हिमाचल की राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज पर बने पानी के टैंक पर बड़ा मंच बनाने के लिए क्रेन, ट्रक और भारी सामान लाने पर बवाल मच गया है। नगर निगम शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर रहे टिकेन्द्र पंवर ने इसे लेकर सवाल खड़े किए है। हैरानी इस बात की है कि रिज का केयर टेकर नगर निगम शिमला कार्यक्रम से बेखबर है। नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान ने आनन-फानन में रिज पहुंच कर काम को रुकवा दिया। बता दें कि रिज पर हिमाचल हाईकोर्ट ने इस तरह के कार्यक्रम करने पर रोक लगा रखी है। फिर भी यहां एक सरकारी कार्यक्रम के लिए मंच बनाया जा रहा है। मंच तो पहले भी बनते रहे है। मगर भारी भरकम ट्रक और क्रेन मशीन रिज पर पहले नहीं देखी गई। इसे लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे है। हाईकोर्ट ने रिज के नीचे बने पानी के टैंक की सुरक्षा के दृष्टिगत इसके ऊपर गाड़ियां लाने और कार्यक्रम पर रोक लगा रखी है। मगर कोर्ट के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। इससे टैंक को खतरा हो सकता है। क्या बोले नगर निगम पूर्व डिप्टी मेयर ? पूर्व डिप्टी मेयर टिकेन्द्र पंवर ने कहा, हाईकोर्ट द्वारा रिज पर किसी भी तरह की गतिविधि को अनुमति न देने के सख्त आदेशों के बावजूद सरकारी एजेंसियां इसका उलंघन कर रही है। उन्होंने कहा, सरकारी एजेंसियां इस तरह के आदेशों की परवाह नहीं करती। उन्होंने कहा, रिज को नष्ट किया जा रहा है। कार्यक्रम की नहीं थी जानकारी: मेयर नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा, उन्हें इस कार्यक्रम के विषय मे जानकारी नही है। वह अभी दफ्तर के लिए जा रहे थे। तब उन्होंने देखा कि यहां काम चला हुआ था। उन्होंने काम को रोकने को कहा है और इसको लेकर ADC और SDM से बात की है। उन्हें यहां बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि रिज पर कार्यक्रम की परमिशन का सरकार का होम डिपार्टमेंट देता है। उन्होंने कहा कि नगर निगम को जानकारी होनी चाहिए। क्या है कार्यक्रम ? बताया जा रहा है कि रिज पर एक दिसंबर को एड्स कंट्रोल सोसाइटी का कोई कार्यक्रम है। उसको लेकर तैयारियां चली हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खु इस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं। इसके लिए स्टेज तैयार किया जा रहा है। मौके पर भारी भरकम मशीनरी के अलावा स्टे़ज का सामान उतारा जा रहा है। हिमाचल की राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज पर बने पानी के टैंक पर बड़ा मंच बनाने के लिए क्रेन, ट्रक और भारी सामान लाने पर बवाल मच गया है। नगर निगम शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर रहे टिकेन्द्र पंवर ने इसे लेकर सवाल खड़े किए है। हैरानी इस बात की है कि रिज का केयर टेकर नगर निगम शिमला कार्यक्रम से बेखबर है। नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान ने आनन-फानन में रिज पहुंच कर काम को रुकवा दिया। बता दें कि रिज पर हिमाचल हाईकोर्ट ने इस तरह के कार्यक्रम करने पर रोक लगा रखी है। फिर भी यहां एक सरकारी कार्यक्रम के लिए मंच बनाया जा रहा है। मंच तो पहले भी बनते रहे है। मगर भारी भरकम ट्रक और क्रेन मशीन रिज पर पहले नहीं देखी गई। इसे लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे है। हाईकोर्ट ने रिज के नीचे बने पानी के टैंक की सुरक्षा के दृष्टिगत इसके ऊपर गाड़ियां लाने और कार्यक्रम पर रोक लगा रखी है। मगर कोर्ट के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। इससे टैंक को खतरा हो सकता है। क्या बोले नगर निगम पूर्व डिप्टी मेयर ? पूर्व डिप्टी मेयर टिकेन्द्र पंवर ने कहा, हाईकोर्ट द्वारा रिज पर किसी भी तरह की गतिविधि को अनुमति न देने के सख्त आदेशों के बावजूद सरकारी एजेंसियां इसका उलंघन कर रही है। उन्होंने कहा, सरकारी एजेंसियां इस तरह के आदेशों की परवाह नहीं करती। उन्होंने कहा, रिज को नष्ट किया जा रहा है। कार्यक्रम की नहीं थी जानकारी: मेयर नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा, उन्हें इस कार्यक्रम के विषय मे जानकारी नही है। वह अभी दफ्तर के लिए जा रहे थे। तब उन्होंने देखा कि यहां काम चला हुआ था। उन्होंने काम को रोकने को कहा है और इसको लेकर ADC और SDM से बात की है। उन्हें यहां बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि रिज पर कार्यक्रम की परमिशन का सरकार का होम डिपार्टमेंट देता है। उन्होंने कहा कि नगर निगम को जानकारी होनी चाहिए। क्या है कार्यक्रम ? बताया जा रहा है कि रिज पर एक दिसंबर को एड्स कंट्रोल सोसाइटी का कोई कार्यक्रम है। उसको लेकर तैयारियां चली हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खु इस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं। इसके लिए स्टेज तैयार किया जा रहा है। मौके पर भारी भरकम मशीनरी के अलावा स्टे़ज का सामान उतारा जा रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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विदेशों तक मशहूर है पांवटा साहिब का गुड़:कनाडा में सबसे अधिक सप्लाई; 11 से ज्यादा चरखियों में हो रहा तैयार हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब के गुड़ की मिठास प्रदेश, देश लेकर विदेशों तक है। पांवटा साहिब का गुड़ कनाडा में भी काफी मशहूर है। यहां के किसान अधिकतर गन्ने की खेती करते हैं। यहां 40 प्रतिशत गन्ना सोसाइटी के माध्यम से उत्तराखंड के डोईवाला स्थित शुगर मिल पहुंचता है। लेकिन यहां की चरखियों में स्थानीय गन्ने का 60 प्रतिशत बेचा जाता है। पांवटा साहिब में 11 से ज्यादा चरखी हैं। जहां पर गुड़ बनता है। चरखी वाले अच्छी क्वालिटी और स्वाद से भरपूर गुड़ तैयार करते हैं। कुछ लोग ड्राई फ्रूट्स लेकर चरखी में जाते हैं और ड्राई फ्रूट्स से अलग से भी स्वादिष्ट गुड़ तैयार करवाते हैं। यहां का गुड़ 45 रुपए प्रति किलो बेचा जाता है। कनाडा तक गुड़ व शक्कर की सप्लाई पांवटा साहिब के शिवपुर , भुगरनी और अमरकोट में बनने वाले गुड की मांग हिमाचल ही नहीं विदेशों में भी है। यहां से कनाडा तक गुड़ व शक्कर की सप्लाई हो रही है। यहां के गुड़ की कनाडा में ज्यादा मांग है। क्योंकि यहां के ज्यादातर लोग जहां पर रहते हैं। अपने परिवार के माध्यम से गुड़ मंगाते हैं। गुड़ की शुद्धता से मांग ज्यादा शिवपुर पंचायत के पूर्व प्रधान मनजीत सिंह ने बताया कि आजकल बाजारों में नकली गुड़ की भरमार है। साफ और चिकना दिखाने के लिए गुड़ में खतरनाक कैमिकल्स मिलाए जाते हैं। यहां पर कोई भी केमिकल नहीं मिलाया जाता है। इसलिए पांवटा साहिब के गुड़ की शुद्धता बढ़ती है और इसलिए इसकी मांग भी ज्यादा है।
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