अकाल तख्त से सुनाई गई सजा के बाद गले में तख्ती लटकाकर पहुंचे सुखबीर बादल, करने होंगे ये सब काम अकाल तख्त से सुनाई गई सजा के बाद गले में तख्ती लटकाकर पहुंचे सुखबीर बादल, करने होंगे ये सब काम पंजाब मध्य प्रदेश के नए DGP कैलाश मकवाना ने की CM मोहन यादव से मुलाकात, सिंहस्थ 2028 को लेकर क्या कहा?
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हरियाणा में BJP सरकार गिराने की रणनीति बना रही कांग्रेस:हुड्डा ने चंडीगढ़ में विधायक दल की मीटिंग की; सांसद सैलजा गैरहाजिर रहीं
हरियाणा में BJP सरकार गिराने की रणनीति बना रही कांग्रेस:हुड्डा ने चंडीगढ़ में विधायक दल की मीटिंग की; सांसद सैलजा गैरहाजिर रहीं लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में विधानसभा के समीकरण बदल गए हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगातार दावा कर रहे हैं कि भाजपा सरकार अल्पमत में है। इसी को लेकर चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग की गई। बैठक की अध्यक्षता पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की। इस बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाई गई। वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार को अल्पमत में होने का दावा कर उसे बर्खास्त करने का दबाव बनाने के बारे में भी चर्चा की गई। कांग्रेस विधायक विधानसभा भंग करने के लिए राज्यपाल से मिलने का समय मांग सकते हैं। समय न मिलने की स्थिति में जिला मुख्यालयों पर आंदोलन संभव है। मंगलवार को पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीटिंग में हुए फैसले की जानकारी देंगे। सबसे अहम बात यह है कि इस मीटिंग में कांग्रेस के 4 नवनिर्वाचित सांसद भी पहुंचे हैं। इनमें रोहतक से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, अंबाला से वरुण चौधरी, हिसार से जेपी और सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी बैठक में शामिल हुए हैं। ये चारों सांसद हुड्डा गुट के बताए जा रहे हैं। वहीं सिरसा से SRK गुट की कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा इस मीटिंग में नहीं पहुंची हैं। कांग्रेस क्यों कर रही है दावा
हरियाणा के CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उप चुनाव जीतने के बाद भी BJP के पास सदन में बहुमत कम होने का कांग्रेस दावा कर रही है। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी संयुक्त विपक्ष के सामने भाजपा बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा दावा कर रहे हैं कि सरकार अल्पमत में है, इसलिए विधानसभा भंग होनी चाहिए। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला भी राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुके हैं। हरियाणा में ऐसे हालात बनने की ये हैं बड़ी वजहें.. भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा, सीएम चेहरा बदला
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार चल रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जजपा और भाजपा ने गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद जजपा 10 विधायकों के साथ सरकार से अलग हो गई। भाजपा के पास 41 विधायक थे, उन्होंने 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली। खट्टर को सीएम कुर्सी छोड़नी पड़ी। नायब सैनी सीएम बन गए। 3 निर्दलीय विधायकों ने साथ छोड़ा
लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार को झटका लगा। सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने सीएम नायब सैनी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद भाजपा सरकार के पास भाजपा के 40, हलोपा का एक और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन बचा। एक निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का मतदान के दिन निधन हो गया। हरियाणा विधानसभा में बदली स्थिति
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में और बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। भाजपा के पास 43, विपक्ष संयुक्त हुआ तो उनके 44 विधायक
मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक शामिल हैं। अगर ये सब एक साथ आ जाते हैं तो फिर सरकार अल्पमत में आ सकती है। हरियाणा में BJP सरकार और एकजुट विपक्ष का गणित समझें… क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है?
1. फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी। 2. इसके साथ ही जजपा ने अपने 2 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां याचिका दायर की हुई है। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर सरकार के पक्ष में 43 और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जिससे सरकार फिर बहुमत में ही रहेगी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भाजपा से विधायक हैं। फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो BJP सरकार कैसे बचाएगी?
BJP के सूत्रों के मुताबिक सरकार को किसी कीमत पर गिरने की स्थिति तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। अगर फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो जजपा के 2 विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग इस्तीफा दे सकते हैं। इन दोनों ने बागी होकर लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया था। ऐसी सूरत में विपक्ष के एकजुट होने पर भी उनके पास भाजपा के 43 के मुकाबले 42 ही विधायक रह जाएंगे।
हरियाणा में 689 जगहों पर जलाई गई पराली:4 शहरों में AQI 400 पार, 10 शहरों में हवा जहरीली, सोनीपत में 2 इंडस्ट्रीज सीज
हरियाणा में 689 जगहों पर जलाई गई पराली:4 शहरों में AQI 400 पार, 10 शहरों में हवा जहरीली, सोनीपत में 2 इंडस्ट्रीज सीज हरियाणा में पराली जलाने के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश में 3 और जगहों पर पराली जलाई गई है। इसके साथ ही पराली जलाने के मामले बढ़कर 689 हो गए हैं। हरियाणा के 4 शहरों पानीपत, करनाल, जींद और रोहतक में सबसे ज्यादा प्रदूषण है। यहां AQI 400 के पार पहुंच गया है। वहीं, 10 शहर ऐसे हैं जहां हवा की गुणवत्ता खराब है। इन 10 में से 4 शहरों में AQI 300 से ऊपर है जिसमें कुरुक्षेत्र, धारूहेड़ा, बल्लभगढ़ और बहादुरगढ़ शामिल हैं। इसके अलावा अंबाला, हिसार, चरखी दादरी, भिवानी, सोनीपत और सिरसा में AQI 200 से ऊपर है। इन शहरों में सुबह के समय स्मॉग का असर देखा जा सकता है। वहीं, नेशनल हाईवे से गुजरते समय खेतों में पराली जलती हुई देखी जा सकती है लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में इनका कोई जिक्र नहीं है। HARSAC की रिपोर्ट के अनुसार कैथल, कुरुक्षेत्र और सोनीपत में एक-एक, तीन स्थानों पर पराली जलाई गई, लेकिन हाईवे से गुजरते समय कई स्थानों पर आगजनी के मामले देखे जा सकते हैं। सोनीपत में दो इंडस्ट्रीज को नोटिस
वहीं प्रदूषण फैलाने वाले कारणों पर सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। पराली के साथ-साथ इंडस्ट्रीज पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। सोनीपत में प्रदूषण फैलाने पर 2 इंडस्ट्रीज को सील किया गया है। वहीं 13 इंडस्ट्रीज को नोटिस दिया गया है। इसके अलावा 6 डीजी सेट को भी सील किया गया है। अन्य ईकाई पर 21 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। WHO के मुताबिक वायु प्रदूषण से इन बीमारियों का खतरा 1. अस्थमा: सांस लेने में कठिनाई होती है, छाती में दबाव महसूस होता है और खांसी भी आती है। ऐसा तब होता है जब व्यक्ति की श्वसन नली में रुकावट आने लगती है। यह रुकावट एलर्जी (हवा या प्रदूषण) और कफ से आती है। कई रोगियों में यह भी देखा गया है कि सांस लेने की नली में सूजन भी आ जाती है। 2. फेफड़ों का कैंसर: स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) प्रदूषण और धूम्रपान से होने वाला कैंसर है। इसका पता तब चलता है जब SCLC शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैल चुका होता है। साथ ही, नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) तीन तरह के होते हैं। एडेनोकार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और लार्ज सेल कार्सिनोमा। 3. हार्ट अटैक : वायु प्रदूषण से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। जहरीली हवा के PM 2.5 के बारीक कण खून में चले जाते हैं। इससे धमनियां सूज जाती हैं। 4. बच्चों में सांस की दिक्कत: बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है। यह नाक, गले और फेफड़ों को संक्रमित करता है, जो सांस लेने में मदद करने वाले अंग हैं। बच्चों को इस बीमारी का खतरा अधिक होता है। 5 साल से कम उम्र के बच्चे इस बीमारी से सबसे ज्यादा मरते हैं। 5. क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) : क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) एक सांस संबंधी बीमारी है जिसमें मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है। यह बहुत खतरनाक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सबसे ज्यादा लोग सीओपीडी से मरते हैं।
प्रयागराज में प्रेमी-प्रेमिका ने सुसाइड किया:पहले हाथ की नस काटी फिर जंगल में जाकर फंदे से लटक गए दोनों
प्रयागराज में प्रेमी-प्रेमिका ने सुसाइड किया:पहले हाथ की नस काटी फिर जंगल में जाकर फंदे से लटक गए दोनों प्रयागराज के गंगापार इलाके के बहरिया में मंगलवार तड़के के बाद प्रेमी-प्रेमिका ने सुसाइड कर लिया। दोनों ने पहले तो अपने हाथ की नस काटी फिर फंदे से लटक कर जान दे दी। मामला तुलापुरवन स्थित मनसैता नदी के पास जंगल की है। प्रेमी-प्रेमिका दोनों शुक्रवार से अपने-अपने घरों से गायब थे। युवक की पहचान नवाबगंज के घाटमपुर गांव निवासी 27 वर्षीय भागीरथी यादव के रूप में हुई है, जबकि लड़की भी इसी गांव की थी। उसकी उम्र करीब 17 वर्ष थी। किशोरी सप्ताह भर पहले अपनी बुआ के घर धनबलपुर आई थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है। भागीरथी यादव का गांव की ही एक किशोरी से प्रेम संबंध था। पिछले साल दोनों भाग गए थे। किशोरी के घरवालों ने नवाबगंज थाने में भागीरथी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इधर कुछ समय पहले वह जमानत पर जेल से बाहर निकला। किशोरी के परिवार वाले लगातार उस पर नजर रख रहे थे। सप्ताह भर पहले किशोरी को उसके बुआ के घर धनबलपुर भेज दिया गया। शुक्रवार रात किशोरी शौच के बहाने घर से निकली और फिर नहीं लौटी। आसपास उसकी खोजबीन की गई और जब वह नहीं मिली तो उसके फूफा ने बहरिया थाने में तहरीर दी। पुलिस किशोरी की तलाश में जुटी थी कि मंगलवार सुबह मनसैता नदी के पास जंगल में दोनों की लाश पेड़ से रस्सी के सहारे लटकती मिली।