चंडीगढ़ के सेक्टर-27 में 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला को बंधक बनाकर 40 लाख के गहने और नकदी लूटने का मामला सामने आया है। 4 नकाबपोश लुटेरों ने हथियारों के दम पर वारदात को मंगलवार अल सुबह अंजाम दिया है। मौके पर पुलिस को कुछ हथियार भी बरामद हुए हैं। आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने के बाद नशे का सेवन भी किया था। मौके पर पहुंची पुलिस और सीएफएसएल की टीम ने घटना स्थल से सैंपल लिए हैं। पुलिस ने केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस केस को सुलझाने के लिए कई एंगल पर काम कर रही हैं। इलाके में लगे कैमरों से लेकर अन्य सारी चीजों की पड़ताल रह रही है। ट्रांसफार्मर का ग्रिल के जरिए घर में घुसे सेक्टर 27 स्थित एससीएफ नंबर 1 में मंगलवार की सुबह की घटना है। 82 वर्षीय रक्षा शर्मा घर में अकेले रहती थी। महिला का घर बाहर से बंद था। ऐसे में आरोपी घर के पास लगे ट्रांसफार्मर की ग्रिल से चढ़कर वह घर में दाखिल हुए थे। आरोपी वारदात के बाद धारदार हथियार मौके पर छोड़ गए। पुलिस ने बताया कि आरोपी घर के अंदर चरस भी पीकर गए हैं। पुलिस ने मौके से आरोपियों के फिंगर प्रिंट के सैंपल लिए हैं। आरोपी अलग अलग दो बाइक पर आए थे। पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है। 5 बजे बाहर से दरवाजा खोला महिला की देखभाल करने वाले दीपक ने बताया कि सुबह 5 बजे उन्हें अंटी का फोन आया था। इसके बाद उसने आकर बाहर से गेट खोला है। पुलिस की तरफ से मामले की जांच की जा रही है। वहीं, पुलिस की कई एंगल पर काम कर रही है। पुलिस महिला के बयान दर्ज कर रही है। हालांकि पुलिस के भी यह सवाल है कि आखिर इतने पैसे और गहने घर में क्यों रखे हुए थे। दूसरा जिस तरीके से यह वारदात हुई। उससे यह बात तो साफ है कि यह वारदात किसी भेदी का काम है। जिसे महिला के बारे में सारी जानकारी थी। चंडीगढ़ के सेक्टर-27 में 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला को बंधक बनाकर 40 लाख के गहने और नकदी लूटने का मामला सामने आया है। 4 नकाबपोश लुटेरों ने हथियारों के दम पर वारदात को मंगलवार अल सुबह अंजाम दिया है। मौके पर पुलिस को कुछ हथियार भी बरामद हुए हैं। आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने के बाद नशे का सेवन भी किया था। मौके पर पहुंची पुलिस और सीएफएसएल की टीम ने घटना स्थल से सैंपल लिए हैं। पुलिस ने केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस केस को सुलझाने के लिए कई एंगल पर काम कर रही हैं। इलाके में लगे कैमरों से लेकर अन्य सारी चीजों की पड़ताल रह रही है। ट्रांसफार्मर का ग्रिल के जरिए घर में घुसे सेक्टर 27 स्थित एससीएफ नंबर 1 में मंगलवार की सुबह की घटना है। 82 वर्षीय रक्षा शर्मा घर में अकेले रहती थी। महिला का घर बाहर से बंद था। ऐसे में आरोपी घर के पास लगे ट्रांसफार्मर की ग्रिल से चढ़कर वह घर में दाखिल हुए थे। आरोपी वारदात के बाद धारदार हथियार मौके पर छोड़ गए। पुलिस ने बताया कि आरोपी घर के अंदर चरस भी पीकर गए हैं। पुलिस ने मौके से आरोपियों के फिंगर प्रिंट के सैंपल लिए हैं। आरोपी अलग अलग दो बाइक पर आए थे। पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है। 5 बजे बाहर से दरवाजा खोला महिला की देखभाल करने वाले दीपक ने बताया कि सुबह 5 बजे उन्हें अंटी का फोन आया था। इसके बाद उसने आकर बाहर से गेट खोला है। पुलिस की तरफ से मामले की जांच की जा रही है। वहीं, पुलिस की कई एंगल पर काम कर रही है। पुलिस महिला के बयान दर्ज कर रही है। हालांकि पुलिस के भी यह सवाल है कि आखिर इतने पैसे और गहने घर में क्यों रखे हुए थे। दूसरा जिस तरीके से यह वारदात हुई। उससे यह बात तो साफ है कि यह वारदात किसी भेदी का काम है। जिसे महिला के बारे में सारी जानकारी थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में AAP के दिग्गज धराशायी:4 मंत्री व 3 विधायक चुनाव हारे, CM और केजरीवाल की कैंपेन भी नहीं बचा पाई हार
