नूंह में महिला व नवजात की मौत:गुप्तांग में फंसा बच्चा; ढ़ाई घंटे तड़पी प्रसूता, खून की उलटी आई, फर्जी डॉक्टर फरार

नूंह में महिला व नवजात की मौत:गुप्तांग में फंसा बच्चा; ढ़ाई घंटे तड़पी प्रसूता, खून की उलटी आई, फर्जी डॉक्टर फरार

हरियाणा के नूंह में एक निजी जच्चा बच्चा केंद्र में गर्भवती महिला की जबरन डिलीवरी करने से महिला और बच्चे दोनों की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद जच्चा बच्चा केंद्र से फर्जी डॉक्टर भाग गए। केंद्र के बाहर लिखा नाम भी मिटा दिया। परिजनों के अनुसार बच्चा ढ़ाई घंटे तक प्राइवेट पार्ट (गुप्तांग) में फंसा रहा और महिला को मुंह से खून की उल्टी आई। मामले में शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई में लगा है। नूंह के सिविल सर्जन को दी शिकायत में गांव पल्ला निवासी मुबारिक ने बताया कि 2 नवंबर को उनकी बेटी आयशा खान को उसका पति दिलशाद पुन्हाना स्थित एक निजी जच्चा बच्चा केंद्र में जांच के लिए लेकर गया था। वहां मौजूद डॉक्टरों ने कहा कि हम उसकी नॉर्मल डिलीवरी कर देंगे। दिलशाद ने मना किया कि अभी किसी तरह का कोई दर्द आयशा को नहीं है। आरोप है कि जच्चा बच्चा केंद्र के डॉक्टर नहीं माने। दर्द से तड़पती रही महिला मुबारिक नग बताया कि इसके बाद किसी साबिर नाम के डॉक्टर, जो कि लुहिंगाकला का रहने वाला था, को बुलाकर आयशा को दूध में कुछ दवाइयां मिला कर पिला दी। पति दिलशाद ने बताया कि दवा देने के बाद आयशा के मुंह से खून आने लगा। आनन–फानन में डॉक्टर साबिर उसकी पत्नी की जबरन डिलीवरी कराने लगे। इस दौरान बच्चा महिला के प्राइवेट पार्ट में फंस गया। करीब ढाई घंटे बाद बच्चा निकाला जा सका। नवजात की माैत हो चुकी थी। डिलीवरी के बाद नहीं रुका खून दिलशाद ने बताया कि इसके बाद आयशा का खून नहीं रुका। उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। वे उसे नलहड़ मेडिकल कॉलेज नूंह ले गए। वहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार का आरोप है कि जच्चा बच्चा की मौत के लिए निजी केंद्र का स्टाफ जिम्मेदार है। निजी केंद्र पर फिलहाल ताला लटका है और उस पर लिखा नाम भी मिटा दिया गया है। हेल्थ विभाग ने शुरू की कार्रवाई नूंह के सिविल सर्जन डॉ. सर्वजीत कुमार ने कहा कि उन्हें बुधवार को ही शिकायत मिली है। विभाग ने जच्चा व बच्चा की मौत को लेकर छानबीन शुरू कर दी है। शहर में चल रहे अवैध जच्चा बच्चा केंद्रों की सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही इन पर कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा के नूंह में एक निजी जच्चा बच्चा केंद्र में गर्भवती महिला की जबरन डिलीवरी करने से महिला और बच्चे दोनों की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद जच्चा बच्चा केंद्र से फर्जी डॉक्टर भाग गए। केंद्र के बाहर लिखा नाम भी मिटा दिया। परिजनों के अनुसार बच्चा ढ़ाई घंटे तक प्राइवेट पार्ट (गुप्तांग) में फंसा रहा और महिला को मुंह से खून की उल्टी आई। मामले में शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई में लगा है। नूंह के सिविल सर्जन को दी शिकायत में गांव पल्ला निवासी मुबारिक ने बताया कि 2 नवंबर को उनकी बेटी आयशा खान को उसका पति दिलशाद पुन्हाना स्थित एक निजी जच्चा बच्चा केंद्र में जांच के लिए लेकर गया था। वहां मौजूद डॉक्टरों ने कहा कि हम उसकी नॉर्मल डिलीवरी कर देंगे। दिलशाद ने मना किया कि अभी किसी तरह का कोई दर्द आयशा को नहीं है। आरोप है कि जच्चा बच्चा केंद्र के डॉक्टर नहीं माने। दर्द से तड़पती रही महिला मुबारिक नग बताया कि इसके बाद किसी साबिर नाम के डॉक्टर, जो कि लुहिंगाकला का रहने वाला था, को बुलाकर आयशा को दूध में कुछ दवाइयां मिला कर पिला दी। पति दिलशाद ने बताया कि दवा देने के बाद आयशा के मुंह से खून आने लगा। आनन–फानन में डॉक्टर साबिर उसकी पत्नी की जबरन डिलीवरी कराने लगे। इस दौरान बच्चा महिला के प्राइवेट पार्ट में फंस गया। करीब ढाई घंटे बाद बच्चा निकाला जा सका। नवजात की माैत हो चुकी थी। डिलीवरी के बाद नहीं रुका खून दिलशाद ने बताया कि इसके बाद आयशा का खून नहीं रुका। उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। वे उसे नलहड़ मेडिकल कॉलेज नूंह ले गए। वहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार का आरोप है कि जच्चा बच्चा की मौत के लिए निजी केंद्र का स्टाफ जिम्मेदार है। निजी केंद्र पर फिलहाल ताला लटका है और उस पर लिखा नाम भी मिटा दिया गया है। हेल्थ विभाग ने शुरू की कार्रवाई नूंह के सिविल सर्जन डॉ. सर्वजीत कुमार ने कहा कि उन्हें बुधवार को ही शिकायत मिली है। विभाग ने जच्चा व बच्चा की मौत को लेकर छानबीन शुरू कर दी है। शहर में चल रहे अवैध जच्चा बच्चा केंद्रों की सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही इन पर कार्रवाई की जाएगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर