राजोआना की दया याचिका पर SC में सुनवाई:पंजाब CM का पूर्व हत्यारा, फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग

राजोआना की दया याचिका पर SC में सुनवाई:पंजाब CM का पूर्व हत्यारा, फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग

सुप्रीम कोर्ट आज बलवंत सिंह राजोआना की याचिका पर सुनवाई करेगा। राजोआना, जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में मौत की सजा काट रहा है, ने अपनी सजा को माफ करने की गुहार लगाई है। उनका तर्क है कि उनकी दया याचिका पर फैसला लेने में एक वर्ष और चार महीने की ‘असाधारण’ और ‘अनुचित’ देरी हुई है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट की एक विशेष पीठ द्वारा सुना जा रहा है। राजोआना की दलील है कि उनकी याचिका पर हुई देरी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीवन के अधिकार का उल्लंघन करती है। इसके अलावा, उनका कहना है कि यह देरी उनके मानसिक और भावनात्मक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। 2019 में बंदी सिखों को रिहा करने की घोषणा बलवंत सिंह राजोआना ने पहले भी यह मांग की थी कि उनकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदला जाए। केंद्र सरकार ने 2019 में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर सभी सिख बंदियों को रिहा करने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक राजोआना की दया याचिका पर निर्णय नहीं लिया गया है। इस पर विशेष अदालत द्वारा फैसला आना बाकी है, जो मामले की गंभीरता और कानूनी पहलुओं का अध्ययन करेगी। सुप्रीम कोर्ट आज बलवंत सिंह राजोआना की याचिका पर सुनवाई करेगा। राजोआना, जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में मौत की सजा काट रहा है, ने अपनी सजा को माफ करने की गुहार लगाई है। उनका तर्क है कि उनकी दया याचिका पर फैसला लेने में एक वर्ष और चार महीने की ‘असाधारण’ और ‘अनुचित’ देरी हुई है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट की एक विशेष पीठ द्वारा सुना जा रहा है। राजोआना की दलील है कि उनकी याचिका पर हुई देरी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीवन के अधिकार का उल्लंघन करती है। इसके अलावा, उनका कहना है कि यह देरी उनके मानसिक और भावनात्मक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। 2019 में बंदी सिखों को रिहा करने की घोषणा बलवंत सिंह राजोआना ने पहले भी यह मांग की थी कि उनकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदला जाए। केंद्र सरकार ने 2019 में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर सभी सिख बंदियों को रिहा करने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक राजोआना की दया याचिका पर निर्णय नहीं लिया गया है। इस पर विशेष अदालत द्वारा फैसला आना बाकी है, जो मामले की गंभीरता और कानूनी पहलुओं का अध्ययन करेगी।   पंजाब | दैनिक भास्कर