कानपुर में एक प्राइवेट अस्पताल के रिसेप्शनिस्ट ने सुसाइड कर लिया। वो अस्पताल जाने की बात कहकर घर से निकला था। फिर एक घंटे में घर वापस आ गया। घर आकर मां से बोला- मेरी शिफ्ट बदल गई है। इसके बाद अपने कमरे में चला गया। थोड़ी देर बाद मां खाना खाने के लिए बुलाने गईं। काफी देर तक दरवाजा खटखटाया। दरवाजा नहीं खुला। आवाज दी कि बेटा खाना खा लो। खिड़की से देखा, तो बेटा फंदे से लटकता दिखा। विस्तार से जानिए पूरा मामला… बिना कुछ खाए कमरे में चला गया
डबल स्टोरी बर्रा-6 निवासी अग्रिम श्रीवास्तव (20) बर्रा के ही एक निजी अस्पताल में रिसेप्शनिस्ट का काम करता था। साथ ही इगनू से BSC की पढ़ाई भी कर रहा था। अग्रिम के मामा आशीष ने बताया- हॉस्पिटल में उसकी नाइट शिफ्ट की ड्यूटी रहती थी। सोमवार की रात वह घर से 8 बजे अस्पताल जाने के लिए बोलकर निकला। रात करीब 9 ही बजे ही वापस लौट आया। मां संतोष कुमारी ने उससे पूछा कि एक घंटे में ही कैसे वापस आ गए। इस पर अग्रिम ने जवाब दिया कि उसकी शिफ्ट बदलकर मॉर्निंग की कर दी गई है। इसके बाद बिना कुछ बोले अपने कमरे में चला गया। खिड़की से बेल्ट के सहारे लगाई फांसी
मामा आशीष ने बताया- सोमवार देर रात 12.30 बजे बहन संतोष अग्रिम के कमरे में गई। उसने देखा कि अग्रिम ने खिड़की के सहारे बेल्ट का फंदा बनाकर फांसी लगा ली थी। वह घुटनों के बल जमीन पर बैठा हुआ दिखा। शव देखकर मां की चीख निकल गई। आस-पड़ोस के लोग वहां इकट्ठा हो गए। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। मंगलवार को पोस्टमॉर्टम होने के बाद शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। मामा आशीष ने बताया कि अग्रिम के पिता अनिल श्रीवास्तव की तीन साल पहले ही मौत हो गई थी। वह घर का इकलौता बेटा था। पुलिस घर लौटने को लेकर जांच कर रही
घटना में एक सबसे बड़ा सवाल है कि रात 8 से 9 के बीच अग्रिम के साथ ऐसा क्या हुआ, जिसने उसे जान देने पर मजबूर कर दिया। अग्रिम के परिवार वालों से लगातार पूछने पर भी वह आत्महत्या के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सके। पुलिस इस मामले में अस्पताल के स्टाफ से भी पूछताछ कर रही है। क्या जब वो अस्पताल आया, तो तुरंत लौट क्यों आया। क्या उसको पहले से बताया नहीं गया था कि उसकी शिफ्ट चेंज हो गई है। कहीं बीच रास्ते से तो नहीं लौटा अग्रिम
बर्रा थाने के इंस्पेक्टर राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि युवक के मोबाइल की भी जांच की जाएगी। अस्पताल से अभी तक ऐसी सूचना नहीं मिली है। पुलिस पता कर रही है कि युवक अस्पताल गया था या बीच रास्ते से लौट आया था। अस्पताल में कोई विवाद तो नहीं हुआ। ————————- ये भी पढ़ें 25 तस्वीरों में संभल में हिंसा की पूरी कहानी, SP बोले- नेताओं के चक्कर में भविष्य बर्बाद मत करो; गन लेकर भीड़ को खदेड़ा संभल में सुबह-सुबह जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची टीम को देखकर मुस्लिम समाज के लोग भड़क गए। उग्र भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। करीब तीन घंटे तक लोगों ने पुलिस पर पत्थर बरसाए। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। SP ने आक्रोशित लोगों को समझाते हुए कहा- नेताओं के चक्कर में अपना भविष्य बर्बाद मत करो, लेकिन लोग कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। पढ़ें पूरी खबर… कानपुर में एक प्राइवेट अस्पताल के रिसेप्शनिस्ट ने सुसाइड कर लिया। वो अस्पताल जाने की बात कहकर घर से निकला था। फिर एक घंटे में घर वापस आ गया। घर आकर मां से बोला- मेरी शिफ्ट बदल गई है। इसके बाद अपने कमरे में चला गया। थोड़ी देर बाद मां खाना खाने के लिए बुलाने गईं। काफी देर तक दरवाजा खटखटाया। दरवाजा नहीं खुला। आवाज दी कि बेटा खाना खा लो। खिड़की से देखा, तो बेटा फंदे से लटकता दिखा। विस्तार से जानिए पूरा मामला… बिना कुछ खाए कमरे में चला गया
डबल स्टोरी बर्रा-6 निवासी अग्रिम श्रीवास्तव (20) बर्रा के ही एक निजी अस्पताल में रिसेप्शनिस्ट का काम करता था। साथ ही इगनू से BSC की पढ़ाई भी कर रहा था। अग्रिम के मामा आशीष ने बताया- हॉस्पिटल में उसकी नाइट शिफ्ट की ड्यूटी रहती थी। सोमवार की रात वह घर से 8 बजे अस्पताल जाने के लिए बोलकर निकला। रात करीब 9 ही बजे ही वापस लौट आया। मां संतोष कुमारी ने उससे पूछा कि एक घंटे में ही कैसे वापस आ गए। इस पर अग्रिम ने जवाब दिया कि उसकी शिफ्ट बदलकर मॉर्निंग की कर दी गई है। इसके बाद बिना कुछ बोले अपने कमरे में चला गया। खिड़की से बेल्ट के सहारे लगाई फांसी
मामा आशीष ने बताया- सोमवार देर रात 12.30 बजे बहन संतोष अग्रिम के कमरे में गई। उसने देखा कि अग्रिम ने खिड़की के सहारे बेल्ट का फंदा बनाकर फांसी लगा ली थी। वह घुटनों के बल जमीन पर बैठा हुआ दिखा। शव देखकर मां की चीख निकल गई। आस-पड़ोस के लोग वहां इकट्ठा हो गए। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। मंगलवार को पोस्टमॉर्टम होने के बाद शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। मामा आशीष ने बताया कि अग्रिम के पिता अनिल श्रीवास्तव की तीन साल पहले ही मौत हो गई थी। वह घर का इकलौता बेटा था। पुलिस घर लौटने को लेकर जांच कर रही
घटना में एक सबसे बड़ा सवाल है कि रात 8 से 9 के बीच अग्रिम के साथ ऐसा क्या हुआ, जिसने उसे जान देने पर मजबूर कर दिया। अग्रिम के परिवार वालों से लगातार पूछने पर भी वह आत्महत्या के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सके। पुलिस इस मामले में अस्पताल के स्टाफ से भी पूछताछ कर रही है। क्या जब वो अस्पताल आया, तो तुरंत लौट क्यों आया। क्या उसको पहले से बताया नहीं गया था कि उसकी शिफ्ट चेंज हो गई है। कहीं बीच रास्ते से तो नहीं लौटा अग्रिम
बर्रा थाने के इंस्पेक्टर राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि युवक के मोबाइल की भी जांच की जाएगी। अस्पताल से अभी तक ऐसी सूचना नहीं मिली है। पुलिस पता कर रही है कि युवक अस्पताल गया था या बीच रास्ते से लौट आया था। अस्पताल में कोई विवाद तो नहीं हुआ। ————————- ये भी पढ़ें 25 तस्वीरों में संभल में हिंसा की पूरी कहानी, SP बोले- नेताओं के चक्कर में भविष्य बर्बाद मत करो; गन लेकर भीड़ को खदेड़ा संभल में सुबह-सुबह जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची टीम को देखकर मुस्लिम समाज के लोग भड़क गए। उग्र भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। करीब तीन घंटे तक लोगों ने पुलिस पर पत्थर बरसाए। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। SP ने आक्रोशित लोगों को समझाते हुए कहा- नेताओं के चक्कर में अपना भविष्य बर्बाद मत करो, लेकिन लोग कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर