<p style=”text-align: justify;”><strong>Chandrashekhar Azad:</strong> अजमेर शरीफ दरगाह को मंदिर बताने वाली याचिका को जिला कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद अब इसे लेकर सियासत भी तेज होने लगी है. नगीना से लोकसभा सांसद और आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि अगर इसी तरह बौद्ध समुदाय के लोग भी कोर्ट चले जाएं और हिन्दू मंदिरों के नीचे मठों के सर्वे की मांग करने लगें तब सरकार क्या करेगी? </p>
<p style=”text-align: justify;”>चंद्रशेखर आज़ाद ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि संसद में हंगामे पर भी चिंता जताई और कहा कि सत्र को चलना चाहिए. संसद का सत्र चलेगा तो बुनियादी मुद्दों पर चर्चा हो पाएगी. वहीं जब उनसे अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी संभल की हिंसा ठंडी नहीं हुई.. संभल अभी सुलग रहा है और अब अजमेर..कल कहीं और.. मैं ये पूछना चाहता हूं कि जो वरशिप एक्ट 1991 है उसका क्या हुआ?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’मंदिर के नीचे बौद्ध मठ ढूंढने लगे तो..'</strong><br />नगीना सांसद ने कहा कि हमारे पूर्व जस्टिस की एक स्टेटमेंट ने जो आज देश में ये माहौल बनाया है. ये उनकी गैर जिम्मेदारी का नतीजा है कि आज हर एक धार्मिक स्थल के नीचे दूसरे धार्मिक स्थल ढूंढा जा रहा है. मेरा सवाल ये है कि ऐसे समय में क्योंकि देश में बौद्धिष्ठों का भी एक इतिहास रहा है.. अगर बौद्ध समुदाय के लोग भी कोर्ट चले जाएं और हिन्दू मंदिरों के नीचे बौद्ध मठों के सर्वे की माँग करने लगें तब सरकार क्या करेगी? क्या तब भी कोर्ट का रुख यही रहेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि ‘हम जो तमाशा कर रहे हैं. इसका कोई अंत है. वक्फ पर जो चिंता है वो इसी बात की है कि जब स्टेट का हस्तक्षेप होगा तो इसी तरह के फैसले आएंगे. लोगों में गुस्सा पैदा होगा. बीजेपी ये बताए कि जो वोट की लूट यूपी में हुई. ईवीएम और अडानी का जो सवाल है उसका सरकार के पास क्या जवाब है? ये सब उन्ही प्रदेशों में क्यों हो रहा है जहां बीजेपी की सरकार है. इसका खामियाजा देश को उठाना पड़ेगा. देश किस ओर जा रहा है इसका सरकार को जवाब देने चाहिए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी ऐसा ही बयान दिया था. उन्होंने कहा कि “इतिहास को कुरेदेंगे तो अगर कोई मस्जिद मंदिर तोड़कर बनाई गई है तो उसके पहले भी बहुसंख्यक मंदिर बौद्ध मठ तोड़कर बनाए गए हैं. इतिहास इसका गवाह है, हमने पहले भी साक्ष्य दिए थे. केदारनाथ, बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम जैसे मंदिर पहले बौद्ध मठ थे. बाद में इन्हें मंदिर बनाया गया, अगर इस तरह से हर मस्जिद में मंदिर खोजेंगे तो हर मंदिर में भी बौद्ध मठ खोजना लोग शुरू करेंगे.” </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Chandrashekhar Azad:</strong> अजमेर शरीफ दरगाह को मंदिर बताने वाली याचिका को जिला कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद अब इसे लेकर सियासत भी तेज होने लगी है. नगीना से लोकसभा सांसद और आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि अगर इसी तरह बौद्ध समुदाय के लोग भी कोर्ट चले जाएं और हिन्दू मंदिरों के नीचे मठों के सर्वे की मांग करने लगें तब सरकार क्या करेगी? </p>
<p style=”text-align: justify;”>चंद्रशेखर आज़ाद ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि संसद में हंगामे पर भी चिंता जताई और कहा कि सत्र को चलना चाहिए. संसद का सत्र चलेगा तो बुनियादी मुद्दों पर चर्चा हो पाएगी. वहीं जब उनसे अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी संभल की हिंसा ठंडी नहीं हुई.. संभल अभी सुलग रहा है और अब अजमेर..कल कहीं और.. मैं ये पूछना चाहता हूं कि जो वरशिप एक्ट 1991 है उसका क्या हुआ?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’मंदिर के नीचे बौद्ध मठ ढूंढने लगे तो..'</strong><br />नगीना सांसद ने कहा कि हमारे पूर्व जस्टिस की एक स्टेटमेंट ने जो आज देश में ये माहौल बनाया है. ये उनकी गैर जिम्मेदारी का नतीजा है कि आज हर एक धार्मिक स्थल के नीचे दूसरे धार्मिक स्थल ढूंढा जा रहा है. मेरा सवाल ये है कि ऐसे समय में क्योंकि देश में बौद्धिष्ठों का भी एक इतिहास रहा है.. अगर बौद्ध समुदाय के लोग भी कोर्ट चले जाएं और हिन्दू मंदिरों के नीचे बौद्ध मठों के सर्वे की माँग करने लगें तब सरकार क्या करेगी? क्या तब भी कोर्ट का रुख यही रहेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि ‘हम जो तमाशा कर रहे हैं. इसका कोई अंत है. वक्फ पर जो चिंता है वो इसी बात की है कि जब स्टेट का हस्तक्षेप होगा तो इसी तरह के फैसले आएंगे. लोगों में गुस्सा पैदा होगा. बीजेपी ये बताए कि जो वोट की लूट यूपी में हुई. ईवीएम और अडानी का जो सवाल है उसका सरकार के पास क्या जवाब है? ये सब उन्ही प्रदेशों में क्यों हो रहा है जहां बीजेपी की सरकार है. इसका खामियाजा देश को उठाना पड़ेगा. देश किस ओर जा रहा है इसका सरकार को जवाब देने चाहिए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी ऐसा ही बयान दिया था. उन्होंने कहा कि “इतिहास को कुरेदेंगे तो अगर कोई मस्जिद मंदिर तोड़कर बनाई गई है तो उसके पहले भी बहुसंख्यक मंदिर बौद्ध मठ तोड़कर बनाए गए हैं. इतिहास इसका गवाह है, हमने पहले भी साक्ष्य दिए थे. केदारनाथ, बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम जैसे मंदिर पहले बौद्ध मठ थे. बाद में इन्हें मंदिर बनाया गया, अगर इस तरह से हर मस्जिद में मंदिर खोजेंगे तो हर मंदिर में भी बौद्ध मठ खोजना लोग शुरू करेंगे.” </p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दिल्ली को कचरा मुक्त बनाने की दिशा में MCD का बड़ा कदम, चलाया जा रहा ये अभियान