्ताह पहले निकल चुका है।अब नदी नालों में भी जल स्तर गिरने लगा है। इससे पेयजल और सिंचाई योजनाओं पर भी पानी कम होने लगा है। नदी नालों में पानी कम होने से बिजली का उत्पादन पर भी असर पड़ा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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संजौली से सुलगी चिंगारी कसुम्पटी पहुंची:मस्जिद के बाहर 3 घंटे प्रदर्शन, हनुमान चालीसा का पाठ; 2 दिन का अल्टीमेटम; अवैध निर्माण तोड़ने की मांग हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली से अवैध मस्जिद के खिलाफ सुलगी चिंगारी अब शहर के दूसरे उप नगरों में भी फैल गई है। संजौली के बाद वीरवार शाम के वक्त कसुम्पटी में भी बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए और मस्जिद के बाहर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। कसुम्पटी में हिंदू समुदाय के लोगों लगभग तीन घंटे तक मस्जिद के बाहर धरने पर बैठे रहे। यहां भी स्थानीय लोगों ने समुदाय विशेष के लोगों पर अवैध ढंग से मस्जिद चलाने के आरोप लगाए। लोगों का आरोप है कि घर के लिए ली गई जमीन में मस्जिद चलाई जा रही है। मस्जिद में अंदर ही अंदर कंस्ट्रक्शन की गई। यहां भी संजौली की तर्ज पर लोग मस्जिद को हटाने की मांग पर अड़ गए है। कसुम्पटी में असुरक्षा का माहौल शिमला के कुसुम्पटी नगर निगम वार्ड की पार्षद रचना शर्मा ने कहा कि संजौली में चल रहे विवाद के बाद कसुम्पटी के लोगों ने भी निर्णय लिया कि यहां से भी अवैध मस्जिद को हटाया जाए। इसलिए लोग मस्जिद के खिलाफ एकजुट होकर सड़कों पर उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि हर शुक्रवार को यहां इस छोटे से ढांचे में 100 से ज्यादा लोग नमाज पड़ने आते हैं, जिस जगह लोग नमाज पढ़ने पहुंचते हैं, वह जगह मकान के लिए ली गई थी। अब यहां अवैध रूप से मस्जिद चलाई जा रही है। पार्षद ने कहा कि SDM कसुम्पटी और पुलिस ने मस्जिद से जुड़े कागजात की छानबीन के लिए 2 दिन का वक्त मांगा है। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगो की वजह से बाज़ार में असुरक्षा का माहौल पैदा होता है। नमाज के समय यहां से चलना मुश्किल हो जाता है। लिहाजा इस पर रोक लगनी चाहिए। चार-पांच सालों से मस्जिद में बड़ी गतिविधियां नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने कहा कि छोटा शिमला वार्ड के अंतिम छोर पर अवैध रूप से मस्जिद चल रही है। बीते 4 सालों से यहां गतिविधियां बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि यह जमीन बफ्फ बोर्ड ने सदीक मोहम्मद की घरवाली मुमताज बेगम के नाम पर लीज पर दे दिया था। लेकिन उनके बच्चों ने इसे बाहर से आने वाले लोगों को दे दिया । जिसके बाद से यहां बाहर के लोगों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि यह प्रॉपर्टी बाहर से ऐसी लग रही है। लेकिन इसमें अंदर ही अंदर ही कंस्ट्रक्शन का कार्य चला हुआ है। यहां से एक किलोमीटर आगे मस्जिद है। यहां मस्जिद की क्या जरूरत है। नमाज के समय यहां से चलना मुश्किल हो जाता है।बाज़ार में न्यूसेंस क्रिएट हो रही है। उन्होंने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि इस अवैध मस्जिद को तुंरत यहां से हटाया जा जाए। ताकि मां, बहन बेटियां यहां महफूज होकर चल सके और सामाजिक सौहार्द बना बना रहे। संजौली में आज 3 घंटे हुआ हंगामा, 2 दिन का अल्टीमेटम शिमला के संजौली की अवैध मस्जिद का मामला छाया हुआ है देश भर में मुद्दे की चर्चा हो रही है। रविवार से शुरू हुआ विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। वीरवार को शिमला में एक बार फिर हिंदूवादी संगठनों ने संजौली में विशाल रैली निकाली और 2 दिनों के भीतर अवैध मस्जिद निर्माण को गिराने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने सरकार व नगर निगम को चेतावनी देते हुए कहा कि बीते 14 सालों से चल रहे इस मुकदमें को नगर निगम कोर्ट यदि आने वाली सुनवाई में कोई फैसला नहीं करता अवैध मस्जिद के खिलाफ और उग्र आन्दोलन किया जाएगा और विवादित ढांचे को गिरा दिया जाएगा।
हिमाचल के 5 जिलों में बाढ़ की चेतावनी:कल के लिए ऑरेंज अलर्ट; बीते 24 घंटे के दौरान शिमला जिला में भारी बारिश
हिमाचल के 5 जिलों में बाढ़ की चेतावनी:कल के लिए ऑरेंज अलर्ट; बीते 24 घंटे के दौरान शिमला जिला में भारी बारिश शिमला जिला के कई क्षेत्र में बीते 24 घंटे के दौरान भारी बारिश हुई है। इससे शहर की सड़कें तालाब में तब्दील हो गई। मौसम विभाग ने आज के लिए भी शिमला जिला सहित चंबा, मंडी और सिरमौर के कुछेक क्षेत्रों में बाढ़ और लैंडस्लाइड की चेतावनी दी है। इसे देखते हुए सरकार ने लोगों को एहतियात बरतने को कहा गया है। मौसम विज्ञान केंद्र (IMD) शिमला की माने तो मानसून कल ज्यादा एक्टिव होगा। इसे देखते हुए कल के लिए 5 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर जिला को दी गई है। परसो यानी 11 अगस्त को भी प्रदेश के ज्यादातर भागों में बारिश का पूर्वानुमान है। प्रदेश में 194 सड़कें बंद प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान तेज बारिश के कारण 194 सड़कें वाहनों के लिए बंद पड़ी है। इनमें शिमला जिला में सबसे ज्यादा सड़कें बंद है। 98 घर जमींदोज़ प्रदेश में इस मानसून सीजन के दौरान 98 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके है, जबकि 205 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इस मानसून सीजन में 802 करोड़ रुपए की चल व अचल संपत्ति भी भारी बारिश की भेंट चढ़ी है।