यूपी में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में 27 श्रमिक संघों ने समर्थन का ऐलान किया है। इस ऐलान के बाद बिजली कर्मियों ने विरोध-प्रदर्शन और तेज कर दिया है। सरकार से आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके संगठनों ने लामबंदी शुरू कर दी है। बिजली कर्मियों के साथ ही 27 संगठनों के कर्मचारी भी निजीकरण के फैसले का कड़ा विरोध कर रहे हैं। मांगें न मानी तो उग्र आंदोलन होगा संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि यदि सरकार ने शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन कर रहे बिजलीकर्मियों की बात नहीं मानती है उग्र आंदोलन किया जाएगा। कर्मचारियों का उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शैलेंद्र दुबे ने राज्य के सभी कर्मचारी और शिक्षकों को आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया। सरकार कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखे माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सरकार को अपने कर्मचारियों के हितों को ध्यान रखना चाहिए। निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेकर सरकार संविदा कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा की नीति लाए। संविदा कर्मचारी पूरी मेहनत और निष्ठा से मामूली मानदेय पर जोखिम भरा काम करके उपभोक्ताओं के हित में काम करते हैं। निजीकरण का प्रस्ताव वापस लिया जाए उत्तर प्रदेश इंजीनियर एसोसिएशन के महासचिव इं. आशीष यादव ने बिजलीकर्मियों का समर्थन करते हुए कहा कि निजीकरण के इस प्रस्ताव को वापस लिया जाए। यह न केवल कर्मचारियों के हित में है, बल्कि प्रदेश की जनता के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता है। सरकारी विभागों और उपभोक्ताओं पर भारी पड़ेगा निजीकरण राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने कहा कि बिजली विभाग में निजीकरण का व्यापक प्रभाव सरकारी विभागों पर भी पड़ेगा। बिजली महंगी होगी, यातायात सेवाएं एवं उपभोक्ता को मिलने वाली सभी सेवाएं महंगी हो जाएंगी। निजीकरण एवं संविदा कर्मियों के साथ हो रहे शोषण पर सभी संगठनों को एक एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। फैसला वापस ले सरकार जवाहर भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सतीश पांडेय ने कहा कि यदि प्रदेश में विद्युत वितरण निगम का निजीकरण किया गया तो बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि होगी। उन्होंने मुंबई का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां दो बड़ी निजी कंपनियों के होने के बावजूद घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें 17 से 18 रुपए प्रति यूनिट हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में अभी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर 6.50 रुपए प्रति यूनिट है। यूपी में महंगी हो जाएगी बिजली यूपी मिनिस्ट्रियल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुशील कुमार त्रिपाठी ने कहा कि निजीकरण के बाद यूपी में बिजली महंगी हो जाएगी। लोगों की जेब पर अधिक भार पड़ेगा। सरकार को अपनी फैसले पर विचार करना चाहिए और कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखना चाहिए। सरकार की नीतियां कर्मचारी विरोधी विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष तिवारी ने बिजलीकर्मियों के आंदोलन को समर्थन करते हुए कहा सरकार व्यवस्था सुधारने की बजाय निजीकरण पर जोर दे रही है। सरकार की नीतियां जन विरोधी होती जा रही हैं। निजीकरण का फैसला जनता के विश्वास का गला घोटना है। पहले भी विफल हुआ निजीकरण का प्रस्ताव राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि आगरा और ग्रेटर नोएडा में बिजली के निजीकरण का प्रयोग पहले ही विफल हो चुका है। इन दोनों क्षेत्रों में निजी कंपनियों का संचालन गरीब उपभोक्ताओं और किसानों के लिए समस्याएं उत्पन्न कर रहा है। निजी कंपनियां अधिकतर मुनाफे वाले औद्योगिक और व्यापारिक उपभोक्ताओं पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, इससे गरीब और किसान वर्ग को उचित बिजली आपूर्ति में कठिनाई हो रही है। मानवीयता के आधार पर काम करे सरकार राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमल अग्रवाल ने बताया कि सरकार को अपनी हठवादी रवैया को छोड़कर बिजली कर्मचारियों की समस्या का निदान मानवीयता के आधार पर करना चाहिए। बिजली विभाग में दो निगमों का निजीकरण का विरोध करते हुए उन्होंने आरपार के संघर्ष का ऐलान किया। कर्मचारियों की अनदेखी ठीक नहीं उत्तर प्रदेश पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुरेश जायसवाल ने बिजली विभाग में निजीकरण का विरोध किया है। उन्होंने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को अपने कर्मचारियों के हितों का ध्यान में रखना चाहिए। कर्मचारी अपने खून पसीने से राज्य के विकास के लिए योगदान देता है। ऐसे में इनके हितों की अनदेखी से आक्रोश और बढ़ेगा। 14 घंटे काम करने वाले कर्मचारियों की बात सुने सरकार विद्युत मोर्चा कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष आरएस राय ने कहा कि 8- 9 हज़ार रुपए के मामूली वेतन और बिना सुरक्षा उपकरणों के प्रदेश में लगभग 65 हज़ार संविदा कर्मचारी काम कर रहे हैं। विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिन रात 12 से 14 घंटे काम कर रहे हैं। इनमें से लगभग 30 हज़ार संविदा कर्मचारियों की आजीविका पर निजीकरण के कारण ख़तरा उत्पन्न हो गया है। मनमानी पर उतारु है सरकार विद्युत मोर्चा संविदा कर्मचारी संघ के प्रभारी पुनीत राय ने कहा कि ऊर्जा मंत्री एवं चेयरमैन के आश्वासन के बावजूद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा गत मार्च 2023 की हड़ताल में निकाले गए और हाल मे छंटनी किए गए निर्दोष संविदा कर्मियों को अभी तक काम पर वापस नहीं लिया गया है। उन्होंने कर्मचारियों के सेवा सुरक्षा के लिए सरकार से कदम उठाने की मांग की। इन कर्मचारी नेताओं ने भी दिया समर्थन यूपी में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में 27 श्रमिक संघों ने समर्थन का ऐलान किया है। इस ऐलान के बाद बिजली कर्मियों ने विरोध-प्रदर्शन और तेज कर दिया है। सरकार से आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके संगठनों ने लामबंदी शुरू कर दी है। बिजली कर्मियों के साथ ही 27 संगठनों के कर्मचारी भी निजीकरण के फैसले का कड़ा विरोध कर रहे हैं। मांगें न मानी तो उग्र आंदोलन होगा संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि यदि सरकार ने शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन कर रहे बिजलीकर्मियों की बात नहीं मानती है उग्र आंदोलन किया जाएगा। कर्मचारियों का उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शैलेंद्र दुबे ने राज्य के सभी कर्मचारी और शिक्षकों को आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया। सरकार कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखे माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सरकार को अपने कर्मचारियों के हितों को ध्यान रखना चाहिए। निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेकर सरकार संविदा कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा की नीति लाए। संविदा कर्मचारी पूरी मेहनत और निष्ठा से मामूली मानदेय पर जोखिम भरा काम करके उपभोक्ताओं के हित में काम करते हैं। निजीकरण का प्रस्ताव वापस लिया जाए उत्तर प्रदेश इंजीनियर एसोसिएशन के महासचिव इं. आशीष यादव ने बिजलीकर्मियों का समर्थन करते हुए कहा कि निजीकरण के इस प्रस्ताव को वापस लिया जाए। यह न केवल कर्मचारियों के हित में है, बल्कि प्रदेश की जनता के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता है। सरकारी विभागों और उपभोक्ताओं पर भारी पड़ेगा निजीकरण राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने कहा कि बिजली विभाग में निजीकरण का व्यापक प्रभाव सरकारी विभागों पर भी पड़ेगा। बिजली महंगी होगी, यातायात सेवाएं एवं उपभोक्ता को मिलने वाली सभी सेवाएं महंगी हो जाएंगी। निजीकरण एवं संविदा कर्मियों के साथ हो रहे शोषण पर सभी संगठनों को एक एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। फैसला वापस ले सरकार जवाहर भवन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सतीश पांडेय ने कहा कि यदि प्रदेश में विद्युत वितरण निगम का निजीकरण किया गया तो बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि होगी। उन्होंने मुंबई का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां दो बड़ी निजी कंपनियों के होने के बावजूद घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें 17 से 18 रुपए प्रति यूनिट हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में अभी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर 6.50 रुपए प्रति यूनिट है। यूपी में महंगी हो जाएगी बिजली यूपी मिनिस्ट्रियल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुशील कुमार त्रिपाठी ने कहा कि निजीकरण के बाद यूपी में बिजली महंगी हो जाएगी। लोगों की जेब पर अधिक भार पड़ेगा। सरकार को अपनी फैसले पर विचार करना चाहिए और कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखना चाहिए। सरकार की नीतियां कर्मचारी विरोधी विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष तिवारी ने बिजलीकर्मियों के आंदोलन को समर्थन करते हुए कहा सरकार व्यवस्था सुधारने की बजाय निजीकरण पर जोर दे रही है। सरकार की नीतियां जन विरोधी होती जा रही हैं। निजीकरण का फैसला जनता के विश्वास का गला घोटना है। पहले भी विफल हुआ निजीकरण का प्रस्ताव राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि आगरा और ग्रेटर नोएडा में बिजली के निजीकरण का प्रयोग पहले ही विफल हो चुका है। इन दोनों क्षेत्रों में निजी कंपनियों का संचालन गरीब उपभोक्ताओं और किसानों के लिए समस्याएं उत्पन्न कर रहा है। निजी कंपनियां अधिकतर मुनाफे वाले औद्योगिक और व्यापारिक उपभोक्ताओं पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, इससे गरीब और किसान वर्ग को उचित बिजली आपूर्ति में कठिनाई हो रही है। मानवीयता के आधार पर काम करे सरकार राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमल अग्रवाल ने बताया कि सरकार को अपनी हठवादी रवैया को छोड़कर बिजली कर्मचारियों की समस्या का निदान मानवीयता के आधार पर करना चाहिए। बिजली विभाग में दो निगमों का निजीकरण का विरोध करते हुए उन्होंने आरपार के संघर्ष का ऐलान किया। कर्मचारियों की अनदेखी ठीक नहीं उत्तर प्रदेश पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुरेश जायसवाल ने बिजली विभाग में निजीकरण का विरोध किया है। उन्होंने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को अपने कर्मचारियों के हितों का ध्यान में रखना चाहिए। कर्मचारी अपने खून पसीने से राज्य के विकास के लिए योगदान देता है। ऐसे में इनके हितों की अनदेखी से आक्रोश और बढ़ेगा। 14 घंटे काम करने वाले कर्मचारियों की बात सुने सरकार विद्युत मोर्चा कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष आरएस राय ने कहा कि 8- 9 हज़ार रुपए के मामूली वेतन और बिना सुरक्षा उपकरणों के प्रदेश में लगभग 65 हज़ार संविदा कर्मचारी काम कर रहे हैं। विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिन रात 12 से 14 घंटे काम कर रहे हैं। इनमें से लगभग 30 हज़ार संविदा कर्मचारियों की आजीविका पर निजीकरण के कारण ख़तरा उत्पन्न हो गया है। मनमानी पर उतारु है सरकार विद्युत मोर्चा संविदा कर्मचारी संघ के प्रभारी पुनीत राय ने कहा कि ऊर्जा मंत्री एवं चेयरमैन के आश्वासन के बावजूद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा गत मार्च 2023 की हड़ताल में निकाले गए और हाल मे छंटनी किए गए निर्दोष संविदा कर्मियों को अभी तक काम पर वापस नहीं लिया गया है। उन्होंने कर्मचारियों के सेवा सुरक्षा के लिए सरकार से कदम उठाने की मांग की। इन कर्मचारी नेताओं ने भी दिया समर्थन उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Bihar Politics: ‘अब शिक्षक कोचिंग और ट्यूशन नहीं पढ़ा सकेंगे’, विभाग के फरमान पर भड़की RJD <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Politics:</strong> शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने शिक्षण संवाद में यह फरमान जारी किया है कि शिक्षकों को कोचिंग और ट्यूशन में नहीं पढ़ाना है. इस पर आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने रविवार को प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षक हैं कहां? एनडीए की सरकार ने शिक्षकों को बंधुआ मजदूर बनाकर रख दिया है. मानसिक रूप से शिक्षकों को प्रताड़ित किया जा रहा है. ऐसे में शिक्षक बच्चों को क्या पढ़ाएंगे? </p>
<p style=”text-align: justify;”>आगे उन्होंने कहा कि बिहार में जब महागठबंधन की सरकार थी तो शिक्षकों का अधिकार उन्हें दिया गया, राज्य कर्मी का दर्जा दिया गया. तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे तो 5 लाख शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. हमारे नेता तेजस्वी यादव और हमारी पार्टी शिक्षकों के साथ खड़ी है उनके हक और हकूक की लड़ाई के लिए हम साथ खड़े हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ट्रैफिक नियम पर क्या बोले मृत्युंजय तिवारी </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, ट्रैफिक नियम के तहत अब लाइसेंस रद्द करने की तैयारी प्रशासन कर रहा है. इस पर मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सिर्फ तालिबानी फरमान जारी करने से नहीं होगा. बिहार में सिर्फ एकतरफा फरमान जारी किया जा रहा है. किस व्यक्ति का किस परिस्थिति में चालान कट रहा है यह भी देखना होगा. आरजेडी दफ्तर के बाहर खड़ी गाड़ियों का चालान काट दिया गया उसके अगले दिन बीजेपी दफ्तर में कार्यक्रम था बाहर लगी गाड़ियों का चालान क्यों नहीं काटा गया? कानून सबके लिए एक है और सब पर लागू होना चाहिए. जागरूकता के साथ इस पर सरकार और प्रशासन को काम करने की जरूरत है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नीतीश सरकार पर आरजेडी का हमला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बिहार में अफसरशाही को लेकर कई बार विपक्ष और सत्ता के नेताओं ने सवाल उठाया है अब मंत्री मदन सहनी नाराज हैं. इस पर आरजेडी नेता ने कहा कि पहली बार ऐसा नहीं हुआ है यह कोई एक माननीय मंत्रियों की समस्या नहीं है लंबी फेहरिस्त है. जो अफसरशाही से मंत्री परेशान हैं इससे पहले भी मंत्री मदन सहनी अपने विभाग के अधिकारी से नाराज हुए थे. अब वक्त आ गया है जहां जनप्रतिनिधि और मंत्रियों को अपने सम्मान के लिए अफसरशाही के खिलाफ आवाज बुलंद करनी चाहिए.</p>
<p><strong>ये भी पढे़ं: <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/police-sp-aparajit-lohan-said-license-will-be-cancelled-for-violating-traffic-rules-in-patna-2824748″>Patna Traffic News: पटना में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की अब खैर नहीं, लाइसेंस होगा रद्द, प्रशासन सख्त</a></strong></p>
अखिलेश यादव से मिले AAP सांसद संजय सिंह, यूपी उपचुनाव को लेकर किया बड़ा ऐलान
अखिलेश यादव से मिले AAP सांसद संजय सिंह, यूपी उपचुनाव को लेकर किया बड़ा ऐलान <p style=”text-align: justify;”><strong>UP By Election 2024:</strong> उत्तर प्रदेश में हो रहे 9 सीटों के उपचुनाव में आम आदमी पार्टी समाजवादी पार्टी को अपना समर्थन दे रही है. इसको लेकर सोमवार (4 नवंबर) को आप सांसद संजय सिंह ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की. इस मीटिंग के बाद संजय सिंह ने कहा कि उपचुनाव में बीजेपी को हराने के लिए जहां हमारी जरूरत होगी हम वहां जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संजय सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव से अच्छी और सार्थक बातचीत रही. उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में आम आदमी पार्टी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेगी. जहां भी जरूरत हुई सभाओं में हम लोग जाएंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>VIDEO | UP Bypolls: “I had a good conversation with Akhilesh Yadav (in Lucknow). We will campaign for the Samajwadi Party candidates. We will defeat BJP together,” says AAP MP Sanjay Singh (<a href=”https://twitter.com/SanjayAzadSln?ref_src=twsrc%5Etfw”>@SanjayAzadSln</a>) .<br /><br />(Full video available on PTI Videos – <a href=”https://t.co/n147TvrpG7″>https://t.co/n147TvrpG7</a>) <a href=”https://t.co/s9teWqKRWZ”>pic.twitter.com/s9teWqKRWZ</a></p>
— Press Trust of India (@PTI_News) <a href=”https://twitter.com/PTI_News/status/1853450460549767323?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 4, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’दंगे की राजनीति कर रही बीजेपी'</strong><br />उन्होंने कहा कि हमारा मकसद बीजेपी जो देश में नफरत और सांप्रदायिकता के साथ साथ दंगे फसाद और झगड़े की राजनीति कर रही है, उसे इस उपचुनाव में भी पराजित किया जाए.</p>
<p><strong>’चुनाव आयोग की भूमिका पर खड़े हो रहे सवाल'</strong><br />वहीं उपचुनाव की तारीख बदलने को लेकर संजय सिंह ने कहा, “चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की सहूलियत के अनुसार चुनाव कार्यक्रम तय किया जा रहा है? जब तक पीएम <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और सीएम <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> अपने उद्घाटन पूरे नहीं कर लेते, तब तक चुनाव की तारीखें घोषित नहीं होतीं, और जब उन्हें सुविधाजनक नहीं होता, तो यूपी उपचुनाव की तारीखें बढ़ा दी जाती हैं. ऐसे फैसले लोकतंत्र की निष्पक्षता पर सीधा सवाल उठाते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उपचुनाव की तारीख बदली</strong><br />वहीं सोमवार (4 नवंबर) को उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया गया. गाजियाबाद, फूलपुर (प्रयागराज), खैर (अलीगढ़), कटेहरी (अंबेडकरनगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर नगर) और कुंदरकी (मुरादाबाद)। इनमें से 8 सीटें <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में अपने विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई थीं। जबकि सीसामऊ सीट पर सपा विधायक इरफान सोलंकी की अयोग्यता के कारण उपचुनाव हो रहा है, जिन्हें एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”गोलियों की आवाज से दहली दिल्ली! नांगलोई में फर्नीचर की दुकान तो अलीपुर में गैस एजेंसी के ऑफिस में फायरिंग” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-news-firing-at-furniture-shop-in-nangloi-delhi-police-2816615″ target=”_blank” rel=”noopener”>गोलियों की आवाज से दहली दिल्ली! नांगलोई में फर्नीचर की दुकान तो अलीपुर में गैस एजेंसी के ऑफिस में फायरिंग</a></strong></p>
पंजाब-चंडीगढ़ में 7 दिन तक मौसम शुष्क रहेगा:पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय, मैदानी इलाकों में गिरेगा तापमान; पंजाब में प्रदूषण बढ़ा, चंडीगढ़ में सुधार
पंजाब-चंडीगढ़ में 7 दिन तक मौसम शुष्क रहेगा:पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय, मैदानी इलाकों में गिरेगा तापमान; पंजाब में प्रदूषण बढ़ा, चंडीगढ़ में सुधार पंजाब और चंडीगढ़ में आज भी मौसम शुष्क रहने वाला है। अगले सात दिनों तक ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। जिसके चलते हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। वहीं कुछ इलाकों में ताजा बर्फबारी भी हुई। जिसके बाद मैदानी इलाकों में हल्की ठंड बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार हवाओं का रुख पहाड़ों से मैदानी इलाकों की ओर है। ताजा बर्फबारी के बाद आने वाले दिनों में दिन और रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की कमी आएगी। जिसके चलते मैदानी इलाकों में ठिठुरन बढ़ेगी। वहीं अगर कल की बात करें तो आदमपुर में सबसे कम तापमान 6 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री रहा, जो सामान्य से 2.2 डिग्री कम रहा। बारिश के बाद प्रदूषण से राहत संभव बारिश न होने के कारण उत्तर भारत करीब डेढ़ महीने से प्रदूषण की चपेट में है। बारिश के बाद ही प्रदूषण के स्तर में गिरावट आने की संभावना है। पंजाब में लुधियाना और अमृतसर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) एक बार फिर 200 के पार पहुंच गया है। जबकि अन्य शहरों में यह 100 से 200 के बीच है। लेकिन, चंडीगढ़ में थोड़ी राहत देखने को मिली है। हवा का रुख पश्चिम की ओर होने के कारण वायु प्रदूषण में थोड़ा बदलाव देखने को मिला है। चंडीगढ़ में AQI 200 से नीचे बना हुआ है। चंडीगढ़ सहित पंजाब के शहरों में मौसम का पूर्वानुमान चंडीगढ़- शहर में हल्की धुंध की संभावनाएं हैं, दोपहर के बाद धूप खिलेगी। तापमान 9 से 27 डिग्री के बीच बना रह सकता है। अमृतसर- शहर में धुंध की संभावनाएं हैं। तापमान 9 से 25 डिग्री के बीच बना रह सकता है। जालंधर- शहर में हल्की धुंध की संभावनाएं हैं। तापमान 9 से 25 डिग्री के बीच बना रह सकता है। लुधियाना- शहर में हल्की धुंध की संभावनाएं हैं। तापमान 8 से 25 डिग्री के बीच बना रह सकता है। पटियाला- शहर में हल्की धुंध की संभावनाएं हैं। तापमान 9 से 25 डिग्री के बीच बना रह सकता है। मोहाली- शहर में हल्की धुंध की संभावनाएं हैं। तापमान 10 से 27 डिग्री के बीच बना रह सकता है।