यूपी में सपा की सबसे सुरक्षित सीटों में शुमार कुंदरकी में सपा कैंडिडेट हाजी रिजवान अपनी जमानत जब्त करा बैठे। जिस 60% मुस्लिम वोट पर सपा को सबसे ज्यादा भरोसा था, रिजवान को सबसे ज्यादा नाराजगी उन्हीं मुसलमानों की झेलनी पड़ी। रिजवान ने दावा किया कि कुंदरकी उपचुनाव में 90% लोगों की उंगली पर स्याही नहीं लगी। लेकिन उनके गांव में ही लोगों ने इस दावे को झुठला दिया। भास्कर से हाजी रिजवान ने कहा- लोग रामवीर और सरकार से डरे हैं, इसलिए मेरे खिलाफ बोल रहे हैं। दम है तो रामवीर इस्तीफा देकर फिर चुनाव लड़कर दिखाएं। हमने पूछा- अब तो पुलिस का डर भी नहीं, फिर क्यों मुसलमान आपके खिलाफ इतना मुखर हैं? रिजवान बोले- मुसलमान अभी डर के साए में हैं, धीरे-धीरे डर खत्म होगा तो बोलने भी लगेंगे। पढ़िए हाजी रिजवान का चुनाव के बाद पहला इंटरव्यू… सवाल : आप कुंदरकी से 3 बार विधायक रहे हैं। इस बार जमानत नहीं बचा पाए?
जवाब : इस बार कोई चुनाव नहीं हुआ। लोगों को इतना डरा दिया गया था कि वो वोट देने नहीं निकले। कहीं आईडी जमा करा ली गई। कहीं, रेड कार्ड जारी कर दिए गए। मैं इस चुनाव को चुनाव मानने को तैयार नहीं हूं। 90% लोगों की उंगली पर स्याही नहीं लगी, यदि ऐसा हुआ हो तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। मैं रामवीर को चुनौती देता हूं कि उनके अंदर दम है तो इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव लड़ लें। शर्त ये है कि चुनाव में पुलिस की भूमिका न हो, अर्द्ध सैनिक बलों की मौजूदगी में चुनाव कराया जाए। सवाल : आपके गांव के लोग कह रहे आपके खिलाफ मुस्लिमों में नाराजगी थी, इसलिए हारे?
जवाब : हर गांव में पार्टीबंदी होती है। मेरे गांव में क्या दो-चार मेरे विरोधी नहीं हो सकते हैं? ऐसे भी लोग गांव में हैं, जो मेरे धुर विरोधी हैं। वो हमेशा मेरे मुकाबले पर रहते हैं। हर गांव में ऐसा होता है। मेरे गांव में जो लोग मेरे खिलाफ बोल रहे हैं वो मेरे मुखालिफ़ हैं। कुछ लोग हैं, जिनसे दादा के जमाने से हमारा 36 का आंकड़ा है। सवाल : सपा कुत्ते को पट्टा डालेगी, वो भी जीतेगा? ये आपका ओवर कॉन्फिडेंस था?
जवाब : भाजपा वालों का काम झूठ बोलना है। मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया। अब रामवीर तो गंगा नहाकर आए हैं। सारे दोष तो अब मेरे अंदर ही हैं। वो जो कह दें वही सच है। वो तो दूध के धुले हैं। उनकी क्रिमिनल हिस्ट्री भी अब तो दबी है। मैं इस बयान को सिरे से नकारता हूं। रामवीर ने यह बयान खुद से पैदा करके इसका प्रचार किया है। सवाल : आपने कहा- BJP के साथ जो मुस्लिम, वो दलाल, ये अपमान नहीं था?
जवाब : मैंने तो ये कहा था कि कुछ लोग हैं, दो-चार मौलाना टाइप के, जो इनके साथ फिर रहे थे। अब वो किसी लालच में थे या दबाव में थे, वही जाने। उन्हीं को ज्यादा पेश किया जा रहा था। दलाली, बिकाऊ की बात मैंने नहीं कही। फिर मेरी ही बात क्यों? आप हमारे प्रधानमंत्री मोदी को देख लीजिए। वो इस बार कितने मार्जिन से जीते हैं। वो तो दूध के धुले हैं, बहुत बढ़िया प्रधानमंत्री हैं, देखिए बनारस में उनका क्या हाल हुआ? अगर प्रियंका गांधी लड़ी होतीं तो मोदी हार कर घर बैठ जाते। सवाल : मुस्लिम आपके खिलाफ बोल रहे, इसे पुलिस का डर तो नहीं कहेंगे?
जवाब : वो (रामवीर सिंह) सत्ता में हैं। वो हर तरह का डर दिखाएगा। कहेगा, मैं सत्ता में हूं, जो चाहे FIR करवा दूंगा। मेरे पास पावर थोड़ी है, जो मैं FIR करा दूंगा। मेरे पास थोड़ी सत्ता है। सत्ता की पूरी हनक इस चुनाव में दिखाई पड़ी है। मुसलमान डर के साए में हैं, इसलिए मेरे खिलाफ बोल रहे हैं। सवाल : अलग-अलग गांव के मुस्लिम आपके विरोध में हैं?
जवाब : डर तो लोगों को अब भी है। एक शख्स मुझे कल दावत में मिले। उन्होंने चुनाव में मेरे खिलाफ खूब बोला था। मैंने उनसे पूछा कि आप तो हमारे खिलाफ खूब बोले। इस पर वो कहने लगे, क्या करें हमें डरा दिया गया था। अभी लोगों के दिलों में डर कायम है। निकलते-निकलते टाइम लगेगा। मैं रामवीर को पहले भी 2 बार हरा चुका हूं। अब क्या वो दूध में नहाकर आ गए हैं? सवाल : प्रशासनिक सख्ती से इतना बड़ा अंतर नहीं हो सकता?
जवाब : यहां ऐसा ही हुआ है। इस बात का भी आश्चर्य है कि मुझे 25 हजार वोट कैसे मिल गए। मेरे बूथ पर भी सुबह 5 बजे 100 वोट डाल दिए गए। रामवीर सिंह ने मेरे विरोधी से कहकर वोट डलवाए। रामवीर की पत्नी, बेटी, भाभी बूथों पर बैठे थे। ऐसे में मजबूरी में वोटर्स ने उन्हें वोट किए। मैं चुनाव में किसी कीमत पर भी हार मानने को तैयार नहीं हूं। सवाल : सपा से भी पूरा सपोर्ट नहीं मिला, आपकी बिरादरी ने भी वोट नहीं दिया?
जवाब : प्रचार में आए न आए…अलग बात है। कम आए वो प्रचार में वो अलग बात थी। वोट मांगने की जरूरत नहीं थी। यहां वोटर का मन ठीक था। वोटर इतना दबाव मान गया कि वोट डालने ही नहीं निकले। सवाल : जयारुरहमान बर्क आपके प्रचार में नहीं आए, इसलिए तुर्क वोट कट गया?
जवाब : जियाउर्रहमान सक्रियता से रहे न रहे वो अलग बात है। जितना उनके वश की थी, वो आए। हमने लोकसभा में उनको ईमानदारी से चुनाव लड़ाया, उन्होंने भी ईमानदारी से मुझे चुनाव लड़ाया। सवाल : तुर्क बिरादरी के ही 80 हजार वोटर, आपको महज 25 हजार वोट मिले?
जवाब : तुर्कों को वोट डालने ही कब दिए गए। उन्हें वोट नहीं डालने दिया गया। लाल पर्ची से वोटिंग हो रही थी। सवाल : आगे क्या चाहते हैं।, किसी कानूनी कदम पर विचार कर रहे हैं?
जवाब : मैं रामवीर सिंह को चैलेंज देता हूं। रामवीर इस्तीफा देकर फिर से चुनाव लड़ें। मुझे हरा देंगे तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। सवाल : मुसलमान आपके खिलाफ इतना क्यों बोल रहे, रामवीर की तारीफ कर रहे?
जवाब : अभी तो मुसलमान डर में हैं। अभी तो वो (रामवीर सिंह) शपथ लेकर आया भी नहीं है। लोगों में डर है कि आएगा तो पता नहीं क्या करेगा। अभी तो वो क्षेत्र में निकला नहीं है। लोगों में इस सरकार का भी डर है। इसलिए मुसलमान डर के साए में हैं और कुछ बोलना नहीं चाहते हैं। रामवीर के डर की वजह से ही मुसलमान मेरे खिलाफ बोल रहे हैं। वरना वो मुकदमे लगवा देगा। अभी रामवीर से इस्तीफा दिला दीजिए। दोबारा चुनाव करा दीजिए। सभी मुंह खोल देंगे। अब कुंदरकी उपचुनाव जीतने वाले रामवीर यादव को जाने… ……………………….. यह खबर भी पढ़िए… देवकीनंदन ठाकुर बोले- तुम सब छीनते चले जाओ:हम आवाज उठाएं तो खाई खोद रहे, क्या देश में मुगलों का राज
देश में सनातन बोर्ड के लिए आवाज उठाकर कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर सुर्खियों में हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि की बात करके, धर्म संसद करके वह संतों का समर्थन जुटा रहे हैं। मुस्लिम और हिंदुओं के बीच खाई बढ़ाने के आरोपों पर वह कहते हैं- वक्फ बोर्ड की तरह जमीन हथियाने के लिए नहीं, हम मंदिरों को बचाने के लिए सनातन बोर्ड चाहते हैं। हम अपने मंदिर भी नहीं बचा सकते। क्या देश में मुगलों का शासन है। पढ़ें पूरी खबर… यूपी में सपा की सबसे सुरक्षित सीटों में शुमार कुंदरकी में सपा कैंडिडेट हाजी रिजवान अपनी जमानत जब्त करा बैठे। जिस 60% मुस्लिम वोट पर सपा को सबसे ज्यादा भरोसा था, रिजवान को सबसे ज्यादा नाराजगी उन्हीं मुसलमानों की झेलनी पड़ी। रिजवान ने दावा किया कि कुंदरकी उपचुनाव में 90% लोगों की उंगली पर स्याही नहीं लगी। लेकिन उनके गांव में ही लोगों ने इस दावे को झुठला दिया। भास्कर से हाजी रिजवान ने कहा- लोग रामवीर और सरकार से डरे हैं, इसलिए मेरे खिलाफ बोल रहे हैं। दम है तो रामवीर इस्तीफा देकर फिर चुनाव लड़कर दिखाएं। हमने पूछा- अब तो पुलिस का डर भी नहीं, फिर क्यों मुसलमान आपके खिलाफ इतना मुखर हैं? रिजवान बोले- मुसलमान अभी डर के साए में हैं, धीरे-धीरे डर खत्म होगा तो बोलने भी लगेंगे। पढ़िए हाजी रिजवान का चुनाव के बाद पहला इंटरव्यू… सवाल : आप कुंदरकी से 3 बार विधायक रहे हैं। इस बार जमानत नहीं बचा पाए?
जवाब : इस बार कोई चुनाव नहीं हुआ। लोगों को इतना डरा दिया गया था कि वो वोट देने नहीं निकले। कहीं आईडी जमा करा ली गई। कहीं, रेड कार्ड जारी कर दिए गए। मैं इस चुनाव को चुनाव मानने को तैयार नहीं हूं। 90% लोगों की उंगली पर स्याही नहीं लगी, यदि ऐसा हुआ हो तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। मैं रामवीर को चुनौती देता हूं कि उनके अंदर दम है तो इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव लड़ लें। शर्त ये है कि चुनाव में पुलिस की भूमिका न हो, अर्द्ध सैनिक बलों की मौजूदगी में चुनाव कराया जाए। सवाल : आपके गांव के लोग कह रहे आपके खिलाफ मुस्लिमों में नाराजगी थी, इसलिए हारे?
जवाब : हर गांव में पार्टीबंदी होती है। मेरे गांव में क्या दो-चार मेरे विरोधी नहीं हो सकते हैं? ऐसे भी लोग गांव में हैं, जो मेरे धुर विरोधी हैं। वो हमेशा मेरे मुकाबले पर रहते हैं। हर गांव में ऐसा होता है। मेरे गांव में जो लोग मेरे खिलाफ बोल रहे हैं वो मेरे मुखालिफ़ हैं। कुछ लोग हैं, जिनसे दादा के जमाने से हमारा 36 का आंकड़ा है। सवाल : सपा कुत्ते को पट्टा डालेगी, वो भी जीतेगा? ये आपका ओवर कॉन्फिडेंस था?
जवाब : भाजपा वालों का काम झूठ बोलना है। मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया। अब रामवीर तो गंगा नहाकर आए हैं। सारे दोष तो अब मेरे अंदर ही हैं। वो जो कह दें वही सच है। वो तो दूध के धुले हैं। उनकी क्रिमिनल हिस्ट्री भी अब तो दबी है। मैं इस बयान को सिरे से नकारता हूं। रामवीर ने यह बयान खुद से पैदा करके इसका प्रचार किया है। सवाल : आपने कहा- BJP के साथ जो मुस्लिम, वो दलाल, ये अपमान नहीं था?
जवाब : मैंने तो ये कहा था कि कुछ लोग हैं, दो-चार मौलाना टाइप के, जो इनके साथ फिर रहे थे। अब वो किसी लालच में थे या दबाव में थे, वही जाने। उन्हीं को ज्यादा पेश किया जा रहा था। दलाली, बिकाऊ की बात मैंने नहीं कही। फिर मेरी ही बात क्यों? आप हमारे प्रधानमंत्री मोदी को देख लीजिए। वो इस बार कितने मार्जिन से जीते हैं। वो तो दूध के धुले हैं, बहुत बढ़िया प्रधानमंत्री हैं, देखिए बनारस में उनका क्या हाल हुआ? अगर प्रियंका गांधी लड़ी होतीं तो मोदी हार कर घर बैठ जाते। सवाल : मुस्लिम आपके खिलाफ बोल रहे, इसे पुलिस का डर तो नहीं कहेंगे?
जवाब : वो (रामवीर सिंह) सत्ता में हैं। वो हर तरह का डर दिखाएगा। कहेगा, मैं सत्ता में हूं, जो चाहे FIR करवा दूंगा। मेरे पास पावर थोड़ी है, जो मैं FIR करा दूंगा। मेरे पास थोड़ी सत्ता है। सत्ता की पूरी हनक इस चुनाव में दिखाई पड़ी है। मुसलमान डर के साए में हैं, इसलिए मेरे खिलाफ बोल रहे हैं। सवाल : अलग-अलग गांव के मुस्लिम आपके विरोध में हैं?
जवाब : डर तो लोगों को अब भी है। एक शख्स मुझे कल दावत में मिले। उन्होंने चुनाव में मेरे खिलाफ खूब बोला था। मैंने उनसे पूछा कि आप तो हमारे खिलाफ खूब बोले। इस पर वो कहने लगे, क्या करें हमें डरा दिया गया था। अभी लोगों के दिलों में डर कायम है। निकलते-निकलते टाइम लगेगा। मैं रामवीर को पहले भी 2 बार हरा चुका हूं। अब क्या वो दूध में नहाकर आ गए हैं? सवाल : प्रशासनिक सख्ती से इतना बड़ा अंतर नहीं हो सकता?
जवाब : यहां ऐसा ही हुआ है। इस बात का भी आश्चर्य है कि मुझे 25 हजार वोट कैसे मिल गए। मेरे बूथ पर भी सुबह 5 बजे 100 वोट डाल दिए गए। रामवीर सिंह ने मेरे विरोधी से कहकर वोट डलवाए। रामवीर की पत्नी, बेटी, भाभी बूथों पर बैठे थे। ऐसे में मजबूरी में वोटर्स ने उन्हें वोट किए। मैं चुनाव में किसी कीमत पर भी हार मानने को तैयार नहीं हूं। सवाल : सपा से भी पूरा सपोर्ट नहीं मिला, आपकी बिरादरी ने भी वोट नहीं दिया?
जवाब : प्रचार में आए न आए…अलग बात है। कम आए वो प्रचार में वो अलग बात थी। वोट मांगने की जरूरत नहीं थी। यहां वोटर का मन ठीक था। वोटर इतना दबाव मान गया कि वोट डालने ही नहीं निकले। सवाल : जयारुरहमान बर्क आपके प्रचार में नहीं आए, इसलिए तुर्क वोट कट गया?
जवाब : जियाउर्रहमान सक्रियता से रहे न रहे वो अलग बात है। जितना उनके वश की थी, वो आए। हमने लोकसभा में उनको ईमानदारी से चुनाव लड़ाया, उन्होंने भी ईमानदारी से मुझे चुनाव लड़ाया। सवाल : तुर्क बिरादरी के ही 80 हजार वोटर, आपको महज 25 हजार वोट मिले?
जवाब : तुर्कों को वोट डालने ही कब दिए गए। उन्हें वोट नहीं डालने दिया गया। लाल पर्ची से वोटिंग हो रही थी। सवाल : आगे क्या चाहते हैं।, किसी कानूनी कदम पर विचार कर रहे हैं?
जवाब : मैं रामवीर सिंह को चैलेंज देता हूं। रामवीर इस्तीफा देकर फिर से चुनाव लड़ें। मुझे हरा देंगे तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। सवाल : मुसलमान आपके खिलाफ इतना क्यों बोल रहे, रामवीर की तारीफ कर रहे?
जवाब : अभी तो मुसलमान डर में हैं। अभी तो वो (रामवीर सिंह) शपथ लेकर आया भी नहीं है। लोगों में डर है कि आएगा तो पता नहीं क्या करेगा। अभी तो वो क्षेत्र में निकला नहीं है। लोगों में इस सरकार का भी डर है। इसलिए मुसलमान डर के साए में हैं और कुछ बोलना नहीं चाहते हैं। रामवीर के डर की वजह से ही मुसलमान मेरे खिलाफ बोल रहे हैं। वरना वो मुकदमे लगवा देगा। अभी रामवीर से इस्तीफा दिला दीजिए। दोबारा चुनाव करा दीजिए। सभी मुंह खोल देंगे। अब कुंदरकी उपचुनाव जीतने वाले रामवीर यादव को जाने… ……………………….. यह खबर भी पढ़िए… देवकीनंदन ठाकुर बोले- तुम सब छीनते चले जाओ:हम आवाज उठाएं तो खाई खोद रहे, क्या देश में मुगलों का राज
देश में सनातन बोर्ड के लिए आवाज उठाकर कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर सुर्खियों में हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि की बात करके, धर्म संसद करके वह संतों का समर्थन जुटा रहे हैं। मुस्लिम और हिंदुओं के बीच खाई बढ़ाने के आरोपों पर वह कहते हैं- वक्फ बोर्ड की तरह जमीन हथियाने के लिए नहीं, हम मंदिरों को बचाने के लिए सनातन बोर्ड चाहते हैं। हम अपने मंदिर भी नहीं बचा सकते। क्या देश में मुगलों का शासन है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर