पापा-मम्मी शुक्रिया, आपने मेरा इलाज कराया…अब जी नहीं सकती:ये लिखकर BCA छात्रा ने सुसाइड किया, पिता बोले- कोई बड़ी बीमारी नहीं थी

पापा-मम्मी शुक्रिया, आपने मेरा इलाज कराया…अब जी नहीं सकती:ये लिखकर BCA छात्रा ने सुसाइड किया, पिता बोले- कोई बड़ी बीमारी नहीं थी

‘पापा, मम्मी आपका बहुत शुक्रिया…आपने मेरा इलाज कराया। आपने हर मौके पर मेरा साथ दिया। ये आपका प्यार ही था, जो मैं यहां तक आ गई। लेकिन अब नहीं जिया जाता।’ ये चंद लाइनें BCA स्टूडेंट निहारिका सिंह के सुसाइड नोट में लिखी मिली हैं। बरेली की इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी में सोमवार सुबह 9.30 बजे निहारिका की डेड बॉडी मिली। शाहजहांपुर से बरेली पहुंचे पिता ने कहा- मरने से 30 मिनट पहले उसने मुझे फोन किया। हमारी रोज की तरह बातें हुईं। उसकी आवाज नॉर्मल लग रही थी। अंदाजा ही नहीं लगा कि वह सुसाइड कर सकती है। फिर वह फफक-फफककर रोने लगे। 20 साल से परिवार शाहजहांपुर में रह रहा, पिता बोले- वो होशियार थी
निहारिका सिंह के पिता अवधेश सिंह मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। करीब 20 साल से वह झांसी के खुटार कस्बे में रह रहे हैं। अवधेश सिंह कस्बे में ही स्पेयर पार्ट्स की दुकान चलाते हैं और बीमा एजेंट भी हैं। वह कहते हैं- मेरी बेटी पढ़ने में बहुत तेज थी। हम मान रहे थे कि उसका करियर ब्राइट होगा, लेकिन उसने सुसाइड कर लिया। टॉप फ्लोर पर फंदे पर लटका मिला शव
दरअसल, सोमवार सुबह बरेली की इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली निहारिका ने सुसाइड कर लिया। वह BCA फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। हॉस्टल के टॉप फ्लोर टी-6 में निहारिका का शव फंदे से लटका मिला। छात्रों ने बॉडी देखने के बाद HOD को बताया। इसके बाद पुलिस और फोरेंसिक यूनिट कमरे में पहुंची। कमरे की तलाशी में इंग्लिश में लिखा एक लेटर मिला। जिसमें निहारिका ने बीमारी का जिक्र किया है। पुलिस को कमरे से और कुछ संदिग्ध नहीं मिला। छात्रा का मोबाइल पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। पिता बोले- कॉलेज में सख्ती है, ऐसा क्या हुआ कि बेटी को जान देनी पड़ी
पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे निहारिका के पिता से दैनिक भास्कर ने जानना चाहा कि क्या उसको कोई बड़ी बीमारी थी? पिता अवधेश ने कहा- उसको कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। छोटी-छोटी चीजें चलती रहती हैं। मैं 2 दिन पहले मिलने आया था। रविवार को भी मेरी फोन पर बात हुई। कोई दिक्कत नहीं थी। मेरी बड़ी बेटी भी इसी यूनिवर्सिटी से पढ़ी थी। यहां सख्ती बहुत ज्यादा है। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि मेरी बेटी को मरने जैसा कदम उठाना पड़ा? उन्होंने कहा- बड़ी बेटी के अलावा निहारिका सबकी लाडली थी। उससे छोटा एक बेटा भी है। SP सिटी बोले- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार
बरेली के एसपी सिटी मानुष पारिक ने कहा- यूनिवर्सिटी में छात्रा की बॉडी मिली है। वीडियोग्राफी करवाई गई है। परिजनों की तरफ से कोई आरोप नहीं लगाया गया है। जो भी शिकायत हमारे पास आएगी, उसके मुताबिक आगे की जांच होगी। अभी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं मिली है। कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें बीमारी का जिक्र है। बाकी सभी एंगल पर पुलिस जांच कर रही है। —————————–
यह खबर भी पढ़ें:- गूगल मैप पर पूरा भरोसा नहीं कर सकते, सैटेलाइट फोटोज और यूजर डाटा अपडेट का जरिया; पहले भी बरेली पुल जैसे हादसे हुए हैं उत्तर प्रदेश के बरेली में गूगल मैप की वजह से कार आधे-अधूरे पुल से नीचे गिर गई। कार में सवार 2 भाइयों समेत 3 लोगों नितिन, अमित और अजीत की मौत हो गई थी। हादसे के 6 दिन बाद बदायूं पुलिस ने गूगल को नोटिस जारी किया है। गुरुग्राम ऑफिस को भेजे नोटिस में पुलिस ने पूछा है कि जहां हादसा हुआ यानी टूटे पुल को पूरा दिखाया, उस इलाके का मैनेजर कौन है? ताकि FIR में उसका नाम शामिल किया जा सके। पढ़ें पूरी खबर… ‘पापा, मम्मी आपका बहुत शुक्रिया…आपने मेरा इलाज कराया। आपने हर मौके पर मेरा साथ दिया। ये आपका प्यार ही था, जो मैं यहां तक आ गई। लेकिन अब नहीं जिया जाता।’ ये चंद लाइनें BCA स्टूडेंट निहारिका सिंह के सुसाइड नोट में लिखी मिली हैं। बरेली की इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी में सोमवार सुबह 9.30 बजे निहारिका की डेड बॉडी मिली। शाहजहांपुर से बरेली पहुंचे पिता ने कहा- मरने से 30 मिनट पहले उसने मुझे फोन किया। हमारी रोज की तरह बातें हुईं। उसकी आवाज नॉर्मल लग रही थी। अंदाजा ही नहीं लगा कि वह सुसाइड कर सकती है। फिर वह फफक-फफककर रोने लगे। 20 साल से परिवार शाहजहांपुर में रह रहा, पिता बोले- वो होशियार थी
निहारिका सिंह के पिता अवधेश सिंह मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। करीब 20 साल से वह झांसी के खुटार कस्बे में रह रहे हैं। अवधेश सिंह कस्बे में ही स्पेयर पार्ट्स की दुकान चलाते हैं और बीमा एजेंट भी हैं। वह कहते हैं- मेरी बेटी पढ़ने में बहुत तेज थी। हम मान रहे थे कि उसका करियर ब्राइट होगा, लेकिन उसने सुसाइड कर लिया। टॉप फ्लोर पर फंदे पर लटका मिला शव
दरअसल, सोमवार सुबह बरेली की इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली निहारिका ने सुसाइड कर लिया। वह BCA फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। हॉस्टल के टॉप फ्लोर टी-6 में निहारिका का शव फंदे से लटका मिला। छात्रों ने बॉडी देखने के बाद HOD को बताया। इसके बाद पुलिस और फोरेंसिक यूनिट कमरे में पहुंची। कमरे की तलाशी में इंग्लिश में लिखा एक लेटर मिला। जिसमें निहारिका ने बीमारी का जिक्र किया है। पुलिस को कमरे से और कुछ संदिग्ध नहीं मिला। छात्रा का मोबाइल पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। पिता बोले- कॉलेज में सख्ती है, ऐसा क्या हुआ कि बेटी को जान देनी पड़ी
पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे निहारिका के पिता से दैनिक भास्कर ने जानना चाहा कि क्या उसको कोई बड़ी बीमारी थी? पिता अवधेश ने कहा- उसको कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। छोटी-छोटी चीजें चलती रहती हैं। मैं 2 दिन पहले मिलने आया था। रविवार को भी मेरी फोन पर बात हुई। कोई दिक्कत नहीं थी। मेरी बड़ी बेटी भी इसी यूनिवर्सिटी से पढ़ी थी। यहां सख्ती बहुत ज्यादा है। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि मेरी बेटी को मरने जैसा कदम उठाना पड़ा? उन्होंने कहा- बड़ी बेटी के अलावा निहारिका सबकी लाडली थी। उससे छोटा एक बेटा भी है। SP सिटी बोले- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार
बरेली के एसपी सिटी मानुष पारिक ने कहा- यूनिवर्सिटी में छात्रा की बॉडी मिली है। वीडियोग्राफी करवाई गई है। परिजनों की तरफ से कोई आरोप नहीं लगाया गया है। जो भी शिकायत हमारे पास आएगी, उसके मुताबिक आगे की जांच होगी। अभी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं मिली है। कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें बीमारी का जिक्र है। बाकी सभी एंगल पर पुलिस जांच कर रही है। —————————–
यह खबर भी पढ़ें:- गूगल मैप पर पूरा भरोसा नहीं कर सकते, सैटेलाइट फोटोज और यूजर डाटा अपडेट का जरिया; पहले भी बरेली पुल जैसे हादसे हुए हैं उत्तर प्रदेश के बरेली में गूगल मैप की वजह से कार आधे-अधूरे पुल से नीचे गिर गई। कार में सवार 2 भाइयों समेत 3 लोगों नितिन, अमित और अजीत की मौत हो गई थी। हादसे के 6 दिन बाद बदायूं पुलिस ने गूगल को नोटिस जारी किया है। गुरुग्राम ऑफिस को भेजे नोटिस में पुलिस ने पूछा है कि जहां हादसा हुआ यानी टूटे पुल को पूरा दिखाया, उस इलाके का मैनेजर कौन है? ताकि FIR में उसका नाम शामिल किया जा सके। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर