हिमाचल प्रदेश की सबसे बढ़ी ढली सब्जी मंडी का तीसरी बार शिलान्यास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदरसुक्खू कुछ देर बाद इसका फाउंडेशन स्टोन रखेंगे। राज्य का मार्केटिंग बोर्ड और कृषि उपज विपणन समिति (APMC) शिमला किन्नौर दो बार पहले शिलान्यास पर लाखों रुपए फूंक चुका है। अब तीसरी बार लाखों फूंकने की तैयारी है। बता दें कि साल 2017 में सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने चुनावी साल में 2017 में ढली सब्जी मंडी के विस्तारीकरण का शिलान्यास किया। इसके बाद APMC शिमला-किन्नौर ने यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में डाल दिया। किसानों और आढ़तियों की बार-बार मांग के बावजूद APMC ने मंडी का विस्तार नहीं किया। प्रदेश में लगभग तीन महीने बाद सत्ता परिवर्तन हुए। तब जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बने। पूर्व बीजेपी सरकार के कार्यकाल में मार्केटिंग बोर्ड और APMC ने दोबारा शिलान्यास कराया। मगर फाउंडेशन स्टोन लगाने के अलावा मंडी में विस्तारीकरण के नाम पर एक इंट नहीं लगाई गई। 36 करोड़ से मंडी बनाने का दावा अब सूबे के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हैं। इनसे तीसरी बार शिलान्यास करवाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि मंडी के विस्तारीकरण का काम लगभग 36 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। ढली में आधुनिक सुविधाओं से लैस मंडी बनाई जाएगी। मंडी में नई दुकानें और पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। बजट होने के बावजूद मंडी का निर्माण नहीं हैरानी इस बात की है कि APMC शिमला-किन्नौर बजट होने के बावजूद मंडी का निर्माण नहीं किया जा रहा है। APMC का सबसे अहम जरिया सेब है। सेब पर APMC द्वारा एक फीसदी मार्केट फीस ली जाती है। इससे APMC को करोड़ों रुपए की इनकम होती है। इसी मंडी से एपीएमसी को सबसे ज्यादा इनकम होती है। अच्छी फसल होने पर यह 50 करोड़ से ज्यादा की हो जाती है। इसी तरह मंडियों से भी APMC करोड़ों रुपए कमाता है। मगर मंडी के विस्तारीकरण के नाम पर बार बार किसानों और आढ़तियों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। पूर्व दो मुख्यमंत्रियों द्वारा लगाई गई शिलान्यास पट्टिकाएं हटाकर तीसरी लगा दी गई है। प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी, इसलिए विस्तारीकरण जरूरी: देवानंद APMC शिमला किन्नौर के चेयरमैन देवानंद वर्मा से जब इसे लेकर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पहले दो बार शिलान्यास जरूर हुए है। मगर मंडी बनाने को पहल नहीं की गई, जबकि यह सबसे जरूरी मंडी है। इसलिए विस्तारीकरण किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश की सबसे बढ़ी ढली सब्जी मंडी का तीसरी बार शिलान्यास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदरसुक्खू कुछ देर बाद इसका फाउंडेशन स्टोन रखेंगे। राज्य का मार्केटिंग बोर्ड और कृषि उपज विपणन समिति (APMC) शिमला किन्नौर दो बार पहले शिलान्यास पर लाखों रुपए फूंक चुका है। अब तीसरी बार लाखों फूंकने की तैयारी है। बता दें कि साल 2017 में सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने चुनावी साल में 2017 में ढली सब्जी मंडी के विस्तारीकरण का शिलान्यास किया। इसके बाद APMC शिमला-किन्नौर ने यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में डाल दिया। किसानों और आढ़तियों की बार-बार मांग के बावजूद APMC ने मंडी का विस्तार नहीं किया। प्रदेश में लगभग तीन महीने बाद सत्ता परिवर्तन हुए। तब जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बने। पूर्व बीजेपी सरकार के कार्यकाल में मार्केटिंग बोर्ड और APMC ने दोबारा शिलान्यास कराया। मगर फाउंडेशन स्टोन लगाने के अलावा मंडी में विस्तारीकरण के नाम पर एक इंट नहीं लगाई गई। 36 करोड़ से मंडी बनाने का दावा अब सूबे के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हैं। इनसे तीसरी बार शिलान्यास करवाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि मंडी के विस्तारीकरण का काम लगभग 36 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। ढली में आधुनिक सुविधाओं से लैस मंडी बनाई जाएगी। मंडी में नई दुकानें और पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। बजट होने के बावजूद मंडी का निर्माण नहीं हैरानी इस बात की है कि APMC शिमला-किन्नौर बजट होने के बावजूद मंडी का निर्माण नहीं किया जा रहा है। APMC का सबसे अहम जरिया सेब है। सेब पर APMC द्वारा एक फीसदी मार्केट फीस ली जाती है। इससे APMC को करोड़ों रुपए की इनकम होती है। इसी मंडी से एपीएमसी को सबसे ज्यादा इनकम होती है। अच्छी फसल होने पर यह 50 करोड़ से ज्यादा की हो जाती है। इसी तरह मंडियों से भी APMC करोड़ों रुपए कमाता है। मगर मंडी के विस्तारीकरण के नाम पर बार बार किसानों और आढ़तियों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। पूर्व दो मुख्यमंत्रियों द्वारा लगाई गई शिलान्यास पट्टिकाएं हटाकर तीसरी लगा दी गई है। प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी, इसलिए विस्तारीकरण जरूरी: देवानंद APMC शिमला किन्नौर के चेयरमैन देवानंद वर्मा से जब इसे लेकर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पहले दो बार शिलान्यास जरूर हुए है। मगर मंडी बनाने को पहल नहीं की गई, जबकि यह सबसे जरूरी मंडी है। इसलिए विस्तारीकरण किया जा रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
शिमला पुलिस ने चार बागी पूर्व MLA थाने बुलाएं:सरकार गिराने के षड़यंत्र से जुड़ा केस; कल राकेश शर्मा से 6 घंटे की पूछताछ
शिमला पुलिस ने चार बागी पूर्व MLA थाने बुलाएं:सरकार गिराने के षड़यंत्र से जुड़ा केस; कल राकेश शर्मा से 6 घंटे की पूछताछ हिमाचल सरकार को गिराने के लिए षड़यंत्र रचने से जुड़े केस में शिमला पुलिस ने कांग्रेस के चार बागी एवं पूर्व विधायकों को थाने तलब किया है। इनमें सुजानपुर से राजेंद्र राणा, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से पूर्व MLA देवेंद्र कुमार भुट्टो शामिल हैं। इसी केस में पिछले कल रिटायर आईएएस एवं चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा से बालूगंज थाना में करीब छह घंटे पूछताछ हुई। मगर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहाकार तरुण भंडारी को पिछले कल पुलिस जांच में शामिल नहीं हुए। हाईकोर्ट ने भी उन्हें शिमला पुलिस की जांच में शामिल होने के निर्देश दिए थे। बताया जा रहा है कि भंडारी को डायरिया हो गया है, इस वजह से वह नहीं आ सके। जाने क्या है पूरा मामला.. दरअसल, कांग्रेस के दो विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने बीते 10 मार्च को बालूगंज थाना में FIR करा रखी है, जिसमें सरकार गिराने के लिए षड़यंत्र रचने का आरोप लगाया गया है। पुलिस इसकी जांच में जुटी हुई है और साक्ष्य जुटा रही है। जांच में जिन लोगों से कड़ियां जुड़ रही है, उन्हें पुलिस जांच में शामिल कर रही है। एक महीने तक प्रदेश से बाहर रहे थे बागी विधायक बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट के बाद कांग्रेस के छह बागी सहित तीन निर्दलीय विधायक भी करीब दो हफ्ते तक पंचकूला के एक होटल में ठहरे। इसके बाद ऋषिकेश गए। ऋषिकेश से गुड़गांव पहुंचे। इस दौरान इनके ठहरने व खाने-पीने के बिलों का भुगतान जिन्होंने किया, पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। फाइव-सेवन स्टार होटलों में ठहराया, हेलिकॉप्टर से बागियों को ले गए आशीष शर्मा और चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए विधायकों के फाइव से सेवन स्टार होटलों में ठहराने की व्यवस्था की और हेलीकाप्टर से बागी विधायकों को ले जाने में मदद की। राकेश शर्मा पर आरोप है कि इन्होंने प्रदेश की बहुमत वाली कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए षड़यंत्र रचा। कांग्रेस के छह बागी पूर्व MLA और तीन पूर्व निर्दलीय विधायक की खरीद-फरोख्त की।
हिमाचल में नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा की तारीख बढ़ाई:7 अक्टूबर तक कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन; बिना आधार भी भर सकते हैं फॉर्म
हिमाचल में नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा की तारीख बढ़ाई:7 अक्टूबर तक कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन; बिना आधार भी भर सकते हैं फॉर्म हिमाचल प्रदेश में नवोदय विद्यालय में ऑनलाइन एग्जाम की तारीख 7 अक्टूबर 2024 तक बढ़ा दी गई है। नवोदय विद्यालय समिति की वेबसाइट पर जानकारी सांझा की गई है। नवोदय विद्यालय समिति द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में छठी कक्षा के लिए ऑनलाइन फॉर्म आमंत्रित किए गए हैं। पहले समिति द्वारा 16 सितम्बर अंतिम तारीख घोषित की गई थी। मगर ऑनलाइन साइट स्लो होने के कई कारण बच्चे फॉर्म भरने से वंचित रह गए। इसलिए फॉर्म भरने की तिथि 7 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। छात्र अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य से अटेस्टेड फॉर्म के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। 8 व 9 अक्टूबर तक फॉर्म में हुई त्रुटियों को ठीक करवा सकते हैं। दूसरी बार नहीं कर सकते आवेदन कोई भी छात्र दूसरी बार आवेदन नहीं कर सकता। छात्र जिस जिला का रहने वाला है, वह उसी जिला में आवेदन कर सकता है। अगर छात्र मंडी जिले का रहने वाला है व कुल्लू जिला में पढ़ रहा है, तो वो ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकता। 31 जुलाई 2024 के बाद चौथी कक्षा से पांचवी कक्षा में गए छात्र भी आवेदन नहीं कर सकते। समिति के नियम के अनुसार छात्र 31 जुलाई से पहले प्रमोट हुए बच्चे ही आवेदन कर सकते हैं । बिना आधार कार्ड के कर सकते हैं आवेदन छात्र के पास अगर आधार कार्ड नहीं है, तो भी वो ऑनलाइन आवेदन कर सकता हैं। बच्चों के अभिभावक का कोई भी सरकार द्वारा अनुमोदित निवास प्रमाण पत्र के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।
हिमाचल की 6 सड़क नेशनल हाईवे बनेगी:विक्रमादित्य बोले- केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दिया भरोसा; कटासनी-शीला-बधानी-भुभु-जोत टनल को लेकर की चर्चा
हिमाचल की 6 सड़क नेशनल हाईवे बनेगी:विक्रमादित्य बोले- केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दिया भरोसा; कटासनी-शीला-बधानी-भुभु-जोत टनल को लेकर की चर्चा हिमाचल सरकार ने छह सड़कों को नेशनल हाईवे बनाने का प्रस्ताव केंद्र को सौंपा है। प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को सचिवालय में दोपहर बाद प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि, उन्होंने और मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से दिल्ली में मुलाकात की और छह सड़कों को नेशनल हाईवे बनाने का आग्रह किया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा, मोदी सरकार ने प्रदेश में 69 NH बनाने की घोषणा की थी। हकीकत में एक भी सड़क एनएच नहीं बनाई गई। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर छह सड़कों को एनएच बनाने का प्रस्ताव केंद्र को दिया है। इन सड़कों को एनएच बनाने का प्रस्ताव विक्रमादित्य ने कहा, सामरिक दृष्टि से कटासनी-शीला-बधानी-भुभु जोत-कुल्लू सड़क सबसे महत्वपूर्ण है। इस सड़क के एनएच बनने से पठानकोट-लेह सड़क पर सेना का मूवमेंट लगभग 60 किलोमीटर कम होगी और 2 घंटे समय की बचत होगी। मुख्यमंत्री ने इस सड़क को प्राथमिकता के आधार पर बनाने की मांग की है। इस सड़क के बनने से न केवल सेना की मूवमेंट आसान होगी, बल्कि पर्यटन को भी फायदा होगा। शिमला-कुनिहार-रामशहर-नालागढ़ सड़क को भी एनएच बनाने का आग्रह PWD मंत्री ने कहा कि ज्वालाजी-देहरा-ज्वाली-राजा का तालाब-बड़सर-शाहतलाई-सलापड़-तत्तापानी-लूहरी सड़क, दरमण-चुवाड़ी-जोत-चंबा-तीसा-किलाड़ सड़क और शिमला-कुनिहार-रामशहर-नालागढ़-पंजाब सड़क को भी एनएच बनाने का आग्रह किया है। मोदी सरकार ने की थी 69NH की घोषणा, बनाया एक भी नहीं बता दें कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद 2014 से 2018 के बीच प्रदेश में एक दो नहीं पूरे 69 नेशनल हाईवे बनाने की घोषणा की गई। मगर यह घोषणा झूठी साबित हुई है। हालांकि केंद्र की घोषणा के बाद पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने दिन रात मेहनत करके पहले कंसल्टेंट लगाने, फिर इन्सेप्शन रिपोर्ट बनाने व केंद्र से इसे मंजूर करवाने और आखिर में अलाइनमेंट रिपोर्ट तैयार करने में खूब पसीना बहाया है। केंद्र के पास 7-8 सालों से पेंडिंग हैं अलाइनमेंट रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी महकमे ने 40 से ज्यादा सड़कों की अलाइनमेंट रिपोर्ट केंद्र को भेज रखी है। इनमें कुछ सड़कों की अलाइनमेंट रिपोर्ट भेजे हुए सात से आठ साल बीत गए है, लेकिन अब तक एक भी सड़क की अलाइनमेंट रिपोर्ट मंजूर नहीं की गई। इसे देखते हुए हिमाचल के सीएम और पीडब्ल्यूडी ने नितिन गडकरी के समक्ष यह मसला उठाया है।