पंजाब सरकार 100 खनन साइटों की करेगी नीलामी:राजस्थान से लगते जिलों में मिली पोटाश, केंद्र सरकार से मीटिंग जल्द, बढ़ेगा राजस्व

पंजाब सरकार 100 खनन साइटों की करेगी नीलामी:राजस्थान से लगते जिलों में मिली पोटाश, केंद्र सरकार से मीटिंग जल्द, बढ़ेगा राजस्व

पंजाब के लोगों को सस्ते दामों पर रेत व बजरी मुहैया करवाने के लिए सरकार 100 खनन साइटों की नीलामी करने की योजना बना रही है। जबकि इससे पहले पंजाब माइनर मिनरल्स पॉलिसी 2023 को लागू कर 74 साइटों की नीलामी की गई है। यह दावा पंजाब के कैबिनेट मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने किया है। उन्होंने बताया कि पंजाब के दक्षिणी हिस्सों में पोटाश के भंडार मिले हैं। राजस्थान के साथ लगते जिलों में यह चीज सामने आई है। यह मामला केंद्र सरकार से शेयर किया गया है। पोटाश इंडिया में नहीं मिलता है, इसे केंद्र सरकार विदेश से इंपोर्ट करती है। जल्दी ही साइटों पर जाकर दिल्ली में मीटिंग करेंगे। अगर रिपोर्ट सही आती है तो पंजाब की स्थिति बदलने वाली है। इसके अलावा मालवा नहर बनाने की दिशा में काम शुरू हाे चुका है। पठानकोट में पहली बार नहरी पानी से सिंचाई मालवा नहर राज्य सरकार द्वारा बठिंडा, फरीदकोट, फाजिल्का, फिरोजपुर और श्री मुक्तसर साहिब जिलों में बनाई जा रही है। इससे दो लाख एकड़ भूमि की सिंचाई होगी। 2300 करोड़ रुपए की लागत से 150 किलोमीटर लंबी यह नहर बनाई जा रही है। इसके अलावा पठानकोट में तीन नहरों पर काम चल रहा है, जिससे इस क्षेत्र में पहली बार सिंचाई के लिए नहरी पानी मिलेगा। इसके अलावा, जल स्रोतों की मरम्मत, री-लाइनिंग के लिए 2100 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं। मोहाली बनेगा स्पोर्ट्स का हब पंजाब सरकार का फोकस मोहाली को स्पोर्ट्स का हब बनाने में है। इसी कड़ी में कई प्रयास किए जा रहे है। सेक्टर 78 के मल्टीपर्पज स्टेडियम में 9.19 करोड़ रुपये की लागत से 8 लेन 400 मीटर सिंथेटिक ट्रैक की स्थापना की जाएगी। सेक्टर 63 के सीनियर बलबीर सिंह इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम में 3.13 करोड़ रुपये की लागत से वैश्विक मानक एस्ट्रोटर्फ को बदलने के अलावा सेक्टर 63 और 78 स्टेडियमों के खेल इनडोर हॉल में पीयू फ्लोरिंग बिछाई जाएगी। जबकि खरड़ और डेराबस्सी की ईएसआई डिस्पेंसरी को क्रमशः 30 और 100 बिस्तरों के अस्पताल में अपग्रेड करने की भी घोषणा की। पोटाश का क्या होता है प्रयोग पोटाश का मुख्य रूप से कृषि के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसमें रसायन, पेट्रोकेमिकल, कांच और अन्य सामाग्री का प्रयोग किया जाता है। यह काफी महंगा है। कनाडा, रूस, आलू और चीनी पोटाश के सबसे बड़े उत्पादक हैं। भारत में 99 प्रतिशत पोटाश का आयात किया जाता है। देश में राजस्थान उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, मध्य प्रदेश के प्रत्यक्ष जिलों में पोटाश के भंडार हैं। राजस्थान के कई सजावटी पौधे पाए जाते है। पंजाब के लोगों को सस्ते दामों पर रेत व बजरी मुहैया करवाने के लिए सरकार 100 खनन साइटों की नीलामी करने की योजना बना रही है। जबकि इससे पहले पंजाब माइनर मिनरल्स पॉलिसी 2023 को लागू कर 74 साइटों की नीलामी की गई है। यह दावा पंजाब के कैबिनेट मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने किया है। उन्होंने बताया कि पंजाब के दक्षिणी हिस्सों में पोटाश के भंडार मिले हैं। राजस्थान के साथ लगते जिलों में यह चीज सामने आई है। यह मामला केंद्र सरकार से शेयर किया गया है। पोटाश इंडिया में नहीं मिलता है, इसे केंद्र सरकार विदेश से इंपोर्ट करती है। जल्दी ही साइटों पर जाकर दिल्ली में मीटिंग करेंगे। अगर रिपोर्ट सही आती है तो पंजाब की स्थिति बदलने वाली है। इसके अलावा मालवा नहर बनाने की दिशा में काम शुरू हाे चुका है। पठानकोट में पहली बार नहरी पानी से सिंचाई मालवा नहर राज्य सरकार द्वारा बठिंडा, फरीदकोट, फाजिल्का, फिरोजपुर और श्री मुक्तसर साहिब जिलों में बनाई जा रही है। इससे दो लाख एकड़ भूमि की सिंचाई होगी। 2300 करोड़ रुपए की लागत से 150 किलोमीटर लंबी यह नहर बनाई जा रही है। इसके अलावा पठानकोट में तीन नहरों पर काम चल रहा है, जिससे इस क्षेत्र में पहली बार सिंचाई के लिए नहरी पानी मिलेगा। इसके अलावा, जल स्रोतों की मरम्मत, री-लाइनिंग के लिए 2100 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं। मोहाली बनेगा स्पोर्ट्स का हब पंजाब सरकार का फोकस मोहाली को स्पोर्ट्स का हब बनाने में है। इसी कड़ी में कई प्रयास किए जा रहे है। सेक्टर 78 के मल्टीपर्पज स्टेडियम में 9.19 करोड़ रुपये की लागत से 8 लेन 400 मीटर सिंथेटिक ट्रैक की स्थापना की जाएगी। सेक्टर 63 के सीनियर बलबीर सिंह इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम में 3.13 करोड़ रुपये की लागत से वैश्विक मानक एस्ट्रोटर्फ को बदलने के अलावा सेक्टर 63 और 78 स्टेडियमों के खेल इनडोर हॉल में पीयू फ्लोरिंग बिछाई जाएगी। जबकि खरड़ और डेराबस्सी की ईएसआई डिस्पेंसरी को क्रमशः 30 और 100 बिस्तरों के अस्पताल में अपग्रेड करने की भी घोषणा की। पोटाश का क्या होता है प्रयोग पोटाश का मुख्य रूप से कृषि के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसमें रसायन, पेट्रोकेमिकल, कांच और अन्य सामाग्री का प्रयोग किया जाता है। यह काफी महंगा है। कनाडा, रूस, आलू और चीनी पोटाश के सबसे बड़े उत्पादक हैं। भारत में 99 प्रतिशत पोटाश का आयात किया जाता है। देश में राजस्थान उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, मध्य प्रदेश के प्रत्यक्ष जिलों में पोटाश के भंडार हैं। राजस्थान के कई सजावटी पौधे पाए जाते है।   पंजाब | दैनिक भास्कर