CM फेस के ऐलान से पहले BJP पूरा करना चाहती है ये टास्क? सामने आई बड़ी जानकारी

CM फेस के ऐलान से पहले BJP पूरा करना चाहती है ये टास्क? सामने आई बड़ी जानकारी

<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra CM:</strong> महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के नाम पर बना सस्पेंस जारी है. इस बीच एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है, जिसके मुताबिक बीजेपी महाराष्ट्र की नई सरकार में विभागों के बंटवारे को अंतिम रूप दिए जाने तक अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करने की जल्दबाजी में नहीं है. पार्टी सूत्रों ने मंगलवार (26 नवंबर) को यह जानकारी दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस बारे में महायुति गठबंधन के निर्णय में देरी होने के संकेत तब मिले जब राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने मंगलवार सुबह एकनाथ शिंदे को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने को कहा. शिंदे ने आज राज्यपाल से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा दे दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अब तक नहीं बनी सहमति</strong><br />विधानसभा चुनावों में बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन की भारी जीत के बावजूद, सहयोगी दलों के बीच इस बात पर आम सहमति नहीं बन पाई है कि शीर्ष पद पर कौन बैठेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’बीजेपी को सीएम उम्मीदवार घोषित करने की जल्दी नहीं'</strong><br />प्रदेश बीजेपी के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,”केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने की जल्दी में नहीं है. हमने निर्णायक जनादेश प्राप्त कर लिया है और अब प्राथमिकता सरकार गठन के लिए एक व्यापक योजना तैयार करना है. इसमें मंत्रियों के विभागों को अंतिम रूप देना और जिला संरक्षक मंत्रियों जैसे प्रमुख पदों का वितरण शामिल है.” उन्होंने कहा कि यह दृष्टिकोण गठबंधन सहयोगियों के बीच टकराव से बचने की इच्छा से उपजा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले को विस्तार से बताते हुए बीजेपी के एक अन्य अंदरूनी सूत्र ने रायगढ़ जिले के विधायक महेंद्र थोरवे का उदाहरण दिया, जिन्होंने लंबे समय से चली आ रही स्थानीय प्रतिद्वंद्विता के कारण इस साल की शुरुआत में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की अदिति तटकरे को जिला संरक्षक मंत्री नियुक्त किए जाने का विरोध किया था. उन्होंने कहा, “हम ऐसे मुद्दों का समाधान करना चाहते हैं और आगे बढ़ने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी लोग एकमत हों.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’संसद सत्र की वजह से केंद्र पर दवाब'</strong><br />राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में कैबिनेट और राज्य दोनों स्तरों पर अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं. राज्य में 36 जिले हैं और एक मुख्यमंत्री के लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि उनमें से प्रत्येक को प्रतिनिधित्व मिले. पार्टी के एक नेता ने कहा, “संसद का सत्र जारी रहने के कारण केंद्रीय नेतृत्व पर काफी दबाव है. वह महाराष्ट्र बीजेपी नेताओं और सहयोगी दलों के साथ बैठकें कर रहा है और संसद में सदन का प्रबंधन भी संभाल रहा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कब होगा सीएम के नाम का ऐलान</strong><br />मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा के बारे में सूत्र ने कहा, “बीजेपी केंद्रीय इकाई एक पर्यवेक्षक या पर्यवेक्षकों की टीम नियुक्त करेगी जो मुंबई का दौरा करेगी. वे मंत्रिमंडल फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के लिए विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मिलेंगे. एक बार ऐसा हो जाने पर, वे विधानमंडल दल के नेता के लिए पार्टी की पसंद की घोषणा करेंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिंदे-फडणवीस आगे</strong><br />पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो चुनाव प्रचार के दौरान वस्तुत: भाजपा का चेहरा थे, अपनी पार्टी के शानदार चुनाव प्रदर्शन के बाद शीर्ष पद के लिए सबसे आगे हैं, वहीं शिवसेना नेताओं ने कहा है कि वे चाहते हैं कि <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> पद पर बने रहें, जिससे यह संकेत मिलता है कि शिवसेना ने अपना दावा नहीं छोड़ा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”कोई शिवेसना के टिकट पर जीता चुनाव तो कोई NCP के, ये 14 विधायक हैं देवेंद्र फडणवीस के बेहद करीबी” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-cm-14-mlas-close-to-devendra-fadnavis-bjp-ncp-shiv-sena-eknath-shinde-ann-2830962″ target=”_blank” rel=”noopener”>कोई शिवेसना के टिकट पर जीता चुनाव तो कोई NCP के, ये 14 विधायक हैं देवेंद्र फडणवीस के बेहद करीबी</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra CM:</strong> महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के नाम पर बना सस्पेंस जारी है. इस बीच एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है, जिसके मुताबिक बीजेपी महाराष्ट्र की नई सरकार में विभागों के बंटवारे को अंतिम रूप दिए जाने तक अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करने की जल्दबाजी में नहीं है. पार्टी सूत्रों ने मंगलवार (26 नवंबर) को यह जानकारी दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस बारे में महायुति गठबंधन के निर्णय में देरी होने के संकेत तब मिले जब राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने मंगलवार सुबह एकनाथ शिंदे को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने को कहा. शिंदे ने आज राज्यपाल से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा दे दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अब तक नहीं बनी सहमति</strong><br />विधानसभा चुनावों में बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन की भारी जीत के बावजूद, सहयोगी दलों के बीच इस बात पर आम सहमति नहीं बन पाई है कि शीर्ष पद पर कौन बैठेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’बीजेपी को सीएम उम्मीदवार घोषित करने की जल्दी नहीं'</strong><br />प्रदेश बीजेपी के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,”केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने की जल्दी में नहीं है. हमने निर्णायक जनादेश प्राप्त कर लिया है और अब प्राथमिकता सरकार गठन के लिए एक व्यापक योजना तैयार करना है. इसमें मंत्रियों के विभागों को अंतिम रूप देना और जिला संरक्षक मंत्रियों जैसे प्रमुख पदों का वितरण शामिल है.” उन्होंने कहा कि यह दृष्टिकोण गठबंधन सहयोगियों के बीच टकराव से बचने की इच्छा से उपजा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले को विस्तार से बताते हुए बीजेपी के एक अन्य अंदरूनी सूत्र ने रायगढ़ जिले के विधायक महेंद्र थोरवे का उदाहरण दिया, जिन्होंने लंबे समय से चली आ रही स्थानीय प्रतिद्वंद्विता के कारण इस साल की शुरुआत में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की अदिति तटकरे को जिला संरक्षक मंत्री नियुक्त किए जाने का विरोध किया था. उन्होंने कहा, “हम ऐसे मुद्दों का समाधान करना चाहते हैं और आगे बढ़ने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी लोग एकमत हों.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’संसद सत्र की वजह से केंद्र पर दवाब'</strong><br />राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में कैबिनेट और राज्य दोनों स्तरों पर अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं. राज्य में 36 जिले हैं और एक मुख्यमंत्री के लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि उनमें से प्रत्येक को प्रतिनिधित्व मिले. पार्टी के एक नेता ने कहा, “संसद का सत्र जारी रहने के कारण केंद्रीय नेतृत्व पर काफी दबाव है. वह महाराष्ट्र बीजेपी नेताओं और सहयोगी दलों के साथ बैठकें कर रहा है और संसद में सदन का प्रबंधन भी संभाल रहा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कब होगा सीएम के नाम का ऐलान</strong><br />मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा के बारे में सूत्र ने कहा, “बीजेपी केंद्रीय इकाई एक पर्यवेक्षक या पर्यवेक्षकों की टीम नियुक्त करेगी जो मुंबई का दौरा करेगी. वे मंत्रिमंडल फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के लिए विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मिलेंगे. एक बार ऐसा हो जाने पर, वे विधानमंडल दल के नेता के लिए पार्टी की पसंद की घोषणा करेंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिंदे-फडणवीस आगे</strong><br />पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो चुनाव प्रचार के दौरान वस्तुत: भाजपा का चेहरा थे, अपनी पार्टी के शानदार चुनाव प्रदर्शन के बाद शीर्ष पद के लिए सबसे आगे हैं, वहीं शिवसेना नेताओं ने कहा है कि वे चाहते हैं कि <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> पद पर बने रहें, जिससे यह संकेत मिलता है कि शिवसेना ने अपना दावा नहीं छोड़ा है.</p>
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