हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वाले डॉक्टरों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। ऐसे ही 7 डॉक्टरों की एनओसी फर्जी मिलने पर काउंसिल की तरफ से कार्रवाई अमल में लाई गई है। एचएमसी ने 5 डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है, 2 का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी चल रही है। बाकायदा इन सभी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी। जिसे लेकर काउंसिल की तरफ से डीजीएचएस डॉ. मनीष बंसल और डा. कुलदीप को भी जानकारी मुहैया करवा दी गई है। इस पूरे फर्जीवाड़े की पोल काउंसिल के चेयरमैन डॉ. आरके अनेजा ने गहन जांच के बाद खोली है। जिसके तहत अब उन्होंने पुलिस को एफआईआर के लिए पत्र भी लिखा है। ऐसे ही एक अन्य मामले में भी काउंसिल ने लीगल ओपिनियन के लिए केस भेजा है, जिस पर राय मिलते ही डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इन डॉक्टरों का रद हुआ रजिस्ट्रेशन हरियाणा मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. मनदीप सचेदवा ने बताया कि जिन 5 डॉक्टरों ने फर्जी एनओसी के बल पर रजिस्ट्रेशन के लिए काउंसिल के पास आवेदन किया था। उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। इनमें डॉ. प्रवेश कुमार ने फर्जी एनओसी दी थी, जिसकी मध्य प्रदेश से सत्यता पता लगाई गई। मध्य प्रदेश ने यह एनओसी फर्जी होने की बात कही। इसी तरह से डॉ. अंकित त्यागी की फर्जी एनओसी को पता लगाने के लिए एमएमयू मुलाना भेजा गया था। जहां से उसके फर्जी होने का पता चला। डॉ. शत्रुघन यादव की एनओसी को मध्य प्रदेश ने फर्जी बताया है। डॉ. प्रदीप कुमार जयसवाल की एनओसी को एमएमयू मुलाना ने फर्जी बताया है। इसके अलावा डॉ. कुनाल की एनओसी को भी उड़ीसा ने फर्जी बताया है। हेल्थ मिनिस्टर के निर्देश पर शुरू हुई जांच हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने यह जांच हेल्थ मिनिस्टर आरती राव के निर्देश पर शुरू की है। जांच के दौरान काउंसिल के पास रजिस्ट्रेशन के लिए पहुंचने वाली हर एनओसी की सत्यता का पता लगाया जाता है, जिसके बाद ही चिकित्सकों को रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। बाकायदा काउंसिल की कार्रवाई से डीजीएचएस को भी जानकारी दी जाती है। फर्जी डॉक्टरों के गैंग का पता लगाएगी काउंसिल मामले में काउंसिल से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी की एनओसी फर्जी पाई जाती है तो एक तरह से वह फर्जी डॉक्टर ही होता है। काउंसिल आगे इस निष्कर्ष तक भी पहुंचने का प्रयास करेगी कि आखिर ऐसे गलत लोगों को फर्जी एनओसी कौन जारी करता और इसमें कौन लोग शामिल हैं। जांच के बाद ही रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वाले डॉक्टरों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। ऐसे ही 7 डॉक्टरों की एनओसी फर्जी मिलने पर काउंसिल की तरफ से कार्रवाई अमल में लाई गई है। एचएमसी ने 5 डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है, 2 का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी चल रही है। बाकायदा इन सभी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी। जिसे लेकर काउंसिल की तरफ से डीजीएचएस डॉ. मनीष बंसल और डा. कुलदीप को भी जानकारी मुहैया करवा दी गई है। इस पूरे फर्जीवाड़े की पोल काउंसिल के चेयरमैन डॉ. आरके अनेजा ने गहन जांच के बाद खोली है। जिसके तहत अब उन्होंने पुलिस को एफआईआर के लिए पत्र भी लिखा है। ऐसे ही एक अन्य मामले में भी काउंसिल ने लीगल ओपिनियन के लिए केस भेजा है, जिस पर राय मिलते ही डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इन डॉक्टरों का रद हुआ रजिस्ट्रेशन हरियाणा मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. मनदीप सचेदवा ने बताया कि जिन 5 डॉक्टरों ने फर्जी एनओसी के बल पर रजिस्ट्रेशन के लिए काउंसिल के पास आवेदन किया था। उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। इनमें डॉ. प्रवेश कुमार ने फर्जी एनओसी दी थी, जिसकी मध्य प्रदेश से सत्यता पता लगाई गई। मध्य प्रदेश ने यह एनओसी फर्जी होने की बात कही। इसी तरह से डॉ. अंकित त्यागी की फर्जी एनओसी को पता लगाने के लिए एमएमयू मुलाना भेजा गया था। जहां से उसके फर्जी होने का पता चला। डॉ. शत्रुघन यादव की एनओसी को मध्य प्रदेश ने फर्जी बताया है। डॉ. प्रदीप कुमार जयसवाल की एनओसी को एमएमयू मुलाना ने फर्जी बताया है। इसके अलावा डॉ. कुनाल की एनओसी को भी उड़ीसा ने फर्जी बताया है। हेल्थ मिनिस्टर के निर्देश पर शुरू हुई जांच हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने यह जांच हेल्थ मिनिस्टर आरती राव के निर्देश पर शुरू की है। जांच के दौरान काउंसिल के पास रजिस्ट्रेशन के लिए पहुंचने वाली हर एनओसी की सत्यता का पता लगाया जाता है, जिसके बाद ही चिकित्सकों को रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। बाकायदा काउंसिल की कार्रवाई से डीजीएचएस को भी जानकारी दी जाती है। फर्जी डॉक्टरों के गैंग का पता लगाएगी काउंसिल मामले में काउंसिल से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी की एनओसी फर्जी पाई जाती है तो एक तरह से वह फर्जी डॉक्टर ही होता है। काउंसिल आगे इस निष्कर्ष तक भी पहुंचने का प्रयास करेगी कि आखिर ऐसे गलत लोगों को फर्जी एनओसी कौन जारी करता और इसमें कौन लोग शामिल हैं। जांच के बाद ही रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाली हरियाणा की पहलवान विनेश फोगाट ने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट की। विनेश ने लिखा, ‘जिन महिला पहलवानों की बृजभूषण के खिलाफ कोर्ट में गवाहियां होने वाली हैं, दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा हटा ली है।’ मामला गरमाता देखकर दिल्ली पुलिस की ओर से सफाई दी गई और कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। 6 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई
इस मामले में पिछली सुनवाई 6 अगस्त को हुई थी। उस दौरान भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज मामले में एक महिला पुलिसकर्मी का बयान दर्ज किया गया था। उसी दिन इस मामले की एक पीड़ित का बयान दर्ज होना था, लेकिन वह स्वास्थ्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सकी। तब कोर्ट ने इस मामले की जांच से जुड़ी SI रश्मि के बयानों को दर्ज किया था। रश्मि का बृजभूषण शरण सिंह के वकील राजीव मोहन ने क्रॉस-एग्जामिनेशन किया। एडिशनल जुडिशियल मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को सुनिश्चित की। बालिग पहलवानों के केस में इन धाराओं में चार्जशीट
दिल्ली पुलिस ने 6 बालिग पहलवानों के केस में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा 354, 354-A और D के तहत चार्जशीट दाखिल की है। विनोद तोमर के खिलाफ धारा 109, 354, 354 (A), 506 के तहत चार्जशीट दायर की गई है। बालिग पहलवानों के केस की चार्जशीट की 5 अहम बातें