खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी:पंधेर बोले- हरियाणा पुलिस ने बातचीत का न्योता नहीं भेजा, कल दिल्ली कूच करेंगे

खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी:पंधेर बोले- हरियाणा पुलिस ने बातचीत का न्योता नहीं भेजा, कल दिल्ली कूच करेंगे

किसानों की मांगों को लेकर खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत तेजी से बिगड़ रही है। शनिवार शाम डॉक्टरों की टीम ने उनका चेकअप कर कहा कि उनकी किडनी में समस्या आ रही है और उनका वजन भी लगभग 8.5 किलो कम हो चुका है। वहीं, किसान मजदूर मोर्चा के कोऑर्डिनेटर सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को कहा कि कल (8 दिसंबर) फिर से शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच किया जाएगा। 101 किसानों का जत्था ही जाएगा। किसानों की संख्या बढ़ाने पर अभी फैसला नहीं हुआ है। इस पर किसान जत्थेबंदियों से बातचीत चल रही है। हरियाणा पुलिस ने अभी तक कोई लिखित बातचीत का न्योता नहीं भेजा है। प्रेस में जरूर केंद्रीय मंत्रियों ने बातचीत की बात कही है। देश के लिए यदि किसी को शहादत भी देनी पड़ी तो हम पीछे नहीं हटेंगे। कल (6 दिसंबर) को भी किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। इस दौरान 8 किसान घायल हो गए। जिन्हें अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया। किसान हरप्रीत सिंह की हालत गंभीर बनी हुई थी, हालांकि राजिंदरा अस्पताल से उन्हें शनिवार रात को डिस्चार्ज कर दिया गया है। ‘कुछ हुआ तो पीएम की होगी जिम्मेदारी’ किसान नेताओं ने बताया कि यदि जगजीत सिंह डल्लेवाल को कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की होगी। किसान नेताओं ने कहा कि 9 दिसंबर को पंजाब को छोड़कर तमाम राज्यों में किसान सांसदों के घरों के बाहर 1 दिन का सांकेतिक अनशन करेंगे और उनसे पूछेंगे कि आप संसद में MSP गारंटी कानून का मुद्दा क्यों नहीं उठा रहे हो?। हरियाणा पुलिस की मीडिया को भीड़ से दूर रहने की सलाह उधर, हरियाणा पुलिस ने मीडिया कर्मियों के लिए लेटर जारी किया है। जिसमें उन्हें शंभू बॉर्डर या किसी अन्य स्थान पर भीड़ से उचित दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है। लेटर में पंजाब के DGP से भी अनुरोध किया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि मीडिया कर्मियों को सीमा से कम से कम 1 किलोमीटर दूर ही रोका जाए। किसानों ने सिंगर सरताज के कार्यक्रम पर सवाल उठाए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की जिस धारा 163 (पहले 144) का हवाला देकर हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर से किसानों को दिल्ली कूच करने से रोका, उसी में अंबाला में पंजाबी सूफी सिंगर सतिंदर सरताज का कार्यक्रम हुआ। इसका पता चलते ही किसान नेताओं ने पुलिस पर सवाल खड़े कर दिए। किसान मजदूर मोर्चा (KMM) ने इस बारे में सोशल मीडिया (X) पर पोस्ट डालते हुए कहा- ” हम गायक सतिंदर सरताज के अंबाला में कार्यक्रम के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन आज अंबाला में धारा 163 लगी हुई है ताकि किसान दिल्ली कूच न कर सकें, ऐसे में कार्यक्रम कैसे हो सकता है?”। हालांकि अभी तक अंबाला पुलिस और प्रशासन की तरफ से इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 6 दिसंबर को कूच की कोशिश, ढाई घंटे बाद पीछे हटे किसान
कल 6 दिसंबर को किसानों ने शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने के लिए मार्च शुरू किया था। सुबह किसानों ने शंभू बॉर्डर पर पाठ किया। इसके बाद 101 किसानों के जत्थे को लंगर खिलाया गया। दोपहर 1 बजे किसानों का जत्था आगे बढ़ा। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने 3 लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया हुआ था। पहले किसानों ने बैरिकेडिंग उखाड़ दी। इसके बाद कंटीले तारों को उखाड़ा और आखिर में सीमेंट में गाड़ी गईं कीलें निकाल दीं। किसानों ने सीमेंट की बैरिकेडिंग उठाकर घग्गर नदी में फेंक दी। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इसमें 2-3 किसान घायल हो गए। कुछ किसान फिर भी आगे पुलिस अधिकारियों तक पहुंच गए। यहां पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें रोकने के लिए पेपर स्प्रे किया। एक बार किसान पीछे की तरफ हो गए। दोबारा किसानों ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस की तरफ से दोबारा आंसू गैस के गोले दागे गए। इस पूरे घटनाक्रम में कुल 8 किसान घायल हो गए। बाद में सरवन सिंह पंधेर ने किसानों के जत्थे को वापस बुला लिया। ढाई घंटे तक चले इस घटनाक्रम के बाद किसान वापस धरनास्थल की तरफ चल पड़े। वह अपने साथ कंटीले तार और बैरिकेडिंग भी ले गए। अब जानिए किसानों के दिल्ली कूच पर किसने, क्या कहा… गुरनाम चढ़ूनी : हम बिना बुलाए आंदोलन में शामिल नहीं होंगे। अगर कल को कुछ गलत हो गया तो बखेड़ा खड़ा हो जाएगा। हमारा नैतिक समर्थन उनके साथ है। राकेश टिकैत : किसानों पर लाठीचार्ज करना और आंसू गैस के गोले दागना समाधान नहीं है। सरकार को सभी किसान संगठनों से बात कर हल निकालना चाहिए। राहुल गांधी : किसान सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखने और अपनी पीड़ा को व्यक्त करने के लिए दिल्ली आना चाहते हैं‌। उन पर आंसू गैस के गोले दागना और उन्हें तरह-तरह से रोकने का प्रयास करना निंदनीय है। नायब सैनी : पंजाब सरकार को किसानों की मांग सुननी चाहिए। CM भगवंत मान को किसानों से मिलना चाहिए। किसानों की स्थिति के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने किसानों के लिए क्या किया है। अनिल विज : किसानों के पास दिल्ली जाकर प्रदर्शन करने की परमिशन नहीं है। पंजाब सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया। सरकार को उनसे जाकर बात करनी चाहिए। सरवन पंधेर : हम इसलिए पीछे हटे हैं, क्योंकि हमें कहा गया है कि वे (सरकार) बातचीत के लिए तैयार हैं। हम सरकार के साथ टकराव नहीं चाहते। बातचीत नहीं हुई तो हम दिल्ली कूच करेंगे। *******************************
किसानों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- 1. किसानों ने दिल्ली मार्च टाला, एक दिन का अल्टीमेटम दिया हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर से किसान शुक्रवार (6 दिसंबर) को दोपहर एक बजे दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन करीब ढाई घंटे बाद किसानों ने मार्च टाल दिया। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है, इसलिए हम एक दिन का इंतजार करेंगे। पढ़ें पूरी खबर 2. शंभू बॉर्डर से किसानों के दिल्ली कूच के 20 PHOTOS पंजाब के किसानों ने शुक्रवार, 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया था। दोपहर एक बजे 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए निकला, लेकिन हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर परमिशन न होने का हवाला देकर किसानों को आगे नहीं जाने दिया। 20 तस्वीरों में देखिए किसानों के दिल्ली कूच करने से पीछे हटने तक क्या हुआ…पढ़ें पूरी खबर किसानों की मांगों को लेकर खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत तेजी से बिगड़ रही है। शनिवार शाम डॉक्टरों की टीम ने उनका चेकअप कर कहा कि उनकी किडनी में समस्या आ रही है और उनका वजन भी लगभग 8.5 किलो कम हो चुका है। वहीं, किसान मजदूर मोर्चा के कोऑर्डिनेटर सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को कहा कि कल (8 दिसंबर) फिर से शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच किया जाएगा। 101 किसानों का जत्था ही जाएगा। किसानों की संख्या बढ़ाने पर अभी फैसला नहीं हुआ है। इस पर किसान जत्थेबंदियों से बातचीत चल रही है। हरियाणा पुलिस ने अभी तक कोई लिखित बातचीत का न्योता नहीं भेजा है। प्रेस में जरूर केंद्रीय मंत्रियों ने बातचीत की बात कही है। देश के लिए यदि किसी को शहादत भी देनी पड़ी तो हम पीछे नहीं हटेंगे। कल (6 दिसंबर) को भी किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। इस दौरान 8 किसान घायल हो गए। जिन्हें अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया। किसान हरप्रीत सिंह की हालत गंभीर बनी हुई थी, हालांकि राजिंदरा अस्पताल से उन्हें शनिवार रात को डिस्चार्ज कर दिया गया है। ‘कुछ हुआ तो पीएम की होगी जिम्मेदारी’ किसान नेताओं ने बताया कि यदि जगजीत सिंह डल्लेवाल को कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की होगी। किसान नेताओं ने कहा कि 9 दिसंबर को पंजाब को छोड़कर तमाम राज्यों में किसान सांसदों के घरों के बाहर 1 दिन का सांकेतिक अनशन करेंगे और उनसे पूछेंगे कि आप संसद में MSP गारंटी कानून का मुद्दा क्यों नहीं उठा रहे हो?। हरियाणा पुलिस की मीडिया को भीड़ से दूर रहने की सलाह उधर, हरियाणा पुलिस ने मीडिया कर्मियों के लिए लेटर जारी किया है। जिसमें उन्हें शंभू बॉर्डर या किसी अन्य स्थान पर भीड़ से उचित दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है। लेटर में पंजाब के DGP से भी अनुरोध किया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि मीडिया कर्मियों को सीमा से कम से कम 1 किलोमीटर दूर ही रोका जाए। किसानों ने सिंगर सरताज के कार्यक्रम पर सवाल उठाए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की जिस धारा 163 (पहले 144) का हवाला देकर हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर से किसानों को दिल्ली कूच करने से रोका, उसी में अंबाला में पंजाबी सूफी सिंगर सतिंदर सरताज का कार्यक्रम हुआ। इसका पता चलते ही किसान नेताओं ने पुलिस पर सवाल खड़े कर दिए। किसान मजदूर मोर्चा (KMM) ने इस बारे में सोशल मीडिया (X) पर पोस्ट डालते हुए कहा- ” हम गायक सतिंदर सरताज के अंबाला में कार्यक्रम के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन आज अंबाला में धारा 163 लगी हुई है ताकि किसान दिल्ली कूच न कर सकें, ऐसे में कार्यक्रम कैसे हो सकता है?”। हालांकि अभी तक अंबाला पुलिस और प्रशासन की तरफ से इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 6 दिसंबर को कूच की कोशिश, ढाई घंटे बाद पीछे हटे किसान
कल 6 दिसंबर को किसानों ने शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने के लिए मार्च शुरू किया था। सुबह किसानों ने शंभू बॉर्डर पर पाठ किया। इसके बाद 101 किसानों के जत्थे को लंगर खिलाया गया। दोपहर 1 बजे किसानों का जत्था आगे बढ़ा। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने 3 लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया हुआ था। पहले किसानों ने बैरिकेडिंग उखाड़ दी। इसके बाद कंटीले तारों को उखाड़ा और आखिर में सीमेंट में गाड़ी गईं कीलें निकाल दीं। किसानों ने सीमेंट की बैरिकेडिंग उठाकर घग्गर नदी में फेंक दी। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इसमें 2-3 किसान घायल हो गए। कुछ किसान फिर भी आगे पुलिस अधिकारियों तक पहुंच गए। यहां पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें रोकने के लिए पेपर स्प्रे किया। एक बार किसान पीछे की तरफ हो गए। दोबारा किसानों ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस की तरफ से दोबारा आंसू गैस के गोले दागे गए। इस पूरे घटनाक्रम में कुल 8 किसान घायल हो गए। बाद में सरवन सिंह पंधेर ने किसानों के जत्थे को वापस बुला लिया। ढाई घंटे तक चले इस घटनाक्रम के बाद किसान वापस धरनास्थल की तरफ चल पड़े। वह अपने साथ कंटीले तार और बैरिकेडिंग भी ले गए। अब जानिए किसानों के दिल्ली कूच पर किसने, क्या कहा… गुरनाम चढ़ूनी : हम बिना बुलाए आंदोलन में शामिल नहीं होंगे। अगर कल को कुछ गलत हो गया तो बखेड़ा खड़ा हो जाएगा। हमारा नैतिक समर्थन उनके साथ है। राकेश टिकैत : किसानों पर लाठीचार्ज करना और आंसू गैस के गोले दागना समाधान नहीं है। सरकार को सभी किसान संगठनों से बात कर हल निकालना चाहिए। राहुल गांधी : किसान सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखने और अपनी पीड़ा को व्यक्त करने के लिए दिल्ली आना चाहते हैं‌। उन पर आंसू गैस के गोले दागना और उन्हें तरह-तरह से रोकने का प्रयास करना निंदनीय है। नायब सैनी : पंजाब सरकार को किसानों की मांग सुननी चाहिए। CM भगवंत मान को किसानों से मिलना चाहिए। किसानों की स्थिति के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने किसानों के लिए क्या किया है। अनिल विज : किसानों के पास दिल्ली जाकर प्रदर्शन करने की परमिशन नहीं है। पंजाब सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया। सरकार को उनसे जाकर बात करनी चाहिए। सरवन पंधेर : हम इसलिए पीछे हटे हैं, क्योंकि हमें कहा गया है कि वे (सरकार) बातचीत के लिए तैयार हैं। हम सरकार के साथ टकराव नहीं चाहते। बातचीत नहीं हुई तो हम दिल्ली कूच करेंगे। *******************************
किसानों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- 1. किसानों ने दिल्ली मार्च टाला, एक दिन का अल्टीमेटम दिया हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर से किसान शुक्रवार (6 दिसंबर) को दोपहर एक बजे दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन करीब ढाई घंटे बाद किसानों ने मार्च टाल दिया। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है, इसलिए हम एक दिन का इंतजार करेंगे। पढ़ें पूरी खबर 2. शंभू बॉर्डर से किसानों के दिल्ली कूच के 20 PHOTOS पंजाब के किसानों ने शुक्रवार, 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया था। दोपहर एक बजे 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए निकला, लेकिन हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर परमिशन न होने का हवाला देकर किसानों को आगे नहीं जाने दिया। 20 तस्वीरों में देखिए किसानों के दिल्ली कूच करने से पीछे हटने तक क्या हुआ…पढ़ें पूरी खबर   हरियाणा | दैनिक भास्कर