हरियाणा के गुरूग्राम जिले के सोहना शहर थाना प्रभारी अजयबीर भडाना सहित एएसआई सावंत व मुंशी सतेंद्र को लाइन हाजिर कर दिया गया है। तीनों के लाइन हाजिर किए जाने से थाना परिसर में हड़कंप मच गया। सूत्रों के अनुसार किसी जमीनी मामले को लेकर तीनों को आला अधिकारियों के आदेश पर लाइन हाजिर किया गया है। प्रभारी के रूप में प्रवीन कुमार नियुक्त सोहना शहर थाना प्रभारी अजयवीर सिंह के अलावा मुंशी सतेंद्र व एएसआई सावंत को लाइन हाजिर कर दिया गया है। शहर थाना प्रभारी के रूप में प्रवीन कुमार को नियुक्त किया गया है। सूत्रों अनुसार एक जमीनी मामले में तीनों को लाइन हाजिर किए जाने की बात कही जा रही है। इसके अलावा 6 नवंबर को रायपुर निवासी 40 वर्षीय सुभाष की संदिग्ध रूप से जल जाने पर तथा 16 नवंबर को मृतक सुभाष के पिता छोटे लाल की भी फांसी के फंदे पर लटकने से हुई संदिग्ध मौत मामले को भी लाइन हाजिर होने का कारण माना जा रहा है। हरियाणा के गुरूग्राम जिले के सोहना शहर थाना प्रभारी अजयबीर भडाना सहित एएसआई सावंत व मुंशी सतेंद्र को लाइन हाजिर कर दिया गया है। तीनों के लाइन हाजिर किए जाने से थाना परिसर में हड़कंप मच गया। सूत्रों के अनुसार किसी जमीनी मामले को लेकर तीनों को आला अधिकारियों के आदेश पर लाइन हाजिर किया गया है। प्रभारी के रूप में प्रवीन कुमार नियुक्त सोहना शहर थाना प्रभारी अजयवीर सिंह के अलावा मुंशी सतेंद्र व एएसआई सावंत को लाइन हाजिर कर दिया गया है। शहर थाना प्रभारी के रूप में प्रवीन कुमार को नियुक्त किया गया है। सूत्रों अनुसार एक जमीनी मामले में तीनों को लाइन हाजिर किए जाने की बात कही जा रही है। इसके अलावा 6 नवंबर को रायपुर निवासी 40 वर्षीय सुभाष की संदिग्ध रूप से जल जाने पर तथा 16 नवंबर को मृतक सुभाष के पिता छोटे लाल की भी फांसी के फंदे पर लटकने से हुई संदिग्ध मौत मामले को भी लाइन हाजिर होने का कारण माना जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा
शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा दक्षिण हरियाणा की राजनीति का सेंटर पॉइंट कहे जाने वाले रेवाड़ी स्थित रामपुरा हाउस के वारिस और गुरुग्राम के BJP सांसद राव इंद्रजीत सिंह रविवार को लगातार तीसरी बार केंद्रीय मंत्री बन गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपनी अगुवाई वाली NDA सरकार में तीसरी बार जगह दी है। 73 साल की उम्र में छठी बार सांसद बने राव इंद्रजीत सिंह को सियासत विरासत में मिली। उनके पिता स्व. राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा ही नहीं, बल्कि देश की राजनीति में भी अलग स्थान रखते थे। राव बीरेंद्र सिंह के सियासी रुतबे का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इमरजेंसी का दौर खत्म होने के बाद, 1978 के चुनाव में उनका समर्थन पाने के लिए पूर्व पीएम इंदिरा गांधी हवाई चप्पल पहनकर रेवाड़ी स्थित रामपुरा हाउस पहुंच गई थीं। राव बीरेंद्र सिंह ने अपनी राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी अपने सबसे बड़े बेटे राव इंद्रजीत सिंह को बनाया। अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए राव इंद्रजीत ने कई दशकों से हरियाणा में अपनी अलग पहचान बना रखी है। राव इंद्रजीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ BJP के अन्य केंद्रीय नेताओं के भी करीबी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी उनके करीबी दोस्तों में शामिल है। मोदी ने प्रभारी रहते देखा रामपुरा हाउस का जलवा वर्ष 1995 से 1999 तक नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में भाजपा के प्रदेश प्रभारी के तौर पर काम किया। उस समय प्रदेश की सियासत में रामपुरा हाउस काफी ताकतवर था। राव इंद्रजीत के पिता स्व. राव बीरेंद्र सिंह की दक्षिण हरियाणा के कई इलाकों में गहरी पैठ थी। दक्षिण हरियाणा की 14 विधानसभा सीटों पर आज भी रामपुरा हाउस का दबदबा है। हरियाणा प्रभारी रहते हुए नरेंद्र मोदी ने रामपुरा हाउस की राजनीति को करीब से देखा। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले, 13 सितंबर 2013 को BJP ने नरेंद्र मोदी को पार्टी का PM फेस घोषित किया। इसके ठीक 10 दिन बाद, 23 सितंबर 2013 को उस समय के कांग्रेसी सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने हरियाणा के तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मतभेदों के चलते कांग्रेस छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली। 2014 के चुनाव में भाजपा ने राव इंद्रजीत को गुरुग्राम से टिकट दिया जहां से वह विजयी रही। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले मंत्रिमंडल में राव इंद्रजीत को शामिल कर लिया। 2019 में वह लगातार दूसरी बार केंद्र सरकार में मंत्री बने। मोदी ने इस बार प्रमोट करते हुए उन्हें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का जिम्मा दिया। फरवरी 2024 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेवाड़ी में AIIMS का शिलान्यास करने पहुंचे तो उन्होंने मंच से राव इंद्रजीत को अपना दोस्त बताते हुए उनकी खुलकर तारीफ की। 6 बार के सांसद, 4 बार के केंद्रीय मंत्री और 4 बार के MLA राव इंद्रजीत ने अपनी राजनीतिक पारी कांग्रेस से शुरू की। वर्ष 1977 में वह रेवाड़ी जिले की तत्कालीन जाटूसाना विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद इसी सीट से लगातार 4 बार- 1977, 1982, 1986 और 2000- में विधायक बनकर वह चंडीगढ़ पहुंचे। वर्ष 1986 और 1991 में वह 2 बार प्रदेश में कैबिनेट मंत्री बने। महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से लंबे समय तक सांसद रहे उनके पिता राव बीरेंद्र सिंह ने 1998 में अपनी जगह उन्हें महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट का टिकट दिलवाया। राव इस चुनाव में विजयी रहे। हालांकि एक साल बाद, 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में वह BJP प्रत्याशी और कारगिल के शहीद बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट सुखबीर सिंह यादव की पत्नी सुधा यादव के सामने इलेक्शन हार गए। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में राव इंद्रजीत ने सुधा यादव को इसी सीट से हराकर हिसाब चुकता कर लिया। वह एक बार मनमोहन सरकार और तीन बार मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बन चुके हैं। परिसीमन के बाद गुरुग्राम शिफ्ट हुए साल 2008 में हुए परिसीमन में गुरुग्राम फिर से लोकसभा सीट बनाई गई। 1971 के चुनाव के बाद इसे महेंद्रगढ़ में मर्ज कर दिया गया था और इसके एक बड़े हिस्से, फरीदाबाद को अलग लोकसभा सीट बना दिया गया था। 2008 के परिसीमन में गुरुग्राम और भिवानी-महेंद्रगढ़ नाम से अलग-अलग सीटें बना दी गईं। 2009 के लोकसभा चुनाव राव इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम सीट से मैदान में उतरे और जीत हासिल की। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली UPA-2 सरकार में वह मंत्री बनाए गए। 37 साल कांग्रेस में गुजारने वाले राव इंद्रजीत 2013 में हरियाणा के तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से खटपट के चलते कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ज्वाइन करने के बाद उन्होंने 2014, 2019 और 2024 में गुरुग्राम सीट से लगातार तीन बार जीत दर्ज की और तीनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री बने। 2 बेटियां, बड़ी बेटी आरती राजनीतिक उत्तराधिकारी राव इंद्रजीत सिंह का जन्म रेवाड़ी के रामपुरा गांव में हुआ। उन्होंने अपनी सारी पढ़ाई दिल्ली में की। उनकी पत्नी का नाम मनिता सिंह है और वह कभी राजनीति में सक्रिय नजर नहीं आईं। राव इंद्रजीत सिंह की दो बेटियां- आरती और भारती हैं। दोनों ही शादियां हो चुकी है। बड़ी बेटी आरती को राव इंद्रजीत सिंह का सियासी उत्तराधिकारी माना जाता है। आरती एक दशक से पॉलिटिक्स में एक्टिव है लेकिन अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा। 2024 के लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद राव इंद्रजीत सिंह ऐलान कर चुके हैं कि वह इसी साल आरती को विधानसभा चुनाव लड़वाएंगे। देश के लिए शूटिंग में जीत चुके मेडल राव इंद्रजीत सिंह शूटिंग के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। वर्ष 1990 से 2003 तक वह भारतीय शूटिंग टीम के मेंबर रहे और कॉमनवेल्थ शूटिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता। वह लगातार 3 साल तक स्किट में नेशनल चैंपियन रहे और SAF गेम्स में 3 गोल्ड मेडल जीते। मिनिस्टर रहते हुए, 2 साल पहले राव इंद्रजीत ने 65वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में सीनियर कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। पिता के नक्शेकदम पर चल रही उनकी बड़ी बेटी आरती भी शूटिंग की नेशनल प्लेयर है। राजनीति के साथ-साथ आरती ने शूटिंग में कई मेडल जीते हैं। हुड्डा से खटपट के चलते छोड़ी कांग्रेस राव इंद्रजीत सिंह 37 साल कांग्रेस में रहे। वर्ष 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हरियाणा का सीएम बनने के बाद उनकी और राव इंद्रजीत सिंह की तनातनी शुरू हो गई। 2009 में हुड्डा के दूसरे कार्यकाल में अनबन बढ़ गई। राव इंद्रजीत उस दौरान हर मंच से दक्षिण हरियाणा के साथ भेदभाव की आवाज उठाते रहे और कई बार कांग्रेस हाईकमान के सामने अपनी बात रखी। उस समय राव इंद्रजीत तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली सरकार में राज्यमंत्री थे। जब राव इंद्रजीत की बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने 2013 में अपनी बेटी आरती राव की अगुवाई में इंसाफ मंच बनाया। उसके कुछ महीने बाद, 23 सितंबर 2013 को कांग्रेस छोड़ दी और फिर भाजपा जॉइन कर ली। राव बीरेंद्र सिंह से जुड़ी पुरानी PHOTOS… ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण नहीं बन पाए डॉक्टर हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
हरियाणा के अस्थायी कर्मचारियों पर फैसला कल:कैबिनेट बैठक में होगी चर्चा, अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण को भी मंजूरी देंगे सीएम सैनी
हरियाणा के अस्थायी कर्मचारियों पर फैसला कल:कैबिनेट बैठक में होगी चर्चा, अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण को भी मंजूरी देंगे सीएम सैनी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में कल यानि 5 अगस्त को होने वाली कैबिनेट बैठक में ग्रुप सी और ग्रुप डी के अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने पर चर्चा होगी। मंत्रियों से चर्चा के बाद नियमितीकरण नीति पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। कैबिनेट तय करेगी कि 5 साल, 8 साल, 10 साल से अधिक सेवा वाले अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। फैसले के अनुसार ही अंतिम नीति तैयार की जाएगी। वैसे अधिकारियों ने तीन तरह की नीतियों का मसौदा तैयार कर लिया है। एक मसौदा अतिथि शिक्षकों की तर्ज पर सेवा सुरक्षा अधिनियम देने का है, जबकि दूसरा सेवा सुरक्षा अधिनियम की तर्ज पर अध्यादेश का मसौदा है। दोनों लगभग समान हैं, सिर्फ अंतर मानदेव और अस्थायी सेवा अवधि का है, परिभाषा में भी थोड़ा अंतर है। नियमितीकरण नीति का तीसरा मसौदा तैयार है। यहां पढ़ें तीनों ड्राफ्ट में क्या है… सेवा सुरक्षा प्रदान करने के लिए 3 अलग-अलग ड्राफ्ट में अस्थायी कर्मचारियों को अलग-अलग लाभ देने का प्रस्ताव है। अतिथि शिक्षकों की तर्ज पर सेवा सुरक्षा अधिनियम में बहुत कम मानदेय देने का प्रस्ताव है, जबकि अध्यादेश के ड्राफ्ट में समकक्ष नियमित कर्मचारी के न्यूनतम वेतनमान के बराबर एकमुश्त मानदेय देने का भी प्रस्ताव है। इसलिए इस पर कैबिनेट में चर्चा होगी सरकार ने एजेंडा को औपचारिक रूप से कैबिनेट बैठक में नहीं ले जाने का निर्णय लिया है। बैठक में तीनों ड्राफ्ट के बिंदुओं पर अनौपचारिक रूप से चर्चा की जाएगी और चर्चा में लिए गए निर्णय के अनुसार नीति बनाई जाए। कैबिनेट तय करेगी कि सेवा सुरक्षा अधिनियम बनाया जाए या अध्यादेश जारी कर बाद में विधानसभा में विधेयक लाकर पारित किया जाए या कैबिनेट से मंजूरी लेकर नियमितीकरण नीति जारी की जाए। अग्निवीरों के आरक्षण पर लगेगी मुहर अग्निवीरों को नौकरियों में आरक्षण देने को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलेगी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पिछले दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अग्निवीरों को हरियाणा सरकार की नौकरियों में आरक्षण देने की घोषणा की थी। अब कैबिनेट मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के बाद हरियाणा ऐसा तीसरा राज्य होगा, जो अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देगा। पुलिस भर्ती में 10% आरक्षण का प्रस्ताव ग्रुप सी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण, प्राइवेट इंडस्ट्री में नौकरी देने पर सरकार 60000 रुपए वार्षिक फैक्ट्री मालिक को देने, ग्रुप बी में एक फीसदी आरक्षण देने , एसपीओ भर्ती करने का फैसला किया हुआ है। पुलिस सिपाही, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन, एसपीओ में 10 फीसदी, ग्रुप सी के सिविल पदों पर पांच फीसदी, ग्रुप बी में एक फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। तीन साल की उम्र में छूट मिलेगी, जबकि अग्निवीर के पहले बैच के जवानों को उम्र में पांच साल की छूट दी जाएगी। मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।
महेंद्रगढ़ के CRPF जवान की नागालैंड में मौत:राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार, 2 बच्चों के थे पिता
महेंद्रगढ़ के CRPF जवान की नागालैंड में मौत:राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार, 2 बच्चों के थे पिता हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के गांव तलवाना के सीआरपीएफ के जवान की नागालैंड के दीमापुर रेलवे स्टेशन पर 3 दिसंबर को ड्यूटी पर जाते समय हृदय गति रुकने से मौत हो गई। आज 5 दिसंबर को उनके पैतृक गांव तलवाना (खेड़ी) में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर सीआरपीएफ की 112वीं बटालियन ASI सतबीर सिंह के नेतृत्व में जवान को सलामी दी गई। अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोग मौजूद रहे। जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ के जवान राजकुमार (44) पुत्र चंदगी राम 18 मार्च 2002 को सीआरपीएफ में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। अब वह वर्तमान में वह 112वीं बटालियन दीमापुर में कार्यरत थे। राजकुमार 30 नवम्बर को अपने गांव तलवाना में छुट्टी बिताकर कर वापस गए थे। 3 दिसंबर को दीमापुर रेलवे स्टेशन पर हार्ट अटैक आने के कारण उसकी मौत हो गई। आज उनके पैतृक गांव में जैसे ही उनका पार्थिव शरीर गाड़ी के द्वारा पहुंचा तो, लोगों की आंखें नम हो गई। पूरे गांव और आसपास में गमगीन माहौल हो गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। उनके बेटे के द्वारा उनकी चिता को मुखाग्नि दी गई। अब उनके परिवार में उनकी माता नारायणी देवी, पत्नी सुरेश देवी, एक लड़का और एक लड़की है। उनके दोनों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।