पंजाब में AAP के दिग्गज धराशायी:4 मंत्री व 3 विधायक चुनाव हारे, CM और केजरीवाल की कैंपेन भी नहीं बचा पाई हार पंजाब के लोकसभा चुनाव में राज्य की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) को लोगों ने ढाई साल में ही आइना दिखा दिया है। चुनाव लड़ रहे पांच मंत्रियों से 4 चुनाव हार गए हैं, जबकि तीन विधायकों को भी हार का मुंह देखना पड़ा है। कई जगह तो पार्टी के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे हैं। जबकि चुनावी मुहिम को कामयाब बनाने में पार्टी के प्रधान व सीएम भगवंत मान करीब मार्च महीने से डटे हुए थे। पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने खुद रोड शो और जनसभाएं की। हालांकि जनवरी माह से ही सरकार चुनावी मोड में चल रही थी। कई बड़े फैसले भी लिए गए, लेकिन पार्टी चुनाव में इन्हें कैश नहीं कर पाई। साथ ही मन मुताबिक नतीजे नहीं मिले हैं। इन मंत्रियों और विधायकों को मिली हार चुनाव हारने वालों में पटियाला लोकसभा हलके से सेहत मंत्री बलबीर सिंह, खडूर साहिब से लालजीत सिंह भुल्लर, अमृतसर से कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और बठिंडा लोकसभा में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश सिंह बादल को चुनाव जीतने वाले गुरमीत सिंह खुडि्डयां शामिल थे। इसके अलावा तीन विधायक अमनदीप सिंह शेयरी कलसी, अशोक पराशर व जगदीप सिंह काका बराड़ भी चुनाव हारे हैं। मंत्रियों और विधायकों की फौज के हारने की वजह जानते है। आप के विधायकों से लोग नाराज पटियाला लोकसभा सीट से सेहत मंत्री बलबीर सिंह चुनाव हारने की कई वजह हैं। इस एरिया के अधीन आने वाली विधानसभाओं के आप विधायकों के मंत्रियों से लोग खुश नहीं थे। इस वजह से पार्टी को नुकसान झेलना पड़ा है। महिलाओं को हजार रुपये न देने वाली गारंटी का असर भी दिखा है। इसके अलावा इलाके में उस हिसाब से विकास नहीं हुआ। वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल व प्रियंका गांधी और प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों से भी आप का कुछ वोट खिसका है। मुआवजे में देरी पड़ी भारी बठिंडा लोकसभा सीट से उम्मीदवार गुरमीत सिंह खुडियां राज्य सरकार में कृषि मंत्री हैं। लेकिन चुनाव में उन्हें किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था। क्योंकि किसानों की फसलों काे हुए नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिला था। इस वजह से किसान नाराज चल रहे थे। इस इलाके में भी उचित तरीके से विकास नहीं हुआ। वहीं, सरकार की गारंटियां पूरी न होने का असर भी दिखा। हालांकि ढाई साल में ही सत्ता विरोधी लहर दिखी। विधायकों से नाराज, नशा व बेरोजगारी अमृतसर लोकसभा हलके से पार्टी ने तेज तर्रार नेता व मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को चुनावी मैदान में थे। उनकी चुनावी कैंपेन के लिए खुद पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल अमृतसर आए थे। साथ ही रोड शो से लेकर जनसभा तक की थी। लेकिन लोगों ने उन्हें नकार दिया। उसकी वजह यह है एक तो उनका वर्चस्व अपने हलके तक सीमित रहा। दूसरा इस लोकसभा हलके के आप के विधायकों की कारगुजारी भी बढ़िया नहीं थी। कई विधायक तो विधानसभा चुनाव के बाद हलकों में सक्रिय नहीं थे। आखिरी समय में पार्टी ने दूसरी पार्टियों के कई दिग्गज नेता जॉइन भी करवाए। लेकिन उसका कोई फायदा पार्टी को नहीं मिला है। नशा और बेरोजगारी से लोग काफी आहत थे। पंथक मुद्दे रहे भारी खडूर साहिब में लोकसभा हलके में आप के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर चुनावी मैदान में थे। यहां पर पर पार्टी तीसरे नंबर पर रही। हलके में पार्टी की हार की वजह है कि पार्टी के उम्मीदवारों को विधायकों का साथ नहीं मिला। वहीं, पंथक मुद्दे भी भारी रहे हैं। ढाई साल में पार्टी इन मुद्दों पर कुछ नहीं कर पाई। जबकि लोगों ने बड़े विश्वास से इस पार्टी को मौका दिया था। इस वजह से भी पार्टी को नुकसान हुआ है। कांग्रेस और भाजपा ने बिगाड़ा गणित गुरदासपुर लोकसभा सीट से AAP ने बटाला के विधायक अमन शेर सिंह कलसी को आखिरी में जाकर उम्मीदवार बनाया था। यहां पर पार्टी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी। दूसरा कांग्रेस ने दिग्गज व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और भाजपा ने दिनेश बब्बू को चुनावी मैदान में उतारा था। ऐसे में वह शुरू से ही गिर गए। इस लोकसभा हलके में कांग्रेस काफी मजबूत है। पांच विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। वहीं, आप के इस हलके से मंत्री भी विवादों में रहे हैं। पार्टी से नाराजगी का असर फिरोजपुर लोकसभा हलके से आप ने मुक्तसर के विधायक को जगदीप सिंह काका बराड़ को चुनाव मैदान में उतारा था। यहां पर राय सिख बिरादरी का फायदा कांग्रेस को मिला। पार्टी के खिलाफ नाराजगी का भी काका बराड़ को नुकसान हुआ है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक व राम मंदिर का अंडर करंट भी लोगों में देखने को मिला। विधायकों का नहीं मिला साथ लुधियाना से आप ने विधायक अशोक पराशर पप्पी को चुनावी मैदान में उतारा था। उन्हें आखिरी समय में टिकट दी गई थी। लेकिन यहां पर पार्टी में बिखराव था। सभी विधायकों का समर्थन उस हिसाब से नहीं मिला है। विरोधियों ने पार्टी की नीतियों व कमजोरियों पर जबरदस्त हमला बोला। इसके अलावा कांग्रेस के राहुल गांधी और भाजपा नेता अमित शाह की रैली से काफी समीकरण बदले। यहां कुछ स्थानीय मुद्दे भी हावी रहे हैं।
अंडमान निकोबार से दंपती लॉटरी टिकट खरीदने फाजिल्का पहुंचा:पहले फोन से खरीदा था टिकट, 2500 की लगी थी लॉटरी
अंडमान निकोबार से दंपती लॉटरी टिकट खरीदने फाजिल्का पहुंचा:पहले फोन से खरीदा था टिकट, 2500 की लगी थी लॉटरी अंडमान निकोबार पंजाब की भारत-पाक सीमा पर स्थित फाजिल्का से मीलों दूर है और अंडमान निकोबार की रहने वाली नजमा और वीरन चार दिन का सफर तय करके और लाखों रुपए खर्च करके फाजिल्का से पंजाब स्टेट लॉटरी का टिकट खरीदने आई हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि पिछले एक साल में फाजिल्का में करोड़ों के बड़े इनाम जीते गए हैं। जो पंजाब ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी चर्चा का विषय रहा है। अंडमान निकोबार में बतौर टीचर काम करने वाली नजमा ने बताया कि उसने यूट्यूब पर देखा कि फाजिल्का में करोड़ों के इनाम जीते जा रहे हैं। इसलिए उसने सबसे पहले फाजिल्का से फोन के जरिए लॉटरी का टिकट खरीदा। पहली बार 2500 की लॉटरी लगी थी टीचर काम करने वाली नजमा ने बताया कि पहली बार में ही उसे 2500 की लॉटरी लग गई। जिसके बाद उसने कई लॉटरी टिकट खरीदे जिसमें उसे छोटे-छोटे इनाम मिले। लेकिन अब उसने फाजिल्का आकर लॉटरी टिकट खरीदने का फैसला किया और चार दिन का सफर तय करके वह यहां लॉटरी टिकट खरीदने पहुंची और 2.5 करोड़ के साथ-साथ 1.5 करोड़ के लॉटरी टिकट भी खरीदे। लॉटरी जीतती हैं तो उन्हें बेहद खुशी होगी उन्होंने कहा कि अगर वह लॉटरी जीतती हैं तो उन्हें बेहद खुशी होगी। फाजिल्का आकर वह पास के गुरुद्वारा साहिब में लंगर के लिए एक लाख रुपए दान करेंगे। नजमा के पति रिटायर्ड वीरन जो कि डिफेंस में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि भले ही फाजिल्का आकर लॉटरी टिकट खरीदने के लिए एक लाख रुपए खर्च करना उनके लिए महंगा साबित हुआ। लेकिन अगर वह लॉटरी जीतते हैं तो वह 2.5 करोड़ के मालिक बन जाएंगे। सबसे बड़ा इनाम जीता चुके वहीं रूपचंद लॉटरी संचालक बाबी ने कहा कि उन्होंने डेढ़, फिर ढाई और फिर पंजाब राज्य का सबसे बड़ा इनाम पांच करोड़ रुपए जीता है। उन्होंने कई टिकटें दंपती को स्पीड पोस्ट के जरिए भेजीं और इनाम भी ऑनलाइन ट्रांसफर किए। लेकिन यह उनके लिए सौभाग्य की बात है कि वे इतनी दूर एक टापू से सीमा पर स्थित फाजिल्का में उनकी दुकान पर टिकट खरीदने आए हैं। उनकी कामना है कि भगवान दंपती द्वारा खरीदी गई लॉटरी टिकटों का मालिक उन्हें ही बनाए।
चंडीगढ़ सीटीयू में 49.59 लाख रुपए का घोटाला:तकनीशीयन और कंडक्टर पर आरोप, टैग रिचार्ज पेमेंट में किये हेरफेर
चंडीगढ़ सीटीयू में 49.59 लाख रुपए का घोटाला:तकनीशीयन और कंडक्टर पर आरोप, टैग रिचार्ज पेमेंट में किये हेरफेर चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) में 49,59,800 रुपए के गबन का बड़ा मामला सामने आया है। पुलिस स्टेशन 17 ने शिकायत मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए सीटीयू में कार्यरत कंडक्टर जसविंदर सिंह और तकनीशियन राहुल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और उनकी गिरफ्तारी जल्द किए जाने की संभावना है। दोनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने धारा 316(1), 3(5) के तहत के तर्ज किया है। इस मामले में शिकायतकर्ता असिस्टेंट कंट्रोलर संदीप सेठी ने पुलिस को बताया कि तकनीशियन राहुल और कंडक्टर जसविंदर ने मिलकर लगभग 49.59 लाख रुपए की धोखाधड़ी की। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और जल्दी ही आरोपियों से पूछताछ की जाएगी, जिससे यह स्पष्ट होगा कि इस गबन में और कोई भी शामिल है या नहीं। पहले भी विवादों में रहे हैं आरोपी
पता चला है कि राहुल की नियुक्ति पहले आइजेन सोलूशन्स कंपनी के माध्यम से हुई थी, लेकिन अनुशासनहीनता के आरोपों के चलते उसे वहां से निकाल दिया गया था। इसके बाद भी उसे दूसरे ठेकेदार के जरिए सीटीयू में फिर से नियुक्त किया गया, जहां उसे सिक्योरिटी गार्ड के पद पर रखा गया, लेकिन उससे तकनीशियन का काम लिया गया। इसी दौरान उसने टैग रिचार्ज पेमेंट में हेरफेर कर इस गबन को अंजाम दिया। सीटीयू के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध
इस मामले में सीटीयू की अकाउंट ब्रांच और अन्य उच्च अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं, जिनकी जिम्मेदारी टैग रिचार्ज पेमेंट्स की निगरानी करना थी। सूत्रों के अनुसार, यदि जांच का दायरा बढ़ता है, तो और भी नाम सामने आ सकते हैं।