हरियाणा BJP का निकाय चुनाव के दावेदारों को टास्क:नए मेंबर जोड़ने वालों को ही टिकट, सरकार में भी तभी मिलेगी जिम्मेदारी

हरियाणा BJP का निकाय चुनाव के दावेदारों को टास्क:नए मेंबर जोड़ने वालों को ही टिकट, सरकार में भी तभी मिलेगी जिम्मेदारी

हरियाणा BJP निकाय चुनाव को लेकर मेगा प्लानिंग कर रही है। पार्टी ने सदस्यता अभियान को लेकर निकाय चुनाव के दावेदारों को एक नया टास्क दे दिया है। पार्टी की ओर से सभी दावेदारों को कहा गया है कि सदस्यता अभियान में नए मेंबरों को जोड़ने वालों को ही टिकट दी जाएगी। टिकट के लिए यह बड़ा आधार बनेगा। इसके साथ ही पार्टी के संगठन और सरकार में राजनीतिक पदों पर भी ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। भाजपा ने इस बार 50 लाख नए सदस्य बनाने का टारगेट रखा है। पार्टी अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने इसकी वजह हरियाणा विधानसभा चुनाव बताई है। इस चुनाव में पार्टी को 55 लाख 54 हजार वोट मिले थे। इसलिए पार्टी ने दिया ये टास्क
हरियाणा की 90 विधानसभाओं में कुल 20 हजार 629 बूथ हैं। BJP ने हर बूथ में कम से कम 250 सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल प्रदेश में 23 लाख से ज्यादा सदस्य बनाए जा चुके हैं। आने वाले दिनों में 26 विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्येक में 50 हजार से ज्यादा सदस्य बनाए जाएंगे। प्रदेश के 5 विधानसभा क्षेत्र अपना लक्ष्य पूरा कर चुके हैं। इनमें से गुरुग्राम में 1 लाख 5 हजार, करनाल में 55 हजार, हिसार में 54 हजार, रोहतक में 52 हजार और यमुनानगर में 52 हजार सदस्य बनाए जा चुके हैं। भाजपा का सदस्यता अभियान आगामी 5 दिसंबर तक जारी रहेगा। क्योंकि जनवरी या फरवरी में निकाय चुनाव प्रस्तावित है, पार्टी की ये कसरत जाहिर तौर पर चुनाव में जीत दिलाने का काम करेगी। चुनाव की अब तक क्या-क्या हो चुकी तैयारियां… 1. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की मदद करने वाले पार्षदों की लिस्ट तैयार की जा रही है। चुनाव में इन पार्षदों की पार्टी टिकट काटने की प्लानिंग पर काम कर रही है। इसको लेकर केंद्रीय नेतृत्व से भी मंजूरी मिल चुकी है। 2. शपथ के बाद CM नायब सैनी नगर निकायों को लेकर बैठक कर चुके हैं। बैठक में CM ने आदेश दिए थे कि शहरों में सफाई व्यवस्था ठीक की जाए। किसी भी शहरी क्षेत्र में सड़कों पर पशु घूमते हुए नहीं दिखने चाहिए। 2. प्रॉपर्टी आईडी को लेकर CM नायब सैनी हर जिला मुख्यालय पर समाधान शिविर लगाने के निर्देश दे चुके हैं। अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि हर शिकायत का समाधान हो। अच्छे काम करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा और लापरवाही करने वालों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। चुनाव से पहले माहौल बनाने में जुटी सरकार
सरकार निकाय चुनाव से पहले माहौल बनाने में जुट गई है। प्रदेश में 30 से ज्यादा निकायों में चुनाव होने हैं। बराड़ा, बवानीखेड़ा, लोहारू, सिवानी, फरूख नगर, नारनौंद, जुलाना, बेरी, कलायत, सिवान, इंद्री, नीलोखेड़ी, मंडी अटेली, कनीना, तावड़ू, हथीन, कलानौर, खरखौदा और रादौर नगर पालिका में चुनाव लंबित हैं। इसके अलावा 11 में से 10 नगर निगमों में चुनाव पेंडिंग हैं। पंचकूला नगर निगम का कार्यकाल 2026 तक है, बाकी निगमों में चुनाव पेंडिंग पड़े हैं। चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट बनाने की तैयारी शुरू की
निगम चुनाव की सुगबुगाहट के बाद राज्य चुनाव आयोग (SEC) भी अलर्ट हो गया है। इसे लेकर हरियाणा सरकार को लेटर लिखा है। लोकसभा चुनाव से पहले ही आयोग नगर निकाय चुनाव को लेकर वार्ड वाइज वोटर लिस्ट की तैयारी शुरू कर चुका है। इसलिए सरकार कर रही निकाय चुनाव पर फोकस 1. विधानसभा चुनाव की जीत का मिलेगा फायदा
हरियाणा में विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत का फायदा होगा। 2019 में 40 सीटों के मुकाबले इस बार बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत पर दर्ज की है। यह दूसरा मौका है जब बीजेपी ने 2014 के बाद पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई है। यदि निकाय चुनाव होते हैं और उसमें पार्टी को जीत मिलती है तो विधानसभा चुनाव की जीत का बड़ा फैक्टर होगा। 2. चेहरे बदलने का विधानसभा चुनाव में दिखा फायदा
BJP ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कई सीटों पर चेहरे बदले थे। इनमें से अधिकतर प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। यानी साफ है कि भाजपा का प्रत्याशी बदलने का फॉर्मूला काम कर गया। इस फॉर्मूले को देखते हुए अब बीजेपी निगम चुनाव में भी इस पर फोकस करेगी। इससे पार्टी के दो उद्देश्य हल होंगे। एक तो बागियों का पत्ता साफ होगा और जिताऊ और नए चेहरे को मौका मिलेगा। 3. शहरी सीटों पर बीजेपी की अच्छी पकड़
एक वजह यह भी है कि हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में BJP की कांग्रेस के मुकाबले अच्छी पकड़ है। लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर मिली हार के बाद भी भाजपा को शहरी सीटों पर कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा जीत मिली थी। विधानसभा चुनाव में भी BJP का शहरी सीटों पर अच्छा प्रदर्शन रहा। दोनों चुनाव के आंकड़ों को देखते हुए निकाय चुनाव में बीजेपी इसको फायदे के रूप में देख रही है। ——————————- हरियाणा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें-
कांग्रेस MLA की BJP से नजदीकी बढ़ीं, खट्‌टर-अनिल विज के पैर छुए, मंच से बोले- सैनी बढ़िया मुख्यमंत्री; कांडा बंधु टेंशन में हरियाणा के सिरसा से कांग्रेस MLA गोकुल सेतिया की BJP से नजदीकियां बढ़ने लगी हैं। इसकी शुरुआत कुछ दिन पहले 21 नवंबर को सिरसा में मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन कार्यक्रम से हुई। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सैनी पहुंचे थे। उन्होंने प्रोटोकॉल के हिसाब से न केवल कांग्रेस विधायक को तवज्जो दी, बल्कि स्वागत के लिए आए गोकुल सेतिया के लिए काफिला रुकवाकर उनका हाल भी पूछा। इससे विधायक सेतिया भी गदगद नजर आए। उन्होंने मंच से ही मुख्यमंत्री नायब सैनी की तारीफ की। पूरी खबर पढें हरियाणा BJP निकाय चुनाव को लेकर मेगा प्लानिंग कर रही है। पार्टी ने सदस्यता अभियान को लेकर निकाय चुनाव के दावेदारों को एक नया टास्क दे दिया है। पार्टी की ओर से सभी दावेदारों को कहा गया है कि सदस्यता अभियान में नए मेंबरों को जोड़ने वालों को ही टिकट दी जाएगी। टिकट के लिए यह बड़ा आधार बनेगा। इसके साथ ही पार्टी के संगठन और सरकार में राजनीतिक पदों पर भी ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। भाजपा ने इस बार 50 लाख नए सदस्य बनाने का टारगेट रखा है। पार्टी अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने इसकी वजह हरियाणा विधानसभा चुनाव बताई है। इस चुनाव में पार्टी को 55 लाख 54 हजार वोट मिले थे। इसलिए पार्टी ने दिया ये टास्क
हरियाणा की 90 विधानसभाओं में कुल 20 हजार 629 बूथ हैं। BJP ने हर बूथ में कम से कम 250 सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल प्रदेश में 23 लाख से ज्यादा सदस्य बनाए जा चुके हैं। आने वाले दिनों में 26 विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्येक में 50 हजार से ज्यादा सदस्य बनाए जाएंगे। प्रदेश के 5 विधानसभा क्षेत्र अपना लक्ष्य पूरा कर चुके हैं। इनमें से गुरुग्राम में 1 लाख 5 हजार, करनाल में 55 हजार, हिसार में 54 हजार, रोहतक में 52 हजार और यमुनानगर में 52 हजार सदस्य बनाए जा चुके हैं। भाजपा का सदस्यता अभियान आगामी 5 दिसंबर तक जारी रहेगा। क्योंकि जनवरी या फरवरी में निकाय चुनाव प्रस्तावित है, पार्टी की ये कसरत जाहिर तौर पर चुनाव में जीत दिलाने का काम करेगी। चुनाव की अब तक क्या-क्या हो चुकी तैयारियां… 1. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की मदद करने वाले पार्षदों की लिस्ट तैयार की जा रही है। चुनाव में इन पार्षदों की पार्टी टिकट काटने की प्लानिंग पर काम कर रही है। इसको लेकर केंद्रीय नेतृत्व से भी मंजूरी मिल चुकी है। 2. शपथ के बाद CM नायब सैनी नगर निकायों को लेकर बैठक कर चुके हैं। बैठक में CM ने आदेश दिए थे कि शहरों में सफाई व्यवस्था ठीक की जाए। किसी भी शहरी क्षेत्र में सड़कों पर पशु घूमते हुए नहीं दिखने चाहिए। 2. प्रॉपर्टी आईडी को लेकर CM नायब सैनी हर जिला मुख्यालय पर समाधान शिविर लगाने के निर्देश दे चुके हैं। अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि हर शिकायत का समाधान हो। अच्छे काम करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा और लापरवाही करने वालों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। चुनाव से पहले माहौल बनाने में जुटी सरकार
सरकार निकाय चुनाव से पहले माहौल बनाने में जुट गई है। प्रदेश में 30 से ज्यादा निकायों में चुनाव होने हैं। बराड़ा, बवानीखेड़ा, लोहारू, सिवानी, फरूख नगर, नारनौंद, जुलाना, बेरी, कलायत, सिवान, इंद्री, नीलोखेड़ी, मंडी अटेली, कनीना, तावड़ू, हथीन, कलानौर, खरखौदा और रादौर नगर पालिका में चुनाव लंबित हैं। इसके अलावा 11 में से 10 नगर निगमों में चुनाव पेंडिंग हैं। पंचकूला नगर निगम का कार्यकाल 2026 तक है, बाकी निगमों में चुनाव पेंडिंग पड़े हैं। चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट बनाने की तैयारी शुरू की
निगम चुनाव की सुगबुगाहट के बाद राज्य चुनाव आयोग (SEC) भी अलर्ट हो गया है। इसे लेकर हरियाणा सरकार को लेटर लिखा है। लोकसभा चुनाव से पहले ही आयोग नगर निकाय चुनाव को लेकर वार्ड वाइज वोटर लिस्ट की तैयारी शुरू कर चुका है। इसलिए सरकार कर रही निकाय चुनाव पर फोकस 1. विधानसभा चुनाव की जीत का मिलेगा फायदा
हरियाणा में विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत का फायदा होगा। 2019 में 40 सीटों के मुकाबले इस बार बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत पर दर्ज की है। यह दूसरा मौका है जब बीजेपी ने 2014 के बाद पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई है। यदि निकाय चुनाव होते हैं और उसमें पार्टी को जीत मिलती है तो विधानसभा चुनाव की जीत का बड़ा फैक्टर होगा। 2. चेहरे बदलने का विधानसभा चुनाव में दिखा फायदा
BJP ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कई सीटों पर चेहरे बदले थे। इनमें से अधिकतर प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। यानी साफ है कि भाजपा का प्रत्याशी बदलने का फॉर्मूला काम कर गया। इस फॉर्मूले को देखते हुए अब बीजेपी निगम चुनाव में भी इस पर फोकस करेगी। इससे पार्टी के दो उद्देश्य हल होंगे। एक तो बागियों का पत्ता साफ होगा और जिताऊ और नए चेहरे को मौका मिलेगा। 3. शहरी सीटों पर बीजेपी की अच्छी पकड़
एक वजह यह भी है कि हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में BJP की कांग्रेस के मुकाबले अच्छी पकड़ है। लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर मिली हार के बाद भी भाजपा को शहरी सीटों पर कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा जीत मिली थी। विधानसभा चुनाव में भी BJP का शहरी सीटों पर अच्छा प्रदर्शन रहा। दोनों चुनाव के आंकड़ों को देखते हुए निकाय चुनाव में बीजेपी इसको फायदे के रूप में देख रही है। ——————————- हरियाणा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें-
कांग्रेस MLA की BJP से नजदीकी बढ़ीं, खट्‌टर-अनिल विज के पैर छुए, मंच से बोले- सैनी बढ़िया मुख्यमंत्री; कांडा बंधु टेंशन में हरियाणा के सिरसा से कांग्रेस MLA गोकुल सेतिया की BJP से नजदीकियां बढ़ने लगी हैं। इसकी शुरुआत कुछ दिन पहले 21 नवंबर को सिरसा में मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन कार्यक्रम से हुई। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सैनी पहुंचे थे। उन्होंने प्रोटोकॉल के हिसाब से न केवल कांग्रेस विधायक को तवज्जो दी, बल्कि स्वागत के लिए आए गोकुल सेतिया के लिए काफिला रुकवाकर उनका हाल भी पूछा। इससे विधायक सेतिया भी गदगद नजर आए। उन्होंने मंच से ही मुख्यमंत्री नायब सैनी की तारीफ की। पूरी खबर पढें   हरियाणा | दैनिक भास्कर