नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोमवार को पहली बार विमान उतरेगा। वाटर कैनन से विमान को सलामी दी जाएगी। इसके साथ ही यहां ट्रायल रन की शुरुआत हो जाएगी। कुछ देर बाद विमान टेक ऑफ करेगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की फ्लाइट रन-वे से टेक ऑफ करेगी। इस दौरान प्लेन में क्रू मेंबर, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एयरपोर्ट का तकनीकी स्टाफ रहेगा। इनका काम टेक ऑफ से लेकर लैंड तक पूरा तकनीकी डेटा इकट्ठा करना है। फ्लाइट को एयरपोर्ट एरिया में 2 घंटे उड़ाया जाएगा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के अधिकारियों के मुताबिक, फ्लाइट को करीब 2 घंटे एयरपोर्ट के आसपास के एरिया में ही उड़ाया जाएगा। इस प्रक्रिया से डाटा जमा किया जाएगा। ये डाटा डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) को भेजा जाएगा। इसके बाद 15 दिसंबर को ये प्रक्रिया होगी। हालांकि इस दौरान कॉमर्शियल फ्लाइट आकाश या इंडिगो भी यहां ट्रायल कर सकती हैं। एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम लगाया गया
एयरपोर्ट पर कैट-1 और कैट-3 उपकरण लगाए जा चुके हैं। जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं। साथ ही एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को लगाया गया है। वहां पर एयर 360 AR भी लगे हैं। जिनके जरिए 10 से 14 अक्टूबर तक जांच की जा चुकी है। 90 दिन में मिलेगा कॉमर्शियल लाइसेंस
1334 हेक्टेयर में बन रहे इस एयरपोर्ट के पहले चरण का 80% काम पूरा हो चुका है। हालांकि इस पूरे एयरपोर्ट का निर्माण 6 हजार 500 हेक्टेयर में 4 फेज में किया जाएगा। जिसमें 29 हजार 650 करोड़ रुपए खर्च होने है। पहले फेज के निर्माण में 10056 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अब तक करीब 8 हजार करोड़ रुपए खर्च हो चुके है। कॉमर्शियल फ्लाइट संचालन के लिए कंपनी डायरेक्टर ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को एयरोड्रम लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी। अधिकतम 90 दिन में लाइसेंस मिल जाएगा। 3.9 किमी रनवे का काम पूरा
पहले फेज के वर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट में बताया गया है कि 3.9 किमी रनवे का काम 100 प्रतिशत पूरा हो चुका है। साथ ही टर्मिनल बिल्डिंग का काम एक महीने में पूरा कर लिया जाएगा। टर्मिनल बिल्डिंग में छत की फीनिशिंग का काम चल रहा है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक कैसे पहुंचेंगे, ये समझिए… टर्मिनल बिल्डिंग में विभिन्न प्रकार के उपकरण और सेटअप स्थापित किए जा रहे है। 38 मीटर ऊंचा एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर बनकर तैयार है। आज होने वाले ट्रायल में एटीसी से ही मुख्य कम्युनिकेशन का डेटा संकलित होगा। 40 साल तक चलाएगी स्विस कंपनी
इस एयरपोर्ट का निर्माण स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल कर रही है। कंपनी 40 साल तक इस एयरपोर्ट को रन करेगी। पहले फेज की क्षमता 1.2 करोड़ पैसेंजर की है। 17 अप्रैल 2025 से रोजाना 65 फ्लाइट उड़ान भरेंगी। इसमें 62 फ्लाइट डोमेस्टिक होंगी। दो इंटरनेशनल फ्लाइट होंगी और कार्गो फ्लाइट होगी। पूरा बनने के बाद ये एशिया का चौथ सबसे बड़ा एयरपोर्ट हो जाएगा। एयरपोर्ट समरी फर्स्ट फेज से चौथे फेज तक ———————- ये भी पढ़ें: बनारस-हरिद्वार के घाट जैसा दिखेगा नोएडा एयरपोर्ट:एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का 85% काम पूरा, लेकिन फ्लाइट ट्रायल में देरी UP के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फेज का करीब 85% काम पूरा हो गया है। फ्लाइट ट्रायल 30 नवंबर से शुरू होना था, लेकिन अब ये दिसंबर में होगा। तारीख तय नहीं है। एयरपोर्ट के कंस्ट्रक्शन से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि ट्रायल पूरी तरह मौसम पर निर्भर करेगा। अभी यहां बहुत धुंध है…(पढ़ें पूरी