पंजाब के पटियाला में श्मशान घाट पर अस्थियां लेने आए एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान पटियाला निवासी नवनीत सिंह के रूप में हुई है। सभी हमलावर श्मशान घाट के अंदर घात लगाकर बैठे थे। आरोपियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं और फिर वहां से फरार हो गए। हमलावरों की संख्या 2 बताई जा रही है। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि हत्या क्यों की गई और नवनीत की किसी से क्या दुश्मनी थी। हत्या के बाद पूरा परिवार गमगीन है। परिजनों के साथ श्मशान घाट आया था प्राप्त जानकारी के अनुसार, फोरेंसिक टीमें जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंचीं। फिलहाल पुलिस मामले को व्यवसाय से जुड़े विवाद के तौर पर देख रही है। नवनीत के ताया की पिछले दिन मौत हो गई थी। उनका अंतिम संस्कार किया गया था। नवनीत अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ उनकी अस्थियां लेने श्मशान घाट पहुंचा था। आरोपी पहले से ही घात लगाए बैठे थे। जिसके बाद आरोपियों ने फायरिंग कर दी। आरोपी शॉल और मंकी कैप पहनकर आए थे आरोपियों ने शॉल लिया था और मंकी कैप पहनी हुई थी। आरोपियों द्वारा चलाई गई तीन गोलियां नवनीत को लगीं। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना घनौरी गेट श्मशान घाट के पास हुई। जो नहर के किनारे वाली सड़क है। घटना के बाद आरोपी हाईवे की तरफ भाग गए। फिलहाल प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आरोपियों ने चंद मिनटों में ही वारदात को अंजाम दे दिया। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पंजाब के पटियाला में श्मशान घाट पर अस्थियां लेने आए एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान पटियाला निवासी नवनीत सिंह के रूप में हुई है। सभी हमलावर श्मशान घाट के अंदर घात लगाकर बैठे थे। आरोपियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं और फिर वहां से फरार हो गए। हमलावरों की संख्या 2 बताई जा रही है। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि हत्या क्यों की गई और नवनीत की किसी से क्या दुश्मनी थी। हत्या के बाद पूरा परिवार गमगीन है। परिजनों के साथ श्मशान घाट आया था प्राप्त जानकारी के अनुसार, फोरेंसिक टीमें जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंचीं। फिलहाल पुलिस मामले को व्यवसाय से जुड़े विवाद के तौर पर देख रही है। नवनीत के ताया की पिछले दिन मौत हो गई थी। उनका अंतिम संस्कार किया गया था। नवनीत अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ उनकी अस्थियां लेने श्मशान घाट पहुंचा था। आरोपी पहले से ही घात लगाए बैठे थे। जिसके बाद आरोपियों ने फायरिंग कर दी। आरोपी शॉल और मंकी कैप पहनकर आए थे आरोपियों ने शॉल लिया था और मंकी कैप पहनी हुई थी। आरोपियों द्वारा चलाई गई तीन गोलियां नवनीत को लगीं। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना घनौरी गेट श्मशान घाट के पास हुई। जो नहर के किनारे वाली सड़क है। घटना के बाद आरोपी हाईवे की तरफ भाग गए। फिलहाल प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आरोपियों ने चंद मिनटों में ही वारदात को अंजाम दे दिया। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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किसान नेता की 96 घंटे कस्टडी की कहानी:केबिन तोड़ घुसे पुलिसवाले, अस्पताल में अकेले रख दबाव बनाया, डॉक्टरों ने चेकअप पर झूठ बोला
किसान नेता की 96 घंटे कस्टडी की कहानी:केबिन तोड़ घुसे पुलिसवाले, अस्पताल में अकेले रख दबाव बनाया, डॉक्टरों ने चेकअप पर झूठ बोला पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को 26 नवंबर की सुबह पंजाब पुलिस ने खनौरी बॉर्डर से हिरासत में ले लिया था। वह करीब 96 घंटे पुलिस की हिरासत में लुधियाना के DMC अस्पताल में रहे। दैनिक भास्कर ने खनौरी बॉर्डर पहुंचकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से बातचीत कर जाना कि उनके ये 96 घंटे कैसे गुजरे। हिरासत में लेने से लेकर अस्पताल में उनके साथ क्या-क्या हुआ? डल्लेवाल ने दावा किया जब उन्हें पुलिस के अधिकारी हिरासत में लेने के लिए आए तो वे डरे हुए थे। उन्हें डर था कि कहीं यहां किसान न आ जाएं और उनकी झड़प न हो जाए। इसलिए उन्होंने मुझे कपड़े भी नहीं पहनने दिए और गाड़ी में बिठा लिया। अनशन तुड़वाने के लिए अस्पताल में पुलिस के अधिकारी चाय नाश्ता लेकर आते रहे, लेकिन मैंने अपना अनशन जारी रखा। वहां मेरा ब्लड प्रेशर तक चेक नहीं हुआ। मानसिक दबाव बनाने के लिए एक कमरे में रखा। किसी से मिलने नहीं दिया। सरकार को लगा था कि एक ही किसान मरणव्रत पर बैठेगा तो उसे उठा लेते हैं, लेकिन दूसरे किसान ने भी अनशन शुरू कर दिया। इससे सरकार को झुकना पड़ा। किसान नेता जगजीत डल्लेवाल से पूरी बातचीत पढ़ें… सवाल : पुलिस ने जब आपको हिरासत में लिया तो उस वक्त क्या हुआ था? डल्लेवाल : रात एक बजे तक हमारी बैठक चली थी। इसलिए मैं देरी से अपनी ट्रॉली में पहुंचा। सभी लोग थके हुए थे। जब सब लोग सो गए तब पुलिसवाले आए। उन्होंने टेंटों के बाहर कुंडी लगा दी, ताकि कोई बाहर न निकल सके। उसके बाद पुलिसवाले मेरे केबिन में आए। मेरा केबिन नॉर्मल था, ताकि हवा और सर्दी से बचा जा सके। उस केबिन को पुलिसकर्मियों ने 2 मिनट में तोड़ दिया। ज्यादा दुख मुझे इस बात का हुआ कि मुझे जूते और पजामा तक पहनने नहीं दिया। मुझे बाद में पता चला कि पुलिस किसानों से डरी हुई थी। पुलिस के मन में डर था कि यदि थोड़ा समय भी उन्हें और लग जाता तो किसान वहां आ जाते। पुलिस और किसानों की झड़प हो सकती थी। मैंने खुद सुना कि पुलिस के सीनियर अधिकारी अपने छोटे कर्मचारियों को डांट रहे थे कि जल्दी गाड़ियों में बैठो, समय न लगाओ। जितनी जल्दी यहां से निकला जा सकता है, निकलो। मैं खुद हैरान रह गया कि ट्रॉली से उठाते समय पुलिस का व्यवहार कुछ और था। गाड़ी में बैठाने के बाद उनका व्यवहार बदल गया। सवाल : खनौरी बॉर्डर से पटियाला का राजिंदरा अस्पताल करीब था, फिर लुधियाना DMC क्यों लाए?
डल्लेवाल : देखो, जब मुझे खनौरी बॉर्डर से लेकर गए तो पुलिस के पास ऑर्डर आ गए थे कि पटियाला की जगह लुधियाना के DMC अस्पताल लेकर जाना है। यहां से संगरूर गए और फिर DMC अस्पताल पहुंचे। रास्ते में सभी पुलिसकर्मी बातें करते हुए गए। मुझसे ये कमी रह गई कि मैं अपने साथियों को मैसेज नहीं दे पाया कि मुझे पुलिस हिरासत में लेकर DMC अस्पताल लेकर गई है। मेरे पास मोबाइल भी नहीं था। किसान साथियों को सुबह 6 बजे पता चला कि मैं DMC अस्पताल में हूं। अधिकारियों ने सुबह 6 बजे मेरे किसान साथी काका से बात करवाई। मैंने उनसे कह दिया था कि आप लोग चिंता न करो, मेरा अनशन जारी है। मैं अनशन नहीं तोड़ूंगा। मुझे दुख है कि पत्रकारों को मुझसे मिलने नहीं दिया, जबकि पत्रकारों को मिलने से कोई नहीं रोक सकता। कोई मेरा साथी या रिश्तेदार मुझे मिलने आया तो उसे बाहर से ही लौटा दिया। इमरजेंसी में ऐसे हालात बना दिए थे कि किसी दूसरे मरीज का रिश्तेदार भी अंदर आता तो उसे मोबाइल अंदर लाने की इजाजत नहीं थी। पुलिस घबराहट में थी। सवाल : आखिर पंजाब पुलिस को आधी रात में आपको हिरासत में लेने की जरूरत क्यों पड़ी?
डल्लेवाल : हमने जो अनशन पर बैठने की कॉल दी हुई थी, ये हमारा मजबूत एक्शन है। इसकी खास बात यह भी है कि जो अनशन पर बैठने वाले साथी के मरने के बाद दूसरा साथी तुरंत अनशन पर बैठ जाएगा। जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाती, मरने वाले किसान का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। इसी घोषणा से सरकार बुरी तरह घबराई हुई है। ये हमारी मांग केंद्र सरकार के साथ है। इससे प्रदेश सरकार का कोई लेना देना नहीं है। मेरा मानना है कि केंद्र के कहने पर पंजाब सरकार ने ये कार्रवाई की है जो अति निंदनीय है। सवाल : आपने कहा कि पंजाब सरकार भाजपा संग मिलकर काम कर रही है, ऐसा क्यों?
डल्लेवाल : पंजाब सरकार एक बार नहीं, कई बार इस बात को साबित कर चुकी है। सबसे पहले जब खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरण शहीद हुए तो 6 दिन डेडबॉडी सड़क पर रखने के बाद FIR हुई। सरकार का तो पहले से पता चल गया था कि सरकार हमें मारने वालों के साथ खड़ी हुई है, लेकिन अब इस घटना के बाद और भी क्लियर हो गया। पंजाब और हरियाणा सरकार यदि सच में किसान हितैषी है तो उन्हें केंद्र सरकार पर दबाव डालना चाहिए था कि किसानों को MSP दी जाए, नहीं तो धरती का जल स्तर लगातार गिर जाएगा। भविष्य में लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिलेगा। सरकार ने हमारे आंदोलन को डैमेज करने की कोशिश की। सवाल : DMC अस्पताल में आपके लिए कुछ खाने-पीने को दिया गया या नहीं?
डल्लेवाल : ये बहुत बार हुआ है कि जब मैं इमरजेंसी के केबिन में था तो पहले दिन ही पुलिस अधिकारी चाय लेकर आए। उन्होंने कहा कि प्रधानजी चाय ले लो। मैंने उनसे कहा कि देखो मैं अनशन पर हूं। वह दबाव डाल कर कह रहे थे कि प्रधान जी अभी अनशन शुरू नहीं हुआ। मैंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि जिस समय आपने मुझे मोर्चे से उठाया, उसी समय मेरा अनशन शुरू हो गया था। पुलिसकर्मी कुछ न कुछ खाने और पीने के लिए लाते रहे। कई बड़े अधिकारी भी चाय पिलाने के लिए चक्कर लगाते रहे, लेकिन मैंने उनसे क्लियर कह दिया था कि मैं कुछ नहीं खाऊंगा और न ही पिऊंगा। सवाल : DMC अस्पताल के डॉक्टरों का दावा था कि आपका चेकअप करते रहे?
डल्लेवाल : मेरा उन डॉक्टरों से सवाल है कि यदि आपने मेरा चेकअप ही करना था तो वहां पत्रकारों को क्यों नहीं पहुंचने दिया। ऐसी क्या दिक्कत थी कि प्रेस को मेरे पास नहीं आने दिया। मेरे साथियों को मेरे तक नहीं पहुंचने दिया। डॉक्टर सब झूठ बोल रहे हैं। मेरा निवेदन है कि जिस डॉक्टर ने मेरी सेहत के बारे में बयान जारी किया और पुलिस अधिकारियों को भी लाइव डिबेट में जोड़ा जाए। हम उस बात को भी क्लियर करेंगे। वहां मेरा बीपी चेक करने के लिए नर्सें आती थीं। वे कहती थी कि बापूजी बीपी चेक कर दें। मैं उनसे यही कहता था कि मेरा बीपी चेक करने की जरूरत नहीं है, मैं बिल्कुल ठीक हूं। अस्पताल में मेरा बीपी तक चेक नहीं हुआ। सवाल : 4 दिन अस्पताल में एक ही केबिन में रहे, उस समय कैसा महसूस किया?
डल्लेवाल : देखिए, मैं आइसोलेशन वार्ड में था। उस वार्ड में भेजने का मकसद यही होता है कि वहां अकेला आदमी रहेगा। तभी वो कहीं न कहीं अंदर से कमजोर होगा। पुलिस को शायद इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह जिस आदमी को उठाकर लाए हैं, उसकी पूरी जिंदगी इन्हीं कामों में निकल गई। ऐसे आदमी पर क्या मानसिक दबाव बना पाएंगे। 5 पुलिसवाले मेरे पास केबिन में बैठकर खुद इस बात को महसूस कर रहे थे कि गलत हो रहा है। पुलिस में भी जो काम करते हैं, सभी किसान और मजदूरों के बच्चे हैं। सभी की भावनाएं हमारे आंदोलन के साथ जुड़ी है। सभी ऑर्डर के दबाव में थे। किसी पुलिसवाले की रात को डयूटी हुआ करती थी तो किसी की दिन के समय डयूटी थी। कई-कई घंटे उनके साथ मेरी बात होती रही। जब मैं सो जाता था, तब उनकी बातें मेरे साथ समाप्त होती थी। पुलिस वाले खुद कह रहे थे कि बाबा जी ये कब तक समाप्त होगा। ये कब आपको छोड़ेगे। मैंने उनसे कहा कि ये बात आप अपने अधिकारियों से पूछें। ये आंदोलन हमारा आखिरी सांस तक चलेगा। सवाल : पंजाब सरकार को आपको हिरासत से छोड़ना पड़ा, इसकी क्या वजह मानते हैं?
डल्लेवाल : किसानों की तरफ से बड़ी कॉल दी जा चुकी थी। पूरे देश में भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल के पुतले जलाने का ऐलान कर दिया था। भगवंत मान के घर का घेराव करने की घोषणा कर दी थी। एक-एक ब्लॉक से 30-40 बसें तैयार थी। अगर मेरे एक ब्लॉक से 30 बसें भी आती तो अंदाजा लगाएं कि हमारे साथ 18 जिले हैं। हमारे साथ हर जिले में 4 से 5 ब्लॉक काम करते हैं। हमारे साथियों ने मोर्चा संभाले रखा। मेरे साथियों ने हौसले के साथ अनशन को बढ़ाया। सुखजीत जब अनशन पर बैठ गया तो सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। सवाल : पैदल दिल्ली जाते समय आंसू गैस के गोले दागे गए तो क्या करेंगे?
डल्लेवाल : अब सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से दिल्ली जा सकते हैं। वह कह रहे हैं कि अगर पैदल जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं। दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट की कमेटी भी हमें कह रही है कि आप पैदल जा सकते हैं। अगर फिर भी किसानों पर अत्याचार हुआ या आंसू गैस के गोले या गोलियां चलाई गईं तो सरकार की किसानों के प्रति नीयत क्लियर हो जाएगी। रास्ते में यदि राशन या किसी दूसरी चीज की जरूरत पड़ी तो कोई चिंता की बात नहीं है। हरियाणा के किसान और लोग हमारे साथ हैं। खाने की किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। लगातार मोर्चे पर किसानों की संख्या अब बढ़ रही है। ********************** किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- दिल्ली कूच के लिए किसानों के हरियाणा में 4 पड़ाव शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच के लिए किसानों ने पूरी तैयारी कर ली है। रविवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान नेताओं ने कहा है कि 6 दिसंबर को किसान पैदल ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे। किसानों का नेतृत्व कर रहे नेता मरजीवड़ों (मरने को तैयार) के जत्थों के तौर पर पहली पंक्ति में चलेंगे। उनके पीछे अन्य किसान आएंगे। पढ़ें पूरी खबर
अबोहर में युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या की:व्हाट्सएप स्टेटस लिखा- मेरी लाडो गुड बाय; 3 महीने पहले हुई थी लव मैरिज
अबोहर में युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या की:व्हाट्सएप स्टेटस लिखा- मेरी लाडो गुड बाय; 3 महीने पहले हुई थी लव मैरिज अबोहर की नानक नगरी गली नंबर 4 में युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली l मरने से पहले युवक ने अपनी पत्नी के साथ खिंचवाई तस्वीर व्हाट्सएप स्टेट्स पर लगाई और लिखा कि सॉरी मेरी जान मेरी लाडो गुड बाय l मैं प्यार नहीं कर सका मुझे माफ करना l जानकारी के मुताबिक, 3 महीने पहले ही युवक की लव मैरिज हुई थी l वो नानक नगरी में किराए के मकान में पहले फ्लोर पर रह रहा था l मकान के नीचे वाले किरायेदार रवि कुमार ने बताया कि वह अपना मोबाइल चला रहे थे कि उन्हें ऊपर रहते किरायेदार मोहित के स्टेटस पर नजर पड़ी l जहां लिखा हुआ था कि गुड बाय l जिसके बाद उसने अपने भाई आशु को बुलाया और दोनों मकान मालिक के पास गए l उन्होंने युवक को फोन किया। लेकिन उसने फोन नही उठाया l मकान मालिक सहित वह ऊपर आए तो देखा कि उसका शव पंखे से लटक रहा था l उन्होंने बताया कि करीब 3 महीने पहले ही युवक की लव मैरिज हुई थी और उसकी पत्नी भी उसके साथ रह रही थी l लेकिन दो तीन दिन पहले ही युवक की सास उसकी पत्नी को मायके लेकर गई थी l हालांकि और क्या बात हुई है उन्हें नहीं पता l पुलिस अधिकारी पप्पू राम ने बताया कि उन्होंने मौके पर पहुंचकर मृतक के शव को पंखे से उतार पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में भेज दिया है l एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है l जिसमें दो लोगों के नाम लिखे हैं। पुलिस हर पहलू पर मामले की जांच कर रही है l
आतंकी पन्नू की अमेरिकी हिंदुओं को धमकी:हिंदू संगठन COHNA के कार्यक्रम का किया विरोध; PM मोदी को बताया अमेरिका का दुश्मन
आतंकी पन्नू की अमेरिकी हिंदुओं को धमकी:हिंदू संगठन COHNA के कार्यक्रम का किया विरोध; PM मोदी को बताया अमेरिका का दुश्मन खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अमेरिकन हिंदुओं सहित अमेरिका में हिंदू संगठनों के खिलाफ धमकी जारी की है। कोएलिशन ऑफ हिंदू नॉर्थ अमेरिका (COHNA) की तरफ से 22 सितंबर को न्यूयॉर्क के नासाउ कोलिज़ीयम में पीएम मोदी के कार्यक्रम को ना करने की सलाह दी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक करियर को खत्म करने की भी चुनौती का वीडियो जारी किया है। खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने दो मिनट के वीडियो में कहा- अमेरिकन हिंदुओं ने अमेरिका के हक में आने की शपथ ले रखी है। लेकिन अब इसे भूल कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन कर रहे है (पन्नू ने प्रधानमंत्री मोदी को इस दौरान अमेरिका का दुश्मन बताया)। लेकिन खालिस्तान समर्थक 22 सितंबर को होने वाले कार्यक्रम को देख रहे हैं। वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चैलेंज करने के लिए तैयार हैं। इसका कैंपेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति का कत्ल करना है। इंडियन-अमेरिकन हिंदू सभी अमेरिका विरोधियों को फंडिंग कर रहे हैं और उनका समर्थन कर रहे हैं। ये अमेरिका के संविधान के खिलाफ है। भारतीय-अमेरिकी हिंदुओं को अमेरिका या भारत में से एक को चुनना होगा। खालिस्तान समर्थन में फिर बोला आतंकी पन्नू पन्नू ने कहा कि भारतीय सरकार और खालिस्तान समर्थकों के बीच चल रहा विवाद इसका कारण है। खालिस्तान समर्थक अमेरिकन लॉ और यूएन की सहायता से खालिस्तान को लेने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए अमेरिकन हिंदुओं को चेतावनी है कि वे इस लड़ाई से दूर रहें। रेफरेंडम 2020 के नाम से चला रहा था खालिस्तानी आंदोलन गुरपतवंत पन्नू अमेरिका में बैठकर पिछले लंबे समय से ‘पंजाब रेफरेंडम 2020’ नाम से खालिस्तानी आंदोलन चला रहा था। यहां वह सिखों को उकसाने की कोशिश कर रहा था। सिखों को खालिस्तान मुहिम से जोड़ने के लिए पन्नू सोशल मीडिया का सहारा लेता था। पन्नू के लिए खालिस्तानी नारे लिखने के लिए वह फंडिंग भी करता था। पंजाब में ऐसे कई लोग पकड़े गए, जिन्होंने पन्नू के कहने पर सरकारी और सार्वजनिक जगहों पर खालिस्तानी नारे लिखकर माहौल भड़काने का काम किया था। 2020 में आतंकी घोषित हुआ पन्नू भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में पन्नू के संगठन SFJ को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत प्रतिबंधित कर दिया था। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि SFJ सिखों के लिए जनमत संग्रह की आड़ में पंजाब में अलगाववाद और चरमपंथी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। पन्नू पर 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए उकसाने का आरोप लगा था। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया था। 2020 में सरकार ने एसएफजे से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनल पर प्रतिबंध लगा दिया था।