कानपुर की रिमझिम इस्पात में सातवें दिन यानी मंगलवार को छापेमारी की कार्रवाई पूरी होनी थी मगर ऐन मौके पर कुछ ऐसे सबूत आयकर टीम को कुछ और ऐसे सुराग मिले कि अब छापेमारी आठवें दिन भी जारी रहेगी। अब तक की छापेमारी में 330 करोड़ रुपए का कारोबार होने के सबूत मिले हैं। इतना ही नहीं 300 करोड़ का कारोबार सिर्फ नकदी में किया गया है। आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार अब तक 22 बैंक खातों को सील किया गया है। उनकी ट्रंजेक्शन रिपोर्ट अलग से बनाई जा रही है। मंगलवार को क्लोज होने वाली थी रेड, कुछ ठिकानों से टीमें हटी सूत्रों के मुताबिक छह दिनों से चल रही छापेमारी की कार्रवाई सातवें दिन यानी मंगलवार को खत्म होनी थी। मंगलवार तड़के रिमझिम इस्पात कम्पनी के करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर जांच कर रहे अफसर वापस लौट गए थे। हरबंश मोहाल, भूसाटोली, टीपी नगर, फजलगंज, तिलक नगर, विकास नगर, दामोदर नगर में छह दिनों तक लगातार कार्रवाई में टैक्स चोरी व कागजों में हेराफेरी का खुलासा हुआ है। अधिकारी दस्तावेजों को जांच के लिए अपने साथ ले गए हैं। सूत्रों के मुताबिक एक बिल्टी पर दस से बारह बार माल को इधर से उधर किया गया है। जब टीम छापेमारी की कार्रवाई खत्म करने वाली थी तभी नकदी से होने वाले कारोबार के कुछ और कच्चे पर्चे लग गए। जिसके कारण छापेमारी की कार्रवाई अब आगे बढ़ गई है। इतना बड़ी टैक्स चोरी की आंकड़े तक नहीं मिल पा रहे इस्पात कम्पनी और उसके सहयोगी कारोबारियों के ठिकानों पर जिस तरह से बोगस कारोबार के दस्तावेज मिले हैं। उससे विभाग भी हिल गया गया है। बोगस बिलिंग, खरीद फरोख्त में धांधली, उत्पाद और बिक्री में बड़ा अंतर, नकदी में लेनदेन, मुखौटा कम्पनियों के दस्तावेज। इतनी बड़ी मात्रा में मिली है कि आयकर विभाग भी अनुमानित आंकड़ों पर काम कर रहा है जो कि सौ करोड़ का बताया जा रहा है। उन्हें एक्जेक्ट आंकड़े नहीं मिल पाए हैं। फैक्ट्री में उत्पादन शुरू किया आयकर विभाग की छापेमारी के बीच में हमीरपुर के भरूआ सुमेरपुर में उत्पादन शुरू कर दिया गया है। इससे कच्चा माल लाने वाले ट्रक चालकों ने राहत की सांस ली है। मंगलवार को कई ट्रकों को फैक्ट्री के अंदर भेजकर माल को अनलोड कराया गया। अब तक की कार्रवाई पर एक नजर कानपुर की रिमझिम इस्पात में सातवें दिन यानी मंगलवार को छापेमारी की कार्रवाई पूरी होनी थी मगर ऐन मौके पर कुछ ऐसे सबूत आयकर टीम को कुछ और ऐसे सुराग मिले कि अब छापेमारी आठवें दिन भी जारी रहेगी। अब तक की छापेमारी में 330 करोड़ रुपए का कारोबार होने के सबूत मिले हैं। इतना ही नहीं 300 करोड़ का कारोबार सिर्फ नकदी में किया गया है। आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार अब तक 22 बैंक खातों को सील किया गया है। उनकी ट्रंजेक्शन रिपोर्ट अलग से बनाई जा रही है। मंगलवार को क्लोज होने वाली थी रेड, कुछ ठिकानों से टीमें हटी सूत्रों के मुताबिक छह दिनों से चल रही छापेमारी की कार्रवाई सातवें दिन यानी मंगलवार को खत्म होनी थी। मंगलवार तड़के रिमझिम इस्पात कम्पनी के करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर जांच कर रहे अफसर वापस लौट गए थे। हरबंश मोहाल, भूसाटोली, टीपी नगर, फजलगंज, तिलक नगर, विकास नगर, दामोदर नगर में छह दिनों तक लगातार कार्रवाई में टैक्स चोरी व कागजों में हेराफेरी का खुलासा हुआ है। अधिकारी दस्तावेजों को जांच के लिए अपने साथ ले गए हैं। सूत्रों के मुताबिक एक बिल्टी पर दस से बारह बार माल को इधर से उधर किया गया है। जब टीम छापेमारी की कार्रवाई खत्म करने वाली थी तभी नकदी से होने वाले कारोबार के कुछ और कच्चे पर्चे लग गए। जिसके कारण छापेमारी की कार्रवाई अब आगे बढ़ गई है। इतना बड़ी टैक्स चोरी की आंकड़े तक नहीं मिल पा रहे इस्पात कम्पनी और उसके सहयोगी कारोबारियों के ठिकानों पर जिस तरह से बोगस कारोबार के दस्तावेज मिले हैं। उससे विभाग भी हिल गया गया है। बोगस बिलिंग, खरीद फरोख्त में धांधली, उत्पाद और बिक्री में बड़ा अंतर, नकदी में लेनदेन, मुखौटा कम्पनियों के दस्तावेज। इतनी बड़ी मात्रा में मिली है कि आयकर विभाग भी अनुमानित आंकड़ों पर काम कर रहा है जो कि सौ करोड़ का बताया जा रहा है। उन्हें एक्जेक्ट आंकड़े नहीं मिल पाए हैं। फैक्ट्री में उत्पादन शुरू किया आयकर विभाग की छापेमारी के बीच में हमीरपुर के भरूआ सुमेरपुर में उत्पादन शुरू कर दिया गया है। इससे कच्चा माल लाने वाले ट्रक चालकों ने राहत की सांस ली है। मंगलवार को कई ट्रकों को फैक्ट्री के अंदर भेजकर माल को अनलोड कराया गया। अब तक की कार्रवाई पर एक नजर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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मुजफ्फरनगर दंगा केस: गैर-जमानती वारंट के बाद यूपी के मंत्री समेत कई BJP नेता अदालत में पेश
मुजफ्फरनगर दंगा केस: गैर-जमानती वारंट के बाद यूपी के मंत्री समेत कई BJP नेता अदालत में पेश <p style=”text-align: justify;”><strong>Muzaffarnagar Riots:</strong> मुजफ्फरनगर दंगा मामले में गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व मंत्री सुरेश राणा और अशोक कटारिया, भाजपा के पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह सहित कई भाजपा नेता मंगलवार को मुजफ्फरनगर में विधायक/सांसद अदालत में पेश हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विशेष न्यायाधीश देवेंद्र फौजदार ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए 16 नवंबर की तारीख तय की है. इस बीच, डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद अदालत में पेश नहीं हुए और उनके खिलाफ फिर से गैर-जमानती वारंट जारी किया गया. अदालत ने सभी आरोपियों को तय तारीख पर पेश होने का आदेश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अभियोजन अधिकारी नीरज सिंह ने मंगलवार को बताया ‘उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, विहिप नेता साध्वी प्राची, पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह, पूर्व विधायक उमेश मलिक और अशोक कंसल, डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद समेत 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अगस्त 2013 में हुआ था दंगा</strong><br />अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपियों ने अगस्त 2013 में नगलामाडोर गांव में एक पंचायत में भाग लिया और भड़काऊ भाषण दिया था. मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में 2013 के सांप्रदायिक दंगों में 60 से अधिक लोग मारे गए थे और 40,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/gorakhpur-police-raid-on-chowmin-factory-using-banned-chemical-on-dirty-place-ann-2813141″><strong>चाऊमिन के शौकीन हो जाएं सावधान, बाजार में बिक रहा अस्‍पताल पहुंचाने वाला जहर! खतरे में पड़ जाएगी जान</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि इसी साल बीते सितंबर महीने में स्थानीय अदालत ने 10 अभियुक्तों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. कोर्ट द्वारा जिन आरोपियों को दोष मुक्त करार दिए गए आरोपियों में गौरव, अमरपाल, रॉकी, रतन, दिनेश, योगेश, अभिषेक, रूबी, कपिल कुमार और मनोज कुमार शामिल थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने सभी 10 आरोपियों को बरी करते हुए कहा था कि अभियोजन पक्ष अपने आरोप साबित करने में विफल रहा था. यह आदेश पिछली 26 सितंबर को पारित किया गया था और दो दिन बाद उपलब्ध कराया गया. इनपर आरोप लगाया था कि दंगाइयों ने आठ सितंबर 2013 को उसके पति आशु की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>