किसान नेता भूख हड़ताल शुरू करने से पहले हिरासत में:शंभू बॉर्डर का एक हिस्सा खोला जाएगा, बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली के दिल्ली जा सकेंगे किसान

किसान नेता भूख हड़ताल शुरू करने से पहले हिरासत में:शंभू बॉर्डर का एक हिस्सा खोला जाएगा, बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली के दिल्ली जा सकेंगे किसान

हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत (भूख हड़ताल) शुरू करने से पहले संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पंजाब पुलिस उन्हें लुधियाना स्थित DMC अस्पताल ले गई है। कोई व्यक्ति उन तक न पहुंचे, इसके लिए अस्पताल के आसपास के एरिया को सील कर दिया गया है। अस्पताल में डल्लेवाल कुछ नहीं खा रहे हैं। उनको हिरासत में लिए जाने के बाद किसान नेता और पूर्व फौजी सुखजीत सिंह हरदो झंडे खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे इस अनशन के दौरान मर जाते हैं तो उनका शव यहीं रहेगा और दूसरा किसान मरणव्रत पर बैठ जाएगा। एक अन्य नेता ने बताया कि डल्लेवाल ठीक हैं। जैसा उन्होंने (डल्लेवाल) कहा था कि वह 26 से मरणव्रत पर बैठेंगे, उन्होंने लुधियाना में कुछ खाया नहीं है। इस बीच किसानों ने खनौरी बॉर्डर पर पहुंचकर प्रदर्शन भी किया। वहीं हरियाणा और पंजाब के सीनियर अधिकारियों की बैठक में सहमति बनी है कि शंभू बॉर्डर का 4 फीट का एरिया खोला जाएगा, ताकि किसान बिना ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के आगे बढ़ सकें। हालांकि औपचारिक ऐलान नहीं हुआ, लेकिन बैरिकेडिंग हटाना शुरू कर दी गई है। डल्लेवाल की हिरासत पर पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि संविधान दिवस पर यह संविधान की हत्या है। मैं खनौरी बॉर्डर मोर्चे पर समर्थन में पहुंच रहा हूं। आप सब भी आइए और केंद्र और पंजाब सरकार के इस जुगलबंदी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाइए। जो किसान, नौजवान शंभू बॉर्डर के नजदीक हैं, वो शंभू बॉर्डर पहुंचे। इससे पहले किसान नेता सरवन पंधेर ने कहा कि सोमवार रात करीब 2 बजे डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर से उठा लिया गया है। उन्हें कहां ले गए हैं, इसकी जानकारी नहीं है। जिन्होंने डल्लेवाल को उठाया है, उनमें कई पुलिसवाले हिंदी भाषा बोल रहे थे। डल्लेवाल को CM भगवंत मान के ज्यूरिस्डिक्शन से उठाया गया है, इसलिए पंजाब सरकार को किसानों के प्रति अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। बताना होगा कि उन्हें कहां ले गए हैं? अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। बड़े अपडेट्स… DIG बोले- प्रशासन को उम्र-सेहत की चिंता
पटियाला रेंज के DIG मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि डल्लेवाल ने मरणव्रत की घोषणा की थी। उनकी उम्र और सेहत की वजह से प्रशासन चिंतित था। मरणव्रत के ऐलान के बाद भीड़ हो जाती है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच पाती। इसी वजह से प्रशासन ने फैसला किया कि उनकी मेडिकल जांच कराई जाए। इसके लिए उन्हें लुधियाना डीएमसी लेकर आए हैं। डल्लेवाल को हिरासत में लेने के बाद की 2 तस्वीरें किसान नेता क्या बोले… कोहाड़ बोले- उन्हें गर्म कपड़े भी नहीं पहनने दिए
डल्लेवाल के साथ मौजूद रहे किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ का कहना है कि रात के समय जब डल्लेवाल रेस्ट कर रहे थे, तभी दोनों तरफ से पुलिस पहुंची और उन्हें डिटेन करके ले गई। जिस समय डल्लेवाल को उठाया गया, उन्होंने सिर्फ कुर्ता पहन रखा था। 68 साल के डल्लेवाल को न पजामा और न ही गर्म कपड़े पहनने दिए। कोहाड़ ने कहा कि मरणव्रत जरूर शुरू होगा। पहले भी डिसाइड था कि अगर जगजीत डल्लेवाल को कुछ होगा तो अगला किसान नेता मरणव्रत पर बैठेगा। अब अगर एक किसान नेता भूख हड़ताल पर नहीं बैठेगा तो अन्य किसान नेता उनकी जगह भूख हड़ताल पर बैठेंगे। जल्द ही किसान संगठन बैठक कर निर्णय लेंगे कि अब कौन मरणव्रत पर बैठेगा। किसानों से मोर्चों पर पहुंचने की अपील
किसान नेता अमरजीत सिंह मोहड़ी ने कहा कि आज जगजीत सिंह डल्लेवाल को मरणव्रत पर बैठना था, लेकिन पंजाब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसलिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसान खनौरी व शंभू बॉर्डर पर पहुंचे। हमें मोर्चे को मजबूत करना है, ताकि किसी और साथी के साथ ऐसा न हो। अब जानिए राजनेताओं ने क्या कहा… बिट्‌टू बोले- केंद्रीय एजेंसियों का हाथ नहीं
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू ने कहा- किसान नेता डल्लेवाल को हिरासत में लेना भगवंत मान सरकार का फैसला है। उनकी गिरफ्तारी में किसी केंद्रीय एजेंसी का हाथ नहीं है। यह पूरी तरह से राज्य पुलिस का काम है, जिसका उद्देश्य वास्तविक मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों पर दोष मढ़ना है। केंद्र सरकार हमेशा किसानों के कल्याण के लिए काम करती है और इस तरह के हथकंडे नहीं अपनाती। अकाली नेता मजीठिया बोले- डल्लेवाल को गिरफ्तार करना निंदनीय
शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि डल्लेवाल को गिरफ्तार करना निंदनीय है। वह लंबे समय से किसानों की मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। आज उन्होंने कोई गैरकानूनी काम नहीं करना था, शांतिमय तरीके से धरने पर बैठना था। अगर वह भी अधिकार हमारे पास नहीं रह गया तो यह संविधान के विपरीत है। बहुत बड़ी बात है। मजीठिया ने कहा कि केंद्रीय मंत्री बिट्‌टू साहब का कहना था कि बड़ी जल्दी किसान नेताओं पर कार्रवाई होगी। यह बात आज सच्ची हो गई है। किसान नेताओं पर झूठे पर्चे दर्ज किए जा रहे हैं। अनशन पर जाने से पहले डल्लेवाल ने जमीन परिवार के नाम की
डल्लेवाल ने 4 नवंबर को ऐलान किया था कि पार्लियामेंट सेशन शुरू होते ही वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इसके बाद 6 दिसंबर को किसान दिल्ली कूच करेंगे। एक दिन पहले सोमवार को फरीदकोट में जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि वह सिर पर कफन बांधकर आमरण अनशन पर बैठने जा रहे हैं। केंद्र सरकार को उनकी मांगें पूरी करनी होंगी या फिर वह अपनी जान कुर्बान कर देंगे। उनकी मौत से भी आंदोलन नहीं रुकेगा। मौत के बाद दूसरे नेता आमरण अनशन शुरू करेंगे। इसलिए अपनी जमीन को पुत्र, पुत्रवधू और पौत्र के नाम करवा दिया है, ताकि कोई विवाद न रहे। किसान संगठन जागरूकता अभियान के तहत घर-घर जाकर समर्थन जुटा रहे हैं और अपनी मांगों के बारे में लोगों को जानकारी दे रहे हैं। बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली दिल्ली जाएंगे किसान
इधर, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने 18 नवंबर को ऐलान किया था कि किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा था कि 9 महीने से किसान चुप बैठे हैं, लेकिन सरकारों की ओर से हमारी उपेक्षा की जा रही है। इस कारण दिल्ली जाने का फैसला लिया है। इस बार किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के बजाय पैदल मार्च करेंगे। इसमें पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसान शामिल होंगे​। सरकार के पास 10 दिन का समय है। किसानों-सरकार की मीटिंग बेनतीजा रही
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी और किसान नेताओं की 4 नवंबर को चंडीगढ़ में मीटिंग हुई थी। इसकी अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस नवाब सिंह ने की। मीटिंग में किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरे किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल नहीं पहुंचे। पंधेर ने मीटिंग में आने से मना कर दिया था, जबकि डल्लेवाल ने तबीयत खराब होने का हवाला दिया था। डल्लेवाल के संगठन के सदस्य मीटिंग में शामिल हुए। किसानों ने अपनी 12 मांगें सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के सामने रखीं। किसानों ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने निकले थे
फसलों पर MSP की गारंटी समेत दूसरी मांगों को लेकर पंजाब के किसान 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच करने के लिए निकले थे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर, खनौरी बॉर्डर और डबवाली बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इससे अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। ————————– डल्लेवाल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… डल्लेवाल की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस सांसद, सैलजा बोलीं- बीजेपी सरकार किसान विरोधी हरियाणा के सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की गिरफ्तारी पर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा, किसान पहले भी आंदोलनरत था और आज भी आंदोलनरत है। भाजपा सरकार अपने वादों पर खरी नहीं उतरी है, सच तो ये है कि भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा किसान उपेक्षा का शिकार हैं। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत (भूख हड़ताल) शुरू करने से पहले संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पंजाब पुलिस उन्हें लुधियाना स्थित DMC अस्पताल ले गई है। कोई व्यक्ति उन तक न पहुंचे, इसके लिए अस्पताल के आसपास के एरिया को सील कर दिया गया है। अस्पताल में डल्लेवाल कुछ नहीं खा रहे हैं। उनको हिरासत में लिए जाने के बाद किसान नेता और पूर्व फौजी सुखजीत सिंह हरदो झंडे खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे इस अनशन के दौरान मर जाते हैं तो उनका शव यहीं रहेगा और दूसरा किसान मरणव्रत पर बैठ जाएगा। एक अन्य नेता ने बताया कि डल्लेवाल ठीक हैं। जैसा उन्होंने (डल्लेवाल) कहा था कि वह 26 से मरणव्रत पर बैठेंगे, उन्होंने लुधियाना में कुछ खाया नहीं है। इस बीच किसानों ने खनौरी बॉर्डर पर पहुंचकर प्रदर्शन भी किया। वहीं हरियाणा और पंजाब के सीनियर अधिकारियों की बैठक में सहमति बनी है कि शंभू बॉर्डर का 4 फीट का एरिया खोला जाएगा, ताकि किसान बिना ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के आगे बढ़ सकें। हालांकि औपचारिक ऐलान नहीं हुआ, लेकिन बैरिकेडिंग हटाना शुरू कर दी गई है। डल्लेवाल की हिरासत पर पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि संविधान दिवस पर यह संविधान की हत्या है। मैं खनौरी बॉर्डर मोर्चे पर समर्थन में पहुंच रहा हूं। आप सब भी आइए और केंद्र और पंजाब सरकार के इस जुगलबंदी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाइए। जो किसान, नौजवान शंभू बॉर्डर के नजदीक हैं, वो शंभू बॉर्डर पहुंचे। इससे पहले किसान नेता सरवन पंधेर ने कहा कि सोमवार रात करीब 2 बजे डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर से उठा लिया गया है। उन्हें कहां ले गए हैं, इसकी जानकारी नहीं है। जिन्होंने डल्लेवाल को उठाया है, उनमें कई पुलिसवाले हिंदी भाषा बोल रहे थे। डल्लेवाल को CM भगवंत मान के ज्यूरिस्डिक्शन से उठाया गया है, इसलिए पंजाब सरकार को किसानों के प्रति अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। बताना होगा कि उन्हें कहां ले गए हैं? अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। बड़े अपडेट्स… DIG बोले- प्रशासन को उम्र-सेहत की चिंता
पटियाला रेंज के DIG मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि डल्लेवाल ने मरणव्रत की घोषणा की थी। उनकी उम्र और सेहत की वजह से प्रशासन चिंतित था। मरणव्रत के ऐलान के बाद भीड़ हो जाती है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच पाती। इसी वजह से प्रशासन ने फैसला किया कि उनकी मेडिकल जांच कराई जाए। इसके लिए उन्हें लुधियाना डीएमसी लेकर आए हैं। डल्लेवाल को हिरासत में लेने के बाद की 2 तस्वीरें किसान नेता क्या बोले… कोहाड़ बोले- उन्हें गर्म कपड़े भी नहीं पहनने दिए
डल्लेवाल के साथ मौजूद रहे किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ का कहना है कि रात के समय जब डल्लेवाल रेस्ट कर रहे थे, तभी दोनों तरफ से पुलिस पहुंची और उन्हें डिटेन करके ले गई। जिस समय डल्लेवाल को उठाया गया, उन्होंने सिर्फ कुर्ता पहन रखा था। 68 साल के डल्लेवाल को न पजामा और न ही गर्म कपड़े पहनने दिए। कोहाड़ ने कहा कि मरणव्रत जरूर शुरू होगा। पहले भी डिसाइड था कि अगर जगजीत डल्लेवाल को कुछ होगा तो अगला किसान नेता मरणव्रत पर बैठेगा। अब अगर एक किसान नेता भूख हड़ताल पर नहीं बैठेगा तो अन्य किसान नेता उनकी जगह भूख हड़ताल पर बैठेंगे। जल्द ही किसान संगठन बैठक कर निर्णय लेंगे कि अब कौन मरणव्रत पर बैठेगा। किसानों से मोर्चों पर पहुंचने की अपील
किसान नेता अमरजीत सिंह मोहड़ी ने कहा कि आज जगजीत सिंह डल्लेवाल को मरणव्रत पर बैठना था, लेकिन पंजाब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसलिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसान खनौरी व शंभू बॉर्डर पर पहुंचे। हमें मोर्चे को मजबूत करना है, ताकि किसी और साथी के साथ ऐसा न हो। अब जानिए राजनेताओं ने क्या कहा… बिट्‌टू बोले- केंद्रीय एजेंसियों का हाथ नहीं
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू ने कहा- किसान नेता डल्लेवाल को हिरासत में लेना भगवंत मान सरकार का फैसला है। उनकी गिरफ्तारी में किसी केंद्रीय एजेंसी का हाथ नहीं है। यह पूरी तरह से राज्य पुलिस का काम है, जिसका उद्देश्य वास्तविक मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों पर दोष मढ़ना है। केंद्र सरकार हमेशा किसानों के कल्याण के लिए काम करती है और इस तरह के हथकंडे नहीं अपनाती। अकाली नेता मजीठिया बोले- डल्लेवाल को गिरफ्तार करना निंदनीय
शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि डल्लेवाल को गिरफ्तार करना निंदनीय है। वह लंबे समय से किसानों की मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। आज उन्होंने कोई गैरकानूनी काम नहीं करना था, शांतिमय तरीके से धरने पर बैठना था। अगर वह भी अधिकार हमारे पास नहीं रह गया तो यह संविधान के विपरीत है। बहुत बड़ी बात है। मजीठिया ने कहा कि केंद्रीय मंत्री बिट्‌टू साहब का कहना था कि बड़ी जल्दी किसान नेताओं पर कार्रवाई होगी। यह बात आज सच्ची हो गई है। किसान नेताओं पर झूठे पर्चे दर्ज किए जा रहे हैं। अनशन पर जाने से पहले डल्लेवाल ने जमीन परिवार के नाम की
डल्लेवाल ने 4 नवंबर को ऐलान किया था कि पार्लियामेंट सेशन शुरू होते ही वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इसके बाद 6 दिसंबर को किसान दिल्ली कूच करेंगे। एक दिन पहले सोमवार को फरीदकोट में जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि वह सिर पर कफन बांधकर आमरण अनशन पर बैठने जा रहे हैं। केंद्र सरकार को उनकी मांगें पूरी करनी होंगी या फिर वह अपनी जान कुर्बान कर देंगे। उनकी मौत से भी आंदोलन नहीं रुकेगा। मौत के बाद दूसरे नेता आमरण अनशन शुरू करेंगे। इसलिए अपनी जमीन को पुत्र, पुत्रवधू और पौत्र के नाम करवा दिया है, ताकि कोई विवाद न रहे। किसान संगठन जागरूकता अभियान के तहत घर-घर जाकर समर्थन जुटा रहे हैं और अपनी मांगों के बारे में लोगों को जानकारी दे रहे हैं। बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली दिल्ली जाएंगे किसान
इधर, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने 18 नवंबर को ऐलान किया था कि किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा था कि 9 महीने से किसान चुप बैठे हैं, लेकिन सरकारों की ओर से हमारी उपेक्षा की जा रही है। इस कारण दिल्ली जाने का फैसला लिया है। इस बार किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के बजाय पैदल मार्च करेंगे। इसमें पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसान शामिल होंगे​। सरकार के पास 10 दिन का समय है। किसानों-सरकार की मीटिंग बेनतीजा रही
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी और किसान नेताओं की 4 नवंबर को चंडीगढ़ में मीटिंग हुई थी। इसकी अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस नवाब सिंह ने की। मीटिंग में किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरे किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल नहीं पहुंचे। पंधेर ने मीटिंग में आने से मना कर दिया था, जबकि डल्लेवाल ने तबीयत खराब होने का हवाला दिया था। डल्लेवाल के संगठन के सदस्य मीटिंग में शामिल हुए। किसानों ने अपनी 12 मांगें सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के सामने रखीं। किसानों ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने निकले थे
फसलों पर MSP की गारंटी समेत दूसरी मांगों को लेकर पंजाब के किसान 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच करने के लिए निकले थे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर, खनौरी बॉर्डर और डबवाली बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इससे अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। ————————– डल्लेवाल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… डल्लेवाल की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस सांसद, सैलजा बोलीं- बीजेपी सरकार किसान विरोधी हरियाणा के सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की गिरफ्तारी पर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा, किसान पहले भी आंदोलनरत था और आज भी आंदोलनरत है। भाजपा सरकार अपने वादों पर खरी नहीं उतरी है, सच तो ये है कि भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा किसान उपेक्षा का शिकार हैं। पूरी खबर पढ़ें…   पंजाब | दैनिक भास्कर