दक्षिण हरियाणा में वर्चस्व की लड़ाई एक बार फिर अपने चरम पर पहुंचने लगी है। केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बीजेपी की लिस्ट में आधा दर्जन से अधिक को टिकट दिलाकर अपना लोहा मनवाया है। अटेली के मौजूदा विधायक सीताराम यादव की टिकट पर कैंची चलाने के साथ ही अपनी बेटी आरती राव को चुनावी रण में उतारकर राव इंद्रजीत ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। हालांकि अटेली में आरती राव को बाहरी बताने का दौर शुरू हो गया है। वहीं टिकट कटने से पार्टी से इस्तीफे के साथ ही निर्दलीय भी ताल ठोकने का ऐलान शुरू हो गया है। रामपुरा हाउस से जुड़े लोगों की कार्यप्रणाली से स्थानीय लोग नाराज बताए जाते हैं और लोगों में चर्चा है कि इसका खामियाजा कहीं आरती राव को न भुगतना पड़ जाए। मौजूदा विधायक सीताराम यादव संघ व बीजेपी के करीबी थे। वे अपने सरल स्वभाव व हर दम लोगों के लिए मौजूद रहने के चलते लोग उनकी ही टिकट चाह रहे थे। यहां तक सीताराम यादव ने बीजेपी के जिन भी नेताओं से मुलाकात की, सभी ने उनको आश्वासन दिया कि उनकी टिकट पक्की है। हालांकि आरती राव करीब डेढ़ माह पहले ही सार्वजनिक मंच पर अपने अटेली से चुनाव लड़ने का ऐलान कर बीजेपी नेतृत्व को चुनौती दे चुकीं थीं। हालांकि केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने दक्षिण हरियाणा में अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया और काफी हद तक सफल भी रहे। नांगल चौधरी से अभय सिंह यादव अपनी टिकट बचाने में सफल तो र,हे लेकिन इस बार उन्हें विपक्षी पार्टी के साथ ही दूसरे राव साहब की भी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। रामपुरा हाउस से जुड़े लोग अटेली में लंबे समय से सक्रिय हैं। लेकिन उनकी कार्यप्रणाली से स्थानीय लोग खासे नाराज हैं। इसी के चलते जैसे ही आरती राव ने अटेली से चुनाव लड़ने का शंखनाद किया, वैसे ही उनका विरोध शुरू हो गया था। लोगों ने महापंचायत कर निर्णय लिया था कि वह बाहरी प्रत्याशी बर्दाश्त नहीं करेंगे। साथ ही चेतावनी दी थी कि बीजेपी अटेली विधानसभा के 107 गांव से किसी को भी टिकट दे दे, वह उसका पूरा साथ देंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब यहां पर बाहरी का मुद्दा गर्माया हुआ है। इसके चलते यह तो साफ है कि आरती राव के यहां से आसानी से चुनाव जीतना इतना आसान नहीं रहने वाला। नाराज दावेदारों की लंबी सूची
अटेली से मौजूदा विधायक सीताराम यादव, पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव, जसवंत सिंह बब्लू, नरेश यादव, सुनील राव, कुलदीप यादव सहित आधा दर्जन से अधिक नेता आरती राव को टिकट देने से खासे नाराज हैं। कुछ पार्टी छोड़ रहे हैं, तो कुछ अब घर पर बैठने का मन बना रहे हैं। हालांकि सीताराम यादव खुद को बीजेपी का सिपाही बताते हुए साथ देने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि उनके समर्थक व आम लोग कितने सक्रिय रहते हैं। सुनील राव ने इस्तीफा दे दिया है, तो बाकी कतार में हैं। इसके चलते अटेली सीट किसी भी सूरत में आरती राव के लिए सेफ नजर नहीं आ रही हैं। कहीं ऐसा ना हो कि वह यहां आकर फंस जाएं। निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष
अटेली से टिकट मांग रहीं पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव इस समय नारनौल टिकट का ऐलान होने का इंतजार कर रहीं हैं। उनको उम्मीद है कि शायद पार्टी उनको नारनौल से टिकट दे सकती है। यदि वहां से किसी दूसरे को टिकट मिला तो फिर संतोष यादव निर्दलीय चुनावी रण में कूद सकती हैं। दो दिन इंतजार के बाद नाराज नेता उठाएंगे बड़े कदम अटेली विधानसभा सीट से टिकट कटने से कई बीजेपी नेता नाराज हैं। खुलकर सड़कों पर नाराजगी जता रहे हैं। बीजेपी वर्कर्स के साथ ही आम लोग भी आरती राव को बाहरी प्रत्याशी बताकर नाराजगी जता रहे हैं। नाराज नेता 2 दिन इंतजार कर रहे हैं ताकि बीजेपी कोई बदलाव कर दे। यदि बदलाव नहीं हुआ तो फिर यह निर्दलीय चुनावी रण में उतरने का ऐलान कर सकते हैं। ऐसा हुआ तो आरती राव के लिए बड़ी मुसीबत पैदा हो सकती है। पूर्व मंत्री यादव को बुजुर्ग कह टिकट की रेस से किया बाहर
कुछ दिन पूर्व आरती राव ने नारनौल में मौजूदा विधायक ओमप्रकाश यादव को बुजुर्ग कहते हुए कहा कि अब उनकी जगह युवा को मौका मिलना चाहिए। इस अवसर पर विधायक यादव भी मौके पर मौजूद थे। इसके पहले अटेली विधायक सीताराम यादव की जगह आरती ने खुद अटेली से चुनाव लड़ने की बात मंच पर कही थी। इन बयानों के बाद से राव इंद्रजीत सिंह और उनकी बेटी आरती राव को लेकर दक्षिण हरियाणा में नाराजगी का दौर चल रहा है। दक्षिण हरियाणा में वर्चस्व की लड़ाई एक बार फिर अपने चरम पर पहुंचने लगी है। केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बीजेपी की लिस्ट में आधा दर्जन से अधिक को टिकट दिलाकर अपना लोहा मनवाया है। अटेली के मौजूदा विधायक सीताराम यादव की टिकट पर कैंची चलाने के साथ ही अपनी बेटी आरती राव को चुनावी रण में उतारकर राव इंद्रजीत ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। हालांकि अटेली में आरती राव को बाहरी बताने का दौर शुरू हो गया है। वहीं टिकट कटने से पार्टी से इस्तीफे के साथ ही निर्दलीय भी ताल ठोकने का ऐलान शुरू हो गया है। रामपुरा हाउस से जुड़े लोगों की कार्यप्रणाली से स्थानीय लोग नाराज बताए जाते हैं और लोगों में चर्चा है कि इसका खामियाजा कहीं आरती राव को न भुगतना पड़ जाए। मौजूदा विधायक सीताराम यादव संघ व बीजेपी के करीबी थे। वे अपने सरल स्वभाव व हर दम लोगों के लिए मौजूद रहने के चलते लोग उनकी ही टिकट चाह रहे थे। यहां तक सीताराम यादव ने बीजेपी के जिन भी नेताओं से मुलाकात की, सभी ने उनको आश्वासन दिया कि उनकी टिकट पक्की है। हालांकि आरती राव करीब डेढ़ माह पहले ही सार्वजनिक मंच पर अपने अटेली से चुनाव लड़ने का ऐलान कर बीजेपी नेतृत्व को चुनौती दे चुकीं थीं। हालांकि केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने दक्षिण हरियाणा में अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया और काफी हद तक सफल भी रहे। नांगल चौधरी से अभय सिंह यादव अपनी टिकट बचाने में सफल तो र,हे लेकिन इस बार उन्हें विपक्षी पार्टी के साथ ही दूसरे राव साहब की भी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। रामपुरा हाउस से जुड़े लोग अटेली में लंबे समय से सक्रिय हैं। लेकिन उनकी कार्यप्रणाली से स्थानीय लोग खासे नाराज हैं। इसी के चलते जैसे ही आरती राव ने अटेली से चुनाव लड़ने का शंखनाद किया, वैसे ही उनका विरोध शुरू हो गया था। लोगों ने महापंचायत कर निर्णय लिया था कि वह बाहरी प्रत्याशी बर्दाश्त नहीं करेंगे। साथ ही चेतावनी दी थी कि बीजेपी अटेली विधानसभा के 107 गांव से किसी को भी टिकट दे दे, वह उसका पूरा साथ देंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब यहां पर बाहरी का मुद्दा गर्माया हुआ है। इसके चलते यह तो साफ है कि आरती राव के यहां से आसानी से चुनाव जीतना इतना आसान नहीं रहने वाला। नाराज दावेदारों की लंबी सूची
अटेली से मौजूदा विधायक सीताराम यादव, पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव, जसवंत सिंह बब्लू, नरेश यादव, सुनील राव, कुलदीप यादव सहित आधा दर्जन से अधिक नेता आरती राव को टिकट देने से खासे नाराज हैं। कुछ पार्टी छोड़ रहे हैं, तो कुछ अब घर पर बैठने का मन बना रहे हैं। हालांकि सीताराम यादव खुद को बीजेपी का सिपाही बताते हुए साथ देने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि उनके समर्थक व आम लोग कितने सक्रिय रहते हैं। सुनील राव ने इस्तीफा दे दिया है, तो बाकी कतार में हैं। इसके चलते अटेली सीट किसी भी सूरत में आरती राव के लिए सेफ नजर नहीं आ रही हैं। कहीं ऐसा ना हो कि वह यहां आकर फंस जाएं। निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष
अटेली से टिकट मांग रहीं पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव इस समय नारनौल टिकट का ऐलान होने का इंतजार कर रहीं हैं। उनको उम्मीद है कि शायद पार्टी उनको नारनौल से टिकट दे सकती है। यदि वहां से किसी दूसरे को टिकट मिला तो फिर संतोष यादव निर्दलीय चुनावी रण में कूद सकती हैं। दो दिन इंतजार के बाद नाराज नेता उठाएंगे बड़े कदम अटेली विधानसभा सीट से टिकट कटने से कई बीजेपी नेता नाराज हैं। खुलकर सड़कों पर नाराजगी जता रहे हैं। बीजेपी वर्कर्स के साथ ही आम लोग भी आरती राव को बाहरी प्रत्याशी बताकर नाराजगी जता रहे हैं। नाराज नेता 2 दिन इंतजार कर रहे हैं ताकि बीजेपी कोई बदलाव कर दे। यदि बदलाव नहीं हुआ तो फिर यह निर्दलीय चुनावी रण में उतरने का ऐलान कर सकते हैं। ऐसा हुआ तो आरती राव के लिए बड़ी मुसीबत पैदा हो सकती है। पूर्व मंत्री यादव को बुजुर्ग कह टिकट की रेस से किया बाहर
कुछ दिन पूर्व आरती राव ने नारनौल में मौजूदा विधायक ओमप्रकाश यादव को बुजुर्ग कहते हुए कहा कि अब उनकी जगह युवा को मौका मिलना चाहिए। इस अवसर पर विधायक यादव भी मौके पर मौजूद थे। इसके पहले अटेली विधायक सीताराम यादव की जगह आरती ने खुद अटेली से चुनाव लड़ने की बात मंच पर कही थी। इन बयानों के बाद से राव इंद्रजीत सिंह और उनकी बेटी आरती राव को लेकर दक्षिण हरियाणा में नाराजगी का दौर चल रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर