झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए भीषण अग्निकांड के बाद यहां हालत अभी भी ठीक नहीं है। घटना के बाद यहां फायर ऑडिट कराया गया। इसमें ऐसी तमाम खामियां उजागर हुई, जो आग लगने पर जानलेवा हो सकती हैं। रिपोर्ट में इन खामियों को दूर करने के अलावा मेडिकल कॉलेज की संवेदनशीलता को देखते हुए यहां 24 घंटे के लिए अग्निशमन रक्षकों की तैनात करने की भी जरूरत बताई गई। ऑडिट रिपोर्ट शासन को भी भेजी गई है। इससे कुछ बदलाव होने की उम्मीद जताई जा रही है। 26 स्थानों पर आग से बचाव के उपाय परखे 15 नवंबर की रात को मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में आग लग गई थी। 10 नवजात बच्चे जिंदा जल गए थे, जबकि 8 बच्चों की बाद में मौत हो गई थी। पूरे देश को झकझोर देने वाले इस अग्निकांड के बाद शासन ने अग्निशमन विभाग से दोबारा से कैंपस का फायर ऑडिट कराया। कॉलेज भवन, ओपीडी भवन, इंडोर भवन, गायनी भवन, ओटी ब्लॉक, टीबी चेस्ट, पोस्टमार्टम हाउस, प्राइवेट वार्ड, आहारीय विभाग, बर्न विभाग, मानसिक रोक विभाग, मानसिक ओपीडी, गेस्ट हाउस, पीजी छात्रावास समेत कुल 26 स्थानों पर आग से बचाव के उपाय परखे गए। 20 बिंदुओं पर पड़ताल की गई फायर अलार्म, अग्निशमन यंत्र की स्थिति, हाईड्रेंट की रिफिलिंग, ऑक्सीजन सिलेंडर रखने के स्थान समेत 20 बिंदुओं पर पड़ताल हुई। कई विभागों में फायर अलार्म काम करता नहीं मिला। कई जगह फायर हाईड्रेंट भी क्रियाशील नहीं मिले। शार्ट सर्किट से बचने के उपाय भी कई विभागों में नहीं पाए गए। आग लगने की दशा में आकस्मिक दरवाजे भी नहीं थे। मेडिकल कॉलेज परिसर में वेटराइजर है, लेकिन यह काम नहीं कर रहा। आग से बचाव में आवश्यक हाइड्रेंट प्वाइंट पर कपलिंग, इनलेट व आउटलेट ब्रांच, होज बॉक्स व हौज पाइप का होना आवश्यक है लेकिन, फायर ऑडिट के दौरान यह इंतजाम नहीं पाए गए। सीएफओ राजकिशोर राय के मुताबिक आग से बचाव के उपाय परखे गए। आग लगने से रोकने एवं उससे बचाव के तरीके भी सुझाए गए हैं। सेफ्टी फायर ऑडिट की ओर से दिए गए सुझाव – सभी भवनों में सुरक्षित निकास के लिए अलग से निकास मार्ग एवं सीढि़यां बनाई जाएं – मेडिकल कॉलेज में मौजूद रहने वाले लोगों की संख्या एवं मरीजों को देखते हुए यहां आग से बचाव के लिए एक मुख्य अग्निशमन अधिकारी, दो फायर ऑफिसर समेत शिफ्टवार प्रशिक्षित स्टॉफ 24 घंटे तैनात रहें। – आकस्मिक स्थिति में अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था का इनकी ओर से समय पर संचालन हो – मेडिकल कॉलेज में वेटराइजर का उपयोगी बनाया जाए। हाइड्रेंट प्वांइट पर कपलिंग, इनलेट ब्रांच, होजबॉक्स, हौज पाइप भी दुरूस्त रखे जाएं। – सभी जूनियर डॉक्टर एवं छात्रों को साल में एक बार सात दिवसीय आग से बचाव के उपाय का प्रशिक्षण दिया जाए – भवनों के अंदर से धुएं की निकासी का विशेष उपाय किया जाए – अस्पताल भवन में ऑक्सीजन एवं एलपीजी एवं अन्य की सप्लाई के लिए ऑटोमेटिक वाटर स्प्रे सिस्टम का प्रावधान किया जाए। गैस पाइप लाइन का मान्यता प्राप्त संस्था से ऑडिट कराया जाए। जिला अस्पताल, कारागार का भी हुआ ऑडिट अग्निशमन विभाग की ओर से जिला अस्पताल, महिला अस्पताल एवं कारागार का भी ऑडिट कराया गया। जिला अस्पताल के अस्पताल भवन के मुख्य द्वार, गैलरी, पैथॉलाजी लैब के पास, ओपीडी गैलरी में हाईड्रेंटों में नोजल नहीं लगाए गए। इसी तरह कारागार के अंदर पाकशाला के भीतर कोई इमरजेंसी गेट नहीं था। गैस का कट प्वाइंट परिसर को बाहर किए जाने की जरूरत बताई। परिसर के अंदर फायर अलार्म सिस्टम का प्रावधान किया जाना जरूरी है। झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए भीषण अग्निकांड के बाद यहां हालत अभी भी ठीक नहीं है। घटना के बाद यहां फायर ऑडिट कराया गया। इसमें ऐसी तमाम खामियां उजागर हुई, जो आग लगने पर जानलेवा हो सकती हैं। रिपोर्ट में इन खामियों को दूर करने के अलावा मेडिकल कॉलेज की संवेदनशीलता को देखते हुए यहां 24 घंटे के लिए अग्निशमन रक्षकों की तैनात करने की भी जरूरत बताई गई। ऑडिट रिपोर्ट शासन को भी भेजी गई है। इससे कुछ बदलाव होने की उम्मीद जताई जा रही है। 26 स्थानों पर आग से बचाव के उपाय परखे 15 नवंबर की रात को मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में आग लग गई थी। 10 नवजात बच्चे जिंदा जल गए थे, जबकि 8 बच्चों की बाद में मौत हो गई थी। पूरे देश को झकझोर देने वाले इस अग्निकांड के बाद शासन ने अग्निशमन विभाग से दोबारा से कैंपस का फायर ऑडिट कराया। कॉलेज भवन, ओपीडी भवन, इंडोर भवन, गायनी भवन, ओटी ब्लॉक, टीबी चेस्ट, पोस्टमार्टम हाउस, प्राइवेट वार्ड, आहारीय विभाग, बर्न विभाग, मानसिक रोक विभाग, मानसिक ओपीडी, गेस्ट हाउस, पीजी छात्रावास समेत कुल 26 स्थानों पर आग से बचाव के उपाय परखे गए। 20 बिंदुओं पर पड़ताल की गई फायर अलार्म, अग्निशमन यंत्र की स्थिति, हाईड्रेंट की रिफिलिंग, ऑक्सीजन सिलेंडर रखने के स्थान समेत 20 बिंदुओं पर पड़ताल हुई। कई विभागों में फायर अलार्म काम करता नहीं मिला। कई जगह फायर हाईड्रेंट भी क्रियाशील नहीं मिले। शार्ट सर्किट से बचने के उपाय भी कई विभागों में नहीं पाए गए। आग लगने की दशा में आकस्मिक दरवाजे भी नहीं थे। मेडिकल कॉलेज परिसर में वेटराइजर है, लेकिन यह काम नहीं कर रहा। आग से बचाव में आवश्यक हाइड्रेंट प्वाइंट पर कपलिंग, इनलेट व आउटलेट ब्रांच, होज बॉक्स व हौज पाइप का होना आवश्यक है लेकिन, फायर ऑडिट के दौरान यह इंतजाम नहीं पाए गए। सीएफओ राजकिशोर राय के मुताबिक आग से बचाव के उपाय परखे गए। आग लगने से रोकने एवं उससे बचाव के तरीके भी सुझाए गए हैं। सेफ्टी फायर ऑडिट की ओर से दिए गए सुझाव – सभी भवनों में सुरक्षित निकास के लिए अलग से निकास मार्ग एवं सीढि़यां बनाई जाएं – मेडिकल कॉलेज में मौजूद रहने वाले लोगों की संख्या एवं मरीजों को देखते हुए यहां आग से बचाव के लिए एक मुख्य अग्निशमन अधिकारी, दो फायर ऑफिसर समेत शिफ्टवार प्रशिक्षित स्टॉफ 24 घंटे तैनात रहें। – आकस्मिक स्थिति में अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था का इनकी ओर से समय पर संचालन हो – मेडिकल कॉलेज में वेटराइजर का उपयोगी बनाया जाए। हाइड्रेंट प्वांइट पर कपलिंग, इनलेट ब्रांच, होजबॉक्स, हौज पाइप भी दुरूस्त रखे जाएं। – सभी जूनियर डॉक्टर एवं छात्रों को साल में एक बार सात दिवसीय आग से बचाव के उपाय का प्रशिक्षण दिया जाए – भवनों के अंदर से धुएं की निकासी का विशेष उपाय किया जाए – अस्पताल भवन में ऑक्सीजन एवं एलपीजी एवं अन्य की सप्लाई के लिए ऑटोमेटिक वाटर स्प्रे सिस्टम का प्रावधान किया जाए। गैस पाइप लाइन का मान्यता प्राप्त संस्था से ऑडिट कराया जाए। जिला अस्पताल, कारागार का भी हुआ ऑडिट अग्निशमन विभाग की ओर से जिला अस्पताल, महिला अस्पताल एवं कारागार का भी ऑडिट कराया गया। जिला अस्पताल के अस्पताल भवन के मुख्य द्वार, गैलरी, पैथॉलाजी लैब के पास, ओपीडी गैलरी में हाईड्रेंटों में नोजल नहीं लगाए गए। इसी तरह कारागार के अंदर पाकशाला के भीतर कोई इमरजेंसी गेट नहीं था। गैस का कट प्वाइंट परिसर को बाहर किए जाने की जरूरत बताई। परिसर के अंदर फायर अलार्म सिस्टम का प्रावधान किया जाना जरूरी है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Bihar Politics: कावड़ यात्रा पर उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार में सियासी तकरार, जेडीयू से आरजेडी ने कर दिए बड़े सवाल <p style=”text-align: justify;”><strong>Kavad Yatra 2024:</strong> 22 जुलाई से पूरे देश के बड़े शिवालयों में कावड़ यात्रा शुरू होने जा रही है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहां एक महीने की कावड़ यात्रा होती है तो बिहार और झारखंड में भी बड़ी कावड़ यात्रा होती है, लेकिन इस बार कावड़ यात्रा राजनेताओं के लिए सियासी मुद्दा बन गया है. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने कावर यात्रा के दौरान दुकानदारों को नेम प्लेट लगाने का आदेश दे दिया है तो अब बिहार में इस पर सियासत शुरू है. बिहार में बीजेपी के नेता भी इस तरह की मांग बिहार और झारखंड सरकार से करने लगे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या था प्रेम रंजन पटेल का बयान?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेता प्रेम रंजन पटेल ने इस मांग की शुरुआत की तो एनडीए में शामिल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने बीजेपी नेताओं को नसीहत देने के साथ-साथ मुहावरे से समझाने लगे हैं तो आरजेडी ने अब जेडीयू नेताओं से सवाल किया है कि यह बताएं क्या आप भी उनकी मांग से सहमत हैं. प्रेम रंजन पटेल का जवाब देते हुए मुस्लिम समाज से आने वाली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड की प्रवक्ता अंजूम आरा ने कहा कि यह हमारे देश के मिट्टी की ताकत है कि सभी धर्म के लोग के रहते हुए भी हम लोग में यूनाइट हैं और रही बात जो दूसरे प्रांत का मॉडल है उसे बिहार में अपनाने की तो इसकी आवश्यकता क्या है?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’नीतीश कुमार ने समाज में विभेद नहीं किया'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बिहार ने जो काम किया है उसे सेंट्रल के साथ-साथ दूसरे प्रान्तों ने मॉडल के रूप में एक्सेप्ट किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने कभी भी जात धर्म और मजहब के नाम पर समाज में विभेद नहीं किया है और बिहार इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. बिहार में उत्तर प्रदेश से भी बड़ा कावड़ यात्रा निकलता है, छठ पर्व यहां मनाया जाता है और तमाम धर्म के लोग उसकी सेवा और सत्कार में लगे हुए रहते हैं. मुस्लिम समुदाय के लोग कांवड़ यात्रा में आने वाले लोगों की सेवा में लगे रहते हैं .यह हिंदुस्तान की धरती है यहां इन सारी चीजों का कोई स्थान नहीं है, यहां गंगा जमुनी तहजीब है. उन्होंने मुहावरा कहते हुए कहा कि तभी कहा जाता है- ‘मंदिर में दाना चूगकर चिड़िया मस्जिद में पानी पीती है’ और ‘राधा रानी की चुनरी कोई सलमा बेगम सिलती है’.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मृत्युंजय तिवारी ने जेडीयू पर साधा निशाना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं कावड़ यात्रा पर प्रेम रंजन पटेल द्वारा दिया गया बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी तो सीधे तौर पर जेडीयू को ही चिढ़ाने का काम कर रही है. अब जेडीयू बताएं क्या इसी तरह से चलेगा देश और राज्य बिहार में जिस तरह से बीजेपी के नेता प्रेम रंजन पटेल ने कावड़ यात्रा के दौरान दुकान के आगे नेम प्लेट लगाने की बात कही उत्तर प्रदेश के तर्ज पर अब यह बताएं नीतीश कुमार और जेडीयू के नेता कि क्या इससे सहमत हैं कि नहीं, यह लोग तो सिर्फ नफरत फैलाना चाहते हैं समाज में. देश अपने नियम कानून और संविधान से चलेगा बीजेपी के नियम कानून संविधान से नहीं. बीजेपी के लोग योगी जी का बुलडोजर मॉडल की बात करते थे, इस बार चुनाव में आधे से भी कम पर जनता ने उन्हें सिमटा दिया और अयोध्या भी हार गए, तो इस बार यही रवैया रहा तो बीजेपी साफ हो जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिहार में कावड़ यात्रा पर सियासत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बतादें कि बीते शनिवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा था कि कावड़ यात्रा के दौरान बिहार में भी दुकानदारों को अपना नाम प्लेट लगना चाहिए .कावड़ यात्रा आस्था और पवित्रता का प्रतीक है. उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से यह पहल की गई है उसके बाद अब बिहार में भी करोड़ों लोग कांवड़ यात्रा करते हैं. ऐसे में इन कांवरियों के पवित्रता को ध्यान में रखकर दुकानदारों को अपनी दुकान के बाहर अपने नाम का उल्लेख करना चाहिए सिर्फ बिहार ही नहीं झारखंड की सरकार को भी इसे पालन करना चाहिए, क्योंकि सुल्तानगंज से जल उठाकर कांवरिया देवघर में जल डालते हैं .</p>
झारखंड में बढ़ेंगी इंडिया गठबंधन की मुश्किलें? सीट शेयरिंग पर RJD के बयान ने चौंकाया
झारखंड में बढ़ेंगी इंडिया गठबंधन की मुश्किलें? सीट शेयरिंग पर RJD के बयान ने चौंकाया <p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand Assembly Election 2024:</strong> झारखंड में INDIA ब्लॉक के तहत जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी और लेफ्ट पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग फॉर्मूले का ऐलान हो गया है. इस बीच सीट शेयरिंग के मसले पर आरजेडी नेता मनोज झा ने निराशा जताई है. उन्होंने कहा कि जेएमएम, कांग्रेस का फैसला एकतरफा है. उन्होंने दावा किया कि हम लोगों ने 15 से 18 ऐसी सीटें चिह्नित की हैं, जहां हम शायद अकेले भी बीजेपी को परास्त करने में सक्षम हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, ”तमाम विकल्प खुले हुए हैं क्योंकि कोई भी राजनीतिक दल अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की मनोभावना को दरकिनार करके आगे चले यह उचित नहीं लगता. हमारा (आरजेडी) पूरा नेतृत्व यहां है. आज सुबह बैठक हुई और उस बैठक में ये पाया गया कि ताकत जनाधार की है जो राजद के पक्ष में है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हमारा लक्ष्य बीजेपी को हराना है- मनोज झा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आरजेडी नेता मनोज झा ने आगे कहा, ”पिछली बार हम 7 सीटों पर लड़े क्योंकि लालू यादव का हृदय विशाल था. हमारा लक्ष्य था बीजेपी को हटाओ, जो आज भी है. दुख के साथ कहना पड़ता है कि एक तरफा फैसला लिया गया. अलग-अलग जिलों में हमारी जो मौजूदगी है वो बहुत ताकतवर है. हम अपने गठबंधन के सहयोगियों को कहेंगे कि उसके अनुसार फैसला लें.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मनोज झा ने क्यों जताई सीट शेयरिंग पर नाराजगी?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>RJD नेता ने ये भी कहा कि कल से हमारे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रांची में हैं, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव यहां हैं. उन्होंने कहा, ”सब लोगों के होने के बावजूद अगर गठबंधन की बनावट की प्रक्रिया में आपने हमें संलग्न नहीं किया तो इस बात का दुख तो होता है. कष्ट इसलिए भी होता है कि हमारी ताकत शायद बहुत ज्यादा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा करते हुए कहा कि गठबंधन के तहत झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के उम्मीदवार 70 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि बाकी 11 सीटों पर RJD और वाम दलों के उम्मीदवार होंगे. बता दें कि झारखंड में 81 विधानसभा सीटों पर दो फेज में 13 और 20 नवंबर को चुनाव होंगे, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”JMM-कांग्रेस में तय हुआ सीट शेयरिंग का फॉर्मूला, कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा चुनाव, जानें डिटेल” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/jharkhand-assembly-election-2024-distribution-of-seats-in-india-alliance-jharkhand-mukti-morcha-congress-rjd-cpm-2806772″ target=”_self”>JMM-कांग्रेस में तय हुआ सीट शेयरिंग का फॉर्मूला, कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा चुनाव, जानें डिटेल</a></strong></p>
संभल में नेताओं की नो एंट्री! सपा डेलिगेशन को बॉर्डर पर पुलिस ने रोका, दिनभर चला सियासी ड्रमा
संभल में नेताओं की नो एंट्री! सपा डेलिगेशन को बॉर्डर पर पुलिस ने रोका, दिनभर चला सियासी ड्रमा <p style=”text-align: justify;”><strong>Sambhal Violence News:</strong> संभल हिंसा के बाद समाजवादी पार्टी के नेता ग्राउंड जीरो पर जाने के लिए कई दिनों से कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली. शनिवार (30 नवंबर) को भी नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में सपा का 15 नेताओं का डेलीगेशन संभल हिंसा के पीड़ितों से मिलने जा रहा था लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक लिया था. इस पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी सरकार पर सवाल उठाए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संभल जाने से रोके जाने पर सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि हम शांति पूर्वक जा रहे थे. पुलिस ने हमें बल पूर्वक रोक दिया. सुबह दिल्ली से संभल जाने के लिए 3 नेताओं ने कूच किया था, जिसमें सपा सांसद हरेंद्र मलिक, सांसद जियाउर्रहमान बर्क और इकरा हसन थीं और यह अपने कार्यकर्ताओं के साथ संभल जाने की कोशिश में थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं दूसरी ओर लखनऊ से यूपी विधानसभा के नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडेय अपने साथी नेताओं के साथ संभल में उन परिवारों से मिलने जाने वाले थे. जो या तो घायल हैं या फिर जिनके बच्चों की गोली लगने से मौत हो गई. वहीं सपा सांसद रुचि वीरा भी संभल जाने की कोशिश करती रहीं लेकिन सफल नहीं हो पाईं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सपा के 5 बड़े नेताओं को पुलिस ने रोका</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सपा सांसद हरेंद्र मलिक और सांसद जियाउर्रहमान बर्क को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर रोका. वहीं माता प्रसाद पांडेय को लखनऊ में और सपा सांसद रुचि वीरा को पुलिस वालों ने मुरादाबाद से आगे नहीं बढ़ने दिया. इसके अलावा कैराना से सांसद इकरा हसन को हापुड़ में रोक दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली-यूपी बॉर्डर के पास डिवाइडर पर ही बैठ गए हरेंद्र मलिक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस के रोकने पर सपा सांसद हरेंद्र मलिक दिल्ली-यूपी बॉर्डर के पास डिवाइडर पर ही बैठ गए. गाजीपुर बॉर्डर पर काफिला रुकने से जाम की स्थिति बन गई. हरेंद्र मलिक वहां से नहीं हिले और काफी देर तक डिवाइडर पर बैठे रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि एसीपी साहब बहुत बड़े आदमी हैं और हम छोटे हैं इसलिए हमें यहाँ इंतज़ार कराया जा रहा है. ये साफ तौर पर हमारी तौहीन है, Breach of Protocol है. पुलिस कह रही है पहले एसीपी साहब आएगे, हमसे बात करेंगे. हरेंद्र मलिक पुलिस वालों के व्यवहार से नाराज दिखे. लोकतंत्र का हवाला देते हुए पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि संभल की हकीकत सामने आने से रोकने के लिए पुलिस वहां जाने नहीं दे रही.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> सरकार सच सामने आने नहीं देना चाहती- सपा सांसद रुचि वीरा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर अपनी गाड़ी में काफी देर तक बैठे रहे . सपा सांसद ने कहा तीन दिन पहले हमारा डेलिगेशन जा रहा था संभल के लिए. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बनाया था, लेकिन डीजीपी यूपी ने कहा था कि उस वक्त वहां न जाएं. तो हम लोग नहीं गए. जनप्रतिनिधियों के जाने से स्थिति खराब नहीं होती बल्कि सुधरती है. लेकिन अफसोस है, इस प्रकार से रोकना गलत है…सच सामने न आ सके इसलिए रोका गया है. समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा ने भी आरोप लगाया कि सरकार सच सामने आने नहीं देना चाहती.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अखिलेश यादव ने प्रशासन पर उठाए सवाल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं समाजवादी पार्टी के डेलिगेशन को संभल जाने से रोकने पर अखिलेश यादव भड़क गए. अखिलेश यादव ने संभल में बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक के आदेश की कॉपी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म x पर शेयर करते हुए लिखा-“प्रतिबंध लगाना BJP सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है. ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता. BJP जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देती है, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साज़िशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए, सच्ची कार्रवाइ करके बर्ख़ास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुक़दमा भी चलना चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संभल में सपा प्रतिनिधिमंडल भेजना नौटंकी है- केशव प्रसाद मौर्य</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>समाजवादी पार्टी के इस हमले का जवाब यूपी के सरकार डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने दिया. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि संभल सपा प्रतिनिधिमंडल भेजना नौटंकी है, हमले की न्यायिक जांच हो रही है. अखिलेश यादव पराजय का दर्द नहीं भुला पा रहे हैं, खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे, कुंदरकी मैं उनका जमीं खिसक गया. वहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि अखिलेश यादव को माफी मांगनी चाहिए और हिंसा के लिए समाजवादी पार्टी के नेताओं को ही जिम्मेदार ठहराया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mahakumbh-2025-dharm-sansad-held-on-26th-january-demand-for-sanatan-board-in-prayagraj-ann-2833826″>महाकुंभ 2025: 26 जनवरी को होगी धर्म संसद, सनातन बोर्ड के गठन की होगी मांग, CM योगी भी हो सकते हैं शामिल</a></strong></p>