कांगड़ा से अब मिलेगी जयपुर-नोएडा के लिए फ्लाइट सेवा:2025 के समर शेड्यूल पर काम शुरू, 208275 तक पहुंची यात्रियों की संख्या

कांगड़ा से अब मिलेगी जयपुर-नोएडा के लिए फ्लाइट सेवा:2025 के समर शेड्यूल पर काम शुरू, 208275 तक पहुंची यात्रियों की संख्या

हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के कांगड़ा हवाई अड्डे ने यात्रियों की संख्या में नया रिकॉर्ड बनाया है। हवाई अड्डा प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार 2024 में कांगड़ा हवाई अड्डे ने 208275 यात्रियों की आवाजाही दर्ज की, जो अब तक की सबसे अधिक संख्या है। 2023 में यह संख्या 193114 थी, जबकि 2022 में 176015 यात्रियों की आवाजाही दर्ज की गई थी। 2021 में यह आंकड़ा 136353 था। मार्च 2025 तक कांगड़ा से जयपुर, देहरादून और नोएडा को जोड़ने वाली उड़ानें शुरू की जाएंगी। 2016 में हुई थी पहली बार बढ़ोत्तरी एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, 2016 में पहली बार 1 लाख यात्रियों की आवाजाही दर्ज की गई थी, जब कुल संख्या 106141 थी। हालांकि 2020 में यह संख्या घटकर 93,535 रह गई। कांगड़ा हवाई अड्डा को नग्गल हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता है, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नग्गल गांव में स्थित है। यह हवाई अड्डा हिमालय की गोद में स्थित है। इसके रनवे के पूर्वी तरफ धौलाधार पर्वतमाला है, जो वर्षभर बर्फ से ढकी रहती है और यात्रियों को शानदार दृश्य प्रदान करती है। यात्रियों की संख्या में वृद्धि का श्रेय हवाई अड्डे द्वारा सेवा प्रदान किए जाने वाले अवकाश और तीर्थ स्थलों को दिया जा सकता है, जिनमें ज्वालामुखी मंदिर, चिंतपूर्णी, चामुंडा देवी, ब्रजेश्वरी देवी, कांगड़ा किला, धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम, बीड़-बिलिंग और मैक्लोडगंज में 14वें दलाई लामा का निवास शामिल हैं। एक ही शिफ्ट में संचालित होती है उड़ान 30 मार्च 2025 से हवाई अड्डे पर दूसरी शिफ्ट में भी काम शुरू हो जाएगा, जिससे सूरज निकलने से सूर्य अस्त तक उड़ानें संचालित की जा सकेंगी। फिलहाल, हवाई अड्डे पर दोपहर 2 बजे तक एक ही शिफ्ट में उड़ानें संचालित होती हैं। कांगड़ा एयरपोर्ट के निदेशक धीरेंद्र सिंह ने बताया कि 2025 के समर शेड्यूल में दिल्ली, शिमला और चंडीगढ़ के अलावा नोएडा, जयपुर और देहरादून को जोड़ने की कोशिश की जा रही है और इस पर एयरलाइंस के साथ चर्चा चल रही है। मार्च 2025 तक कांगड़ा से जयपुर, देहरादून और नोएडा को जोड़ने वाली उड़ानें शुरू की जाएंगी। इन सेवाओं से प्रदेश की हवाई कनेक्टिविटी को विस्तार मिलेगा और क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में कांगड़ा एयरपोर्ट दिल्ली, चंडीगढ़ और शिमला से जुड़ा है। दो शिफ्ट में शुरु होंगी उड़ान धीरेंद्र सिंह ने बताया कि हवाई यात्रियों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए नई उड़ानें शुरू की जा रही हैं। इसके साथ ही जेवर एयरपोर्ट नोएडा से उड़ानों का परिचालन अप्रैल 2025 तक शुरू होने की संभावना है। कांगड़ा एयरपोर्ट पर वर्तमान में प्रतिदिन 6 उड़ानें संचालित होती हैं। 30 मार्च से एयरपोर्ट दो शिफ्टों में कार्य करेगा, जिससे सूर्योदय से सूर्यास्त तक उड़ानें सुचारू रूप से संचालित हो सकेंगी। तकनीकी अपग्रडेशन होगा गर्मियों के दौरान उड़ानों की संख्या बढ़कर 10 करने की योजना है। शाम के समय उड़ानों को संचालित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। इसके तहत कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और तकनीकी अपग्रेडेशन पर काम किया जा रहा है।वर्तमान में गगल एयरपोर्ट से शिमला, दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं। 30 मार्च से शेड्यूल में बदलाव के बाद दिल्ली के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ेगी और देहरादून, नोएडा तथा जयपुर के लिए नई सीधी उड़ानें शुरू होंगी। हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के कांगड़ा हवाई अड्डे ने यात्रियों की संख्या में नया रिकॉर्ड बनाया है। हवाई अड्डा प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार 2024 में कांगड़ा हवाई अड्डे ने 208275 यात्रियों की आवाजाही दर्ज की, जो अब तक की सबसे अधिक संख्या है। 2023 में यह संख्या 193114 थी, जबकि 2022 में 176015 यात्रियों की आवाजाही दर्ज की गई थी। 2021 में यह आंकड़ा 136353 था। मार्च 2025 तक कांगड़ा से जयपुर, देहरादून और नोएडा को जोड़ने वाली उड़ानें शुरू की जाएंगी। 2016 में हुई थी पहली बार बढ़ोत्तरी एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, 2016 में पहली बार 1 लाख यात्रियों की आवाजाही दर्ज की गई थी, जब कुल संख्या 106141 थी। हालांकि 2020 में यह संख्या घटकर 93,535 रह गई। कांगड़ा हवाई अड्डा को नग्गल हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता है, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नग्गल गांव में स्थित है। यह हवाई अड्डा हिमालय की गोद में स्थित है। इसके रनवे के पूर्वी तरफ धौलाधार पर्वतमाला है, जो वर्षभर बर्फ से ढकी रहती है और यात्रियों को शानदार दृश्य प्रदान करती है। यात्रियों की संख्या में वृद्धि का श्रेय हवाई अड्डे द्वारा सेवा प्रदान किए जाने वाले अवकाश और तीर्थ स्थलों को दिया जा सकता है, जिनमें ज्वालामुखी मंदिर, चिंतपूर्णी, चामुंडा देवी, ब्रजेश्वरी देवी, कांगड़ा किला, धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम, बीड़-बिलिंग और मैक्लोडगंज में 14वें दलाई लामा का निवास शामिल हैं। एक ही शिफ्ट में संचालित होती है उड़ान 30 मार्च 2025 से हवाई अड्डे पर दूसरी शिफ्ट में भी काम शुरू हो जाएगा, जिससे सूरज निकलने से सूर्य अस्त तक उड़ानें संचालित की जा सकेंगी। फिलहाल, हवाई अड्डे पर दोपहर 2 बजे तक एक ही शिफ्ट में उड़ानें संचालित होती हैं। कांगड़ा एयरपोर्ट के निदेशक धीरेंद्र सिंह ने बताया कि 2025 के समर शेड्यूल में दिल्ली, शिमला और चंडीगढ़ के अलावा नोएडा, जयपुर और देहरादून को जोड़ने की कोशिश की जा रही है और इस पर एयरलाइंस के साथ चर्चा चल रही है। मार्च 2025 तक कांगड़ा से जयपुर, देहरादून और नोएडा को जोड़ने वाली उड़ानें शुरू की जाएंगी। इन सेवाओं से प्रदेश की हवाई कनेक्टिविटी को विस्तार मिलेगा और क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में कांगड़ा एयरपोर्ट दिल्ली, चंडीगढ़ और शिमला से जुड़ा है। दो शिफ्ट में शुरु होंगी उड़ान धीरेंद्र सिंह ने बताया कि हवाई यात्रियों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए नई उड़ानें शुरू की जा रही हैं। इसके साथ ही जेवर एयरपोर्ट नोएडा से उड़ानों का परिचालन अप्रैल 2025 तक शुरू होने की संभावना है। कांगड़ा एयरपोर्ट पर वर्तमान में प्रतिदिन 6 उड़ानें संचालित होती हैं। 30 मार्च से एयरपोर्ट दो शिफ्टों में कार्य करेगा, जिससे सूर्योदय से सूर्यास्त तक उड़ानें सुचारू रूप से संचालित हो सकेंगी। तकनीकी अपग्रडेशन होगा गर्मियों के दौरान उड़ानों की संख्या बढ़कर 10 करने की योजना है। शाम के समय उड़ानों को संचालित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। इसके तहत कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और तकनीकी अपग्रेडेशन पर काम किया जा रहा है।वर्तमान में गगल एयरपोर्ट से शिमला, दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं। 30 मार्च से शेड्यूल में बदलाव के बाद दिल्ली के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ेगी और देहरादून, नोएडा तथा जयपुर के लिए नई सीधी उड़ानें शुरू होंगी।   हिमाचल | दैनिक भास्कर