हरियाणा की विभिन्न खापों की चुनी हुई कमेटी की आज जाट धर्मशाला में आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हरियाणा में अपनी मांगों को लेकर किसान संगठनों द्वारा किए जा रहे आंदोलन को यदि सरकार ने दबाने का प्रयास किया, तो सभी खापों की ओर से किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर आंदोलन को भरपूर समर्थन दिया जाएगा। दिल्ली जा रहे किसानों को ना रोकने की मांग पत्रकारों वार्ता के दौरान चौबीसी खाप के प्रमुख प्रतिनिधि रामफल राठी ने कहा कि पिछले लम्बे समय से एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर किसान आंदोलनरत हैं। 13 फरवरी से खनौरी व शंभू बार्डर पर किसानों को रोका हुआ है।असंख्य किसान उसी दिन से मौके पर धरने पर बैठे हैं। 6 दिसम्बर को शंभू बार्डर से अनुशासन में रहकर किसान दिल्ली के लिये कूच करेंगे। खनौरी बार्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डलेवाल पिछले 8 दिनों से मरणासन्न पर बैठे हैं। दिल्ली जा रहे किसानों को किसी भी सूरत में न रोके जाने की मांग की है। दोनों भाजपा एजेंट निकले थे सभी खापों के प्रतिनिधियों ने सरकार को चेतावनी दी, कि यदि किसान भाइयों के साथ किसी तरह की कोई भी ज्यादती करने की कोशिश की, तो हरियाणा की सभी खापें किसानों के साथ सड़कों पर उतरने का काम करेंगी। खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि खिलाड़ी आंदोलन व जाट आरक्षण आंदोलन में टिकैत बंधु व यशपाल मलिक का असली चेहरा सामने आ गया था और वो दोनों भाजपा के एजेंट निकले थे। इसके अलावा जाट लैंड बनाने की मांग करने वालों को खापों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यहां 36 बिरादरी का भाईचारा है। इस तरह की ओछी हरकत समाज को बांटने का काम करती है। खापों ने इस तरह की मांग को खारिज किया। ये रहे मौजूद इस दौरान महम चौबीसी खाप के प्रमुख प्रतिनिधि रामफल राठी, पूनिया खाप से शमशेर सिंह नंबरदार, दहिया खाप से जयपाल दहिया, 7 बास खाप से बलवान मलिक, कंडेला खाप से ओमप्रकाश कंडेला, सतरोल खाप से सतीश चेयरमैन, सतरोल खाप तपा बास के प्रधान वीरेंद्र बामल, नेहरा खाप से कृष्ण नेहरा, फोगाट खाप से सुरेश फोगाट, कुंडू खाप से उमेद सरपंच मौजूद रहे। हरियाणा की विभिन्न खापों की चुनी हुई कमेटी की आज जाट धर्मशाला में आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हरियाणा में अपनी मांगों को लेकर किसान संगठनों द्वारा किए जा रहे आंदोलन को यदि सरकार ने दबाने का प्रयास किया, तो सभी खापों की ओर से किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर आंदोलन को भरपूर समर्थन दिया जाएगा। दिल्ली जा रहे किसानों को ना रोकने की मांग पत्रकारों वार्ता के दौरान चौबीसी खाप के प्रमुख प्रतिनिधि रामफल राठी ने कहा कि पिछले लम्बे समय से एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर किसान आंदोलनरत हैं। 13 फरवरी से खनौरी व शंभू बार्डर पर किसानों को रोका हुआ है।असंख्य किसान उसी दिन से मौके पर धरने पर बैठे हैं। 6 दिसम्बर को शंभू बार्डर से अनुशासन में रहकर किसान दिल्ली के लिये कूच करेंगे। खनौरी बार्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डलेवाल पिछले 8 दिनों से मरणासन्न पर बैठे हैं। दिल्ली जा रहे किसानों को किसी भी सूरत में न रोके जाने की मांग की है। दोनों भाजपा एजेंट निकले थे सभी खापों के प्रतिनिधियों ने सरकार को चेतावनी दी, कि यदि किसान भाइयों के साथ किसी तरह की कोई भी ज्यादती करने की कोशिश की, तो हरियाणा की सभी खापें किसानों के साथ सड़कों पर उतरने का काम करेंगी। खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि खिलाड़ी आंदोलन व जाट आरक्षण आंदोलन में टिकैत बंधु व यशपाल मलिक का असली चेहरा सामने आ गया था और वो दोनों भाजपा के एजेंट निकले थे। इसके अलावा जाट लैंड बनाने की मांग करने वालों को खापों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यहां 36 बिरादरी का भाईचारा है। इस तरह की ओछी हरकत समाज को बांटने का काम करती है। खापों ने इस तरह की मांग को खारिज किया। ये रहे मौजूद इस दौरान महम चौबीसी खाप के प्रमुख प्रतिनिधि रामफल राठी, पूनिया खाप से शमशेर सिंह नंबरदार, दहिया खाप से जयपाल दहिया, 7 बास खाप से बलवान मलिक, कंडेला खाप से ओमप्रकाश कंडेला, सतरोल खाप से सतीश चेयरमैन, सतरोल खाप तपा बास के प्रधान वीरेंद्र बामल, नेहरा खाप से कृष्ण नेहरा, फोगाट खाप से सुरेश फोगाट, कुंडू खाप से उमेद सरपंच मौजूद रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
भाजपा के 10 वादे जो गेमचेंजर बने:500 रुपए में सिलेंडर और ₹2100 से महिलाएं साधीं, सरकारी नौकरी-अग्निवीर से युवाओं के वोट मिले
भाजपा के 10 वादे जो गेमचेंजर बने:500 रुपए में सिलेंडर और ₹2100 से महिलाएं साधीं, सरकारी नौकरी-अग्निवीर से युवाओं के वोट मिले भाजपा हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। इस बार चुनाव में राज्य के 55 लाख 48 हजार 800 से ज्यादा लोगों ने BJP को अपना वोट दिया। दूसरी ओर कांग्रेस के पक्ष में 54 लाख 30 हजार 600 से ज्यादा लोगों ने मतदान किया। भाजपा को कुल मतदाताओं में से 39.94% और कांग्रेस को 39.09% ने वोट दिए। दोनों पार्टियों को मिले कुल वोटों में 1 लाख 18 हजार मतों का अंतर है लेकिन सीटों के लिहाज से देखें तो BJP को 12 सीटें ज्यादा मिलीं। कांग्रेस की ओर से लगातार पीटे जा रहे एंटी इनकम्बेंसी के ढोल और जाट बिरादरी के गुस्से के बीच BJP के रणनीतिकार चुपचाप राज्य के 2 करोड़ से ज्यादा वोटरों को साधने के लिए रणनीति बनाते रहे। इसकी बानगी पार्टी के संकल्प-पत्र में मिल गई थी। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में अलग-अलग वर्गों के लिए 20 वादे किए। पार्टी ने 18 से 60 साल की 78 लाख महिलाओं को हर महीने आर्थिक मदद, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोगों को आवास, हर घर गृहिणी योजना के तहत उज्जवला स्कीम में 500 रुपए में सिलेंडर, 2 लाख पक्की सरकारी नौकरियों के साथ बुढ़ापा-दिव्यांग व विधवा पेंशन में वृद्धि की बात कही। भाजपा ने प्रदेश के 18 से 19 साल तक के तकरीबन 6 लाख 53 हजार वोटरों को भी ध्यान में रखा। 20 सूत्रीय संकल्प पत्र में केंद्र की 2 योजनाओं को भी शामिल किया गया। कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे (KMP) के ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण, नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत के साथ कई रैपिड रेल सेवाओं और फरीदाबाद से गुरुग्राम के बीच इंटरसिटी एक्सप्रेस मेट्रो सेवा की शुरुआत का वादा भी पार्टी ने किया। हालांकि बीजेपी ने संकल्प पत्र में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) का कोई जिक्र नहीं किया। जानिए BJP ने कैसे किस वर्ग को साधा… 1. लाडो लक्ष्मी योजना: 78 लाख महिलाओं को हर महीने 2100 रुपए
बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र के जरिए हरियाणा की 78 लाख महिला वोटरों को साधा। उसने 18 से 60 साल तक की महिलाओं को 2100 रुपए प्रति महीना देने का वादा किया। कांग्रेस ने इन महिलाओं को 2000 रुपए प्रति महीना देने का वादा किया था लेकिन भाजपा ने इसे 100 रुपए बढ़ा दिया। 2. 500 रुपए में एलपीजी सिलेंडर : 49 लाख महिलाओं को लाभ
बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में हर घर गृहिणी योजना के तहत 500 रुपए में एलपीजी सिलेंडर देने का वादा किया। इसका फायदा राज्य में उज्जवला स्कीम से जुड़ी तकरीबन 49 लाख महिलाओं को होना है। इस योजना के तहत महिलाओं को सिलेंडर की पूरी रकम का भुगतान करना होगा। उसके बाद सब्सिडी की रकम उनके बैंक अकाउंट में डाली जाएगी। कांग्रेस ने भी अपने घोषणा-पत्र में महिलाओं को 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा किया था। 3. गरीबों को आवास: 5 लाख परिवारों को फायदा
बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में 5 लाख गरीबों को आवास देने की बात कही। सालाना 1 लाख 80 हजार रुपए तक की आय वाले परिवारों को इसका फायदा मिलेगा। कांग्रेस ने भी अपनी 7 गारंटियों में 3.08 गरीबों को 100 वर्ग का प्लॉट और दो कमरों का घर देने का वादा किया था। 4. 2 लाख पक्की नौकरियां : साढ़े 6 लाख यूथ को लुभाया
हरियाणा में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा रहा है। ऐसे में युवाओं को अपनी तरफ करने के लिए भाजपा ने भी प्रदेश के युवाओं को 2 लाख पक्की नौकरी देने का वादा किया। इसके अलावा 5 लाख युवाओं के लिए रोजगाार के अन्य अवसर पैदा करने की बात भी कही गई। नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन योजना के माध्यम से मासिक स्टाइपेंड की सहायताा उपलब्ध कराने का वादा भी किया गया। इसके जरिए पार्टी ने 18 से 19 साल के तकरीबन 6 लाख 53 हजार वोटरों को टारगेट किया। 5. मुफ्त इलाज : 1.09 करोड़ वोटरों को साधा
हरियाणा में 1.09 करोड़ लोगों के आयुष्मान-चिरायु कार्ड हैं। 6 साल में 15.54 लाख लोगों ने 5 लाख रुपए तक के फ्री इलाज का लाभ लिया है। इस योजना पर सरकार ने 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा पैसे खर्च किए। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में फ्री इलाज की सीमा 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने की बात कही। संकल्प पत्र में चिरायु-आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज और 70 वर्ष से अधिक उम्र के हर बुजुर्ग को अलग से 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा का वादा किया गया। 6. मेट्रो सेवा, नई ट्रेंने और रेल कॉरिडोर
बीजेपी ने अपने संकल्प-पत्र में कुछ ऐसी योजनाओं को भी शामिल किया, जिसमें केंद्र सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी। इसमें भारत सरकार के सहयोग से केएमपी पर ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण, नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत के साथ-साथ भारत सरकार के सहयोग से रैपिड रेल सेवाओं और फरीदाबाद से गुरुग्राम के बीच इंटरसिटी एक्सप्रेस मेट्रो सेवा शुरू करने का वादा शामिल है। इन योजनाओं के जरिए बीजेपी ने पलवल, झज्जर, बहादुरगढ़ और सोनीपत जिले को साधा। 7. स्कॉलरशिप के बहाने दलित वोट बैंक को लुभाया
लोकसभा चुनाव में पार्टी से दूर हुए दलित वोट बैंक को साधने पर BJP ने खास जोर दिया। 21% वोट बैंक के लिए भारत के किसी भी सरकारी कॉलेज से मेडिकल-इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जातियों के छात्रों को पूर्ण छात्रवृत्ति देने का वादा किया गया। ओबीसी वर्ग के सभी उद्यमियों की मुद्रा योजना के अतिरिक्त 25 लाख रुपए तक के ऋण की गारंटी हरियाणा सरकार की ओर से उठाने का वादा भी पार्टी ने किया। 8. किसानों के लिए 24 फसलों पर MSP
हरियाणा में 80% लोग खेती-किसानी से जुड़े हैं। इस आबादी को साधने के लिए बीजेपी ने 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद का वादा किया। इसके अलावा पट्टेदारों को भूमि पर मालिकाना हक दिलाने की बात भी संकल्प पत्र में कही। 9. छोटी पिछड़ी जातियों को बोर्ड बनाने का वादा
हरियाणा में छोटी पिछड़े समाज की जातियों (36 बिरादरियों) पर भी पार्टी ने फोकस किया। बीजेपी ने संकल्प पत्र में पर्याप्त बजट के साथ इनके लिए अलग-अलग कल्याण बोर्ड बनाने का वादा किया। दक्षिण हरियाणा में अंतरराष्ट्रीय स्तर का अरावली जंगल सफारी पार्क बनाने का जिक्र भी किया गया। यह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का ड्रीम प्रोजेक्ट है। 10. पेंशन बढ़ोतरी पर सस्पेंस
बीजेपी ने वृद्धावस्था, दिव्यांग और विधवा पेंशन पर सस्पेंस बनाए रखा। संकल्प-पत्र में DA और पेंशन को जोड़ने वाले साइंटिफिक फॉर्मूले के आधार पर सभी सामाजिक मासिक पेंशनों में वृद्धि करने का वादा किया गया। हरियाणा में करीब 35 लाख लोगों को इन पेंशन का लाभ मिलता है। इन्हें अभी 3000 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलती है। इस पर 13 हजार करोड़ रुपए खर्च होते हैं। वादे पूरे करने के लिए 24 हजार करोड़ की जरूरत
भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा करने के लिए तकरीबन 24 हजार करोड़ रुपए सालाना की जरूरत पड़ेगी। हालांकि इनमें से कई वादे क्रमबद्ध तरीके से लागू किए जाएंगे इसलिए फंड का इंतजाम भी चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है। फिर भी सरकार को अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए मशक्कत तो करनी ही पड़ेगी।
अटेली में आरती राव की राह आसान नहीं:बाहरी प्रत्याशी से नाराज हुए BJP नेता-वर्कर; राव इंद्रजीत की साख दांव पर
अटेली में आरती राव की राह आसान नहीं:बाहरी प्रत्याशी से नाराज हुए BJP नेता-वर्कर; राव इंद्रजीत की साख दांव पर दक्षिण हरियाणा में वर्चस्व की लड़ाई एक बार फिर अपने चरम पर पहुंचने लगी है। केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बीजेपी की लिस्ट में आधा दर्जन से अधिक को टिकट दिलाकर अपना लोहा मनवाया है। अटेली के मौजूदा विधायक सीताराम यादव की टिकट पर कैंची चलाने के साथ ही अपनी बेटी आरती राव को चुनावी रण में उतारकर राव इंद्रजीत ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। हालांकि अटेली में आरती राव को बाहरी बताने का दौर शुरू हो गया है। वहीं टिकट कटने से पार्टी से इस्तीफे के साथ ही निर्दलीय भी ताल ठोकने का ऐलान शुरू हो गया है। रामपुरा हाउस से जुड़े लोगों की कार्यप्रणाली से स्थानीय लोग नाराज बताए जाते हैं और लोगों में चर्चा है कि इसका खामियाजा कहीं आरती राव को न भुगतना पड़ जाए। मौजूदा विधायक सीताराम यादव संघ व बीजेपी के करीबी थे। वे अपने सरल स्वभाव व हर दम लोगों के लिए मौजूद रहने के चलते लोग उनकी ही टिकट चाह रहे थे। यहां तक सीताराम यादव ने बीजेपी के जिन भी नेताओं से मुलाकात की, सभी ने उनको आश्वासन दिया कि उनकी टिकट पक्की है। हालांकि आरती राव करीब डेढ़ माह पहले ही सार्वजनिक मंच पर अपने अटेली से चुनाव लड़ने का ऐलान कर बीजेपी नेतृत्व को चुनौती दे चुकीं थीं। हालांकि केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने दक्षिण हरियाणा में अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया और काफी हद तक सफल भी रहे। नांगल चौधरी से अभय सिंह यादव अपनी टिकट बचाने में सफल तो र,हे लेकिन इस बार उन्हें विपक्षी पार्टी के साथ ही दूसरे राव साहब की भी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। रामपुरा हाउस से जुड़े लोग अटेली में लंबे समय से सक्रिय हैं। लेकिन उनकी कार्यप्रणाली से स्थानीय लोग खासे नाराज हैं। इसी के चलते जैसे ही आरती राव ने अटेली से चुनाव लड़ने का शंखनाद किया, वैसे ही उनका विरोध शुरू हो गया था। लोगों ने महापंचायत कर निर्णय लिया था कि वह बाहरी प्रत्याशी बर्दाश्त नहीं करेंगे। साथ ही चेतावनी दी थी कि बीजेपी अटेली विधानसभा के 107 गांव से किसी को भी टिकट दे दे, वह उसका पूरा साथ देंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब यहां पर बाहरी का मुद्दा गर्माया हुआ है। इसके चलते यह तो साफ है कि आरती राव के यहां से आसानी से चुनाव जीतना इतना आसान नहीं रहने वाला। नाराज दावेदारों की लंबी सूची
अटेली से मौजूदा विधायक सीताराम यादव, पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव, जसवंत सिंह बब्लू, नरेश यादव, सुनील राव, कुलदीप यादव सहित आधा दर्जन से अधिक नेता आरती राव को टिकट देने से खासे नाराज हैं। कुछ पार्टी छोड़ रहे हैं, तो कुछ अब घर पर बैठने का मन बना रहे हैं। हालांकि सीताराम यादव खुद को बीजेपी का सिपाही बताते हुए साथ देने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि उनके समर्थक व आम लोग कितने सक्रिय रहते हैं। सुनील राव ने इस्तीफा दे दिया है, तो बाकी कतार में हैं। इसके चलते अटेली सीट किसी भी सूरत में आरती राव के लिए सेफ नजर नहीं आ रही हैं। कहीं ऐसा ना हो कि वह यहां आकर फंस जाएं। निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष
अटेली से टिकट मांग रहीं पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव इस समय नारनौल टिकट का ऐलान होने का इंतजार कर रहीं हैं। उनको उम्मीद है कि शायद पार्टी उनको नारनौल से टिकट दे सकती है। यदि वहां से किसी दूसरे को टिकट मिला तो फिर संतोष यादव निर्दलीय चुनावी रण में कूद सकती हैं। दो दिन इंतजार के बाद नाराज नेता उठाएंगे बड़े कदम अटेली विधानसभा सीट से टिकट कटने से कई बीजेपी नेता नाराज हैं। खुलकर सड़कों पर नाराजगी जता रहे हैं। बीजेपी वर्कर्स के साथ ही आम लोग भी आरती राव को बाहरी प्रत्याशी बताकर नाराजगी जता रहे हैं। नाराज नेता 2 दिन इंतजार कर रहे हैं ताकि बीजेपी कोई बदलाव कर दे। यदि बदलाव नहीं हुआ तो फिर यह निर्दलीय चुनावी रण में उतरने का ऐलान कर सकते हैं। ऐसा हुआ तो आरती राव के लिए बड़ी मुसीबत पैदा हो सकती है। पूर्व मंत्री यादव को बुजुर्ग कह टिकट की रेस से किया बाहर
कुछ दिन पूर्व आरती राव ने नारनौल में मौजूदा विधायक ओमप्रकाश यादव को बुजुर्ग कहते हुए कहा कि अब उनकी जगह युवा को मौका मिलना चाहिए। इस अवसर पर विधायक यादव भी मौके पर मौजूद थे। इसके पहले अटेली विधायक सीताराम यादव की जगह आरती ने खुद अटेली से चुनाव लड़ने की बात मंच पर कही थी। इन बयानों के बाद से राव इंद्रजीत सिंह और उनकी बेटी आरती राव को लेकर दक्षिण हरियाणा में नाराजगी का दौर चल रहा है।
हरियाणा की पूर्व IPS भारती अरोड़ा बरी:20 साल बाद मिली राहत, NDPS केस में SC ने किया दोषमुक्त, 10 साल पहले छोड़ी नौकरी
हरियाणा की पूर्व IPS भारती अरोड़ा बरी:20 साल बाद मिली राहत, NDPS केस में SC ने किया दोषमुक्त, 10 साल पहले छोड़ी नौकरी हरियाणा की पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 2005 के नारकोटिक्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) मामले में बरी कर दिया है। उनकी जांच में पाया गया था कि एनडीपीएस के तहत गिरफ्तार एक व्यक्ति निर्दोष था और उसे कुछ अन्य लोगों ने गलत तरीके से फंसाया था। न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मामले से जुड़े तथ्यों की जांच करते हुए नोटिस और उसके बाद की सभी कार्रवाई को रद्द कर दिया है। अरोड़ा की अपील को स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा, “यह स्पष्ट है कि विशेष न्यायाधीश ने प्राकृतिक न्याय के सभी सिद्धांतों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा, “विशेष न्यायाधीश द्वारा एनडीपीएस अधिनियम की धारा 58 के तहत अपीलकर्ता (भारती) को 26 फरवरी, 2007 को जारी किया गया नोटिस और विद्वान विशेष न्यायाधीश द्वारा 30 मई, 2008 को लिखे और टाइप किए गए आदेश सहित सभी बाद की कार्यवाही को रद्द और अलग रखा जाएगा।” सिलसिलेवार पढ़िए भारती से जुड़ा पूरा केस 1. जनवरी 2005 में शुरू हुआ विवाद अरोड़ा जब 21 मई 2004 से 18 मार्च 2005 तक कुरुक्षेत्र में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात रहीं। इस बीच विवाद 6 जनवरी 2005 को तब पैदा हुआ जब पुलिस टीम ने रण सिंह नामक व्यक्ति को 8.7 किलोग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया। अरोड़ा ने जांच का आदेश दिया, जिसमें पाया गया कि रण सिंह को झूठा फंसाया गया था और पुलिस ने कुरुक्षेत्र के विशेष न्यायाधीश के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत कर उसे बरी करने की मांग की। हालांकि, कुरुक्षेत्र के विशेष न्यायाधीश ने 22 फरवरी, 2007 को रण सिंह को दोषी ठहराया और उन तीन लोगों (सुरजीत सिंह, अंग्रेज सिंह और मेहर दीन) को बरी कर दिया, जिन्होंने कथित तौर पर उस पर अफीम रखी थी। 2. कोर्ट ने भारती को नोटिस जारी किया विशेष न्यायाधीश ने भारती और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा कि उनके खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम की धारा 58 के तहत कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए। पानीपत में स्थानांतरित होने के बाद भी, न्यायाधीश ने आदेश लिखवाया, उसे सीलबंद लिफाफे में रखा और मामले को 4 जून 2008 तक के लिए स्थगित कर दिया। पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने 14 अक्टूबर, 2010 को निर्देश दिया कि कुरुक्षेत्र की विशेष अदालत 27 अक्टूबर, 2010 को सीलबंद लिफाफा खोलेगी और वहीं आदेश सुनाएगी तथा कानून के अनुसार आगे की कार्यवाही करेगी। इस आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई जिसने 14 अक्टूबर, 2010 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी। 3. कोर्ट के फैसले पर पीठ ने उठाए सवाल पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति पीके मिश्रा और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन भी शामिल थे – ने कहा, “जब हमने 24 अक्टूबर 2024 को सीलबंद लिफाफा खोला और विद्वान विशेष न्यायाधीश द्वारा पारित 30 मई 2008 के आदेश का अवलोकन किया, तो हमारे लिए यह स्पष्ट हो गया कि विद्वान विशेष न्यायाधीश ने पूर्वनिर्धारित तरीके से काम किया था।” उन्होंने आगे कहा कि यह “पूरी तरह से विवेक का प्रयोग न करने को दर्शाता है।” VRS के बाद कृष्ण भक्ति कर रहीं भारती अंबाला रेंज में तैनात आईजी और वरिष्ठ आईपीएस अफसर भारती अरोड़ा नौकरी के आखिरी दिन भगवा वेशभूषा में अपने दफ्तर पहुंची थीं। जहां उन्होंने तत्कालीन डीजीपी पीके अग्रवाल से मुलाकात कर विदा ली थी। उस दौरान वृंदावन में भक्तिमार्ग पर चलने वाली भारती अरोड़ा ने कहा था कि हरियाणा में आने के बाद ही उनके जीवन में हरि का आना हुआ, एक दिव्य संत के माध्यम से इसकी लो जगी। इस क्रम में उन्होंने संत कबीरदास जी और कईं संतों की वाणी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रेम पियाला जो पिए, सिस दक्षिणा देय, लोभी शीश न दे सके, नाम प्रेम का लेय. भारती अरोड़ा वहां से सीधा वृंदावन चली गई थीं। कबूतरबाजों के खिलाफ की थी बड़ी कार्रवाई भारती अरोड़ा ने अपने पुलिसिंग के कार्यकाल के दौरान राज्य में कबूतरबाजी के नाम पर लोगों का जीवन और पैसा हड़पने वाले 550 लोगों को हमने गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही पैसे की रिकवरी भी की। उनके काम को देखते हुए पूर्व गृहमंत्री अनिल विज और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कबूतरबाजों द्वारा की जा रही ठगी के मामलों में एक्शन लेने के लिए एसआईटी का मुखिया बनाया था। अंबाला करनाल में रहते हुए भारती अरोड़ा ने बड़े बड़े कबूतरबाजों को गिरफ्तार कर जेल में भेजा। इतना ही नहीं, उनसे रिकवरी कर उन गरीब युवाओं के परिवारों की मदद का बड़ा काम हुआ, जिनका सारा कुछ बर्बाद हो गया था, साथ ही बिना किसी कुसूर के बाहर के देशों में जेलों में रहना पड़ा था। इसी तरह से गौवंश को बचाने के लिए भी भारती अरोड़ा ने गौ तस्करी वाले इलाकों में खास अभियान चलाए। उसमें भी उन्हें काफी सफलता मिली, लोगों का साथ भी मिला।