जगराओं में विधायक गुट और कौंसिल प्रधान आमने-सामने:सोशल मीडिया की जंग होर्डिंग्स तक पहुंची, राना बोले- कमीशनखोरी बंद होने से परेशानी

जगराओं में विधायक गुट और कौंसिल प्रधान आमने-सामने:सोशल मीडिया की जंग होर्डिंग्स तक पहुंची, राना बोले- कमीशनखोरी बंद होने से परेशानी

जगराओं शहर के विकास को लेकर चल रही जंग अब सोशल मीडिया से फ्लेक्स बोर्ड तक आ गई। जहां विधायक गुट शहर के विकास को लेकर कौंसिल के प्रधान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं कौंसिल प्रधान ने विधायक गुट को जवाब देते हुए सबूतों के साथ पूरे शहर में फ्लेक्स बोर्ड लगवा दिए। इसके जवाब में विधायक गुट ने कौंसिल प्रधान जतिंदरपाल राना पर 7 करीब करोड़ के टेंड़रों को रद्द करवाने के आरोप लगाकर फेसबुक पोस्ट जारी कर दी। इसे लेकर कौंसिल प्रधान ने फिर सभी सबूत मीडिया के सामने रखते कहा कि विरोधियों को शहर के विकास से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें तो सपनों में प्रधान और उनकी कुर्सी नजर आती है वह किसी तरह उन्हें उतार कर खुद कुर्सी पर कब्जा कर सके। कुर्सी पर बैठने को लेकर वह तड़पते रहते हैं। उन्होंने तंज कसते कहा कि कौंसिल में पहले क्या-क्या होता था, पूरे शहर निवासियों को पता है। बिना कमीशन के शहर की सड़क नहीं बनती थी। लेकिन उन्होंने 11-5-2021 को प्रधान बनते ही सबसे पहले कौंसिल में कमीशनखोरी को बंद कराया था। मेरे प्रधान बनने से पहले रद्द हुए टेंडर : राना उन्होंने विरोधियों को आड़े हाथ लेते कहा कि टेंडर 2 मार्च 2021 को प्रशासन ने रद्द किए थे, जबकि वह टेंडर रद्द होने के दो महीने बाद 11 मई 2021 को प्रधान बने हैं। उन्होंने कहा कि झूठ के पैर नहीं होते क्योकि टेंडर रद्द करवाने में अहम रोल भी विधायक गुट से नजदीकियां रखने वाले पार्षद के पिता ने शिकायत कर निभाया था। उन्होंने कहा कि विधायक गुट अगर सच में शहर का विकास करवाना चाहता है तो पहले 73 कामों को लेकर की गई शिकायत वापस लेते, ताकि शहर की सड़कें आदि सब बन जाती। विकास कार्य शुरु कराने के लिए दायर की याचिका कौंसिल प्रधान ने शहर के विकास को लेकर हाईकोर्ट में 73 काम शुरू करवाने को लेकर याचिका दायर की है। ताकि हाईकोर्ट के आदेशों पर शहर का विकास हो सके। वहीं उनके पार्षदों ने भी शहर के विकास और अपने हक को लेकर हाईकोर्ट में केस दर्ज किया है, क्योंकि विरोधियों ने सिर्फ 23 में से कुछ वार्डों के काम डालते हुए दलित वार्डो के कामों को छोड़ दिया था। जिसे लेकर पार्षद रमेश कुमार मेषी व जरनैल सिंह लोहट ने हाईकोर्ट में रिट लगा कर मांग की थी। उनके वार्डों के काम भी उन टेंडरों में डाले जाए। कौंसिल प्रधान राना ने कहा विधायक गुट झूठ भी इतनी सफाई से बोलता है कि सामने वाला एक बार उनके झांसे में फस जाता है, लेकिन जैसे ही शहर के लोगो को सच्चाई का पता चलता है तो फिर लोग इन्हें नजदीक भी खड़े नही होने देते। जगराओं शहर के विकास को लेकर चल रही जंग अब सोशल मीडिया से फ्लेक्स बोर्ड तक आ गई। जहां विधायक गुट शहर के विकास को लेकर कौंसिल के प्रधान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं कौंसिल प्रधान ने विधायक गुट को जवाब देते हुए सबूतों के साथ पूरे शहर में फ्लेक्स बोर्ड लगवा दिए। इसके जवाब में विधायक गुट ने कौंसिल प्रधान जतिंदरपाल राना पर 7 करीब करोड़ के टेंड़रों को रद्द करवाने के आरोप लगाकर फेसबुक पोस्ट जारी कर दी। इसे लेकर कौंसिल प्रधान ने फिर सभी सबूत मीडिया के सामने रखते कहा कि विरोधियों को शहर के विकास से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें तो सपनों में प्रधान और उनकी कुर्सी नजर आती है वह किसी तरह उन्हें उतार कर खुद कुर्सी पर कब्जा कर सके। कुर्सी पर बैठने को लेकर वह तड़पते रहते हैं। उन्होंने तंज कसते कहा कि कौंसिल में पहले क्या-क्या होता था, पूरे शहर निवासियों को पता है। बिना कमीशन के शहर की सड़क नहीं बनती थी। लेकिन उन्होंने 11-5-2021 को प्रधान बनते ही सबसे पहले कौंसिल में कमीशनखोरी को बंद कराया था। मेरे प्रधान बनने से पहले रद्द हुए टेंडर : राना उन्होंने विरोधियों को आड़े हाथ लेते कहा कि टेंडर 2 मार्च 2021 को प्रशासन ने रद्द किए थे, जबकि वह टेंडर रद्द होने के दो महीने बाद 11 मई 2021 को प्रधान बने हैं। उन्होंने कहा कि झूठ के पैर नहीं होते क्योकि टेंडर रद्द करवाने में अहम रोल भी विधायक गुट से नजदीकियां रखने वाले पार्षद के पिता ने शिकायत कर निभाया था। उन्होंने कहा कि विधायक गुट अगर सच में शहर का विकास करवाना चाहता है तो पहले 73 कामों को लेकर की गई शिकायत वापस लेते, ताकि शहर की सड़कें आदि सब बन जाती। विकास कार्य शुरु कराने के लिए दायर की याचिका कौंसिल प्रधान ने शहर के विकास को लेकर हाईकोर्ट में 73 काम शुरू करवाने को लेकर याचिका दायर की है। ताकि हाईकोर्ट के आदेशों पर शहर का विकास हो सके। वहीं उनके पार्षदों ने भी शहर के विकास और अपने हक को लेकर हाईकोर्ट में केस दर्ज किया है, क्योंकि विरोधियों ने सिर्फ 23 में से कुछ वार्डों के काम डालते हुए दलित वार्डो के कामों को छोड़ दिया था। जिसे लेकर पार्षद रमेश कुमार मेषी व जरनैल सिंह लोहट ने हाईकोर्ट में रिट लगा कर मांग की थी। उनके वार्डों के काम भी उन टेंडरों में डाले जाए। कौंसिल प्रधान राना ने कहा विधायक गुट झूठ भी इतनी सफाई से बोलता है कि सामने वाला एक बार उनके झांसे में फस जाता है, लेकिन जैसे ही शहर के लोगो को सच्चाई का पता चलता है तो फिर लोग इन्हें नजदीक भी खड़े नही होने देते।   पंजाब | दैनिक भास्कर