हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में IGMC की MRI मशीन पिछले चार दिनों से खराब चल रही है। जिससे मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को बिना MRI टेस्ट किए ही वापस घर लौटना पड़ रहा है। IGMC में रोजाना 20 से 25 मरीजों के MRI टेस्ट होते हैं। MRI रूम के बाहर अस्पताल के पिलरों पर निजी MRI सेंटर चलाने वालों के बड़े-बड़े इश्तिहार लगे हैं। दो-तीन महीने पहले मिली थी डेट, अब निराश होकर लौट रहे वापस मरीजों को पहले से ही दो – तीन महीने की डेट मिल रही है। कई मरीजों को जुलाई, अगस्त के महीने में MRI करवाने की डेट मिली थी, लेकिन दो से तीन महीने इन्तजार करने के बाद भी MRI नहीं हुआ। जिसके कारण लोगों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है। समय बर्बादी व आर्थिक नुकसान IGMC में MRI न होने से मरीजों को इलाज में देरी के साथ समय की बर्बादी और आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। IGMC हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान है। हिमाचल एक पहाड़ी प्रदेश होने के कारण यहां लोग दुर्गम क्षेत्रों से इलाज करवाने के लिए पहुंचते है। MRI कराने पहुंचे एक मरीज ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि 3 महीने बाद MRI करवाने की डेट मिली थी। लेकिन मशीन खराब होने के कारण आज भी MRI नहीं हुआ। ऐसे में बिना MRI के ही वापस लौटना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें मशीन ठीक होने पर फोन कॉल करके बुलाने की डॉक्टर ने बात कही है। मशीन का एक पार्ट हुआ खराब- MS वहीं IGMC के MS राहुल राव ने बताया कि पिछले तीन दिनों से MRI मशीन खराब हुई है। उन्होंने बताया कि मशीन का एक पार्ट खराब हुआ है। कल तक मशीन का पार्ट आ जाएगा । उसके बाद फिर मरीजों को टेस्ट शुरू हो जाएंगे। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में IGMC की MRI मशीन पिछले चार दिनों से खराब चल रही है। जिससे मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को बिना MRI टेस्ट किए ही वापस घर लौटना पड़ रहा है। IGMC में रोजाना 20 से 25 मरीजों के MRI टेस्ट होते हैं। MRI रूम के बाहर अस्पताल के पिलरों पर निजी MRI सेंटर चलाने वालों के बड़े-बड़े इश्तिहार लगे हैं। दो-तीन महीने पहले मिली थी डेट, अब निराश होकर लौट रहे वापस मरीजों को पहले से ही दो – तीन महीने की डेट मिल रही है। कई मरीजों को जुलाई, अगस्त के महीने में MRI करवाने की डेट मिली थी, लेकिन दो से तीन महीने इन्तजार करने के बाद भी MRI नहीं हुआ। जिसके कारण लोगों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है। समय बर्बादी व आर्थिक नुकसान IGMC में MRI न होने से मरीजों को इलाज में देरी के साथ समय की बर्बादी और आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। IGMC हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान है। हिमाचल एक पहाड़ी प्रदेश होने के कारण यहां लोग दुर्गम क्षेत्रों से इलाज करवाने के लिए पहुंचते है। MRI कराने पहुंचे एक मरीज ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि 3 महीने बाद MRI करवाने की डेट मिली थी। लेकिन मशीन खराब होने के कारण आज भी MRI नहीं हुआ। ऐसे में बिना MRI के ही वापस लौटना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें मशीन ठीक होने पर फोन कॉल करके बुलाने की डॉक्टर ने बात कही है। मशीन का एक पार्ट हुआ खराब- MS वहीं IGMC के MS राहुल राव ने बताया कि पिछले तीन दिनों से MRI मशीन खराब हुई है। उन्होंने बताया कि मशीन का एक पार्ट खराब हुआ है। कल तक मशीन का पार्ट आ जाएगा । उसके बाद फिर मरीजों को टेस्ट शुरू हो जाएंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मैक्लोडगंज में विदेशी पर्यटक की मौत:दोस्त के साथ पार्लर में मसाज करने गया था; वॉशरूम में पड़ा मिला मैक्लोडगंज के मसाज पार्लर में विदेशी पर्यटक की मौत हो गई। दोस्त के साथ मसाज करने के लिए आया था। जो पार्लर के वॉशरूम में पड़ा मिला। सूचना मिलने के बाद पुलिस पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया। मृतक की पहचान 70 वर्षीय जीन लुक आमंड के तौर पर हुई। जो फ्रांस का रहने वाला है। वह मैक्लोडगंज के ग्रीन होटल के रूम नंबर 208 में ठहरा हुआ था। बुधवार देर शाम अपनी दोस्त अन्न मज रिकवेब के साथ पार्लर में मसाज करवाने गया। जीन लुक आमंड ने अपनी मसाज पहले करवा ली और अपनी दोस्त का इंतजार करने लगा। इसी समय वह वॉशरूम चला गया। लेकिन जब वह कुछ देर तक वापस नहीं आया तो वॉशरूम के भीतर झांक कर देखा। जहां वह फर्श पर नीचे गिरा हुआ था। पुलिस ने कब्जे में लिया शव अन्न मज रिकवेब की मदद से दरवाजा खोलकर तत्काल उसे धर्मशाला जोनल हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने जीन लुक आमंड को मृत घोषित कर दिया। मौके पर पहुंची मैक्लोडगंज पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। एसएचओ सुरिंदर ठाकुर ने बताया कि विदेशी पर्यटक जीन लुक आमंड के शव को जोनल हॉस्पिटल के शवगृह में रख दिया है। वीरवार को पोस्टमॉर्टम होने के बाद ही मौत का कारण पता चल पाएगा। आधार कार्ड बरामद उन्होंने कहा कि मृतक के होटल के रूम से उसके किसी रिश्तेदार का एड्रेस मिलने पर उन्हें सूचित किया जाएगा। अन्न मज रिकवेब ने बताया कि वह दोनों तमिलनाडु के इनोवेशन आयुर्विला वेलपुरम में रह रहे हैं। उनके पास तमिलनाडु से बनाए आधार कार्ड हैं।
हिमाचल में कल-परसों भारी बारिश की चेतावनी:मानसून सीजन में सामान्य से 22% कम बरसे बादल, तापमान में वृद्धि
हिमाचल में कल-परसों भारी बारिश की चेतावनी:मानसून सीजन में सामान्य से 22% कम बरसे बादल, तापमान में वृद्धि हिमाचल में धीमा पड़ा मानसून कल से अगले दो दिन तक रफ्तार पकड़ सकता है। मौसम विभाग के अनुसार 11 और 12 जुलाई को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश होगी। लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर सभी जिलों में येलो अलर्ट की चेतावनी जारी की गई है। लेकिन 13 जुलाई से मानसून के फिर से धीमा पड़ने का पूर्वानुमान है। आज भी अधिकांश हिस्सों में मौसम साफ रहेगा। इस बार प्रदेश में प्रवेश के बाद से ही मानसून कमजोर पड़ गया है। चालू मानसून सीजन में सामान्य से 22 फीसदी कम बारिश हुई है। एक जून से नौ जुलाई तक 160.6 मिमी सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 125.7 मिमी ही बारिश हुई। मंडी और शिमला को छोड़कर अन्य सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। लाहौल स्पीति-सिरमौर में सबसे कम बारिश लाहौल स्पीति और सिरमौर जिलों में सबसे कम बारिश हुई। लाहौल स्पीति में सामान्य से 57 फीसदी और सिरमौर जिले में 50 फीसदी कम बारिश हुई। बिलासपुर जिले में सामान्य से 22 फीसदी, चंबा में 32 फीसदी, हमीरपुर में 18 फीसदी, किन्नौर में 37 फीसदी, कांगड़ा में 4 फीसदी, कुल्लू में 20 फीसदी, सोलन में 19 फीसदी और ऊना जिले में सामान्य से 42 फीसदी कम बारिश हुई। इन जिलों में सामान्य से अधिक बारिश मंडी जिले में सामान्य से 2 फीसदी और शिमला में सामान्य से 5 फीसदी अधिक बारिश हुई। तापमान बढ़ा राज्य में मानसून कमजोर पड़ने के बाद ज्यादातर शहरों के तापमान में बढ़ोतरी हुई है और अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक हो गया है। कुल्लू के भुंतर के तापमान में सबसे अधिक 3.4 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है और यह 35.4 डिग्री पर पहुंच गया है। बिलासपुर का तापमान भी सामान्य से 3.2 डिग्री बढ़कर 36.5 डिग्री, शिमला का पारा 1.3 डिग्री बढ़कर 24.8 डिग्री, ऊना का तापमान 1.6 डिग्री बढ़कर 36.4 डिग्री, मंडी का तापमान 2.7 डिग्री बढ़कर 33.7 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इसी तरह अन्य शहरों के तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है।
हिमाचल प्रदेश में विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र:एक बूथ पर हेलिकॉप्टर तो दूसरे पर नांव से पहुंची पोलिंग टीमें; खतरनाक नाला-पहाड़ भी पार किया
हिमाचल प्रदेश में विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र:एक बूथ पर हेलिकॉप्टर तो दूसरे पर नांव से पहुंची पोलिंग टीमें; खतरनाक नाला-पहाड़ भी पार किया हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं, जहां मतदान करवाना चुनौती से कम नहीं। राज्य में एक पोलिंग बूथ ऐसा है, जहां हेलिकॉप्टर से पहुंचा जा सकता है। एक मतदान केंद्र में नाव से साढ़े 5 किलोमीटर का सफर कर पोलिंग पार्टी पहुंच पाई हैं। प्रदेश में दर्जनों ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को ऊंचे-ऊंचे पहाड़, खतरनाक नदी-नाले और बर्फ के पहाड़ पार कर पहुंचना पड़ा। यही नहीं, विश्व का सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थापित मतदान केंद्र भी हिमाचल के लाहौल-स्पीति जिले में है। कुछ रोचक पोलिंग स्टेशनों के बारे में भास्कर की रिपोर्ट.. बड़ा भंगाल में हेलिकॉप्टर से पहुंचा मतदान दल
हिमाचल के कांगड़ा जिला में अति दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल के लिए पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से भेजी गई है। गुरुवार शाम को मतदान दल EVM के साथ हेलिकॉप्टर में बड़ा भंगाल के लिए उड़ा। यह टीम आज शाम तक पोलिंग बूथ को वोटिंग के लिए तैयार करेगा। शनिवार को वोटिंग के बाद पोलिंग पार्टी बड़ा भंगाल में ही नाइट स्टे करेगी। 2 जून को पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से ही वापस बैजनाथ लौटेंगी। पैदल बड़ा भंगाल पहुंचने में लगते हैं 3 दिन
बड़ा भंगाल हिमाचल का इकलौता ऐसा मतदान केंद्र है, जहां पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से पहुंचाई जाती है। वापस भी हेलिकॉप्टर से ही लाई जाती है। सड़क कनेक्टिविटी न होने की वजह से यहां से लोगों का जीवन भी कठिनाइयों से भरा रहता है। बैजनाथ से बड़ा भंगाल पैदल पहुंचने में कम से कम 3 दिन लगते हैं। आधे रास्ते में एक नाइट का स्टे करना पड़ता है। यहां नेता भी वोट मांगने नहीं पहुंच पाते
बैजनाथ से बरोट-मुल्थान होते हुए गड़सापुल तक सड़क से पहुंचा जा सकता है, लेकिन यहां से आगे 3 दिन पैदल चलना पड़ता है। इस वजह से यहां चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार भी वोट मांगने नहीं पहुंच पाते हैं। बताया जाता है कि पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल, वूल फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष व बीजेपी नेता त्रिलोक कपूर और बैजनाथ के पूर्व विधायक मुल्ख राज प्रेमी जरूर यहां एक बार वोट मांगने पहुंचे थे। मगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ज्यादातर बार कोई कैंडिडेट यहां नहीं पहुंच पाता। कुठेड़ा पोलिंग बूथ को नाव से पहुंची टीम
कांगड़ा जिला के फतेहपुर विधानसभा में कुठेड़ा पोलिंग बूथ को पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को नाव का सहारा लेना पड़ा। इस टीम की वापसी भी नाव से ही हो पाएगी। यह पोलिंग बूथ पौंग डैम के टापू पर बनाया गया है। मतदान कर्मियों को लगभग साढ़े 5 किलोमीटर का सफर नाव में करना पड़ा। तब जाकर कर्मचारी पोलिंग बूथ तक पहुंच पाए। एहलमी पहुंचने को 15KM पैदल चलना पड़ता है
मंडी लोकसभा के अंतर्गत चंबा जिले की भरमौर विधानसभा के मैहला खंड में एहलमी मतदान केंद्र तक पोलिंग पार्टी 15 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंची है। वहीं, शिमला जिले में डोडराक्वार में पंडार और कुल्लू जिले में शाकटी मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए मतदान दलों को 11 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। उधर, कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत भटियात विधानसभा क्षेत्र में चक्की मतदान केंद्र पर 13 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंचना पड़ता है। इन जिलों में भी खतरनाक रास्तों से पहुंची पोलिंग पार्टियां
मंडी, शिमला, कुल्लू, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति, चंबा और किन्नौर जिले में दर्जन भर ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को खतरनाक नदियों को पार करना पड़ा। बर्फ के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ चढ़ने पड़े। खतरनाक व जोखिम भरे रास्तों से सफर तय कर मंजिल पहुंचना पड़ा। सामान ढोने की स्पेन का भी सहारा लिया। हिमाचल में दुनिया का सबसे अधिक ऊंचाई वाला पोलिंग बूथ
विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर पोलिंग बूथ हिमाचल के लाहौल-स्पीति के ताशीगंग में है। इस मतदान केंद्र में कुल 62 मतदाता हैं। यहां 37 पुरुष और 25 महिला मतदाता हैं। यह मतदान केंद्र समुद्र तल से 15,256 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इस केंद्र को सीनियर सिटीजन और दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए मॉडल पोलिंग बूथ बनाया गया है। इस पोलिंग बूथ के लिए भी गुरुवार को ही मतदान दल रवाना कर दिया गया है।