चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में 2 क्लबों के बाहर USA में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के करीबी रणदीप मलिक ने बम ब्लास्ट करवाए। एक महीने पहले इसकी साजिश रची गई। मुठभेड़ में पकड़े गए दोनों आरोपी सिग्नल ऐप के जरिए गोल्डी बराड के साथी से बात करते थे। रणदीप मलिक ने उन्हें सिग्नल ऐप के जरिए बताया कि कहां से बम उठाने हैं और कहां से हथियार। हर चीज रणदीप ही उन्हें प्रोवाइड करवा रहा था। इस काम के लिए इन्हें एडवांस में पैसे दिए गए थे। इसके साथ उन्हें विदेश में सेटल करने का वादा किया गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक गोल्डी बराड़ के हां कहने पर ही बम फेंके गए थे। रणदीप ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गोल्डी से दोनों आरोपियों की बात भी करवाई थी। पुलिस आरोपियों के मोबाइल भी खंगाल रही है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि रंगदारी को लेकर दहशत फैलाने के लिए बम ब्लास्ट करवाए गए। आरोपी विनय और अजीत हिसार के रहने वाले हैं। उन्हें शुक्रवार (29 नवंबर) शाम को मुठभेड़ के दौरान पकड़ा गया। दोस्त ने मास्टरमाइंड रणदीप से मिलाया
चंडीगढ़ में क्लबों के बाहर ब्लास्ट करने की साजिश एक माह पहले रची गई थी। इसका खुलासा मुठभेड़ में घायल दोनों आरोपियों ने किया है। जुलाना मर्डर केस में गिरफ्तार साहिल पेटवाड़ व पानीपत निवासी रणदीप वारदात के मास्टरमाइंड हैं। साहिल से पुरानी दोस्ती हाेने के कारण उसके साथ भाईचारा था, जिसके कहने पर रणदीप से संपर्क में आकर काम करते गए। साहिल ने कहा था कि मैं जेल चला जाऊं ताे रणदीप काे मैसेज कर देना। वह बता देगा कि क्या करना है? रणदीप का मैसेज मिला था कि साहिल ने काेई सामान चंडीगढ़ देकर आना है। हमने कहा कि फिर ताे हम ही पहुंचा देंगे। उसने करनाल से सामान चंडीगढ़ पहुंचाने के लिए कहा था। 24 नवंबर काे करनाल से सामान लेकर चंडीगढ़ पहुंच गए थे। सामान में बम थे। रणदीप लगातार संपर्क करके जैसा कहता रहा, वैसा करते रहे। रेकी से लेकर ब्लास्ट हाेने तक रणदीप संपर्क में था। उससे कभी नहीं मिले, सिर्फ फोन पर बात हुई है। इस दाैरान खर्चा-पानी मिलता रहा था। घटना के 15 मिनट बाद मोहाली पहुंचे आरोपी
आरोपियों ने शाम 3 बजकर 15 मिनट पर क्लबों के बाहर बम ब्लास्ट किए। 3 बजकर 30 मिनट पर आरोपी आयशर लाइट पॉइंट पर थे। जबकि सुबह 7 बाजार 49 मिनट पर वह हिसार के बाडोपट्टी पहुंच गए थे। जहां वह सीसीटीवी में कैद हुए थे। आरोपियों की हल्की सी झलक दप्पर टोल पर दिखाई दी थी। जिससे अनुमान लगाया गया कि शॉल ओढ़कर बाइक से निकल रहे 2 शख्स बम ब्लास्ट के आरोपी हो सकते हैं। पुलिस ने इन्हीं दोनों शख्स को आरोपी समझकर कैमरे खंगालने शुरू किए। इसी रूट को पुलिस ने फॉलो किया तो आगे जाकर फिर से दोनों आरोपी सीसीटीवी में देखे गए। पुलिस को फिर क्लियर हुआ कि वो सही दिशा में जा रहे हैं। चंडीगढ़ में ब्लास्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… चंडीगढ़ बम ब्लास्ट करने वालों तक पहुंचने की पूरी कहानी चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित 2 क्लबों के बाहर बम फेंकने वाले 2 आरोपियों का शुक्रवार को चंडीगढ़ पुलिस और हरियाणा स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने हिसार में एनकाउंटर कर दिया। हिसार के खरड़ गांव के रहने वाले अजीत और देवा गांव के विनय के पैर में गोलियां लगी हैं। दोनों कबड्डी प्लेयर हैं। पूरी खबर पढ़ें… चंडीगढ़ में बम ब्लास्ट के आरोपियों का एनकाउंटर चंडीगढ़ में 2 क्लबों के बाहर बम फेंकने वाले आरोपियों और पुलिस के बीच शुक्रवार शाम को हिसार में मुठभेड़ हो गई। जिसमें दोनों आरोपियों के पैर में गोलियां लगी। दोनों हिसार के अस्पताल में भर्ती करवाए गए हैं। आरोपियों की तरफ से की गई फायरिंग में 2 ASI संदीप और अनूप बुलेटप्रूफ जैकेट पहने होने के कारण बच गए। पूरी खबर पढ़ें… चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में 2 क्लबों के बाहर USA में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के करीबी रणदीप मलिक ने बम ब्लास्ट करवाए। एक महीने पहले इसकी साजिश रची गई। मुठभेड़ में पकड़े गए दोनों आरोपी सिग्नल ऐप के जरिए गोल्डी बराड के साथी से बात करते थे। रणदीप मलिक ने उन्हें सिग्नल ऐप के जरिए बताया कि कहां से बम उठाने हैं और कहां से हथियार। हर चीज रणदीप ही उन्हें प्रोवाइड करवा रहा था। इस काम के लिए इन्हें एडवांस में पैसे दिए गए थे। इसके साथ उन्हें विदेश में सेटल करने का वादा किया गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक गोल्डी बराड़ के हां कहने पर ही बम फेंके गए थे। रणदीप ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गोल्डी से दोनों आरोपियों की बात भी करवाई थी। पुलिस आरोपियों के मोबाइल भी खंगाल रही है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि रंगदारी को लेकर दहशत फैलाने के लिए बम ब्लास्ट करवाए गए। आरोपी विनय और अजीत हिसार के रहने वाले हैं। उन्हें शुक्रवार (29 नवंबर) शाम को मुठभेड़ के दौरान पकड़ा गया। दोस्त ने मास्टरमाइंड रणदीप से मिलाया
चंडीगढ़ में क्लबों के बाहर ब्लास्ट करने की साजिश एक माह पहले रची गई थी। इसका खुलासा मुठभेड़ में घायल दोनों आरोपियों ने किया है। जुलाना मर्डर केस में गिरफ्तार साहिल पेटवाड़ व पानीपत निवासी रणदीप वारदात के मास्टरमाइंड हैं। साहिल से पुरानी दोस्ती हाेने के कारण उसके साथ भाईचारा था, जिसके कहने पर रणदीप से संपर्क में आकर काम करते गए। साहिल ने कहा था कि मैं जेल चला जाऊं ताे रणदीप काे मैसेज कर देना। वह बता देगा कि क्या करना है? रणदीप का मैसेज मिला था कि साहिल ने काेई सामान चंडीगढ़ देकर आना है। हमने कहा कि फिर ताे हम ही पहुंचा देंगे। उसने करनाल से सामान चंडीगढ़ पहुंचाने के लिए कहा था। 24 नवंबर काे करनाल से सामान लेकर चंडीगढ़ पहुंच गए थे। सामान में बम थे। रणदीप लगातार संपर्क करके जैसा कहता रहा, वैसा करते रहे। रेकी से लेकर ब्लास्ट हाेने तक रणदीप संपर्क में था। उससे कभी नहीं मिले, सिर्फ फोन पर बात हुई है। इस दाैरान खर्चा-पानी मिलता रहा था। घटना के 15 मिनट बाद मोहाली पहुंचे आरोपी
आरोपियों ने शाम 3 बजकर 15 मिनट पर क्लबों के बाहर बम ब्लास्ट किए। 3 बजकर 30 मिनट पर आरोपी आयशर लाइट पॉइंट पर थे। जबकि सुबह 7 बाजार 49 मिनट पर वह हिसार के बाडोपट्टी पहुंच गए थे। जहां वह सीसीटीवी में कैद हुए थे। आरोपियों की हल्की सी झलक दप्पर टोल पर दिखाई दी थी। जिससे अनुमान लगाया गया कि शॉल ओढ़कर बाइक से निकल रहे 2 शख्स बम ब्लास्ट के आरोपी हो सकते हैं। पुलिस ने इन्हीं दोनों शख्स को आरोपी समझकर कैमरे खंगालने शुरू किए। इसी रूट को पुलिस ने फॉलो किया तो आगे जाकर फिर से दोनों आरोपी सीसीटीवी में देखे गए। पुलिस को फिर क्लियर हुआ कि वो सही दिशा में जा रहे हैं। चंडीगढ़ में ब्लास्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… चंडीगढ़ बम ब्लास्ट करने वालों तक पहुंचने की पूरी कहानी चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित 2 क्लबों के बाहर बम फेंकने वाले 2 आरोपियों का शुक्रवार को चंडीगढ़ पुलिस और हरियाणा स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने हिसार में एनकाउंटर कर दिया। हिसार के खरड़ गांव के रहने वाले अजीत और देवा गांव के विनय के पैर में गोलियां लगी हैं। दोनों कबड्डी प्लेयर हैं। पूरी खबर पढ़ें… चंडीगढ़ में बम ब्लास्ट के आरोपियों का एनकाउंटर चंडीगढ़ में 2 क्लबों के बाहर बम फेंकने वाले आरोपियों और पुलिस के बीच शुक्रवार शाम को हिसार में मुठभेड़ हो गई। जिसमें दोनों आरोपियों के पैर में गोलियां लगी। दोनों हिसार के अस्पताल में भर्ती करवाए गए हैं। आरोपियों की तरफ से की गई फायरिंग में 2 ASI संदीप और अनूप बुलेटप्रूफ जैकेट पहने होने के कारण बच गए। पूरी खबर पढ़ें… पंजाब | दैनिक भास्कर