‘बचपन में सबसे ज्यादा समय साथ बिताने वाली सृष्टि अब सिर्फ याद बनकर रह गई है। हमारे घर शायद अब किसी दिवाली में रंगोली न बने…क्योंकि सृष्टि नहीं होगी।’ यह कहते हुए महिला पायलट सृष्टि तुली की बड़ी बहन राशि उदास हो जाती हैं। गोरखपुर में दैनिक भास्कर ने राशि से उनकी छोटी बहन की मौत पर बात की। वह सृष्टि के ब्वायफ्रेंड आदित्य पंडित के रोल पर कहती है कि वो सही व्यक्ति नहीं है। कोई कैसे इत्मीनान से कह सकता है कि वो मर गई…जैसे कुछ हुआ ही नहीं। उसने ही सृष्टि को मार डाला। बता दें कि मुंबई में रहने वाली महिला पायलट सृष्टि तुली का शव 25 नवंबर को उनके फ्लैट में मिला। लड़की के चाचा की शिकायत पर 26 नवंबर को ब्वाय फ्रेंड आदित्य पंडित को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। सृष्टि गोरखपुर की रहने वाली थीं। यही पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। दैनिक भास्कर टीम सृष्टि के घर पहुंची। घर के उसी हिस्से में अस्थियां रखीं, जहां सृष्टि कंस्ट्रक्शन करवा रही थी
परिवार ने घर के एक हिस्से में सृष्टि की अस्थियां रखी थी। उन्होंने बताया कि यहां सृष्टि अपने लिए कंस्ट्रक्शन करवा रही थी। यहां सृष्टि की बड़ी बहन राशि मिलीं। राशि ही तुली परिवार की पहली सदस्य थीं, जिन्हें सृष्टि के न रहने की हृदय विदारक सूचना को सबसे पहले सुननी पड़ी थी। बिना हिचकिचाहट आदित्य ने कहा– वो मर गई
राशि कहती हैं– उनके पास सृष्टि की बैचमेट उर्वी ने फोन किया। उसने बताया की सृष्टि हॉस्पिटल में है। बहन की इम्युनिटी कमजोर थी तो मुझे लगा कि बुखार हो गया होगा। इसीलिए मैंने पैकिंग शुरू कर दी कि मुम्बई जाऊंगी और बहन को ठीक कराकर लाऊंगी। लेकिन उर्वी ने आदित्य को फोन पकड़ा दिया और उसने बिना किसी हिचकिचाहट के बता दिया कि सृष्टि मर गई है। कोई इतनी आसानी से इतनी बड़ी बात कैसे कह सकता है? अच्छा नहीं लगता था आदित्य
वह कहती हैं- मैं सिर्फ 3 साल बड़ी हूं। हम हर स्कूल में साथ–साथ पढ़ते थे। क्लास अलग-अलग थीं, लेकिन हमारे रिश्ते को पूरा स्कूल जानता था। सृष्टि मेरे साथ हर बात शेयर करती थी। सभी दोस्तों के बारे में पता था। आदित्य पंडित के बारे में भी बताया था। मैं उससे दो-तीन बार मिली भी थीं। लेकिन आदित्य कुछ ठीक नहीं लगा। एक बड़ी बहन के रूप के मुझे लगा था कि आदित्य परफेक्ट नहीं है। शायद सृष्टि भी उसे समझ रही थी। मेरी बहन आत्महत्या नहीं कर सकती
उन्होंने बताया- सृष्टि काफी मजबूत लड़की थी। वह अपनी नौकरी, परिवार से खुश थी। हमारी रोज बातें होती थीं। वह परिवार के हर कार्यक्रम में शामिल होने की कोशिश करती थी। हम सभी चार भाई-बहनों में बहुत प्यार रहा। दोनों भाई कुणाल व करन उसे नन्ही कहकर बुलाते थे। छोटी बहन की तरह प्यार करते थे। सृष्टि की दोस्तों से भी बात हुई, सभी ने बताया कि उसे कोई दिक्कत नहीं थी। कजिन कह दे तो लड़ जाती थी सृष्टि
राशि कहती हैं- अगर कोई मुझे उसकी कजिन कहता था, तो वह लड़ जाती थी। कई बार टीचर से भी लड़ गयी। वह साफ कहती थी कि वो (राशि) मेरी सगी बहन है। हम में ऐसा ही प्यार है। बड़ी बहन ने पूछा तो नहीं बताया पासवर्ड
आदित्य पंडित को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। राशि कहती हैं कि जब बड़ी बहन के नाते मैंने सृष्टि के मोबाइल का पासवर्ड मांगा तो आदित्य ने नहीं बताया। गुरुवार की शाम को परिवार को सूचना मिली है कि मुंबई पुलिस के सामने उसने पासवर्ड बता दिया है। हाथ जोड़कर कहती हूं, हमें न्याय चाहिए
राशि कहती हैं कि अब उनकी बहन तो नहीं आएगी। परिवार में उसकी कमी की भरपाई नहीं हो पाएगी। मुंबई पुलिस से उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी और दोषी को सजा मिलेगी। राशि ने कहा कि वह हाथ जोड़कर न्याय मांग रही हैं। मैं और मेरे भाई मजबूत स्तम्भ की तरह परिवार के साथ खड़े हैं। हम न्याय मिलने तक रोएंगे नहीं। उड़ान सीरियल देखकर पायलट बनने का सपना देखा था
परदादा पंजाब पुलिस में और दादा भारतीय सेना में थे। इस बात से सृष्टि काफी प्रभावित थी। बचपन में उड़ान सीरियल देखकर उसने पायलट बनने का सपना देखा था। फाइटर पायलट बनने की अनुमति परिवार से नहीं मिली, लेकिन कॉमर्शियल पायलट बनने की हरी झंडी मिल गई थी। सृष्टि की प्राइमरी एजुकेशन गोरखपुर के कार्मल गर्ल्स इंटर कालेज से और 6 से 12 की पढ़ाई लिटिल फ्लावर स्कूल धर्मपुर से हुई। उसके बाद स्टूडेंट पायलट लाइसेंस के लिए ओडिशा के भुवनेश्वर चली गई। उत्तराखंड के पंतनगर से कॉमर्शियल पायलट की ट्रेनिंग ली थी। अब पढ़िए सृष्टि के परिवार के बारे में विवेक तुली बताते हैं कि मूल रूप से उनका परिवार पाकिस्तान के पंजाब का रहने वाला है। देश के बंटवारे के समय वे भारत आए तो उन्हें दिल्ली में बसाया गया। विवेक के दादा स्व हंसराज तुली पंजाब पुलिस में थे। उस समय दिल्ली की सुरक्षा पंजाब पुलिस देखती थी। सृष्टि के दादा मेजर स्व. नरेन्द्र कुमार तुली सेना में थे। 1971 की भारत-पाकिस्तान लड़ाई में शहीद हुए थे। सरकार की ओर से तुली परिवार को गैस एजेंसी आवंटित की गई थी। 1972 में सृष्टि की दादी उर्मिल तुली एजेंसी के लिए परिवार के साथ गोरखपुर शिफ्ट हो गईं। परिवार शिवपुर, रुस्तमपुर में एक साथ रहता है। उसके बाद से इस परिवार ने अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाया। यहां गोल्डन गैस एजेंसी का काफी नाम रहा। उत्तराखंड में इस परिवार की सिलेंडर बनाने की फैक्ट्री भी है। ………..
यह भी पढ़ें : परिवार बोला- पायलट सृष्टि ने सुसाइड नहीं किया,बॉयफ्रेंड ने मारा: ब्लैकमेल करता था, पैसे मांगता था; मुंबई के फ्लैट में मिला था शव मुंबई में महिला पायलट सृष्टि सुसाइड केस में परिवार ने बॉयफ्रेंड आदित्य पंडित पर मर्डर का आरोप लगाया है। गोरखपुर में पायलट के बड़े पापा विवेक तुली ने गुरुवार को बताया, ‘आदित्य, सृष्टि को ब्लैकमेल कर रहा था। वह उससे पैसे लेता था। सुबह 4.30 बजे वह बेटी के फ्लैट पर क्या करने गया। मेरी बेटी सुसाइड नहीं कर सकती। उसकी हत्या की गई है। अभी मैं और परिवार अपने आंसू रोक रहा है। दोषियों को सजा दिलाने के बाद जी भरकर रोएंगे।’ पढ़िए पूरी खबर… ‘बचपन में सबसे ज्यादा समय साथ बिताने वाली सृष्टि अब सिर्फ याद बनकर रह गई है। हमारे घर शायद अब किसी दिवाली में रंगोली न बने…क्योंकि सृष्टि नहीं होगी।’ यह कहते हुए महिला पायलट सृष्टि तुली की बड़ी बहन राशि उदास हो जाती हैं। गोरखपुर में दैनिक भास्कर ने राशि से उनकी छोटी बहन की मौत पर बात की। वह सृष्टि के ब्वायफ्रेंड आदित्य पंडित के रोल पर कहती है कि वो सही व्यक्ति नहीं है। कोई कैसे इत्मीनान से कह सकता है कि वो मर गई…जैसे कुछ हुआ ही नहीं। उसने ही सृष्टि को मार डाला। बता दें कि मुंबई में रहने वाली महिला पायलट सृष्टि तुली का शव 25 नवंबर को उनके फ्लैट में मिला। लड़की के चाचा की शिकायत पर 26 नवंबर को ब्वाय फ्रेंड आदित्य पंडित को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। सृष्टि गोरखपुर की रहने वाली थीं। यही पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। दैनिक भास्कर टीम सृष्टि के घर पहुंची। घर के उसी हिस्से में अस्थियां रखीं, जहां सृष्टि कंस्ट्रक्शन करवा रही थी
परिवार ने घर के एक हिस्से में सृष्टि की अस्थियां रखी थी। उन्होंने बताया कि यहां सृष्टि अपने लिए कंस्ट्रक्शन करवा रही थी। यहां सृष्टि की बड़ी बहन राशि मिलीं। राशि ही तुली परिवार की पहली सदस्य थीं, जिन्हें सृष्टि के न रहने की हृदय विदारक सूचना को सबसे पहले सुननी पड़ी थी। बिना हिचकिचाहट आदित्य ने कहा– वो मर गई
राशि कहती हैं– उनके पास सृष्टि की बैचमेट उर्वी ने फोन किया। उसने बताया की सृष्टि हॉस्पिटल में है। बहन की इम्युनिटी कमजोर थी तो मुझे लगा कि बुखार हो गया होगा। इसीलिए मैंने पैकिंग शुरू कर दी कि मुम्बई जाऊंगी और बहन को ठीक कराकर लाऊंगी। लेकिन उर्वी ने आदित्य को फोन पकड़ा दिया और उसने बिना किसी हिचकिचाहट के बता दिया कि सृष्टि मर गई है। कोई इतनी आसानी से इतनी बड़ी बात कैसे कह सकता है? अच्छा नहीं लगता था आदित्य
वह कहती हैं- मैं सिर्फ 3 साल बड़ी हूं। हम हर स्कूल में साथ–साथ पढ़ते थे। क्लास अलग-अलग थीं, लेकिन हमारे रिश्ते को पूरा स्कूल जानता था। सृष्टि मेरे साथ हर बात शेयर करती थी। सभी दोस्तों के बारे में पता था। आदित्य पंडित के बारे में भी बताया था। मैं उससे दो-तीन बार मिली भी थीं। लेकिन आदित्य कुछ ठीक नहीं लगा। एक बड़ी बहन के रूप के मुझे लगा था कि आदित्य परफेक्ट नहीं है। शायद सृष्टि भी उसे समझ रही थी। मेरी बहन आत्महत्या नहीं कर सकती
उन्होंने बताया- सृष्टि काफी मजबूत लड़की थी। वह अपनी नौकरी, परिवार से खुश थी। हमारी रोज बातें होती थीं। वह परिवार के हर कार्यक्रम में शामिल होने की कोशिश करती थी। हम सभी चार भाई-बहनों में बहुत प्यार रहा। दोनों भाई कुणाल व करन उसे नन्ही कहकर बुलाते थे। छोटी बहन की तरह प्यार करते थे। सृष्टि की दोस्तों से भी बात हुई, सभी ने बताया कि उसे कोई दिक्कत नहीं थी। कजिन कह दे तो लड़ जाती थी सृष्टि
राशि कहती हैं- अगर कोई मुझे उसकी कजिन कहता था, तो वह लड़ जाती थी। कई बार टीचर से भी लड़ गयी। वह साफ कहती थी कि वो (राशि) मेरी सगी बहन है। हम में ऐसा ही प्यार है। बड़ी बहन ने पूछा तो नहीं बताया पासवर्ड
आदित्य पंडित को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। राशि कहती हैं कि जब बड़ी बहन के नाते मैंने सृष्टि के मोबाइल का पासवर्ड मांगा तो आदित्य ने नहीं बताया। गुरुवार की शाम को परिवार को सूचना मिली है कि मुंबई पुलिस के सामने उसने पासवर्ड बता दिया है। हाथ जोड़कर कहती हूं, हमें न्याय चाहिए
राशि कहती हैं कि अब उनकी बहन तो नहीं आएगी। परिवार में उसकी कमी की भरपाई नहीं हो पाएगी। मुंबई पुलिस से उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी और दोषी को सजा मिलेगी। राशि ने कहा कि वह हाथ जोड़कर न्याय मांग रही हैं। मैं और मेरे भाई मजबूत स्तम्भ की तरह परिवार के साथ खड़े हैं। हम न्याय मिलने तक रोएंगे नहीं। उड़ान सीरियल देखकर पायलट बनने का सपना देखा था
परदादा पंजाब पुलिस में और दादा भारतीय सेना में थे। इस बात से सृष्टि काफी प्रभावित थी। बचपन में उड़ान सीरियल देखकर उसने पायलट बनने का सपना देखा था। फाइटर पायलट बनने की अनुमति परिवार से नहीं मिली, लेकिन कॉमर्शियल पायलट बनने की हरी झंडी मिल गई थी। सृष्टि की प्राइमरी एजुकेशन गोरखपुर के कार्मल गर्ल्स इंटर कालेज से और 6 से 12 की पढ़ाई लिटिल फ्लावर स्कूल धर्मपुर से हुई। उसके बाद स्टूडेंट पायलट लाइसेंस के लिए ओडिशा के भुवनेश्वर चली गई। उत्तराखंड के पंतनगर से कॉमर्शियल पायलट की ट्रेनिंग ली थी। अब पढ़िए सृष्टि के परिवार के बारे में विवेक तुली बताते हैं कि मूल रूप से उनका परिवार पाकिस्तान के पंजाब का रहने वाला है। देश के बंटवारे के समय वे भारत आए तो उन्हें दिल्ली में बसाया गया। विवेक के दादा स्व हंसराज तुली पंजाब पुलिस में थे। उस समय दिल्ली की सुरक्षा पंजाब पुलिस देखती थी। सृष्टि के दादा मेजर स्व. नरेन्द्र कुमार तुली सेना में थे। 1971 की भारत-पाकिस्तान लड़ाई में शहीद हुए थे। सरकार की ओर से तुली परिवार को गैस एजेंसी आवंटित की गई थी। 1972 में सृष्टि की दादी उर्मिल तुली एजेंसी के लिए परिवार के साथ गोरखपुर शिफ्ट हो गईं। परिवार शिवपुर, रुस्तमपुर में एक साथ रहता है। उसके बाद से इस परिवार ने अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाया। यहां गोल्डन गैस एजेंसी का काफी नाम रहा। उत्तराखंड में इस परिवार की सिलेंडर बनाने की फैक्ट्री भी है। ………..
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