शिमला के न्यू शिमला में एक शख्स ने महिला के गले से चेन छीन ली और मौके से फरार हो गया। मिली जानकारी के मुताबिक, चोर ने शुक्रवार शाम 4 बजे सेक्टर तीन में सीढ़ियां उतरते वक्त महिला को अपना शिकार बनाया। महिला का नाम कामना वर्मा है। महिला शिव मंदिर के समीप सीढ़ियां उतर रही थी। उसी समय शख्स ने सीढ़ियों से उतरते वक्त झपटा मारकर महिला के गले में लगी चैन को छीना लिया। महिला के चिल्लाने के बाद चोर जंगल की ओर भाग गया। महिला ने बताया की युवक की उम्र करीब 20 साल की लग रही थी। पुलिस ने महिला की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। शिमला के न्यू शिमला में एक शख्स ने महिला के गले से चेन छीन ली और मौके से फरार हो गया। मिली जानकारी के मुताबिक, चोर ने शुक्रवार शाम 4 बजे सेक्टर तीन में सीढ़ियां उतरते वक्त महिला को अपना शिकार बनाया। महिला का नाम कामना वर्मा है। महिला शिव मंदिर के समीप सीढ़ियां उतर रही थी। उसी समय शख्स ने सीढ़ियों से उतरते वक्त झपटा मारकर महिला के गले में लगी चैन को छीना लिया। महिला के चिल्लाने के बाद चोर जंगल की ओर भाग गया। महिला ने बताया की युवक की उम्र करीब 20 साल की लग रही थी। पुलिस ने महिला की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल विधानसभा में भ्रष्टाचार पर जारी रहेगी चर्चा:विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव; सत्संग ब्यास को 30 एकड़ जमीन ट्रांसफर वाला विधेयक हो सकता है पारित
हिमाचल विधानसभा में भ्रष्टाचार पर जारी रहेगी चर्चा:विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव; सत्संग ब्यास को 30 एकड़ जमीन ट्रांसफर वाला विधेयक हो सकता है पारित हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विंटर सेशन के दूसरे दिन आज विपक्ष के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा जारी रहेगी। इसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक अपनी अपनी बात रखेंगे। अंत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू चर्चा का जवाब देंगे। दरअसल बीजेपी ने बीते कल सदन में काम रोको प्रस्ताव लाकर मुख्यमंत्री कार्यालय, कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए है। बीजेपी द्वारा कुछ मामलों में सबूत देने बाद स्पीकर ने इस पर चर्चा की इजाजत दी और मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि विपक्ष पुख्ता प्रमाण दें। सरकार चर्चा को तैयार है। लिहाजा आज भी इस मुद्दे पर चर्चा जारी रहेगी। विधानसभा की आज की कार्यसूची में 11 विधेयक चर्चा एवं पारण को लाए जाएंगे। इनमें सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024, पुलिस संशोधन विधेयक-2024, पंचायती राज संशोधन विधेयक-2024 और प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक-2024 (लैंड सीलिंग) प्रमुख है। अब सिलसिलेवार पढ़िए 3 प्रमुख विधेयक में क्या प्रावधान करने जा रही सरकार… राधा स्वामी सत्संग ब्यास के दबाव में लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन सुक्खू सरकार के लिए गले की फांस बना हुआ है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास के दबाव में सरकार इस संशोधन को कर रही है। यह विधेयक पारित होने के बाद राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति से इसे मंजूरी मिली तो इसके तहत धार्मिक और चैरिटी के लिए 30 एकड़ जमीन या भूमि पर बने ढांचे को हस्तांतरित किया जा सकेगा। राजस्व मंत्री द्वारा पेश संशोधन विधेयक के उद्देश्यों में सरकार ने स्पष्ट किया कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास पूरे देश में अपना क्रियाकलाप चलाने वाला एक धार्मिक और आध्यात्मिक संगठन है। इसने राज्य में नैतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा के कई केंद्र स्थापित किए हैं। इस संस्था ने हमीरपुर के भोटा में एक अस्पताल बनाया है। यह लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं देता है। इस संगठन के पास लैंड सीलिंग एक्ट के तहत अनुमानित सीमा से अधिक जमीन है, जिसे अधिनियम की धारा पांच के खंड-झ के उपबंध के तहत छूट दी गई है। राधा स्वामी सत्संग ने कई बार सरकार से अनुरोध किया है कि उसे भोटा चैरिटेबल अस्पताल की भूमि और भवन को चिकित्सा सेवाओं के लिए बेहतर प्रबंधन को जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को हस्तांतरित करने की अनुमति दी जाए। इसे इसका एक सहयोगी संगठन कहा गया है। मगर धारा पांच का खंड झ इसमें रोक लगाता है। ऐसे में कुछ शर्तों के साथ हस्तांतरण की अनुमति सरकार कुछ शर्तों के साथ देगी। इसके लिए धारा पांच का खंड झ में संशोधन प्रस्तावित किया गया है। सरकारी कर्मचारियों के बेकडेट से नहीं मिलेगी वरिष्ठता दूसरा विधेयक कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024 है। इस विधेयक के पारित होने के बाद कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल की वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। साल 2003 से यह व्यवस्था लागू होने जा रही है। आज इसे सदन में पारित किया जाएगा। इस विधेयक को लाने के पीछे एक प्रमुख चिंता राज्य पर पड़ने वाला संभावित वित्तीय बोझ है, क्योंकि कोर्ट के आदेशों पर कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से सीनियोरिटी और वित्तीय लाभ देने पड़ रहे हैं। अनुबंध सेवाकाल का लाभ देने से कर्मचारियों को न केवल अतिरिक्त संसाधनों का भारी आवंटन करना पड़ेगा, बल्कि पिछले 21 वर्षों से अधिक समय से वरिष्ठता सूची में भी संशोधन करना होगा। दूसरे जिला में ट्रांसफर होंगे पुलिस जवान तीसरा महत्वपूर्ण पुलिस संशोधन विधेयक-2024 है, इसके पास से पुलिस कांस्टेबल का जिला से स्टेट कैडर हो जाएगा। अभी इनकी ट्रांसफर जिला के भीतर की जा सकती है। मगर स्टेट कैडर के बाद सरकार इन्हें दूसरा जिला में भी ट्रांसफर कर पाएगी। इनकी भर्ती भी अब पुलिस बोर्ड द्वारा की जाएगी।
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार में बतौर कैबिनेट मिनिस्टर शामिल किया है। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा इसी महीने 30 जून को अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा ने उन्हीं की अगुवाई में लड़ा। हिमाचल के बिलासपुर से संबंध रखने वाले जेपी नड्डा इस समय गुजरात से राज्यसभा के मेंबर हैं। 2 दिसंबर 1960 को जन्मे नड्डा केंद्र सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पीएम मोदी ने हिमाचल के साथ-साथ गुजरात को भी साधने की कोशिश की है। 64 साल के नड्डा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों के करीबी हैं। नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट
हिमाचल में 2007 के विधानसभा में BJP को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद प्रेमकुमार धूमल दूसरी बार हिमाचल के CM बने। उनकी सरकार में नड्डा फॉरेस्ट मिनिस्टर बने, लेकिन उनका धूमल के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा। साल 2010 में नड्डा ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और राज्यसभा सांसद बनकर दिल्ली शिफ्ट हो गए। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और संगठन में काम करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए। धूमल सरकार से इस्तीफा देकर दिल्ली जाना नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। मोदी का नड्डा के घर आना-जाना, शाह के खास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 1996 से 1998 तक हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी रहे। नड्डा की उसी समय से उनसे नजदीकियां रही हैं। संगठन का काम करते हुए मोदी जब बिलासपुर जाते तो उनका नड्डा के घर आना-जाना रहता था। साल 2014 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को PM फेस घोषित किया। उसके बाद पार्टी ने जेपी नड्डा को चुनाव कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा। नड्डा ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में रहते हुए पूरे देश में पार्टी की कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग की। मोदी के अलावा वह अमित शाह के भी करीबी रहे हैं। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा का दूसरा कार्यकाल इसी महीने 30 जून को पूरा हो रहा है। इससे पहले ही उन्हें कैबिनेट में शामिल कर लिया गया। पटना में जन्म, स्कूलिंग भी वहीं से
जेपी नड्डा का जन्म हिमाचल प्रदेश नहीं बल्कि बिहार के पटना में हुआ है। नड्डा के पिता नारायण लाल नड्डा पटना यूनिवर्सिटी में टीचर थे। नड्डा का पालन-पोषण और बीए तक की पढ़ाई पटना में ही हुई। एलएलबी के लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। बड़ा मंत्रालय मिलना तय
कैबिनेट मिनिस्टर बनने के बाद नड्डा को केंद्र में बड़ा पोर्टफोलियो मिलना भी लगभग तय है। वर्ष 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने नड्डा को अपनी सरकार में शामिल करते हुए स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सौंपा था। 2019 में दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद मोदी-शाह ने नड्डा को BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। अब मोदी ने नड्डा को फिर से अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है, ऐसे में उन्हें बड़ा मंत्रालय मिलना भी लगभग तय है। नड्डा के कारण अनुराग की छुट्टी
हिमाचल प्रदेश के कोटे से नड्डा के मंत्री बनने के साथ ही, हमीरपुर से 5वीं बार सांसद चुने गए अनुराग ठाकुर की केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई। वर्ष 2019 में मोदी की अगुवाई वाली सरकार में केंद्रीय सूचना
एवं प्रसारण मंत्रालय संभालने वाले अनुराग ठाकुर इस बार भी मंत्रिपद के दावेदार थे लेकिन नड्डा के मिनिस्टर बन जाने के कारण वह चूक गए। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अनुराग ठाकुर को अब भाजपा संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। जेपी नड्डा भी वर्ष 2010 में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व निभा चुके हैं। भाजपा ने तीसरी बार हिमाचल की चारों सीटें जीती
इस लोकसभा चुनाव में BJP ने एक बार फिर से क्लीन स्वीप करते हुए हिमाचल की चारों लोकसभा सीटें जीती है। 2014 और 2019 में भी पार्टी ने प्रदेश की चारों लोकसभा सीटें जीती थी। इस बार शिमला से सुरेश कश्यप, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, कांगड़ा से डॉ. राजीव भारद्वाज और मंडी से कंगना रनोट सांसद चुनी गईं हैं। चारों सांसद पिछले चार दिन से दिल्ली में ही हैं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण नहीं बन पाए डॉक्टर
हिमाचल में अक्टूबर के वेतन के साथ 4% DA:अधिसूचना जारी, 28 तारीख को मिलेगा सैलरी-पेंशन, सरकारी खजाने पर पड़ेगा 600 करोड़ का बोझ
हिमाचल में अक्टूबर के वेतन के साथ 4% DA:अधिसूचना जारी, 28 तारीख को मिलेगा सैलरी-पेंशन, सरकारी खजाने पर पड़ेगा 600 करोड़ का बोझ हिमाचल के कर्मचारियों और पेंशनरों को अक्टूबर माह की सैलरी-पेंशन के साथ 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA) भी मिलेगा। इसे लेकर प्रिंसिपल सेक्रेटरी फाइनेंस देवेश कुमार ने बुधवार को आदेश जारी कर दिए हैं। देवेश कुमार ने एक अन्य ऑर्डर जारी किया है, जिसमें सैलरी और पेंशन 28 अक्टूबर को देने का फैसला लिया गया। सरकार ने एक तारीख के बजाय 28 को इसलिए सैलरी-पेंशन देने का फैसला लिया है, ताकि सभी कर्मचारियों व पेंशनर की दिवाली अच्छी बीते। सीएम ने 5 दिन पहले की थी घोषणा CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 5 दिन पहले ही सचिवालय में प्रेस कॉफ्रेंस बुलाकर इसकी घोषणा की थी। आज इन आदेशों को लेकर वित्त विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। सरकारी कोष पर पढ़ेगा 600 करोड़ का बोझ विभाग द्वारा जारी आदेशों के तहत कर्मचारियों और पेंशनर को 1-1-2023 से देय 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाएगा। इससे 1.80 लाख कर्मचारी और 1.70 लाख पेंशनर लाभान्वित होंगे। इससे आने वाले वित्तीय वर्ष में सरकारी कोष पर 600 करोड़ का भार पड़ेगा। सरकार ने 22 अक्टूबर को बुलाई कैबिनेट इस बीच राज्य सरकार ने 22 अक्टूबर को कैबिनेट मीटिंग भी बुलाई है। मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों को कैबिनेट मीटिंग के लिए एजेंडा भेजने के निर्देश दे दिए हैं।