हिसार में एक युवक का रास्ता रोककर दो सगे भाइयों और 5 से 6 लोगों ने मिलकर मारपीट की। आरोपियों ने युवक को जाति सूचक अपशब्द भी कहे। पुलिस ने घायल युवक के बयान दर्ज कर आज दो नामजद सहित 8 के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दिए बयान में हिमांशु ने बताया कि वह रामनगर भगत सिंह रोड हांसी का रहने वाला है और डी फार्मा के पहले साल का छात्र है। 30 नवंबर को दोपहर करीब 1:30 बजे मैं अपने घर से दोस्त रचित और जश्नपरीत के साथ स्कूटी पर सवार होकर अपने निर्माणाधीन शोरूम अम्बेडकर चौक पर हांसी के पास जा रहा था। घर से थोड़ी दूर पहुंचा तो वहां पहले से घात लगाए बैठे विजेन्द्र सैनी निवासी बोघाराम कालोनी हांसी और उसके अन्य दोस्तों ने मेरा रास्ता रोककर अपहरण करने की कोशिश की। उन्होंने लोहे की रॉड और डंडों से उस पर हमला कर दिया। जब मैंने जान बचाकर भागने का कोशिश की तो बिजेन्द्र ने रॉड से मेरे सिर, मुंह, नाक और माथे पर कई वार किए और उसके दूसरे साथी ने मेरी दोनों टांगों, हाथों और कमर पर चोट मारी। रविन्द्र, बिजेन्द्र और अन्य सभी ने मुझे जाति सूचक अपशब्द कहे और मारपीट कर जमीन पर नीचे गिरा दिया। जब मैंने शोर मचाया और उठकर अपने घर की तरफ भागा तो थोड़ी दूरी पर मेरे पापा और अन्य राहगीरों को आता देखकर आरोपी मौके से फरार हो गए। हांसी शहर थाना पुलिस ने हिमांशु के बयान पर रविन्द्र, बिजेन्द्र व अन्य 5 से 6 के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2), 126(2), 191(2), 191(3), 190, 296, 351(2) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिसार में एक युवक का रास्ता रोककर दो सगे भाइयों और 5 से 6 लोगों ने मिलकर मारपीट की। आरोपियों ने युवक को जाति सूचक अपशब्द भी कहे। पुलिस ने घायल युवक के बयान दर्ज कर आज दो नामजद सहित 8 के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दिए बयान में हिमांशु ने बताया कि वह रामनगर भगत सिंह रोड हांसी का रहने वाला है और डी फार्मा के पहले साल का छात्र है। 30 नवंबर को दोपहर करीब 1:30 बजे मैं अपने घर से दोस्त रचित और जश्नपरीत के साथ स्कूटी पर सवार होकर अपने निर्माणाधीन शोरूम अम्बेडकर चौक पर हांसी के पास जा रहा था। घर से थोड़ी दूर पहुंचा तो वहां पहले से घात लगाए बैठे विजेन्द्र सैनी निवासी बोघाराम कालोनी हांसी और उसके अन्य दोस्तों ने मेरा रास्ता रोककर अपहरण करने की कोशिश की। उन्होंने लोहे की रॉड और डंडों से उस पर हमला कर दिया। जब मैंने जान बचाकर भागने का कोशिश की तो बिजेन्द्र ने रॉड से मेरे सिर, मुंह, नाक और माथे पर कई वार किए और उसके दूसरे साथी ने मेरी दोनों टांगों, हाथों और कमर पर चोट मारी। रविन्द्र, बिजेन्द्र और अन्य सभी ने मुझे जाति सूचक अपशब्द कहे और मारपीट कर जमीन पर नीचे गिरा दिया। जब मैंने शोर मचाया और उठकर अपने घर की तरफ भागा तो थोड़ी दूरी पर मेरे पापा और अन्य राहगीरों को आता देखकर आरोपी मौके से फरार हो गए। हांसी शहर थाना पुलिस ने हिमांशु के बयान पर रविन्द्र, बिजेन्द्र व अन्य 5 से 6 के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2), 126(2), 191(2), 191(3), 190, 296, 351(2) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रेवाड़ी की तीनों सीटें BJP ने जीती:ओवर कॉन्फिडेंस-भीतरघात कांग्रेस को ले डूबा; हार के बावजूद बढ़ा मत प्रतिशत
रेवाड़ी की तीनों सीटें BJP ने जीती:ओवर कॉन्फिडेंस-भीतरघात कांग्रेस को ले डूबा; हार के बावजूद बढ़ा मत प्रतिशत हरियाणा में अहीरवाल बेल्ट की राजधानी कहे जाने वाले रेवाड़ी जिले में भारतीय जनता पार्टी ने तीनों सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि कांग्रेस तीनों ही सीटों पर बुरी तरह हार गई। भाजपा की जीत का अहम कारण संगठन के अलावा RSS का ग्राउंड पर वर्क रहा। जबकि कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण ओवर कॉन्फिडेंस और भीतरघात रहा। भीतरघात करने की कोशिशें तो भाजपा के भी कुछ नेताओं ने की लेकिन रिजल्ट देखकर साफ है कि उनकी तमाम कोशिशें नाकाम ही रही। कांग्रेस ने रेवाड़ी जैसी सीट को गवां दिया। इस सीट पर शुरू से ही जीत को लेकर पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव और उनके बेटे चिरंजीव राव आश्वास्त नजर आ रहे थे। पिछले चुनाव के मुकाबले कांग्रेस का तीनों ही सीटों पर मत प्रतिशत जरूर बढ़ा लेकिन ये जीत में तब्दील नहीं हो पाया। दरअसल, कांग्रेस ने रेवाड़ी सीट से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव को उतारा। उनके सामने बीजेपी ने अपने पुराने संगठन के नेता और कोसली से विधायक रहे लक्ष्मण यादव को टिकट दिया। इसी तरह बावल में कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारी लाल की टिकट काटकर बीजेपी ने हेल्थ डिपार्टमेंट में डायरेक्टर पद से नौकरी छोड़ राजनीति में उतरे डॉ. कृष्ण लाल को कांग्रेस के पूर्व मंत्री डॉ. एमएल रंगा के सामने उतारा। वहीं कोसली विधानसभा सीट पर कांग्रेस के हेवीवेट प्रत्याशी पूर्व मंत्री जगदीश यादव के सामने बीजेपी ने एक सामान्य कार्यकर्ता अनिल डहीना को टिकट दिया। चुनाव से पहले तीनों की सीटों पर एंटी इनकंबेंसी दिख रही थी। लेकिन जिस तरह से बीजेपी ने टिकट काटी उससे माहौल पूरी तरह बदल गया। हालांकि ये इलाका पिछले 2 चुनाव में भी बीजेपी के पक्ष में ही रहा है। लेकिन इस बार जमीनी हालात को भांपते हुए भाजपा ने चुनाव के वक्त बूथ लेवल पर साइलेंट तरीके से काम करते हुए तीनों ही सीटें जीत ली। सीधे मुकाबले में कांग्रेस पर बीजेपी भारी 2019 के चुनाव की बात करें तो रेवाड़ी सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय बना। यहां बीजेपी से बागी होकर रणधीर कापड़ीवास ने चुनाव लड़ते हुए 35 हजार से ज्यादा वोट लिए। जिसका फायदा कांग्रेस को मिला और चिरंजीव राव जीत गए। जबकि बावल और कोसली में सीधा मुकाबला होने के कारण भाजपा को जीत मिली थी। इस बार रेवाड़ी और कोसली सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद की जा रही थी। रेवाड़ी में सतीश यादव आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। पहले दो चुनाव लड़ चुके सतीश दोनों बार 35 हजार से ज्यादा वोट ले चुके थे। लेकिन इस बार 20 हजार वोट भी उन्हें नहीं मिले। चुनाव के अंतिम वक्त में मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच हो गया। आमने-सामने की टक्कर में बीजेपी कांग्रेस पर भारी पड़ी। यही हाल कोसली विधानसभा सीट पर हुआ। यहां निर्दलीय प्रत्याशी मनोज कोसलिया के चुनाव में आने से त्रिकोणीय मुकाबले के आसार दिख रहे थे। लेकिन रिजल्ट पर नजर डाले तो फाइट कांग्रेस के जगदीश यादव और बीजेपी के अनिल डहीना के बीच हुई, जिसका फायदा बीजेपी को मिला और अनिल डहीना जीत गए। चिरंजीव एक बार आगे निकले, रंगा 4 और जगदीश ने 3 बार मंगलवार को हुई मतणना के शुरूआती दौर में ही भाजपा के तीनों प्रत्याशियों ने कांग्रेस पर बढ़त बनानी शुरू कर दी थी। पोस्टल बेलेट खुलने के बाद रूझान में आगे दिखने वाले कांग्रेस प्रत्याशी ईवीएम खुलने के बाद लगातार पिछड़ते चले गए। रेवाड़ी सीट पर 19 राउंड की काउंटिंग में चिरंजीव राव ने पांचवें राउंड में एक बार 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खिलाफ साइलेंट तरीके से विरोध बना रहा, लेकिन वह इसे भांप नहीं पाए। जिसकी वजह से उन्हें किसी भी इलाके में बढ़ नहीं मिल पाई। कोसली विधानसभा सीट: कोसली विधानसभा सीट पर 2019 के चुनाव में कांग्रेस को यादवेंद्र सिंह 40 हजार 189 यानी 26.73% वोट मिले। जबकि लक्ष्मण सिंह यादव 78 हजार 813 यानी 52% वोट मिले थे। लक्ष्मण सिंह यादव ने उस समय 38 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी। इस बार कांग्रेस के जगदीश यादव ने 74 हजार 976 यानी 42.1% वोट लिए। जबकि भाजपा के अनिल डहीना ने 92 हजार 185 यानी 51.76% वोट लिए। इस तरह अनिल डहीना 17209 वोटों से जीत गए। अनिल की जीत का सबसे बड़ा कारण कोसली सीट रामपुरा हाउस की पैतृक सीट होना रहा। अनिल को टिकट भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर ही मिली थी। इसलिए इस सीट पर राव इंद्रजीत सिंह ने खूब प्रचार किया। साथ ही लक्ष्मण सिंह यादव के रेवाड़ी शिफ्ट होने से एंटी इनकंबेंसी का खतरा भी कम हो गया। ये दोनों ही फैक्टर बीजेपी के काम आए। वहीं कांग्रेस के जगदीश यादव की हार के पीछे भीतरघात और ओवर कॉन्फिडेंस रहा। यहां टिकट कटने से नाराज यादवेंद्र सिंह पहले ही बगावत के 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अधिकारी के रूप में जिले में काफी लंबे समय तक काम कर चुके थे। ऐसे में उनकी साफ छवि ने भी इलाके में उनकी पकड़ बनाई। जीत का तीसरा अहम कारण केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह द्वारा लगातार प्रचार करना भी रहा। क्योंकि बावल सीट पर भी रामपुरा हाउस का दबदबा हमेशा रहा है।
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला कबूला:5 बोनस अंक हटाकर CET का रिवाइज्ड रिजल्ट जारी; 23 हजार नियुक्तियां अधर में
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला कबूला:5 बोनस अंक हटाकर CET का रिवाइज्ड रिजल्ट जारी; 23 हजार नियुक्तियां अधर में हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला कबूल कर लिया है। सामाजिक व आर्थिक आधार पर 5 नंबर बोनस अंक वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने के बाद कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के ग्रुप-C का रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया गया है। यह रिजल्ट बिना बोनस अंकों के जारी हुआ है। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने मंगलवार रात इसे लेकर नोटिस जारी किया। CET एग्जाम 5-6 नवंबर 2022 को लिया गया था। इसके बाद सरकार 23 हजार पदों पर नियुक्तियां कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने बीते सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि ‘यह नीति जनता को आकर्षित करने के लिए लोकलुभावन उपाय है। यह योग्यता को प्राथमिकता देने के सिद्धांत से भटकी हुई है।’ अटॉर्नी जनरल ने कहा- जिन्होंने परीक्षा दी उनकी क्या गलती? अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने कोर्ट से कहा कि ग्रुप-D के पदों पर काम करने वाले कर्मचारी स्थानीय स्तर के हैं। यह लाभ ऐसे लोगों को दिए जाते हैं, जिनके परिवार के पास आय का कोई स्रोत नहीं है। क्या ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी में अवसर नहीं दिया जाना चाहिए? हाईकोर्ट द्वारा लिखित परीक्षा दोबारा कराने का आदेश दिया जाना सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के खिलाफ है। इन पर दोबारा से विचार करने की जरूरत है। जिन्होंने परीक्षा दी है, इसमें उनकी क्या गलती है?। कोर्ट ने कहा- नई मेरिट लिस्ट वालों को मिलेगा मौका कोर्ट ने राज्य कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की याचिका खारिज करते हुए फैसले में कहा, ‘जिन अभ्यर्थियों को पहले के परिणाम के आधार पर विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया है, अगर वे CET की नई मेरिट सूची में आते हैं तो नई चयन प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति होगी। जब तक नए चयन की तैयारी नहीं हो जाती, तब तक वे पदों पर बने रहेंगे। वे नई चयन प्रक्रिया में चयनित नहीं होते तो पद छोड़ना होगा और नियुक्ति समाप्त मानी जाएगी। उन्हें अन्य कोई विशेष अधिकार नहीं होगा और वे उस अवधि के वेतन के अतिरिक्त किसी अन्य लाभ के हकदार नहीं होंगे।’ CM कह चुके- किसी की नौकरी नहीं जाएगी हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी कह चुके हैं कि जिनकी नियुक्तियां हुई हैं, उनकी नौकरी नहीं जाएगी। सरकार के पास 2 विकल्प हैं। एक तो सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकती है। दूसरा- सदन में विधेयक लाया जा सकता है। ये खबरें भी पढ़ें:- हरियाणा में नौकरियों में 5 नंबर का बोनस असंवैधानिक करार:SC ने राज्य सरकार का फैसला पलटा; CM बोले- विधेयक लाकर नौकरियां बचाएंगे बोनस अंक पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा सरकार को खरी-खरी:कहा- बिना किसी प्रयास के 5 नंबर क्यों; 23 हजार नौकरी बचाने के 3 विकल्प बचे
फरीदाबाद में पुलिस जवान ने किया सुसाइड:फांसी पर लटका मिला शव, रेवाड़ी जिले के थे रहने वाले, मानसिक रूप से थे परेशान
फरीदाबाद में पुलिस जवान ने किया सुसाइड:फांसी पर लटका मिला शव, रेवाड़ी जिले के थे रहने वाले, मानसिक रूप से थे परेशान हरियाणा के फरीदाबाद जिले के सेक्टर-30 स्थित पुलिस लाइन में तैनात एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) ने जंगले में बंधी रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान मूलरूप से रेवाड़ी के रोड़ाई गांव निवासी 42 वर्षीय उमराव सिंह के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि वह मानसिक रूप से परेशान थे। सूचना पर पहुंची पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। फांसी पर लटका मिला शव पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मृतक उमराव सिंह करीब 23 साल से हरियाणा में पुलिस में थे। उनकी ड्यूटी पुलिस लाइन में लगी थी। वह पुलिस लाइन में अकेले रह रहे थे। साथ ही मधुमेह आदि बीमारी से ग्रसित थे। इससे वह मानसिक तनाव में रहते थे। सुबह करीब छह बजे उमराव जब अपने कमरे से बाहर नहीं आए तो अन्य साथी उन्हें उठाने गए। काफी देर तक उन्हें आवाज दी गई। जब वह बाहर नहीं आए तो खिड़की से देखा गया। वह जंगले में बंधी रस्सी से लटके थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा इसकी सूचना तुरंत पुलिस लाइन में तैनात अन्य पुलिस कर्मियों को दी गई। साथ ही सेक्टर-30 थाना पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बीके अस्पताल भेज दिया है। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। ऐसे में आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है। पुलिस मृतक के परिजन से भी आत्महत्या के कारणों की जानकारी जुटाएगी।