किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग में वेंटिलेटर न मिलने के कारण मरीज की मौत होने के प्रकरण की जांच पूरी हो गई है।रिपोर्ट उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को भेज दी गई है। ये था पूरा मामला दुबग्गा के छंदोईया निवासी अबरार अहमद को 24 नवंबर की रात में लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया था। परिवारीजनों का आरोप है कि बुजुर्ग मरीज डॉक्टरों से हाथ जोड़कर इलाज की मिन्नते कर रहे थे। डॉक्टरों ने वेंटिलेटर की जरूरत बताते हुए मरीज को दूसरे संस्थानों में रेफर कर दिया था। इससे पहले मरीज की सांसें थम गई थी। मरीज की मौत के बाद परिवारीजनों ने हंगामा किया था। शिकायत की थी। मामले का संज्ञान उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लिया था। उपमुख्यमंत्री के निर्देश पर KGMU प्रशासन ने जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी ने परिवारीजनों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया। उसके बाद इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर व कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए। KGMU प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कमेटी ने जांच पूरी कर ली है। रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग में वेंटिलेटर न मिलने के कारण मरीज की मौत होने के प्रकरण की जांच पूरी हो गई है।रिपोर्ट उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को भेज दी गई है। ये था पूरा मामला दुबग्गा के छंदोईया निवासी अबरार अहमद को 24 नवंबर की रात में लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया था। परिवारीजनों का आरोप है कि बुजुर्ग मरीज डॉक्टरों से हाथ जोड़कर इलाज की मिन्नते कर रहे थे। डॉक्टरों ने वेंटिलेटर की जरूरत बताते हुए मरीज को दूसरे संस्थानों में रेफर कर दिया था। इससे पहले मरीज की सांसें थम गई थी। मरीज की मौत के बाद परिवारीजनों ने हंगामा किया था। शिकायत की थी। मामले का संज्ञान उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लिया था। उपमुख्यमंत्री के निर्देश पर KGMU प्रशासन ने जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी ने परिवारीजनों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया। उसके बाद इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर व कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए। KGMU प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कमेटी ने जांच पूरी कर ली है। रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हमारे मां-बाबा जिंदा हैं या मर गए…पता नहीं:BHU और AMU में बांग्लादेश के 271 छात्र; बोले- देश लौटना था, मगर वहां हिंसा भड़क गई
हमारे मां-बाबा जिंदा हैं या मर गए…पता नहीं:BHU और AMU में बांग्लादेश के 271 छात्र; बोले- देश लौटना था, मगर वहां हिंसा भड़क गई ‘मेरे मां-बाबा बांग्लादेश में हैं। वे किस हालत में हैं। कुछ पता नहीं। टीवी पर हिंसा की तस्वीरें देखता हूं, तो परेशान हो जाता हूं। वहां मोबाइल नेटवर्क काम नहीं कर रहा, इसलिए परिवार से बात तक नहीं हो पा रही है। आखिरी बार 16 दिन पहले बात हुई थी। कुछ समझ में नहीं आ रहा, क्या करूं। जब तक हालात ठीक नहीं हो जाते, अपने देश वापस नहीं जा सकता। यही सोचता हूं कि मां-बाबा सुरक्षित रहें।’ वाराणसी के BHU में ग्रेजुएशन कर चुके अंतुल घोष यह सब कहते हुए मायूस हो जाते हैं। कैंपस में वह अकेले नहीं हैं। उनके जैसे करीब 240 स्टूडेंट हैं। इनमें भी 42 ऐसे स्टूडेंट हैं, जिन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली है। अब उन्हें देश लौटना था। मगर, अचानक हिंसक हो चुके हालात के बाद वह देश वापस नहीं जा सकते। उनके परिवार वहां हैं, जब किसी के मरने की खबर चलती है, तो ये स्टूडेंट सहम जाते हैं। सिर्फ BHU ही नहीं, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी 31 स्टूडेंट बांग्लादेश के हैं। उनके कई साथी देश के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं। दैनिक भास्कर ने वाराणसी और अलीगढ़ में ऐसे छात्रों से बात की, पढ़िए रिपोर्ट… खबर में आगे बढ़ने से पहले बांग्लादेश के मौजूदा हाल समझिए… बांग्लादेश में हालात अस्थिर हैं। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने संसद भंग कर दी है। देश की पूर्व PM खालिदा जिया को भी रिहा कर दिया गया है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मंगलवार दोपहर 3 बजे तक संसद भंग करने का अल्टीमेटम दिया था। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद जश्न मनाने के दौरान कई उपद्रवियों ने पुलिस थानों और इमारतों में लूट-पाट की घटना को अंजाम दिया। राजधानी ढाका के मीरपुर मॉडल पुलिस स्टेशन को भी उपद्रवियों ने आग लगा दी थी। पैरामिलिट्री फोर्स बांग्लादेश अंसार को हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। देश में सभी पुलिस स्टेशनों की सुरक्षा के लिए भी उन्हें तैनात किया गया है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक भारत में शेख हसीना को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है। मंगलवार को सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “शेख हसीना सदमे में हैं। सरकार बात करने से पहले उन्हें कुछ समय दे रही है। वे भविष्य को लेकर खुद फैसला लेंगी।” कयास हैं कि वे लंदन या फिनलैंड जा सकती हैं। पहले BHU कैंपस के स्टूडेंट की बातचीत… मेरे बाबा-मां, भाई सब परेशान हैं
कैंपस में हमारी मुलाकात विद्युत टांटी से हुई। हमने पूछा- क्या पढ़ते हैं? जवाब मिला – ग्रेजुएशन पूरा किया है। अब अपने देश जाना था, मगर देश में हिंसा भड़की है। आरक्षण आंदोलन शुरू होने के बाद नेटवर्क में इश्यू चल रहा है। घर पर मेरे बाबा हैं, मां और छोटा भाई है। फिर, विद्युत ने लंबी सांस ली और बोले- आज 10 मिनट के लिए वहां नेटवर्क ऑन हुआ था। हमारी बात हुई। परिवार के लोगों ने बताया कि जगह-जगह काफी दिक्कत है, ऐसा नहीं है कि हिंसा थम गई है। कब क्या हो जाए, कुछ पता नहीं। हमें सरकार से फर्क नहीं पड़ता, बस लोग सुरक्षित महसूस करें
कुछ दूरी पर खड़े समूदय चाकमा ने भी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली है। वह भी देश लौटने की तैयारी कर रहे थे, मगर हालात बदल गए। वह कहते हैं- मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, कौन-सी सरकार आएगी। मगर जो भी आए, वह अच्छी आए और अच्छे से कम करे। लोग सुरक्षित महसूस करें। BHU में बांग्लादेश के छात्रों को फ्री हॉस्टल
BHU के प्रोफेसर एसवीएस राजू ने कहा- BHU में बांग्लादेश के करीब 200 छात्र-छात्राएं अलग-अलग विभागों में पढ़ाई करते हैं। इनमें से करीब 30 छात्र और 12 छात्राओं का कोर्स और फाइनल एग्जाम खत्म हो गया है। इन्हें वापस अपने देश जाना था, लेकिन वहां की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को देखते हुए वहां जाना अभी सुरक्षित नहीं है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक मानवीय पहल करते हुए इन सभी छात्रों को स्थिति सामान्य होने तक हॉस्टल में रहने की इजाजत से दी हैं। इन सभी छात्रों को बांग्लादेश की स्थिति सामान्य होने तक रहने के लिए कोई शुल्क भी नहीं देना है। अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट की परेशानी समझते हैं… जब से हिंसा की खबर सुनी, न तो भूख लग रही, न प्यास
AMU में इंग्लिश से पीएचडी कर रहीं पायल रॉय ने बताया- मैं बांग्लादेश की रहने वाली हूं। मेरी शुरुआती पढ़ाई वहीं पर हुई है। 2022 में बांग्लादेश से भारत आ गई थी। यहां आकर AMU से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। अब पीएचडी कर रही हूं। 2022 के बाद से ही बांग्लादेश नहीं गई हूं, लेकिन परिवार और रिश्तेदार वहीं पर एक गांव में रहते हैं। बांग्लादेश में हिंसा के बाद से परिवार से संपर्क नहीं हो पा रहा है। हर मिनट डर बढ़ता ही जा रहा है। परिवार के लोगों की चिंता सता रही है। अब भूख प्यास भी नहीं लग रही है। बड़ी मुश्किल से एक अंकल का नंबर अरेंज हो पाया। वह गांव से थोड़ी दूर एक कस्बे में रहते हैं। एक सप्ताह पहले हुई थी परिवार से बात
स्टूडेंट अबू सईद ने बताया- मैं AMU से फूड केयर में पीएचडी कर रहा हूं। बांग्लादेश में जो हालात चल रहे हैं, उसको लेकर चिंता बनी हुई है। परिवार के लोगों से एक सप्ताह पहले संपर्क हुआ था। कल हिंसा फैलने की खबर के बाद परिवार से तो संपर्क नहीं हुआ, लेकिन किसी और माध्यम से यह जानकारी मिल गई है कि वह सुरक्षित हैं। बस ईश्वर से यह प्रार्थना करते हैं कि जल्द ही वहां के हालात सामान्य हो जाएं। बांग्लादेश में फंसे छात्रों से भी संपर्क करने की कोशिश
डिप्टी प्रॉक्टर प्रोफेसर एसअली जैदी ने कहा- AMU में 31 बांग्लादेशी छात्र पढ़ते हैं। इनमें से 7 छात्र अभी AMU में हैं। बाकी छात्र बांग्लादेश में हैं। उनसे भी संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। कई छात्रों का उनके परिवार से संपर्क टूट गया है। कुछ छात्र मिलने आए थे। छात्रों को कोई परेशानी नहीं होने नहीं दी जाएगी। AMU प्रशासन भी छात्रों के परिजनों से संपर्क करने का प्रयास कर रहा है। यह भी पढ़ें:- गाजियाबाद में एयरबेस के सेफ हाउस में शेख हसीना:बेटी भी कर सकती है मुलाकात; यूपी पुलिस के अधिकारी भी पहुंचे, VVIP गाड़ियों का मूवमेंट बढ़ा
हिंसा के बाद बांग्लादेश छोड़कर भारत आईं पूर्व PM शेख हसीना अभी गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में हैं। उन्हें और उनकी बहन रेहाना को छोड़कर बांग्लादेश का मिलिट्री प्लेन मंगलवार सुबह 9 बजे लौट गया। प्लेन में मिलिट्री के 7 जवान मौजूद थे। पढ़ें पूरी खबर…
मुक्तसर में पूर्व सांसद सुखदेव ढींडसा ने साफ किए बर्तन:गुरुद्वारा साहिब के सेवादार बने, कीर्तन श्रवण किया, आज पूरी हुई सजा
मुक्तसर में पूर्व सांसद सुखदेव ढींडसा ने साफ किए बर्तन:गुरुद्वारा साहिब के सेवादार बने, कीर्तन श्रवण किया, आज पूरी हुई सजा श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से अकाली नेताओं को सुनाई गई धार्मिक सजा के तहत शिरोमणि अकाली दल के पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा आज अपनी धार्मिक सजा भुगतने के लिए मुक्तसर के गुरुद्वारा टूटी गंढी साहिब में पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले गुरुद्वारा साहिब के गेट पर नीला चोला पहनकर और हाथ बरछा पकड़ कर एक घंटे तक सेवा निभाई। इसके पश्चात उन्होंने एक घंटे तक कीर्तन श्रवण किया। जिसके बाद करीब एक घंटा भाई सिंह दीवान हाल के लंगर हाल में जूठे बर्तन साफ करने की सेवा निभाई। सुखदेव सिंह ढींडसा की आज धार्मिक सजा समाप्त होने के बाद कल वह श्री अकाल तख्त साहिब जाएंगे और अरदास करवाएंगे। बता दें कि, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों की ओर से 2 दिसंबर को कई अकाली नेताओं को धार्मिक सजा सुनाई गई थी, जिसके तहत अकाली नेताओं ने करीब 10 दिन तक अपनी यह धार्मिक सेवा विभिन्न गुरुद्वारा में निभाई और इसके पश्चात उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब में अरदास करवाने उपरांत अपनी धार्मिक सजा समाप्त की।
क्या दिल्ली चुनाव में ‘झुग्गी झोपड़ी’ वाले दांव से हासिल होगी कुर्सी? हर राजनीतिक दल की ये है तैयारी
क्या दिल्ली चुनाव में ‘झुग्गी झोपड़ी’ वाले दांव से हासिल होगी कुर्सी? हर राजनीतिक दल की ये है तैयारी <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Assembly Election 2025: </strong>दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर हर राजनीतिक दल ने कमर कस ली है और इस बार के चुनाव में हर पार्टी झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को अपने पक्ष में करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. जहां आम आदमी पार्टी मुफ्त की रेवड़ियां लेकर उनके पास जा रही है तो कांग्रेस न्याय यात्रा के जरिए इन्हें फिर से कांग्रेस के पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है. बीजेपी झुग्गी झोपड़ियों में रात्रि प्रवास कार्यक्रम के ज़रिए जनता से संवाद कर बीजेपी को उनका सबसे बड़ा हमदर्द बताने की कोशिश कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, हर दल झुग्गी झोपड़ी की बात इसलिए कर रहा है क्योंकि दिल्ली का 30 प्रतिशत मतदाता इन्हीं झुग्गी झोपड़ियों में रहता है. दिल्ली में छोटी बड़ी करीब 1800 झुग्गी झोपड़ियां हैं, जिसमें करीब 20 लाख से ज्यादा मतदाता रहते हैं. इसलिए हर राजनीतिक दल की पहली पसंद ये झुग्गी झोपड़ी वाले बन गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’झुग्गी वाले हैं केजरीवाल की असली ताकत'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>झुग्गी झोपड़ी वाले ही अरविंद केजरीवाल की असली ताक़त हैं और आप सरकार की जो मुफ्त की रेवड़ी है, उसका सबसे ज़्यादा लाभ इन्हें ही मिलता है. इसलिए इस बार भी इन्हीं झुग्गी झोपड़ी वालों के सहारे चौथी बार मुख्यमंत्री बनने का सपना अरविंद केजरीवाल देख रहे हैं. यही वजह है कि आम आदमी पार्टी की योजनाओं के बारे में जनता को अवगत कराया जा रहा है. पार्टी यह बता रही है कि अगर बीजेपी आ गई तो दिल्ली में सरकार द्वारा मिल रही मुफ्त की 6 सुविधाएं बंद हो जाएंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये मुफ्त की सुविधाएं है. मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, महिलाओं को मुफ्त बस सेवा, मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा, मुफ्त तीर्थ यात्रा, मुफ्त शिक्षा है और इन्हीं 6 मुफ्त की योजनाओ के ज़रिए दिल्ली की सत्ता पर आप की सरकार काबिज है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पार्टियां कर रही हैं झुग्गी वालों से वादे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बार के चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी भी पूरी ताकत से इन झुग्गी झोपड़ी वालों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही हैं. इसलिए कांग्रेस अपनी न्याय यात्रा में झुग्गी झोपड़ी वालों के लिए तमाम योजनाओं की चर्चा कर रही है, जिसमें रोजगार और इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं देने का वादा शामिल है. वहीं, बीजेपी भी इनसे पीछे नहीं है. बीजेपी दो कदम आगे बढ़कर झोपड़ी वालों के घर जाकर रात्रि प्रवास कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी कह रही है कि जिस तरह आप प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा करते हैं, उन्हें लोकसभा की सभी सीटें जिताकर भेजते हैं. हम उन्हीं के निर्देश पर आप के पास आए हैं. आपके लिए हम ‘जहां झुग्गी वहीं मकान’ की योजना लेकर आएंगे. आपकी कोई भी लाभकारी योजना बंद नहीं होगी बल्कि उसे और लाभकारी बनाने की दिशा में काम किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये सभी दल अच्छी तरह से जानते हैं कि झुग्गी झोपड़ी वाले ही दिल्ली की कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इसलिए हर दल इन्हें अपना खेवनहार मान रहा है, लेकिन इन झुग्गी झोपड़ी वालों को किसकी रेवड़ी पसंद आती है ये तो चुनाव नतीजे ही बताएंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़े:<a title=” दिल्ली में हुई मुलाकात, हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होंगे अरविंद केजरीवाल” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/arvind-kejriwal-to-attend-hemant-soren-oath-taking-ceremony-in-jharkhand-ann-2831178″ target=”_self”> दिल्ली में हुई मुलाकात, हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होंगे अरविंद केजरीवाल</a></strong></p>