हरियाणा के करनाल जिले की असंध नगरपालिका के अयोग्य घोषित चेयरमैन सतीश कटारिया को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से एक और झटका लगा है। 10वीं कक्षा की फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ने के मामले में सतीश कटारिया ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आज बुधवार को याचिका को खारिज करते हुए इस पर कोई राहत नहीं दी। आरटीआई से खुलासा, जांच में फर्जी निकली मार्कशीट सतीश कटारिया पर आप पार्टी की प्रत्याशी व एडवोकेट सोनिया बोहत ने आरोप लगाया था। उन्होंने कटारिया की 10वीं कक्षा की मार्कशीट पर सवाल उठाए और आरटीआई के जरिए यह जानकारी हासिल की। दस्तावेजों की जांच में यह मार्कशीट फर्जी पाई गई। मामले को लेकर सोनिया बोहत ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के आदेश पर स्टेट इलैक्शन कमीशन ने जांच की, जिसके बाद 10 अप्रैल 2023 को सतीश कटारिया को चेयरमैन पद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। पुनर्विचार याचिका पर भी हाईकोर्ट से झटका एडवोकेट सोनिया बोहत ने बताया कि बीती चार नवंबर को हाईकोर्ट में फाइनल आर्ग्यूमेंट हुई। जिसके बाद 20 नवंबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने कटारिया को फर्जी दस्तावेज के इस्तेमाल का दोषी मानते हुए अयोग्य करार दिया था। इसके बाद कटारिया ने मंगलवार को उसी बेंच के समक्ष पुनर्विचार याचिका लगाई। बुधवार को कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। एडवोकेट सोनिया बोहत ने कहा कि चुनाव के दौरान ही मार्कशीट पर संदेह हुआ था। यह यूपी बोर्ड की थी, लेकिन उसमें कई त्रुटियां थीं। उन्होंने आरटीआई से सच्चाई सामने लाई। बोहत ने कहा कि सतीश कटारिया ने न केवल असंध नगरपालिका बल्कि जनता के साथ भी बड़ा धोखा किया। उनके खिलाफ कार्रवाई जनता के हित में थी। 4408 वोटों से बने थे चेयरमैन, बीजेपी में की एंट्री 2022 में हुए असंध नगरपालिका चुनाव में कटारिया ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 4408 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी कमलजीत लाडी को 553 वोटों से हराया था। बाद में कटारिया बीजेपी में शामिल हो गए थे। हालांकि, अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ने की बात कही है। क्या कहते है नगरपालिका सचिव जब इस संदर्भ में नगरपालिका के सचिव प्रदीप खरब से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि चेयरमैन पद को लेकर दोबारा इलैक्शन होता है। जिसके लिए छह माह का समय होता है। ऐसे में डायरेक्टर ऑफिस से डायरेक्शन आएंगी, उसी के अनुरूप आगामी प्रक्रिया होगी। एडीसी के मार्फत डीएमसी को गाइडलाइंस जाएगी और वहां से डायरेक्शन नगरपालिका असंध को पहुंचेगी। जनवरी में अन्य नगरपालिकाओ में चुनाव होने है, हो सकता है इसी दौरान असंध का भी चुनाव हो। हरियाणा के करनाल जिले की असंध नगरपालिका के अयोग्य घोषित चेयरमैन सतीश कटारिया को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से एक और झटका लगा है। 10वीं कक्षा की फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ने के मामले में सतीश कटारिया ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आज बुधवार को याचिका को खारिज करते हुए इस पर कोई राहत नहीं दी। आरटीआई से खुलासा, जांच में फर्जी निकली मार्कशीट सतीश कटारिया पर आप पार्टी की प्रत्याशी व एडवोकेट सोनिया बोहत ने आरोप लगाया था। उन्होंने कटारिया की 10वीं कक्षा की मार्कशीट पर सवाल उठाए और आरटीआई के जरिए यह जानकारी हासिल की। दस्तावेजों की जांच में यह मार्कशीट फर्जी पाई गई। मामले को लेकर सोनिया बोहत ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के आदेश पर स्टेट इलैक्शन कमीशन ने जांच की, जिसके बाद 10 अप्रैल 2023 को सतीश कटारिया को चेयरमैन पद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। पुनर्विचार याचिका पर भी हाईकोर्ट से झटका एडवोकेट सोनिया बोहत ने बताया कि बीती चार नवंबर को हाईकोर्ट में फाइनल आर्ग्यूमेंट हुई। जिसके बाद 20 नवंबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने कटारिया को फर्जी दस्तावेज के इस्तेमाल का दोषी मानते हुए अयोग्य करार दिया था। इसके बाद कटारिया ने मंगलवार को उसी बेंच के समक्ष पुनर्विचार याचिका लगाई। बुधवार को कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। एडवोकेट सोनिया बोहत ने कहा कि चुनाव के दौरान ही मार्कशीट पर संदेह हुआ था। यह यूपी बोर्ड की थी, लेकिन उसमें कई त्रुटियां थीं। उन्होंने आरटीआई से सच्चाई सामने लाई। बोहत ने कहा कि सतीश कटारिया ने न केवल असंध नगरपालिका बल्कि जनता के साथ भी बड़ा धोखा किया। उनके खिलाफ कार्रवाई जनता के हित में थी। 4408 वोटों से बने थे चेयरमैन, बीजेपी में की एंट्री 2022 में हुए असंध नगरपालिका चुनाव में कटारिया ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 4408 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी कमलजीत लाडी को 553 वोटों से हराया था। बाद में कटारिया बीजेपी में शामिल हो गए थे। हालांकि, अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ने की बात कही है। क्या कहते है नगरपालिका सचिव जब इस संदर्भ में नगरपालिका के सचिव प्रदीप खरब से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि चेयरमैन पद को लेकर दोबारा इलैक्शन होता है। जिसके लिए छह माह का समय होता है। ऐसे में डायरेक्टर ऑफिस से डायरेक्शन आएंगी, उसी के अनुरूप आगामी प्रक्रिया होगी। एडीसी के मार्फत डीएमसी को गाइडलाइंस जाएगी और वहां से डायरेक्शन नगरपालिका असंध को पहुंचेगी। जनवरी में अन्य नगरपालिकाओ में चुनाव होने है, हो सकता है इसी दौरान असंध का भी चुनाव हो। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पूर्व BJP सांसद संजय भाटिया का मौसेरा भाई मुश्किलों में:जम्मू-हाईकोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज, PM मोदी के दोस्त का बेटा है आरोपी केंद्रीय नारकोटिक्स टीम की गिरफ्त में बीजेपी नेता के बेटे की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। करनाल लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद पानीपत निवासी संजय भाटिया के मौसेरे भाई नीरज भाटिया को करीब 10 दिन पहले ही केंद्रीय टीम ने जम्मू से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद नीरज भाटिया ने पहले सेशन कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। यहां से फिर याचिका को वापस ले लिया। इसके बाद जम्मू हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। जहां सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद नीरज पर संकट के बादल छा गए। अब नीरज के पास सुप्रीम कोर्ट का विकल्प बचा है। गौरतलब है कि, हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब से एक बड़ी फार्मा कंपनी विदित हेल्थकेयर के मालिक नीरज भाटिया की गिरफ्तारी से पहले नारकोटिक्स टीम को काफी समय से उसकी तलाश थी। वह हिमाचल के बद्दी से अंतरराज्यीय कोडीन आधारित सीरप डायवर्जन रैकेट चला रहा था, जोकि देश के कई राज्यों में फैला था। नीरज बड़े स्तर पर कोरेक्स का धंधा कर रहा था। नरेंद्र मोदी और मनोहर लाल से नीरज के पिता के अच्छे संबंध
आरोपी नीरज भाटिया के पिता नीतिसेन भाटिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर का करीबी बताया जाता है। नीतिसेन भाटिया से PM मोदी फोन पर भी बात कर चुके हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर करीब 9 माह पहले नीतिसेन भाटिया के पोते की शादी में पहुंचे थे। इस दौरान संजय भाटिया भी उनके साथ थे। सिरमौर ड्रग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन का अध्यक्ष है नीरज
दिल्ली, हिमाचल और जम्मू कश्मीर में चल रहे नशा तस्करी के मामले का बड़ा भंडाफोड़ केंद्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने किया है। नीरज भाटिया सिरमौर ड्रग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन का अध्यक्ष भी है। बता दें कि जम्मू कश्मीर, हिमाचल और दिल्ली में कोडीन बेस सीरप तस्करी का गिरोह करीब 7 साल से कार्य कर रहा था, जिसमें अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनसे 34 किलो कोडीन बेस सीरप बरामद किया जा चुका है। कई राजनीतिक लोग भी शामिल, टीम कर रही जांच टीम के अधिकारियों का कहना है कि मामले में जांच जारी है। कुछ और गिरफ्तारी भी संभव हैं, जिनमें उन लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है, जो इस कंपनी को समर्थन दे रहे थे। वहीं, इस सारे मामले में राजनीतिक लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। क्योंकि, चुनाव को लेकर यह सब खेल खेला जा रहा था, जिसमें हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित हिमाचल के चुनाव भी शामिल हैं। आरोपियों की चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया गया वहीं, विदित हेल्थकेयर उचित दस्तावेज सत्यापन और जमीन पर उनकी उपस्थिति के बिना प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए शेल कंपनियों को कोडीन आधारित सीरप की आपूर्ति कर रहा था। जांच के दौरान पाया गया कि जनवरी 2024 से विदित हेल्थकेयर ने जांच के तहत एक फर्जी फर्म को तीन लाख COCREX कोडीन आधारित सीरप की आपूर्ति की थी। इससे पहले भी वह औसतन 3 लाख बोतलें तिमाही यानी 12 लाख बोतलें सालाना आपूर्ति करता था। वहीं, इस मामले में संलिप्त वित्तीय जांच के दौरान एजेंसी ने आरोपियों की 3.65 करोड़ रुपए की अवैध रूप से अर्जित विभिन्न चल और अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया है। यह भी पढ़े – हरियाणा के पूर्व BJP सांसद का मौसेरा भाई गिरफ्तार:नशीली दवाइयां सप्लाई करने का आरोप; कोरोना काल में PM मोदी पिता का हाल पूछ चुके केंद्रीय नारकोटिक्स टीम ने रविवार को हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब से एक बड़ी फार्मा कंपनी विदित हेल्थकेयर के मालिक नीरज भाटिया को गिरफ्तार किया है। नीरज भाटिया मूलरूप से हरियाणा के पानीपत का रहने वाला है और करनाल से भाजपा के पूर्व सांसद संजय भाटिया के मौसा नीतिसेन भाटिया का बेटा है। (पूरी खबर पढ़ें)