BPSC 69th Result: यूपी में लेखापाल की नौकरी करते हुए BPSC में पाई सफलता, आरा के इफ्तेखार बने रेवेन्यू ऑफिसर

BPSC 69th Result: यूपी में लेखापाल की नौकरी करते हुए BPSC में पाई सफलता, आरा के इफ्तेखार बने रेवेन्यू ऑफिसर

<p><strong>Syed Iftekhar Haider Got 74th Rank In BPSC :</strong> “कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों”, किसी शायर की ये पंक्ति आरा के रहने वाले इफ्तेखार हैदर पर फिट बैठती है. अपनी लगन और कोशिशों की बदौलत मिल्की मोहल्ला (बाब-ए-हैदर) के सैयद इफ्तेखार हैदर ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 69वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता हासिल की है.&nbsp;</p>
<p><strong>आरा के इफ्तेखार बने राजस्व पदाधिकारी</strong></p>
<p>सैयद इफ्तेखार हैदर आरा के रहने वाले सैयद जुल्फिकार हैदर के पुत्र हैं. हालांकि अपने बेटे इफ्तेखार की इस सफलता को दखने के लिए अब वो इस दुनिया में नहीं हैं. दो साल पहले ही उनकी मृत्यु हुई है. वो आरा में ही आटा मिल के मालिक थे. इफ्तेखार हैदर की मां एक गृहिणी हैं. बेटे की इस सफलता पर उन्होंने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया है. मां ने बताया कि उनका बेटा इफ्तेखार बच्चपन से ही पढ़ने लिखने में अच्छा रहा है. अपनी मेहनत की बदौलत ही आज उसने ये मुकाम हासिल किया है. उन्होंने कहा कि उनको पूरी उम्मीद थी कि उनका पुत्र एक दिन कोई बड़ी नौकरी करेगा. इफ्तेखार की एक बहन हैं, जो दिल्ली में रह कर पढ़ाई कर रही हैं.&nbsp;</p>
<p>इफ्तेखार हैदर ने इस परीक्षा में 74वां रैंक हासिल किया है. इस रैंक की बदौलत उन्हें राजस्व पदाधिकारी (आरओ) का पद मिला है. तीसरी बार के प्रयास करने के बाद सैयद इफ्तेखार हैदर को इस परीक्षा में सफलता मिली है. एबीपी न्यूज से बातचीत में उन्होंने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा आरा सेंट्रल स्कूल से हुई. उसके बाद वर्ष 2011 में उन्होंने पटना के द अर्थ पब्लिक स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की. उसके बाद ओरिएंटल कॉलेज पटना से इंटरमीडिएट की पढ़ाई. उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की.</p>
<p>पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने वर्ष 2016 से मार्च 2024 तक उत्तर प्रदेश में लेखपाल के पद पर नौकरी की. मन में अफसर बनने की चाहत थी, इसलिए नौकरी करते हुए सेल्फ स्टडी की बदौलत उन्होंने बीपीएससी परीक्षा में भी सफलता हासिल की. आगे उनका लक्षय यूपीएससी निकालने का है, जिसकी तैयारी में वो लगे हुए हैं. इफ्तेखार हैदर ने अपनी इस सफतला का श्रेय अपने मां-बाप और शिक्षकों को दिया है, जिनके मोटिवेशन के कारण वो आगे बढ़ते रहे और बड़ी कामयाबी हासिल की. उनकी सफलता पर सगे संबंधियों और पड़ोसियों ने खुशी का इजहार किया है.&nbsp;&nbsp;</p>
<p><strong> 69वीं बीपीएससी परीक्षा में 470 अभ्यर्थी सफल</strong></p>
<p>बता दें कि बीते मंगलवार को बिहार लोक सेवा आयोग ने 69वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी किया था. परीक्षा में कुल 470 अभ्यर्थी पास हुए थे. राजस्व शिक्षा सेवा में 361 अभ्यर्थी पास हुए हैं, जबकि सीडीपीओ में 10 अभ्यर्थी पास हुए हैं. वित्तीय प्रशासनिक अधिकारी व समकक्ष में 98 अभ्यर्थी सफल हुए हैं, जबकि पुलिस उपाधीक्षक अभियान व पुलिस उपाधीक्षक तकनीकी में 1 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. जारी रिजल्ट के अनुसार उज्ज्वल कुमार ने इस परीक्षा में टॉप किया है.&nbsp;</p>
<p><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-manish-kumar-of-siwan-became-civil-judge-by-securing-17th-rank-in-bpsc-exam-result-ann-2833133″>BPSC Exam Result: सिवान में क्लर्क का बेटा बना जज, पहले ही प्रयास में BPSC परीक्षा में लाया 17 वीं रैंक</a></strong></p> <p><strong>Syed Iftekhar Haider Got 74th Rank In BPSC :</strong> “कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों”, किसी शायर की ये पंक्ति आरा के रहने वाले इफ्तेखार हैदर पर फिट बैठती है. अपनी लगन और कोशिशों की बदौलत मिल्की मोहल्ला (बाब-ए-हैदर) के सैयद इफ्तेखार हैदर ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 69वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता हासिल की है.&nbsp;</p>
<p><strong>आरा के इफ्तेखार बने राजस्व पदाधिकारी</strong></p>
<p>सैयद इफ्तेखार हैदर आरा के रहने वाले सैयद जुल्फिकार हैदर के पुत्र हैं. हालांकि अपने बेटे इफ्तेखार की इस सफलता को दखने के लिए अब वो इस दुनिया में नहीं हैं. दो साल पहले ही उनकी मृत्यु हुई है. वो आरा में ही आटा मिल के मालिक थे. इफ्तेखार हैदर की मां एक गृहिणी हैं. बेटे की इस सफलता पर उन्होंने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया है. मां ने बताया कि उनका बेटा इफ्तेखार बच्चपन से ही पढ़ने लिखने में अच्छा रहा है. अपनी मेहनत की बदौलत ही आज उसने ये मुकाम हासिल किया है. उन्होंने कहा कि उनको पूरी उम्मीद थी कि उनका पुत्र एक दिन कोई बड़ी नौकरी करेगा. इफ्तेखार की एक बहन हैं, जो दिल्ली में रह कर पढ़ाई कर रही हैं.&nbsp;</p>
<p>इफ्तेखार हैदर ने इस परीक्षा में 74वां रैंक हासिल किया है. इस रैंक की बदौलत उन्हें राजस्व पदाधिकारी (आरओ) का पद मिला है. तीसरी बार के प्रयास करने के बाद सैयद इफ्तेखार हैदर को इस परीक्षा में सफलता मिली है. एबीपी न्यूज से बातचीत में उन्होंने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा आरा सेंट्रल स्कूल से हुई. उसके बाद वर्ष 2011 में उन्होंने पटना के द अर्थ पब्लिक स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की. उसके बाद ओरिएंटल कॉलेज पटना से इंटरमीडिएट की पढ़ाई. उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की.</p>
<p>पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने वर्ष 2016 से मार्च 2024 तक उत्तर प्रदेश में लेखपाल के पद पर नौकरी की. मन में अफसर बनने की चाहत थी, इसलिए नौकरी करते हुए सेल्फ स्टडी की बदौलत उन्होंने बीपीएससी परीक्षा में भी सफलता हासिल की. आगे उनका लक्षय यूपीएससी निकालने का है, जिसकी तैयारी में वो लगे हुए हैं. इफ्तेखार हैदर ने अपनी इस सफतला का श्रेय अपने मां-बाप और शिक्षकों को दिया है, जिनके मोटिवेशन के कारण वो आगे बढ़ते रहे और बड़ी कामयाबी हासिल की. उनकी सफलता पर सगे संबंधियों और पड़ोसियों ने खुशी का इजहार किया है.&nbsp;&nbsp;</p>
<p><strong> 69वीं बीपीएससी परीक्षा में 470 अभ्यर्थी सफल</strong></p>
<p>बता दें कि बीते मंगलवार को बिहार लोक सेवा आयोग ने 69वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी किया था. परीक्षा में कुल 470 अभ्यर्थी पास हुए थे. राजस्व शिक्षा सेवा में 361 अभ्यर्थी पास हुए हैं, जबकि सीडीपीओ में 10 अभ्यर्थी पास हुए हैं. वित्तीय प्रशासनिक अधिकारी व समकक्ष में 98 अभ्यर्थी सफल हुए हैं, जबकि पुलिस उपाधीक्षक अभियान व पुलिस उपाधीक्षक तकनीकी में 1 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. जारी रिजल्ट के अनुसार उज्ज्वल कुमार ने इस परीक्षा में टॉप किया है.&nbsp;</p>
<p><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-manish-kumar-of-siwan-became-civil-judge-by-securing-17th-rank-in-bpsc-exam-result-ann-2833133″>BPSC Exam Result: सिवान में क्लर्क का बेटा बना जज, पहले ही प्रयास में BPSC परीक्षा में लाया 17 वीं रैंक</a></strong></p>  बिहार निर्मला सप्रे के मामले के बीच BJP के मंच पर एक और कांग्रेस विधायक, सफाई में दी ये दलील