केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा आज हरियाणा के दौरे पर रहेंगे। वे पंचकूला में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत भारत में तपेदिक (TB) की पहचान और मृत्यु दर की चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से एक व्यापक 100 दिवसीय अभियान का शुभारंभ करेंगे। केंद्रीय मंत्री हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव की मौजूदगी में इस अभियान का शुभारंभ करेंगे। अभियान 33 राज्यों में लागू किया जाएगा 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 347 जिलों में लागू की जाने वाली इस पहल का उद्देश्य टीबी के मामलों का पता लगाना, निदान में देरी को कम करना और उपचार के परिणामों को बेहतर बनाना है, खासकर उच्च जोखिम वाले समूहों में। यह देश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यक्रम संबंधी गतिविधियों को मजबूत करने, टीबी के परिणामों में असमानताओं को कम करने और टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश द्वारा किया गया एक और प्रयास होगा। यह पहल टीबी मुक्त भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है जिसे माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 दिल्ली एंड टीबी समिट में प्रस्तुत किया था। अभियान के तहत क्या होगा 100 दिवसीय अभियान का दृष्टिकोण टीबी की घटना दर, निदान कवरेज और मृत्यु दर जैसे प्रमुख संकेतकों से सूचित है। यह मंत्रालय द्वारा हाल ही में किए गए नीतिगत सुधारों के साथ भी संरेखित है, जिसमें टीबी रोगियों के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत बढ़ी हुई वित्तीय सहायता और सामाजिक सहायता पहल, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत घरेलू संपर्कों को शामिल करना शामिल है। अभियान के कुछ प्रमुख फोकस क्षेत्र उन्नत निदान तक पहुंच बढ़ाना, कमजोर समूहों के बीच लक्षित जांच, उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए विशेष देखभाल का प्रावधान और विस्तारित पोषण सहायता हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा आज हरियाणा के दौरे पर रहेंगे। वे पंचकूला में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत भारत में तपेदिक (TB) की पहचान और मृत्यु दर की चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से एक व्यापक 100 दिवसीय अभियान का शुभारंभ करेंगे। केंद्रीय मंत्री हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव की मौजूदगी में इस अभियान का शुभारंभ करेंगे। अभियान 33 राज्यों में लागू किया जाएगा 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 347 जिलों में लागू की जाने वाली इस पहल का उद्देश्य टीबी के मामलों का पता लगाना, निदान में देरी को कम करना और उपचार के परिणामों को बेहतर बनाना है, खासकर उच्च जोखिम वाले समूहों में। यह देश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यक्रम संबंधी गतिविधियों को मजबूत करने, टीबी के परिणामों में असमानताओं को कम करने और टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश द्वारा किया गया एक और प्रयास होगा। यह पहल टीबी मुक्त भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है जिसे माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 दिल्ली एंड टीबी समिट में प्रस्तुत किया था। अभियान के तहत क्या होगा 100 दिवसीय अभियान का दृष्टिकोण टीबी की घटना दर, निदान कवरेज और मृत्यु दर जैसे प्रमुख संकेतकों से सूचित है। यह मंत्रालय द्वारा हाल ही में किए गए नीतिगत सुधारों के साथ भी संरेखित है, जिसमें टीबी रोगियों के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत बढ़ी हुई वित्तीय सहायता और सामाजिक सहायता पहल, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत घरेलू संपर्कों को शामिल करना शामिल है। अभियान के कुछ प्रमुख फोकस क्षेत्र उन्नत निदान तक पहुंच बढ़ाना, कमजोर समूहों के बीच लक्षित जांच, उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए विशेष देखभाल का प्रावधान और विस्तारित पोषण सहायता हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कुरुक्षेत्र में 4 दिवसीय रत्नावली समारोह शुरू:34 हरियाणवी विधाओं में 3000 से ज्यादा छात्र कलाकार हिस्सा लेंगे; समापन 28 को
कुरुक्षेत्र में 4 दिवसीय रत्नावली समारोह शुरू:34 हरियाणवी विधाओं में 3000 से ज्यादा छात्र कलाकार हिस्सा लेंगे; समापन 28 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (KU) में राज्य स्तरीय सांस्कृतिक उत्सव ‘रत्नावली’ का आज शुक्रवार को आगाज हुआ है। रत्नावली का आयोजन 28 अक्टूबर तक किया जा रहा है। समारोह में 34 हरियाणवी विधाओं में 3000 से ज्यादा छात्र कलाकार हिस्सा लेंगे। राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह के उद्घाटन अवसर पर एनआईटी कुरुक्षेत्र के निदेशक डॉ.बी सी रमन्ना रेड्डी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ.विवेक चावला ने बताया कि चार दिवसीय रत्नावली समारोह में 34 विधाओं में 3000 से ज्यादा कलाकार हिस्सा लें रहे हैं । रत्नावली को देखने के लिए लोग दूर- दूर से पहुँच रहे हैं। रत्नावली को देखने वाले दर्शकों का कहना है कि इस समारोह में एक जगह हरियाणवी परिवेश के दर्शन होते हैं। इस उत्सव में हरियाणा की संस्कृति के विभिन्न रंग देखने को मिल रहे हैं। रत्नावली में आकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है। देखें रत्नावली से जुड़े कुछ PHOTOS… उन्होंने कहा कि यहां पर प्रदर्शनी के लिए 50 के करीब हॉट भी लगाई गई है। जहां पर विद्यार्थियों के द्वारा बनाए गए सामान की प्रदर्शनी लगाई गई है। इस कार्यक्रम के जरिए युवाओं को हरियाणा की संस्कृति से रुबरु करवाना एक मुख्य उद्देश्य रहता है और हमारी संस्कृति ऐसे ही बरकरार रहे, उसके लिए भी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का प्रयास रहता है। इस बार रत्नावली में हरियाणा की प्रसिद्ध लोक संस्कृति व हरियाणा की लोक कला एवं समृद्ध संस्कृति को दर्शाने के लिए कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। यहां पर सॉन्ग ,रागनी, हरियाणवी डांस, हरियाणवी चुटकुले, सामाजिक मुद्दों पर हरियाणवी नाटक साहित 34 विद्याएं रखी गई है। इस बार मुख्य सांस्कृतिक आकर्षण हरियाणवी फैशन शो, हरियाणा हस्तशिल्प प्रदर्शनी, हरियाणवी देसी खानपान, स्वदेशी कौशल प्रदर्शनी, रत्नावली सांग प्रदर्शन, हरियाणवी गायन शैली प्रस्तुतिकरण, लूर, खोडिया धमाल, फागण व रसिया नृत्य होगा।
हरियाणा में कांग्रेस ने भजनलाल परिवार का किला भेदा:खट्टर का बयान BJP पर भारी पड़ा; कुलदीप बिश्नोई ने हाथ तक जोड़े, वोटर नहीं माने
हरियाणा में कांग्रेस ने भजनलाल परिवार का किला भेदा:खट्टर का बयान BJP पर भारी पड़ा; कुलदीप बिश्नोई ने हाथ तक जोड़े, वोटर नहीं माने 56 साल से भजनलाल परिवार का अभेद दुर्ग कहे जाने वाले आदमपुर में इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। इस सीट से भजनलाल 1968 में पहली बार विधायक बने थे। तब से जितने भी चुनाव हुए, सभी में भजनलाल परिवार ही आदमपुर से जीतता रहा था। दिवंगत भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं, और उनके बेटे भव्य बिश्नोई 2022 में यहां से भाजपा की टिकट पर विधायक चुने गए थे। हालांकि, इस बार भजनलाल परिवार का सदस्य इस सीट से उम्मीदवार नहीं था, लेकिन भाजपा के समर्थन में वोट जरूर करने की अपील की गई थी। इसके बाद भी हिसार से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार रणजीत चौटाला को आदमपुर में 53156 वोट ही मिले। जबकि, कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी 59544 वोट पाने में कामयाब रहे। इस तरह जयप्रकाश जेपी 6384 वोट से आदमपुर जीत गए। कुलदीप ने बार-बार जनता के सामने हाथ जोड़े
कुलदीप बिश्नोई जानते थे कि आदमपुर में अगर वह हार गए तो इसका खामियाजा उनके राजनीतिक जीवन पर पड़ेगा। इस स्थिति को भांपते हुए वह बार-बार जनता के बीच गए और अपने दिवंगत पिता चौधरी भजनलाल से जुड़ाव को याद दिलाकर वोट मांगे। वह बार-बार जनता के बीच जाकर हाथ जोड़ते हुए भी नजर आए। कहते रहे, ‘लाज रख लेना, कहीं गलत कदम मल उठा लेना’। फिर भी लोगों ने कुलदीप बिश्नोई की अपील को अनसुना कर दिया। आदमपुर में कांग्रेस को बढ़त मिली और सबसे खास बात है कि बिश्नोइयों के गांव में जयप्रकाश जेपी आगे रहे। इसका कारण कुलदीप बिश्नोई से लोगों की नाराजगी को माना जा रहा है। बिश्नोई परिवार का आदमपुर में घटा जनाधार
आदमपुर में बिश्नोई परिवार का जनाधार लगातार कम हो रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भजनलाल के पौते भव्य बिश्नोई हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे। तब भाजपा के बृजेंद्र सिंह ने भव्य को आदमपुर में हराया था। अब लोकसभा चुनाव में यह दूसरा मौका है जब बिश्नोई परिवार आदमपुर में हार गया हो। वहीं, दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में भाजपा की ही टिकट पर भव्य आदमपुर से चुनाव लड़े और चुनाव जीते। मगर चुनाव जीत का मार्जिन कम हो गया। भव्य 15714 वोटों से ही जीत दर्ज कर पाए। बिश्नोई परिवार का आदमपुर ही नहीं, आसपास की सीटों पर भी प्रभाव देखने नहीं मिला। बिश्नोई परिवार के लिए अब आगे क्या
आदमपुर में हार ने बिश्नोई परिवार के लिए राजनीतिक संकट पैदा कर दिया है। इसका खामियाजा उन्हें भाजपा में भुगतना पड़ सकता है। उनके पास भाजपा में ही रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कुलदीप बिश्नोई यदि आदमपुर से भाजपा को जिताने में कामयाब होते तो उनके विधायक बेटे को रणजीत की जगह हरियाणा कैबिनेट में जगह मिल सकती थी। जानकार बताते हैं कि भाजपा की ओर से यह ऑफर भी दिया गया था, लेकिन कुलदीप भाजपा को जिता नहीं पाए। अब भव्य बिश्नोई को संगठन की जिम्मेदारी तक ही समित रखा जा सकता है। कुलदीप बिश्नोई को सख्त मैसेज पार्टी की ओर से दिया जा सकता है। 4 महीने बाद ही हरियाणा में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में बिश्नोई परिवार के सामने 56 साल पुराने राज को बचाने की चुनौती रहेगी। कुलदीप बिश्नोई अधिकतर समय आदमपुर में न रहकर दिल्ली में बिताते हैं। ऐसे में उन्हें अब आदमपुर में दोबारा सक्रिय होना पड़ेगा। आदमपुर में भाजपा की हार के कारण
हिसार लोकसभा में हुई पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर की जनसभा में चौधरी भजनलाल को लेकर दिए बयान ने भाजपा को बैकफुट पर ला दिया। इसे लेकर बिश्नोई परिवार तो असहज हुआ ही, बिश्नोई वोटर्स भी भाजपा से नाराज हो गए। कुलदीप बिश्नोई अंत तक इस बयान पर सफाई देते रहे, लेकिन लोगों में गलत मैसेज गया। इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा। पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर 10 अप्रैल को हिसार में BJP कैंडिडेट रणजीत चौटाला के लिए प्रचार करने पहुंचे थे। कैमरी गांव में हुई जनसभा को संबोधित करते हुए खट्टर ने मंच से कुछ किस्से सुनाए जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्रियों से जुड़े हुए थे। इनमें से एक किस्सा चौधरी भजनलाल से जुड़ा था, जिससे लोग नाराज हो गए। टिकट कटने पर नाराज हुए तो कार्यकर्ताओं में गलत संदेश गया
हिसार से कुलदीप बिश्नोई को लोकसभा का टिकट नहीं मिला। वह नाराज होकर दिल्ली चले गए। उनके बेटे भव्य बिश्नाई ने आदमपुर में रणजीत चौटाला के लिए प्रचार बंद कर दिया। इसके बाद लोगों में यह संदेश चला गया कि भाजपा जानबूझकर बिश्नोई परिवार को टारगेट कर रही है। पहले भजनलाल पर बयान, फिर कुलदीप का टिकट काटना। इसके बाद कुलदीप को मनाने खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी दिल्ली गए। इससे यह मैसेज और क्लीयर हो गया कि कुलदीप बिश्नोई भाजपा से नाराज चल रहे हैं। इसके बाद कुलदीप की तो नाराजगी दूर हो गई, लेकिन उनके वर्कर अंत तक इसे भुला नहीं पाए। कुलदीप में राजनीतिक स्तिरता नहीं
चौधरी भजनलाल ने जहां राजनीतिक स्थिरता दी, वहीं कुलदीप बिश्नोई में राजनीतिक स्थिरता का अभाव दिखा। 2007 में कांग्रेस से अलग होकर चौधरी भजनलाल ने हजकां पार्टी बनाई। उनके देहांत के बाद कुलदीप बिश्नोई ने कुछ साल पार्टी को आगे बढ़ाया। हरियाणा में हजकां के 6 विधायक चुनकर आए, लेकिन वह उन्हें संभाल नहीं पाए और सभी विधायक कांग्रेस में चले गए। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई की हजका का भाजपा से गठबंधन हुआ, लेकिन वह भी ज्यादा समय नहीं चला। फिर कुलदीप बिश्नोई ने हजकां का कांग्रेस में विलय कर लिया। कांग्रेस में कुछ वर्ष बिताने के बाद वह फिर भाजपा में आ गए। अब हिसार लोकसभा से टिकट न मिलने पर कुलदीप भाजपा से भी नाराज हो गए थे।
पानीपत में बस में लगी आग:8 यात्री झुलसे; गाड़ी में थी 350 सवारी, दिल्ली जा रही थी, हाईवे पर लगा जाम
पानीपत में बस में लगी आग:8 यात्री झुलसे; गाड़ी में थी 350 सवारी, दिल्ली जा रही थी, हाईवे पर लगा जाम पानीपत के समालखा कस्बे में नेशनल हाईवे-44 पर एक बड़ा हादसा हो गया। जहां एक निजी बस में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। आग लगने से 8 मजदूर झुलस गए, जिनमें से 4 को गंभीर हालत में खानपुर पीजीआई रेफर किया गया है। हादसे के बाद ड्राइवर ने बस को साइड में लगा कर यात्रियों को नीचे उतारा। नीचे उतरने के बाद यात्रियों में लिए भगदड़ सा माहौल हो गया। मौके पर राहगीरों की भी भीड़ जमा हो गई। आग बढ़ती देख तुरंत कंट्रोल रूम नंबर पर कॉल कर पुलिस और दमकल को मौके पर बुलाया गया। दमकल ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाया। आग लगने के सही कारणों का तो पता नहीं चला है। मजदूरों की माने तो बस में रखे ज्वलनशील पदार्थ में विस्फोट होने से आग लगी। बस में सवार थे 350 लोग
जानकारी के अनुसार पानीपत से दिल्ली जा रही प्राइवेट बस में समालखा फ्लाई ओवर पर अचानक आग लग गई। बस में करीब 350 यात्री सवार थे। इनमें 8 यात्री झुलस गए। दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। आगजनी के बाद हाईवे पर भी लंबा जाम लग गया। जिसे यातायात पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद सुचारु करवाया। टूरिस्ट बस में लगी आग से 8 मजदूर झुलसे
मुन्ना खान (50), छत्रपाल (28), पंकज (30) और मिथुन (38) की हालत गंभीर होने के कारण समालखा सामान्य अस्पताल से खानपुर पीजीआई रेफर किया गया है। जबकि मयंक (17), पिन्टू (17), हरीश (28) व घनवीर को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।