हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी के साथ लगते गांव फकलोह गांव में आज सुबह एक तेंदुआ मृत अवस्था में मिला। वन विभाग ने तेंदुए का शव कब्जे में कर पोस्टमॉर्टम करवा दिया है। पोस्टमॉर्टम में पता चला है कि तेंदुए के शरीर पर सींग जैसी नुकीली चीज के निशान हैं। तेंदुए की पसलियां भी टूटी हुई है। इससे माना जा रहा है कि तेंदुए की रात में किसी जानवर के साथ झड़प हुई हो। वन विभाग की आरओ इशानी ने बताया कि जिस जगह आज तेंदुए का शव मिला है। वहां कल दिन में कुछ महिलाएं काम कर रही थी। आज सुबह फकलोह में मृत तेंदुए की सूचना मिली। दांत और नाखून सुरक्षित इशानी ने बताया कि तेंदुए के दांत और नाखून सभी सुरक्षित है। इससे शिकार की संभावना नहीं लग रही। बाकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के असल कारणों का पता चल पाएगा। सात से आठ महीने का मृतक तेंदुआ इशानी ने बताया कि तेंदुए की उम्र सात से आठ महीने की लग रही है। मृतक नर तेंदुआ है। कल वन विभाग, पुलिस और वेटनरी की एक कमेटी गठित करके उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी के साथ लगते गांव फकलोह गांव में आज सुबह एक तेंदुआ मृत अवस्था में मिला। वन विभाग ने तेंदुए का शव कब्जे में कर पोस्टमॉर्टम करवा दिया है। पोस्टमॉर्टम में पता चला है कि तेंदुए के शरीर पर सींग जैसी नुकीली चीज के निशान हैं। तेंदुए की पसलियां भी टूटी हुई है। इससे माना जा रहा है कि तेंदुए की रात में किसी जानवर के साथ झड़प हुई हो। वन विभाग की आरओ इशानी ने बताया कि जिस जगह आज तेंदुए का शव मिला है। वहां कल दिन में कुछ महिलाएं काम कर रही थी। आज सुबह फकलोह में मृत तेंदुए की सूचना मिली। दांत और नाखून सुरक्षित इशानी ने बताया कि तेंदुए के दांत और नाखून सभी सुरक्षित है। इससे शिकार की संभावना नहीं लग रही। बाकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के असल कारणों का पता चल पाएगा। सात से आठ महीने का मृतक तेंदुआ इशानी ने बताया कि तेंदुए की उम्र सात से आठ महीने की लग रही है। मृतक नर तेंदुआ है। कल वन विभाग, पुलिस और वेटनरी की एक कमेटी गठित करके उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हमीरपुर में CM के नारे का फिर फूला दम:3 में से 2 उपचुनाव हारे; कमजोर नेताओं के भरोसे मुख्यमंत्री, संगठन का ढांचा कमजोर
हमीरपुर में CM के नारे का फिर फूला दम:3 में से 2 उपचुनाव हारे; कमजोर नेताओं के भरोसे मुख्यमंत्री, संगठन का ढांचा कमजोर सूबे की राजनीति में राज्यसभा चुनाव के बाद सियासी घमासान के बाद सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार फिर से 40 पहुंच गई है। मगर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की अपने गृह जिला हमीरपुर में ही पार्टी की ‘चूलें’ पूरी तरह हिल चुकी हैं। सीएम के नारे का यहां बार बार दम क्यों फूल रहा है। पहले हमीरपुर लोकसभा और बड़सर विधानसभा उप चुनाव में हार हुई। अब हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव में भी मुख्यमंत्री का नारा काम नहीं आया। पार्टी की जिला में तीन सीटों में से दो पर हार हुई। क्या मुख्यमंत्री और उनके सिपा सलाहकार इस पर मंथन करने की जहमत उठाएंगे? इस यक्ष प्रश्न पर कांग्रेस के भीतर चर्चा शुरू हो गई है। राजनीति के जानकारों की माने तो जिन लोगों के सहारे मुख्यमंत्री सुक्खू हमीरपुर जिला में पार्टी को मजबूत करने का दम भर रहे थे। उनकी मौजूदगी से पार्टी को फायदा नहीं मिल रहा। क्योंकि इनमें कई तो पिटे हुए चेहरे हैं और जिन पर सीएम भरोसा कर भी रहे हैं, उनका जनता के बीच प्रभाव नजर नहीं आ रहा है, छवि असरदार नहीं है। बता दें कि सीएम सुक्खू ने अपने जिला से संबंध रखने वाले कुछ नेताओं को सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती दे रखी है। पार्टी नेताओं को ऐसे नेताओं की तैनाती खटकने लगी है। हमीरपुर में कमजोर रहा कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा हमीरपुर जिला की राजनीति में संगठनात्मक ढांचा कांग्रेस का हमेशा ही बेहद कमजोर रहा है। उस पर कभी भी कांग्रेस के नेताओं ने ध्यान नहीं दिया। बदली हुई परिस्थितियों में भी इसे मजबूत करने की जहमत किसी ने नहीं उठाई। भाजपा के भीतरघात के भरोसे रही कांग्रेस राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा के भीतरघात के सहारे कब तक नैया पार होगी। इसका आभास तो सत्ता में बैठे लोगों को हो ही गया होगा। अभी भी यदि यूं ही ‘अकड़’ में रहेंगे? तो फिर यही समझा जाएगा कि हमीरपुर को कांग्रेस मजबूत करने की दिशा में दिलचस्पी ही नहीं है। कांग्रेस को हमीरपुर में संगठन को मजबूत करने की जरूरत है। कांग्रेस के नेता यदि इसे समझ लेंगे, तो फिर यहां का मायूस वर्कर शायद अपने चेहरे की झुर्रियों को मिटाने में कुछ कामयाब हो सके। कांग्रेस के कई नेताओं की करनी और भरनी इस उपचुनाव में संदेह के दायरे में रही है। इसीलिए उन पर भी गाज गिरनी यकीनी मानी जा रही है। मगर क्या इसकी हिम्मत जुटा पाएंगे, खुद मुख्यमंत्री? इसका इंतजार रहेगा। हमीरपुर के नाराज MLA के कारण ही सरकार पर आया था संकट राज्यसभा चुनाव के दौरान प्रदेश सरकार पर संकट भी हमरीपुर जिला और इसी संसदीय क्षेत्र के नाराज विधायकों के कारण आया था। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के 6 विधायकों ने कांग्रेस प्रत्याशी के बजाय बीजेपी के हर्ष महाजन को वोट किया था। बागी विधायक भी उठाते रहे सवाल कांग्रेस के जिन बागी विधायकों ने बगावत की थी, उन्होंने भी अनेकों बार यही बात कही कि चुने हुए विधायकों को नहीं पूछा जा रहा, बल्कि सीएम सुक्खू के मित्रों को ही इस सरकार में तवज्जो मिल रही है।
पांवटा साहिब में हादसे में युवती की मौत:पैदल ही जा रही थी काम से, तेज रफ्तार गाड़ी ने मारी टक्कर
पांवटा साहिब में हादसे में युवती की मौत:पैदल ही जा रही थी काम से, तेज रफ्तार गाड़ी ने मारी टक्कर हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के पांवटा साहिब पुलिस उप मंडल के तहत पुरूवाला थाना क्षेत्र के आज भोज के व्यासली गांव की एक युवती की सड़क हादसे में मौत हो गई। मृतक युवती की पहचान 26 वर्षीय कुमारी पूजा देवी पुत्री राजेंद्र निवासी गांव व्यासली तहसील पांवटा साहिब जिला सिरमौर के रुप में हुई है। पुलिस के अनुसार यह हादसा उस वक्त हुआ जब पूजा देवी पैदल पांवटा साहिब- डाकपत्थर रोड़ पर मेहरुवाला के समीप सड़क पर जा रही थी। इस दौरान सिंघपुरा की तरफ से तेज रफ्तारी से आई गाड़ी ने उसे टक्कर मार कर दी। इस हादसे के दौरान गाडी भी सड़क से नीचे रैंप पर ही गिर गई। इस हादसे में लड़की को गंभीर चोटें आई। युवती को ग्रामीणों की सहायता से प्राइवेट गाड़ी में सिविल अस्पताल पांवटा साहिब लाया गया, लेकिन युवती की मृत्यु हो गई। पुरुवाला थाना प्रभारी राजेश पाल ने बताया कि सालवाला गांव के चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
बिलासपुर के नए SP बने संदीप धवल:हिमाचल सरकार ने जारी किए आदेश, हिमऊर्जा में OSD नरेश शर्मा को एक साल का एक्सटेंशन
बिलासपुर के नए SP बने संदीप धवल:हिमाचल सरकार ने जारी किए आदेश, हिमऊर्जा में OSD नरेश शर्मा को एक साल का एक्सटेंशन हिमाचल सरकार ने सोमवार को बिलासपुर जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को बदल दिया। सरकार ने 2016 बैच के आईपीएस अधिकारी संदीप कुमार धवल को बिलासपुर का नया एसपी नियुक्त किया है। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं, बिलासपुर एसपी विवेक की नियुक्ति को लेकर अभी सरकार के आदेशों का इंतजार है। राज्य सरकार ने हिमऊर्जा में तैनात विशेष कार्याधिकारी नरेश शर्मा को एक साल का सेवा विस्तार दिया है। नरेश शर्मा अब 31 मार्च 2025 को सेवानिवृत्त होंगे और तब तक ओएसडी के पद पर सेवाएं देंगे।