खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के प्रयासों को लेकर राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने जवाब देते हुए बताया कि पिछले 5 वर्षों में 38 हजार से अधिक भारतीयों को वतन वापस लाने का दावा किया है, जिनमें अधिकतर महिलाएं हैं। गौरतलब है कि राज्यसभा सदस्य संत सीचेवाल खाड़ी देशों में पंजाब की बेटियों और बहनों के साथ हो रहे शोषण को लेकर काफी गंभीर हैं और समय-समय पर वह इस गंभीर मुद्दे को लेकर सदन में लगातार आवाज उठाते रहे हैं। उनके प्रयासों से पिछले दो वर्षों में पंजाब की 100 से अधिक बेटियों और बहनों को वापस लाया गया है। जिन्हें ट्रैवल एजेंट मोटी तनख्वाह का लालच देकर वहां फंसा दिया। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने हंगामेदार शीतकालीन सत्र के दौरान सवाल पूछा कि अरब देशों में कितनी भारतीय महिलाएं फंसी हुई हैं और पिछले 5 वर्षों में कितने भारतीयों को वापस लाया गया है। गुरुवार को ये जानकारी सामने आई। 9 देशों में भारतीय नागरिक फंसे
केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय ने अरब देशों से हो रही मानव तस्करी का जिक्र करते हुए कहा कि 9 देशों में भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। संत सेचेवाल द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मंत्रालय ने कहा कि पांच साल के दौरान 9 अरब देशों से 38 हजार 917 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया गया है। वहां जिन लोगों का शोषण किया जाता था, उनसे अधिक काम लिया जाता था, उन्हें गुलाम बनाकर रखा जाता था, काम के बदले भुगतान नहीं किया जाता था और कई अन्य गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि वह लगातार प्रयास कर रहे हैं कि पंजाब की बेटियां और बहनें इन अरब देशों में न जाएं। वहां जाने के बाद इन महिलाओं को कथित तौर पर एक तरह से बेच दिया जाता है। जिनसे बाद में वापसी के लिए लाखों रुपए की मांग की जाती है। इस प्रश्न के उत्तर में बताया गया है की मस्कट (ओमान) में सबसे अधिक 17,454 भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया है। दूसरे स्थान पर सऊदी अरब आता है जहां से 10,023 भारतीय नागरिकों को देश में लाया गया। इसी तरह, कुवैत से 7,330, दुबई से 3,568, कतर से 239, इराक से 180, लीबिया से 83 और बहरीन से 35 लोगों को सफलतापूर्वक वापस लाया गया है। इन देशों में सीरिया ही एकमात्र देश है। जहां सबसे कम का मतलब है कि सिर्फ 5 भारतीयों को वापस लाया गया है। खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के प्रयासों को लेकर राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने जवाब देते हुए बताया कि पिछले 5 वर्षों में 38 हजार से अधिक भारतीयों को वतन वापस लाने का दावा किया है, जिनमें अधिकतर महिलाएं हैं। गौरतलब है कि राज्यसभा सदस्य संत सीचेवाल खाड़ी देशों में पंजाब की बेटियों और बहनों के साथ हो रहे शोषण को लेकर काफी गंभीर हैं और समय-समय पर वह इस गंभीर मुद्दे को लेकर सदन में लगातार आवाज उठाते रहे हैं। उनके प्रयासों से पिछले दो वर्षों में पंजाब की 100 से अधिक बेटियों और बहनों को वापस लाया गया है। जिन्हें ट्रैवल एजेंट मोटी तनख्वाह का लालच देकर वहां फंसा दिया। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने हंगामेदार शीतकालीन सत्र के दौरान सवाल पूछा कि अरब देशों में कितनी भारतीय महिलाएं फंसी हुई हैं और पिछले 5 वर्षों में कितने भारतीयों को वापस लाया गया है। गुरुवार को ये जानकारी सामने आई। 9 देशों में भारतीय नागरिक फंसे
केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय ने अरब देशों से हो रही मानव तस्करी का जिक्र करते हुए कहा कि 9 देशों में भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। संत सेचेवाल द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मंत्रालय ने कहा कि पांच साल के दौरान 9 अरब देशों से 38 हजार 917 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया गया है। वहां जिन लोगों का शोषण किया जाता था, उनसे अधिक काम लिया जाता था, उन्हें गुलाम बनाकर रखा जाता था, काम के बदले भुगतान नहीं किया जाता था और कई अन्य गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि वह लगातार प्रयास कर रहे हैं कि पंजाब की बेटियां और बहनें इन अरब देशों में न जाएं। वहां जाने के बाद इन महिलाओं को कथित तौर पर एक तरह से बेच दिया जाता है। जिनसे बाद में वापसी के लिए लाखों रुपए की मांग की जाती है। इस प्रश्न के उत्तर में बताया गया है की मस्कट (ओमान) में सबसे अधिक 17,454 भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया है। दूसरे स्थान पर सऊदी अरब आता है जहां से 10,023 भारतीय नागरिकों को देश में लाया गया। इसी तरह, कुवैत से 7,330, दुबई से 3,568, कतर से 239, इराक से 180, लीबिया से 83 और बहरीन से 35 लोगों को सफलतापूर्वक वापस लाया गया है। इन देशों में सीरिया ही एकमात्र देश है। जहां सबसे कम का मतलब है कि सिर्फ 5 भारतीयों को वापस लाया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर