हरियाणा के सोनीपत में एक सोसाइटी में इलेक्ट्रिशियन को लाठी डंडों से पीटने का मामला सामने आया है। विवाद सोसाइटी के एक फ्लैट में बिजली चालू कराने पर हुआ। युवकों द्वारा मारपीट का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। इसमें युवक पहले उसको थप्पड़ मारते हैं और इसके बाद उसे नीचे गिरा कर डंडों से पीटते हैं। युवक धमकी देकर गए हैं कि इस सोसाइटी में जो भी उनके सामने बोलेगा, उसका यही हाल होगा। पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। लाइट चालू न करने पर विवाद सोनीपत के गांव झिंझोली के रहने वाले संदीप कुमार ने पुलिस को बताया कि वह सेक्टर 33 स्थित सुपर मैक्स सोसाइटी में इलेक्ट्रिशियन के पद पर कार्य करता है। शाम को करीब 7.00 बजे वह अपनी ड्यूटी पर था। इसी दौरान उनकी सोसाइटी में रहने वाले अंकित निवासी खानपुर ने उससे कहा कि वह उनकी लाइट चालू कर दे। इस पर उसने अंकित से कहा कि अपनी ऑनलाइन रिचार्ज कर लें, लाइट आ जायेगी। देखें इलेक्ट्रिशियन की पिटाई के कुछ PHOTOS… रास्ते में रोक कर डंडों से पीटा उसने बताया कि इसके बाद वह कुछ दूरी पर चला था तो अंकित व उसके चार अन्य साथियों ने पीछे से आकर उसका रास्ता रोक लिया। इसके बाद उसे डंडे व लात घुंसों से उसको पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने जाते समय जान से मारने की धमकी दी। युवकों ने कहा कि इस कंपनी में हमारे सामने कोई बोलेगा तो उसका यही हाल करेंगे। इसके बाद वे लाठी-डंडों समेत वहां से भाग गए। उसको बाद में नागरिक अस्पताल में दाखिल कराया गया। पुलिस ने दर्ज किया केस सेक्टर 27 थाना सोनीपत के ASI विकास के अनुसार, झिंझोली गांव के रहने वाले संदीप ने पुलिस थाना आकर एक मेडिकल रिपोर्ट दी। उसने बताया कि उसके साथ अंकित व उसके साथियों ने लाठी-डंडे से मारपीट की है। पुलिस ने उसकी शिकायत पर धारा 190,191(3),115(2) ,126(2),351(2) BNS में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। हरियाणा के सोनीपत में एक सोसाइटी में इलेक्ट्रिशियन को लाठी डंडों से पीटने का मामला सामने आया है। विवाद सोसाइटी के एक फ्लैट में बिजली चालू कराने पर हुआ। युवकों द्वारा मारपीट का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। इसमें युवक पहले उसको थप्पड़ मारते हैं और इसके बाद उसे नीचे गिरा कर डंडों से पीटते हैं। युवक धमकी देकर गए हैं कि इस सोसाइटी में जो भी उनके सामने बोलेगा, उसका यही हाल होगा। पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। लाइट चालू न करने पर विवाद सोनीपत के गांव झिंझोली के रहने वाले संदीप कुमार ने पुलिस को बताया कि वह सेक्टर 33 स्थित सुपर मैक्स सोसाइटी में इलेक्ट्रिशियन के पद पर कार्य करता है। शाम को करीब 7.00 बजे वह अपनी ड्यूटी पर था। इसी दौरान उनकी सोसाइटी में रहने वाले अंकित निवासी खानपुर ने उससे कहा कि वह उनकी लाइट चालू कर दे। इस पर उसने अंकित से कहा कि अपनी ऑनलाइन रिचार्ज कर लें, लाइट आ जायेगी। देखें इलेक्ट्रिशियन की पिटाई के कुछ PHOTOS… रास्ते में रोक कर डंडों से पीटा उसने बताया कि इसके बाद वह कुछ दूरी पर चला था तो अंकित व उसके चार अन्य साथियों ने पीछे से आकर उसका रास्ता रोक लिया। इसके बाद उसे डंडे व लात घुंसों से उसको पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने जाते समय जान से मारने की धमकी दी। युवकों ने कहा कि इस कंपनी में हमारे सामने कोई बोलेगा तो उसका यही हाल करेंगे। इसके बाद वे लाठी-डंडों समेत वहां से भाग गए। उसको बाद में नागरिक अस्पताल में दाखिल कराया गया। पुलिस ने दर्ज किया केस सेक्टर 27 थाना सोनीपत के ASI विकास के अनुसार, झिंझोली गांव के रहने वाले संदीप ने पुलिस थाना आकर एक मेडिकल रिपोर्ट दी। उसने बताया कि उसके साथ अंकित व उसके साथियों ने लाठी-डंडे से मारपीट की है। पुलिस ने उसकी शिकायत पर धारा 190,191(3),115(2) ,126(2),351(2) BNS में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में एडमिशन घोटाले में 4 नई FIR:सीबीआई ने की कार्रवाई, हिसार समेत 6 जिलों में मिली भारी अनियमितताएं
हरियाणा में एडमिशन घोटाले में 4 नई FIR:सीबीआई ने की कार्रवाई, हिसार समेत 6 जिलों में मिली भारी अनियमितताएं हरियाणा में एडमिशन में घोटाले में CBI ने शिकंजा और कस दिया है। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में दाखिले के नाम पर हुए फर्जीवाड़ा हुआ था। हरियाणा में फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी धन का गबन किया गया। यह फर्जीवाड़ा साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में शुरू हुआ था जो सत्ता परिवर्तन के बाद भी वर्ष 2016 तक भाजपा सरकार में जारी रहा। इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर CBI जांच शुरू हुई और 3 FIR रजिस्टर्ड की गई थी। अब एक बार फिर CBI ने इस मामले में 4 नई एफआईआर दर्ज की गई है। सीबीआई ने धारा 120-B, 167, 218, 409, 418, 420, 477-A के तहत केस दर्ज किया गया है। यह मामला हिसार, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, झज्जर, रोहतक से जुड़ा हुआ है। 4 लाख बच्चों के दाखिले फर्जी
अक्टूबर 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद जून 2015 में शिक्षा विभाग ने 719 गेस्ट टीचरों को हटाने का नोटिस जारी किया था। इसके विरोध में गेस्ट टीचर हाई कोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट ने 6 जुलाई 2015 को याचिका खारिज कर दी तो सितंबर 2015 में मामला डबल बेंच में पहुंच गया, फिर सरकार को नोटिस जारी हुआ। वहां जवाब में सरकार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में छात्र घट गए हैं। कोर्ट ने रिकॉर्ड मांगा तो सामने आया कि 22 लाख बच्चों में 4 लाख बच्चों के दाखिले फर्जी हैं। कोर्ट ने पाया कि 2014-15 में सरकारी स्कूलों में 22 लाख छात्र थे। जबकि 2015-16 में इनकी संख्या घटकर मात्र 18 लाख रह गई। 2018 में दर्ज हुई थी 7 एफआइआर
कोर्ट ने सरकारी धन की हेराफेरी की आशंका जताते हुए जांच कराने को कहा, जो उस वक्त नहीं कराई गई। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को बुलाया। ब्लाक व जिला स्तर पर जांच हुई, कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई। गुरुग्राम विजिलेंस के एसपी हामिद अख्तर, विजिलेंस ब्यूरो पंचकूला मुख्यालय की IG चारू बाली ने जांच की। फिर इस मामले में एक SIT का गठन किया गया। जांच के बाद मार्च-अप्रैल 2018 में 7 FIR भी दर्ज की गई। मार्च 2019 में नए सिरे से SIT बनाने की अनुमति मांगी गई, फिर 200 विजिलेंस कर्मियों ने 12 हजार 924 स्कूलों में प्रोफार्मा के जरिये डेटा मिलान किया। करनाल, पानीपत व जींद में 50 हजार 687 बच्चे नहीं मिले। करनाल में हुए 50 हजार फर्जी दाखिले
हरियाणा के प्राइमरी स्कूलों में 4 लाख फर्जी दाखिलों के मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर CBI ने तीन FIR दर्ज की हैं। हरियाणा के विभिन्न जिलों के स्कूलों में फर्जी दाखिले दिखाकर सरकारी योजनाओं में करोड़ों का गबन किया जा रहा था। ये पूरा खेल “ड्रॉप आउट” या लंबे समय से गैर हाजिर छात्रों के नाम पर चल रहा था। विभिन्न जिलों में लाखों छात्र लंबे समय से स्कूल नहीं आ रहे थे। उनके नाम काट दिए गए और रिकार्ड गायब कर दिया गया। उनके नाम पर सरकारी लाभ लिए जा रहे थे। CBI से पहले हरियाणा राज्य विजिलेंस ब्यूरो ने मामले की जांच की थी। अकेले करनाल में ही 50 हजार से ज्यादा फर्जी एडमिशन पाए गए थे। गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार में 9500 फर्जी दाखिले
वहीं गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार जैसे जिलों में एक ही सत्र में 9500 के करीब फर्जी दाखिले हुए। जब विभाग के खिलाफ जांच हुई तो अफसरों ने इन छात्रों को ड्राप आउट (पढ़ाई छोड़ चुके छात्र) दिखाने की कोशिश की। इन जिलों में इस तरह मिली गड़बड़ी
गुरुग्राम: SIT ने गुरुग्राम, रेवाड़ी, मेवात व नारनौल के सरकारी मिडिल स्कूलों की जांच की। सत्र 2014-15 में 5298 छात्रों ने दाखिला लिया, लेकिन फाइनल परीक्षा देने 4232 ही पहुंचे। यहां 1066 को ड्रॉप आउट दिखाया गया। सत्र 2015-16 में इन्हीं 10 स्कूलों में 4812 छात्रों का दाखिला हुआ, जबकि फाइनल परीक्षा देने 3941 ही पहुंचे। 871 ड्रॉप आउट रहे। फरीदाबाद: 2014-15 में 2777 और 2015-16 में 2063 छात्र ड्रॉप आउट पाए गए। इनमें से विभाग के पास केवल 701 छात्रों का ही रिकार्ड सही मिला। करनाल: करनाल के साथ-साथ पानीपत और जींद के भी स्कूलों की जांच हुई। यहां वर्ष 2014 से 2016 के बीच 50687 ड्रॉप आउट छात्र पाए गए। अंबाला: यहां 16 स्कूलों की जांच हुई। छह स्कूलों में कोई छात्र ड्रॉप आउट नहीं मिला, लेकिन 10 स्कूलों में 48 छात्रों को ड्रॉप आउट दिखाया गया। मगर इसका रिकार्ड फर्जी पाया गया। कुरूक्षेत्र: यहां 52 स्कूलों की जांच हुई। इनमें 17 स्कूलों में कोई बच्चा ड्रॉप आउट नहीं था। 35 स्कूलों में 302 बच्चे लंबे समय से गैर हाजिर पाए गए। हिसार: हिसार के साथ-साथ सिरसा, फतेहाबाद और भिवानी के विभिन्न स्कूलों में 5735 छात्र ड्रॉप आउट पाए गए।
पलवल में सीआईए ने आरोपी को किया गिरफ्तार:अपहरण कर काटी थी युवक उंगली, घायल अपराधी की बढ़ाई सुरक्षा
पलवल में सीआईए ने आरोपी को किया गिरफ्तार:अपहरण कर काटी थी युवक उंगली, घायल अपराधी की बढ़ाई सुरक्षा एक युवक का जिला बुलंदशहर (यूपी) के शहदपुरा गांव से अपहरण कर उसके हाथों की उंगली काटकर होडल में फेंकने के मामले में सीआईए हथीन की टीम ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि सीआईए टीम अन्य की तलाश में टीम जुटी हुई है। सीआईए टीम ने की कार्रवाई हथीन सीआईए प्रभारी दीपक गुलिया ने बताया कि एसपी चंद्र मोहन के निर्देशन में उनकी टीम ने होडल थाने में दर्ज युवक के अपहरण कर उंगली काटने के मामले में फरार चल रहे आरोपी पलवल के गन्नीकी गांव निवासी साहिल को गिरफ्तार किया है। आरोपी को आगामी कार्रवाई के लिए होडल थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है। होडल थाना पुलिस ने आरोपी को शुक्रवार को अदालत में पेश किया। आरोपी का लिया रिमांड अदालत से आरोपी को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गाय है। रिमांड के दौरान पुलिस आरोपी के आपराधिक रिकार्ड को खंगालने के साथ ही उसके अन्य साथियों के बारे में पूछताछ करने में जुटी हुई है। वहीं, घायल रुपेश के खिलाफ पहले ही आपराधिक केस दर्ज होने के चलते उसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। क्योंकि पुलिस को रुपेश की भी तलाश थी। फिलहाल रुपेश अस्पताल में उपचाराधीन है। घायल को फेंककर फरार हुए थे आरोपी होडल थाना प्रभारी तेजपाल सिंह ने बताया कि होडल निवासी रुपेश ने दी शिकायत में बताया था कि 6 जुलाई को वह भूपेंद्र, रोहित व मनीष के साथ जिला बुलंदशहर (यूपी) के शहदपुरा गांव में अपने दोस्त नितिन के घर पर बैठे हुए थे। उसी दौरान 12 से अधिक युवक 4-5 गाड़ियों में सवार होकर वहां पहुंचे। सभी आरोपियों के हाथों में अवैध हथियार, लाठी-डंडा, कुल्हाड़ी थे। वहां पहुंचते ही फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद उसका अपहरण कर उसके हाथ के पंजे व उंगली काटकर उसे जान से मारने की धमकी देकर होडल के हसनपुर चौक पर फेंक कर फरार हो गए। इस संबंध में घायल रूपेश की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर तलाश शुरू कर दी थी।
करनाल में मालिक के बिना वाहन की एनओसी जारी:2021 से व्यक्ति के पास नहीं गाड़ी, SDM कार्यालय पर उठे सवाल
करनाल में मालिक के बिना वाहन की एनओसी जारी:2021 से व्यक्ति के पास नहीं गाड़ी, SDM कार्यालय पर उठे सवाल हरियाणा में करनाल के एसडीएम कार्यालय की पारदर्शिता वाली कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। एसडीएम कार्यालय में गाड़ी मालिक की मौजूदगी के बिना ही न सिर्फ एनओसी जारी कर दी, बल्कि गाड़ी की ओरिजिनल आरसी किसी ओर व्यक्ति के हवाले कर दी। चौंकाने वाली बात तो यह है कि गाड़ी मालिक के पास 2021 से गाड़ी ही नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि जब मालिक के पास गाड़ी ही नहीं है, उसके बावजूद भी आरसी और एनओसी कैसे जारी हो गई। एसडीएम कार्यालय में चल रहे इस फर्जीवाड़े की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 2021 से गाड़ी नहीं है मालिक के पास करनाल के गांव शामगढ़ निवासी राजीव कुमार ने 2021 में एक गाड़ी खरीदी थी। जिसका नंबर और रजिस्ट्रेशन दिल्ली का था। गाड़ी खरीद के बाद करनाल के एसडीएम ऑफिस से नया रजिस्ट्रेशन लिया गया, लेकिन आरसी उसी ऑफिस में डिपॉजिट थी। इसके बाद दिल्ली नंबर की प्लेट जमा करवाकर नई नंबर प्लेट और आरसी जारी होनी थी, लेकिन गाड़ी बेचने वाले ने उसे न तो गाड़ी वापिस दी और न ही उसके पैसे वापिस किए। उसने कई बार गाड़ी मालिक से पैसे वापिस लेने की कोशिश की, लेकिन वह उसे टरकाता रहा। जिससे परेशान होकर पीड़ित ने तरावडी थाना में आरोपी के खिलाफ शिकायत कर दी थी। तीन साल से उसके पास गाड़ी ही नहीं है। गाड़ी के एनओसी और आरसी जारी होने का खुलासा राजीव कुमार ने बताया कि बीती 22 अक्टूबर को ट्रेफिक पोर्टल के जरिए उसे गाड़ी की एनओसी और आरसी जारी होने की जानकारी मिली। जब उसे पता चला कि गाड़ी की असल आरसी भी बीते जून माह में किसी अनजान व्यक्ति को सौंप दी गई, तो वे हैरान रह गया। राजीव का कहना है कि नियमों के अनुसार, गाड़ी की आरसी असली ऑनर को भेजी जानी चाहिए थी। नियमों को दिखाया गया ठेंगा पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि गाड़ी की एनओसी जारी करने के लिए एसडीएम ऑफिस में फिजिकल वैरिफिकेशन और असल मालिक का हाजिर होना कंपलसरी है। साथ ही, एनओसी की फाइल भी मालिक द्वारा खुद ही पेश की जानी चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा बिलकुल भी नहीं हुआ, नियमों को ठेंगा दिखाकर धांधली की गई है। जिसके बाद राजीव ने बीती 23 अक्तूबर को एसडीएम कार्यालय में शिकायत दी। पुलिस जुटी जांच में सिविल लाइन थाना के जांच अधिकारी सुंदर ने बताया कि राजीव द्वारा एक शिकायत दी गई है। शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। जैसे भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुरूप आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।