खबर) नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोमवार को पहली बार विमान उतरेगा। वाटर कैनन से विमान को सलामी दी जाएगी। इसके साथ ही यहां ट्रायल रन की शुरुआत हो जाएगी। कुछ देर बाद विमान टेक ऑफ करेगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की फ्लाइट रन-वे से टेक ऑफ करेगी। इस दौरान प्लेन में क्रू मेंबर, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एयरपोर्ट का तकनीकी स्टाफ रहेगा। इनका काम टेक ऑफ से लेकर लैंड तक पूरा तकनीकी डेटा इकट्ठा करना है। फ्लाइट को एयरपोर्ट एरिया में 2 घंटे उड़ाया जाएगा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के अधिकारियों के मुताबिक, फ्लाइट को करीब 2 घंटे एयरपोर्ट के आसपास के एरिया में ही उड़ाया जाएगा। इस प्रक्रिया से डाटा जमा किया जाएगा। ये डाटा डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) को भेजा जाएगा। इसके बाद 15 दिसंबर को ये प्रक्रिया होगी। हालांकि इस दौरान कॉमर्शियल फ्लाइट आकाश या इंडिगो भी यहां ट्रायल कर सकती हैं। एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम लगाया गया
एयरपोर्ट पर कैट-1 और कैट-3 उपकरण लगाए जा चुके हैं। जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं। साथ ही एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को लगाया गया है। वहां पर एयर 360 AR भी लगे हैं। जिनके जरिए 10 से 14 अक्टूबर तक जांच की जा चुकी है। 90 दिन में मिलेगा कॉमर्शियल लाइसेंस
1334 हेक्टेयर में बन रहे इस एयरपोर्ट के पहले चरण का 80% काम पूरा हो चुका है। हालांकि इस पूरे एयरपोर्ट का निर्माण 6 हजार 500 हेक्टेयर में 4 फेज में किया जाएगा। जिसमें 29 हजार 650 करोड़ रुपए खर्च होने है। पहले फेज के निर्माण में 10056 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अब तक करीब 8 हजार करोड़ रुपए खर्च हो चुके है। कॉमर्शियल फ्लाइट संचालन के लिए कंपनी डायरेक्टर ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को एयरोड्रम लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी। अधिकतम 90 दिन में लाइसेंस मिल जाएगा। 3.9 किमी रनवे का काम पूरा
पहले फेज के वर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट में बताया गया है कि 3.9 किमी रनवे का काम 100 प्रतिशत पूरा हो चुका है। साथ ही टर्मिनल बिल्डिंग का काम एक महीने में पूरा कर लिया जाएगा। टर्मिनल बिल्डिंग में छत की फीनिशिंग का काम चल रहा है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक कैसे पहुंचेंगे, ये समझिए… टर्मिनल बिल्डिंग में विभिन्न प्रकार के उपकरण और सेटअप स्थापित किए जा रहे है। 38 मीटर ऊंचा एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर बनकर तैयार है। आज होने वाले ट्रायल में एटीसी से ही मुख्य कम्युनिकेशन का डेटा संकलित होगा। 40 साल तक चलाएगी स्विस कंपनी
इस एयरपोर्ट का निर्माण स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल कर रही है। कंपनी 40 साल तक इस एयरपोर्ट को रन करेगी। पहले फेज की क्षमता 1.2 करोड़ पैसेंजर की है। 17 अप्रैल 2025 से रोजाना 65 फ्लाइट उड़ान भरेंगी। इसमें 62 फ्लाइट डोमेस्टिक होंगी। दो इंटरनेशनल फ्लाइट होंगी और कार्गो फ्लाइट होगी। पूरा बनने के बाद ये एशिया का चौथ सबसे बड़ा एयरपोर्ट हो जाएगा। एयरपोर्ट समरी फर्स्ट फेज से चौथे फेज तक ———————- ये भी पढ़ें: बनारस-हरिद्वार के घाट जैसा दिखेगा नोएडा एयरपोर्ट:एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का 85% काम पूरा, लेकिन फ्लाइट ट्रायल में देरी UP के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फेज का करीब 85% काम पूरा हो गया है। फ्लाइट ट्रायल 30 नवंबर से शुरू होना था, लेकिन अब ये दिसंबर में होगा। तारीख तय नहीं है। एयरपोर्ट के कंस्ट्रक्शन से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि ट्रायल पूरी तरह मौसम पर निर्भर करेगा। अभी यहां बहुत धुंध है…(पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर