हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की डबल बैंच ने पर्यटन विकास निगम को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट के सिंगल बैंच ने घाटे में चल रहे हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के 18 होटलों को बंद करने का फैसला सुनाया था] जिसे डबल बैंच ने सोमवार को सुनवाई के दौरान पलट दिया। इनमें से 9 होटलों को पहले ही 31 मार्च तक संचालन की सशर्त छूट दे चुका है। अब बाकी बचे 9 होटलों को भी खोलने की मंजूरी दी गई। हाईकोर्ट की डबल बैंच के इस फैसले का बाद हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटल कुणाल के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली और लड्डू बांटकर खुशी का इजहार किया। खानपान विभाग के मुखिया एवं कैप्टन शशि पल शर्मा ने हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए एचपीटीडीसी प्रबंधन से कोर्ट के निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के साथ ही सुविधाओं में भी इजाफा करने पर ध्यान देना होगा। बता दें कि, बीते शुक्रवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने पर्यटन निगम को थोड़ी राहत जरूर दी थी और 9 होटल को मार्च 2025 तक सशर्त खुले रखने के लिए कहा था, जिसे एचपीटीडीसी प्रबंधन द्वारा कोर्ट में एफिडेविट देने के बाद बदल दिया। जस्टिस विवेक ठाकुर और जस्टिस राकेश कैंथला की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान यह रोक लगाई है। इन 9 होटलों को खुला रखने के दिए आदेश कुणाल धर्मशाला, कश्मीर हाउस धर्मशाला, गीतांजलि डलहौजी, बाघल दाड़लाघाट, एप्पल ब्लॉसम फागू, गिरिगंगा खड़ापत्थर, सरवरी कुल्लू, हिडिंबा कॉटेज मनाली और शिवालिक परवाणू। इन होटलों को बंद करने का सुनाया था फैसला बीते बुधवार को हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी के पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुनाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉस्म फागू शिमला, होटल चंद्रभागा, केलंग होटल देवदार खजियार, होटल गिरिगंगा खड़ापत्थर शिमला, होटल मेघदूत क्यारीघाट, होटल सरवरी कुल्लू, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हिडिंबा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल दि नग्गर कैसल कुल्लू और होटल शिवालिक परवाणू को बंद रखने का फैसला सुनाया था। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की डबल बैंच ने पर्यटन विकास निगम को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट के सिंगल बैंच ने घाटे में चल रहे हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के 18 होटलों को बंद करने का फैसला सुनाया था] जिसे डबल बैंच ने सोमवार को सुनवाई के दौरान पलट दिया। इनमें से 9 होटलों को पहले ही 31 मार्च तक संचालन की सशर्त छूट दे चुका है। अब बाकी बचे 9 होटलों को भी खोलने की मंजूरी दी गई। हाईकोर्ट की डबल बैंच के इस फैसले का बाद हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटल कुणाल के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली और लड्डू बांटकर खुशी का इजहार किया। खानपान विभाग के मुखिया एवं कैप्टन शशि पल शर्मा ने हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए एचपीटीडीसी प्रबंधन से कोर्ट के निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के साथ ही सुविधाओं में भी इजाफा करने पर ध्यान देना होगा। बता दें कि, बीते शुक्रवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने पर्यटन निगम को थोड़ी राहत जरूर दी थी और 9 होटल को मार्च 2025 तक सशर्त खुले रखने के लिए कहा था, जिसे एचपीटीडीसी प्रबंधन द्वारा कोर्ट में एफिडेविट देने के बाद बदल दिया। जस्टिस विवेक ठाकुर और जस्टिस राकेश कैंथला की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान यह रोक लगाई है। इन 9 होटलों को खुला रखने के दिए आदेश कुणाल धर्मशाला, कश्मीर हाउस धर्मशाला, गीतांजलि डलहौजी, बाघल दाड़लाघाट, एप्पल ब्लॉसम फागू, गिरिगंगा खड़ापत्थर, सरवरी कुल्लू, हिडिंबा कॉटेज मनाली और शिवालिक परवाणू। इन होटलों को बंद करने का सुनाया था फैसला बीते बुधवार को हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी के पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुनाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉस्म फागू शिमला, होटल चंद्रभागा, केलंग होटल देवदार खजियार, होटल गिरिगंगा खड़ापत्थर शिमला, होटल मेघदूत क्यारीघाट, होटल सरवरी कुल्लू, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हिडिंबा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल दि नग्गर कैसल कुल्लू और होटल शिवालिक परवाणू को बंद रखने का फैसला सुनाया था। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल विधानसभा में राजस्व मंत्री-नेता प्रतिपक्ष में नोक-झोंक:सदन से बाहर गया विपक्ष; 3 आपदा प्रभावित राज्यों की तर्ज पर मदद को प्रस्ताव पास
हिमाचल विधानसभा में राजस्व मंत्री-नेता प्रतिपक्ष में नोक-झोंक:सदन से बाहर गया विपक्ष; 3 आपदा प्रभावित राज्यों की तर्ज पर मदद को प्रस्ताव पास हिमाचल विधानसभा में वीरवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर में तीखी नोक-झोंक हो गई। जगत नेगी ने कहा कि, जयराम ठाकुर हमेशा बिना स्पीकर की परमिशन के बोलने के लिए उठ जाते हैं। वह अपने साथियों को भी नहीं बोलने देते। उन्होंने कहा कि, सरकार द्वारा लाए गए प्रस्ताव को समर्थन नहीं करना था। इसलिए सदन से उठकर बाहर चले गए। राजस्व मंत्री सदन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू द्वारा लाए गए उस प्रस्ताव पर बोल रहे थे, जिसमें राज्य सरकार ने सिक्किम, असम और उत्तराखंड की तर्ज पर राहत राशि की मांग की गई। जगत नेगी ने कहा, तीन प्रदेशों को केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में सीधे तौर पर राहत राशि देने का ऐलान किया, जबकि हिमाचल को और तरीके से मदद की बात कही गई। जगत नेगी ने कहा, हम संघीय ढांचे में रह रहे हैं। केंद्र से आर्थिक मदद मांगना हमारा संवैधानिक अधिकार है। हिमाचल ने केंद्र से 9000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की मांग की। मगर केंद्र से हमे अब तक एक रुपए की भी मदद नहीं मिली। डिप्टी सीएम बोले- प्रदेश को अस्थिर करना चाह रहा केंद्र डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि, आपदा को लेकर विपक्ष हमारे साथ खड़ा नहीं हो रहे। हमें मालूम था कि इस प्रस्ताव पर विपक्ष बाहर जाएगा। बीते साल भी जब आपदा राहत को लेकर प्रस्ताव लाया गया था और 9000 करोड़ की मांग केंद्र से की गई थी, उस दौरान भी विपक्ष ने वॉक आउट किया था। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने हिमाचल का जीएसटी कंपनसेशन बंद कर दिया। रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट रोक दी। फॉरेन फंडिग में कटौती की, हिमाचल की कर्ज लेने की सीमा घटा दी। क्या हिमाचल हिंदुस्तान का राज्य नहीं। उन्होंने कहा कि, केंद्र यह सब प्रदेश को अस्थिर करने के लिए कर रहा है। विपक्ष के रवैये को लेकर निंदा प्रस्ताव पास संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इसे लेकर सदन में निंदा प्रस्ताव लाया। उन्होंने कहा, विपक्ष ने एक बार भी हिमाचल के लिए राहत पैकेज की मांग नहीं की। उन्होंने कहा कि, भाजपा में कुर्सी व नेतृत्व की लड़ाई हो रही है। इस वजह से विपक्ष का आचरण इस तरह का है। आसाम, उत्तराखंड और सिक्किम की तर्ज पर हमें भी मदद मिले : CM मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया, जैसे आसाम, उत्तराखंड और सिक्किम को मदद दी जा रही है, उसी दृष्टि से हमें भी मदद दी जाए। CM ने कहा कि, हिमाचल की आर्थिक मदद की जब बात आती है तो विपक्ष बाहर चला जाता है। जब भी सत्तापक्ष का कोई विधायक बोलता है, तो जयराम और रणधीर शर्मा बोलने उठ जाते हैं। उन्होंने कहा, पूरा भाजपा विधायक दल कन्फ्यूज नजर आ रहा। जयराम सनसनी फैलाकर राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। जयराम को बहुत गुस्सा आ रहा है। विचित्र स्थिति पैदा हो गई है। सरकार ने पैकेज के नाम पर जनता को ठगा: रणधीर मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि, राज्य सरकार केंद्र से आर्थिक मदद तो मांग रही है, लेकिन जो बजट पहले मिला है, उसे सरकार खर्च नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा, 1782 करोड़ में से 142 करोड़ रुपए 31 मार्च 2024 तक अनस्पेंट थे। जनता द्वारा दान 251 करोड़ भी खर्च नहीं हो पाए। और किस मुंह से मांग रहे। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने बीते साल आपदा प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया। जिनके घर पूरी तरह टूटे, उन्हें सात लाख देने की बात कही। मगर यह किसी को भी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने पैकेज के नाम पर जनता को ठगा है।
हिमाचल आपदा की कहानी पीड़ितों की जुबानी:महिला बोली- पूरा गांव बह गया, अब मैं अकेले कैसे जीऊंगी; कहा- न घर बचा न घरवाले
हिमाचल आपदा की कहानी पीड़ितों की जुबानी:महिला बोली- पूरा गांव बह गया, अब मैं अकेले कैसे जीऊंगी; कहा- न घर बचा न घरवाले मैं अब कैसे जीऊंगी…? पूरा गांव श्मशान बन गया…। गांव में अब अकेला मेरा घर बचा है…। यह शब्द शिमला जिले के रामपुर के समेज गांव की अनीता के हैं। अनीता ने बुधवार आधी रात की आपबीती सुनाते हुए बताया कि उनके परिवार ने भागकर जान जरूर बचाई है, लेकिन अब परिवार अकेले बचा है। वे कैसे रहेंगे? अनीता कह रही हैं कि भगवान यह आपने क्या कर दिया? गांव को श्मशान बना दिया। मुझे भी गांव वालों के साथ ले चलते। मैं गांव वालों के बगैर कैसे जीऊं? अनीता ने बताया कि रात में अचानक से उनका घर हिला। वह जिस बिस्तर पर सोई थीं, वह भी हिल गया। फिर जोर-जोर से आवाजें आईं। जब बाहर निकलकर देखा तो तबाही मची हुई थी। इसी दौरान गांव के कुछ लोग उनके घर की ओर आए। उन्होंने हांफते हुए बताया कि बाढ़ आई है। इसके बाद उनके परिवार के सदस्य रात में घर छोड़कर थोड़ी ऊंचाई पर स्थित भगवती माता के मंदिर में भागे। वहां पर उन्होंने पूरी रात काटी। उनके साथ गांव के ही 10-12 लोग भी मंदिर में थे। अनीता का कहना है कि उनका घर ऊंचाई पर था, इसलिए वे लोग बच गए। अनीता ने बताया कि उनके घर में 5 सदस्य हैं। बाढ़ के समय घर में 4 लोग मौजूद थे। उनके मवेशी भी सुरक्षित हैं, लेकिन उनके पड़ोसी इस बाढ़ में बह गए। अनीता की तरह गांव में दूसरे लोग भी नम आंखों से अपनों को तलाश रहे हैं। सबकी नजरें समेज खड्ड पर टिकी हुई है। उम्मीद है कि उनके अपने सुरक्षित मिल जाएंगे। 2 मिनट भी लेट होते तो नहीं बचते: कुलविंदरा
गांव की कुलविंदरा बताती हैं कि रात 12 बजे बादल फटने की सूचना मिली। इसके बाद दोनों पति-पत्नी बाहर भागे। यदि 2 मिनट लेट हो जाते तो बचना मुश्किल हो जाता। उन्होंने बताया कि समेज गांव में 8 से 10 मकान बहे हैं। रात में तबाही देखते हुए वह गांव से काफी ऊंचाई पर स्थित मंदिर पहुंचे। सुबह 5 बजे वापस नीचे गांव गए तो पूरे गांव का नामोनिशान तक मिट गया था। उन्होंने बताया कि लोगों के साथ-साथ गाय भी बाढ़ में बही हैं। न घर बचा न घर वाले
बाढ़ से पीड़ित एक व्यक्ति ने बताया कि उनके परिवार के करीब 15 सदस्य लापता हैं। उनकी बेटी और बेटी के 2 बच्चों का भी कुछ अता-पता नहीं है। बच्चों में एक बेटा (4) और बेटी (7) थे। ये दोनों DPS में पढ़ते थे। इनसे उनकी लास्ट टाइम करीब 4 दिन पहले बात हुई थी। उन्होंने बताया कि वह सरकारी नौकरी से रिटायर हैं, और घटना के समय रामपुर में थे। उन्हें रात करीब 2 बजे सूचना मिली। इसके बाद वह करीब 4 बजे यहां पहुंचे तो देखा कि न घर है और न ही घर वाले। यहां का मंजर देखकर वह दंग रह गए। आधी रात में भागकर बचाई जान
प्रत्यक्षदर्शी आशीष ने बताया कि रात करीब 12 बजे जोर-जोर से आवाजें आने लगीं। उन्होंने बाहर निकलकर देखा तो 5 मिनट में ही गांव के पुल तक पानी भर आया। देखते ही देखते उनकी आंखों के सामने कुछ परिवार बह गए। उन्होंने बताया कि सामने ग्रीनको कंपनी के कर्मचारियों के लिए गेस्ट हाउस था। उन्हें पहले पता लग गया था। कंपनी के कुछ कर्मचारी दूसरे लोगों को बचाने के चक्कर में खुद बाढ़ में बह गए। गांव के लोग भगवान बनकर आए
समेज स्कूल के चौकीदार दयानंद (41) ने बताया कि वह स्कूल में काफी देर तक फंसे रहे। स्कूल के एक टीचर ने DPI को आधी रात में फोन किया। इसके बाद DPI के कहने पर गांव के लोगों ने खिड़की व शीशे तोड़कर दयानंद को स्कूल से बाहर निकाला, क्योंकि निचली मंजिल का दरवाजा मलबे में दब गया था। सुरक्षित निकाले गए दयानंद कहते हैं कि गांव के लोग उनके के लिए भगवान बनकर आए। ग्रीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की अकाउंटेंट बच्चों समेत मलबे में दफन
रामपुर के कांदरी निवासी जय सिंह का हंसता-खेलता परिवार भी समेज के सैलाब में उजड़ गया है। जय सिंह की पत्नी कल्पना (34), बेटी अक्षिता (7) और बेटा अद्विक (4) मलबे में दफन हो गए। अब जय सिंह बार-बार बेसुध हो रहे हैं। जय सिंह के भाई कुशाल सुनैल ने बताया कि भाभी कल्पना ग्रीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में अकाउंटेंट थीं। खड्ड के डर से उन्होंने झाखड़ी के रत्नपुर के लिए अपना ट्रांसफर करवा लिया था। बाढ़ वाले दिन ही उन्हें अपना सामान शिफ्ट करना था। लेकिन, कुदरत ने उन्हें समेज छोड़ने ही नहीं दिया। एक हफ्ते तक घर में बच्चों ने की मौज मस्ती
कुशाल ने बताया कि अक्षिता और अद्विक को स्कूल से एक सप्ताह की मानसून ब्रेक थी। इसलिए, दोनों बच्चे एक हफ्ते तक कांदरी में मस्ती करते रहे। बीते मंगलवार को दोनों बच्चे भाभी के साथ समेज गए। बुधवार रात को हादसा हुआ। हादसे वाले दिन जय सिंह समेज में नहीं थे। इस वजह से उनकी जान बच गई। गोपाल का घर बहने से 12 दबे
जय सिंह और उनकी पत्नी कल्पना दोनों बच्चों के साथ समेज में गोपाल के 3 मंजिला मकान में किराए पर रहते थे। इसी बिल्डिंग के टॉप-फ्लोर पर उनका क्वार्टर था और इसी में निचले फ्लोर पर कंपनी का दफ्तर भी चल रहा था। गोपाल की ही बिल्डिंग ढहने से कुल 12 लोगों की मौत हो गई है। इसमें जय सिंह की पत्नी, 2 बच्चों के अलावा गोपाल की पत्नी शिक्षा (37), बेटी जिया (15) और ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट के 7 कर्मचारियों की भी मौत हुई है। कंपनी के कर्मचारी भी इसी बिल्डिंग में रहते थे। 36 लोगों का 48 घंटे बाद भी सुराग नहीं
समेज हादसे में कुल मिलाकर 36 लोग लापता है। 48 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी किसी का सुराग नहीं लग पाया है। माना जा रहा है कि खड्ड में अत्यधिक पानी की वजह से लोग दूर तक बह गए हों। यही वजह है कि जिला प्रशासन ने समेज से लेकर शिमला के सुन्नी तत्तापानी तक सर्च ऑपरेशन चलाने का निर्णय लिया है।
हिमाचल CM की DC-SP के साथ कॉफ्रेंस:हफ्ते में 2 दिन जनता की समस्याएं सुनने और राजस्व के लंबित मामले निपटाने के देंगे निर्देश
हिमाचल CM की DC-SP के साथ कॉफ्रेंस:हफ्ते में 2 दिन जनता की समस्याएं सुनने और राजस्व के लंबित मामले निपटाने के देंगे निर्देश हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज 7 जिलों के जिलाधीश (DC) और पुलिस अधीक्षक (SP) के साथ शिमला सचिवालय में कॉफ्रेंस करेंगे। इसमें सरकार की विभिन्न योजनाओं का रिव्यू और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस कॉफ्रेंस में शिमला, सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी और कुल्लू जिला के DC-SP के अलावा सभी विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष शामिल होंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू सभी जिला प्रमुख को सरकार की योजनाएं समयबद्ध जन जन तक पहुंचाने के निर्देश देंगे। बीते गुरुवार को भी सीएम ने ऊना, बिलासपुर, चंबा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों के DC-SP सप्ताह में दो दिन कार्यालय में जन शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। इसके लिए सरकार जल्द मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करेगी। डीसी-एसपी सुनेंगे जन शिकायतें इन आदेशों के तहत डीसी और एसपी भी अपने दफ्तर में जनता दरबार लगाएंगे और उनकी समस्याओं का मौके पर समाधान देना होगा। इससे लोगों को रोज रोज डीसी ऑफिस, राजस्व कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे। इससे लोग आसानी से अपनी बात प्रशासन के समक्ष रख पाएंगे। डीसी-एसपी देंगे प्रेजेंटेशन आज की कॉफ्रेंस में पहले सभी जिलों के डीसी अपने अपने जिलों में सरकार की विभिन्न योजनाओं के स्टेटस को लेकर प्रेजेंटेशन देंगे। इसी तरह एसपी भी लॉ एंड ऑर्डर और क्राइम के आंकड़े प्रेजेंटेशन के माध्यम से सीएम के समक्ष रखेंगे। बता दें कि सीएम सुक्खू ने सभी जिलों के डीसी-एसपी शिमला बुला रखे हैं। इनके साथ बीते कल और आज दो दिवसीय कॉफ्रेंस रखी गई है। इसमें सीएम सुक्खू अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं।