सहारनपुर में एक युवती ने निकाह में आकर हंगामा कर दिया। युवती ने दूल्हे को अपना प्रेमी बताकर निकाह रुकवा दिया। लड़की पक्ष के लोगों ने दुल्हे और उसके पिता को बंधकर बना लिया और पुलिस को सौंप दिया। युवती केरल से आई हुई है। देर रात तक थाने में दोनों पक्षों की शादी में हुए खर्च को लेकर बातचीत चल रही है। वहीं दुल्हन हाथों में मेंहदी लगाकर उदास बैठी रही। ये मामला सहारनपुर के थाना गागलहेड़ी क्षेत्र का है। थाना गागलहेड़ी क्षेत्र में रहने वाली एक युवती का निकाह दिलबहार से होने जा रहा था। दूल्हा थाना बिहारीगढ़ के गांव शेरपुर का रहने वाला है। दूल्हा जैसे ही बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचा। तभी केरल के जिला अन्नाकुलम की रहने वाली एक युवती ने बारात में आकर हंगामा कर दिया और उसने निकाह रुकवा दिया। युवती ने अपने को दूल्हे की प्रेमिका बताया। युवती तेज-तेज चिल्लाती रही कि इसने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी है। निकाह का वायदा करके प्रेम प्रसंग किया। लेकिन निकाह किसी ओर के साथ कर रहा है। युवती के जोर-जोर से चिल्लाने पर लड़की पक्ष के लोगों ने युवती से सारी बात पूछी। युवती ने बताया कि दिलबहार केरल में फर्नीचर का काम करता है। सात साल से उसका अफेयर चल रहा है। उसने निकाह का वायदा कर रखा था। लेकिन निकाह की बात करने पर वो आनाकानी करने लगा। युवती ने दूल्हा बने युवक के साथ अपने फोटोग्राफ भी दिखाए। दिलबहार ने उसके साथ निकाह करने से मना कर दिया था। जिसके बाद 30 नवंबर को युवती ने केरल के थाने में दिलबहार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। दुल्हे के युवती के साथ फोटो देखकर लड़की पक्ष के होश उड़ गए। लड़की पक्ष ने दूल्हे और उसके पिता को बंधक बना लिया और पुलिस को सौंप दिया। थाने में बैठकर दोनों पक्ष समझौता करने में लगे हुए थे। दूल्हे का पिता सलाह करने की कहकर गाड़ी में बैठ गया और भागने लगा। तभी लड़की पक्ष ने उसके पिता को दोबारा से पकड़ लिया और थाने में ले आए। सहारनपुर में एक युवती ने निकाह में आकर हंगामा कर दिया। युवती ने दूल्हे को अपना प्रेमी बताकर निकाह रुकवा दिया। लड़की पक्ष के लोगों ने दुल्हे और उसके पिता को बंधकर बना लिया और पुलिस को सौंप दिया। युवती केरल से आई हुई है। देर रात तक थाने में दोनों पक्षों की शादी में हुए खर्च को लेकर बातचीत चल रही है। वहीं दुल्हन हाथों में मेंहदी लगाकर उदास बैठी रही। ये मामला सहारनपुर के थाना गागलहेड़ी क्षेत्र का है। थाना गागलहेड़ी क्षेत्र में रहने वाली एक युवती का निकाह दिलबहार से होने जा रहा था। दूल्हा थाना बिहारीगढ़ के गांव शेरपुर का रहने वाला है। दूल्हा जैसे ही बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचा। तभी केरल के जिला अन्नाकुलम की रहने वाली एक युवती ने बारात में आकर हंगामा कर दिया और उसने निकाह रुकवा दिया। युवती ने अपने को दूल्हे की प्रेमिका बताया। युवती तेज-तेज चिल्लाती रही कि इसने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी है। निकाह का वायदा करके प्रेम प्रसंग किया। लेकिन निकाह किसी ओर के साथ कर रहा है। युवती के जोर-जोर से चिल्लाने पर लड़की पक्ष के लोगों ने युवती से सारी बात पूछी। युवती ने बताया कि दिलबहार केरल में फर्नीचर का काम करता है। सात साल से उसका अफेयर चल रहा है। उसने निकाह का वायदा कर रखा था। लेकिन निकाह की बात करने पर वो आनाकानी करने लगा। युवती ने दूल्हा बने युवक के साथ अपने फोटोग्राफ भी दिखाए। दिलबहार ने उसके साथ निकाह करने से मना कर दिया था। जिसके बाद 30 नवंबर को युवती ने केरल के थाने में दिलबहार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। दुल्हे के युवती के साथ फोटो देखकर लड़की पक्ष के होश उड़ गए। लड़की पक्ष ने दूल्हे और उसके पिता को बंधक बना लिया और पुलिस को सौंप दिया। थाने में बैठकर दोनों पक्ष समझौता करने में लगे हुए थे। दूल्हे का पिता सलाह करने की कहकर गाड़ी में बैठ गया और भागने लगा। तभी लड़की पक्ष ने उसके पिता को दोबारा से पकड़ लिया और थाने में ले आए। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में प्रचंड जीत के बाद भी नायब सिंह से अभी दूर है मुख्यमंत्री का पद? समझें
हरियाणा में प्रचंड जीत के बाद भी नायब सिंह से अभी दूर है मुख्यमंत्री का पद? समझें <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Assembly Election 2024:</strong> क्या हरियाणा में प्रचंड जीत के बाद भी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ही होंगे. क्या जिस हरियाणा में जिस हारी हुई बाजी को नायब सिंह सैनी ने जीत में तब्दील कर दिया, उन्हें उनका इनाम मिलेगा. क्या बीजेपी का आलाकमान 2022 के यूपी चुनाव की तरह ही अपने पुराने मुख्यमंत्री को ही कायम रखेगा या फिर आलाकमान की नजर में है, मध्य प्रदेश का चुनाव, जो लड़ा तो शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गया लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव बन गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आखिर क्या होगा नायब सिंह सैनी का और क्यों इतनी बड़ी जीत के बाद भी मुख्यमंत्री की कुर्सी नायब सिंह सैनी से दूर दिख रही है? इसमें कोई दो राय नहीं है कि हरियाणा में इतनी बड़ी एंटी इनकम्बेंसी के बावजूद बीजेपी की जीत हुई है, तो उसका श्रेय नायब सिंह सैनी को जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सौम्य, मृदुभाषी, मिलनसार…जिनके मुख्यमंत्री बनते ही हरियाणा के वोटरों के वो सारे गिले-शिकवे दूर हो गए, जो साढ़े नौ साल में मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल के दौरान हो गए थे. लेकिन नायब सिंह सैनी इस पूरी जीत का श्रेय खुद न लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही दे रहे हैं और ये स्वाभाविक भी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/vTfN-0uXLA8?si=STwI1cCE5vv6ArEQ” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
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<p style=”text-align: justify;”><a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं, प्रधानमंत्री हैं तो जीत का श्रेय तो उन्हें जाता ही है. लेकिन नायब सिंह सैनी ने अपने शपथ ग्रहण की तारीख पूछे जाने पर जो जवाब दिया है, उसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. सबसे पहले तो आप सुनिए कि शपथ ग्रहण की तारीख पर नायब सिंह सैनी का बयान क्या है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अनिल विज ने सीएम पद का किया था दावा</strong><br />यानी कि नायब सिंह सैनी कह रहे हैं कि नेता विधायक दल चुनेगा. वो ये भी कह रहे हैं कि ऑब्जर्वर आएंगे. और ये भी कह रहे हैं कि तय तो पार्लियामेंट्री बोर्ड करेगा. और उनके इसी बयान में राजनीति की वो महीन लाइन है, जिसके इस पार नायब सिंह सैनी की मुख्यमंत्री की कुर्सी है और उस पार शायद कोई और ही पद.</p>
<p style=”text-align: justify;”>क्योंकि न तो चुनाव से पहले, न तो चुनाव के दौरान और न ही चुनावी नतीजे घोषित होने के 24 घंटे बाद तक किसी बड़े नेता का ये बयान आया है कि मुख्यमंत्री तो नायब सिंह सैनी ही होंगे और बस तारीख बतानी बाकी है. ये सवाल इसलिए भी अहम है, क्योंकि अनिल विज ने चुनाव से ठीक पहले कहा था कि मुख्यमंत्री का दावेदार तो मैं भी हूं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राव इंद्रजीत सिंह ने भी किया दावा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अब अनिल विज को रोकना होता तो उन्हें तो सिर्फ एक संदेश भर देना था आलाकमान को कि मत बोलिए. लेकिन संदेश उन तक नहीं पहुंचा तो वो खुद को दावेदार बताते रहे. केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी कभी दावेदारी छोड़ी नहीं. और अब शायद नायब सिंह सैनी का भी भरोसा थोड़ा तो हिला हुआ है ही, तभी तो वो आब्जर्वर की बात कर रहे हैं. क्योंकि ऑब्जर्वर की जरूरत तब होती है, जब नेता का नाम तय नहीं हो. ऐसे में ऑब्जर्वर जाते हैं, विधायकों से मिलते हैं और जो नाम विधायक सुझाते हैं उन्हें लेकर वो आलाकमान तक पहुंचा देते हैं. फिर तय ऊपर से होता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पहला उदाहरण है उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव का. 2022 में चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री थे योगी आदित्यनाथ. और जब नतीजे आए, बीजेपी जीत गई तो न किसी विधायक दल की बैठक करनी पड़ी, न ऑब्जर्वर बुलाने पड़े और न ही किसी पार्लियामेंट्री बोर्ड को दखल देना पड़ा. नतीजे आए और योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मध्य प्रदेश का उदाहरण</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अब एक उदाहरण मध्य प्रदेश का है. 2023 के विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे. लग रहा था कि इस बार तो बीजेपी हार ही जाएगी. सारे सियासी पंडितों, सारे एग्जिट पोल्स ने बीजेपी को हारता हुआ बता दिया. लेकिन नतीजे आए तो पूरा खेल पलट गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी न सिर्फ जीती बल्कि बंपर वोट से जीती. और तब भी इस जीत का श्रेय शिवराज सिंह चौहान को दिया गया. लेकिन कुर्सी उनसे दूर हो गई. तब वहां विधायक दल की बैठक भी हुई, आब्जर्वर भी आए और पार्लियामेंट्री बोर्ड का दखल भी हुआ और आखिरकार शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तो अब तय आलाकमान को ही करना है कि नायब सिंह सैनी को <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> के बरक्स रखना है या फिर शिवराज सिंह चौहान के बरक्स. नायब सिंह सैनी को भी दोनों उदाहरण याद हैं, लिहाजा वो भी जो बोल रहे हैं, बेहद सधे अंदाज में बोल रहे हैं. बिल्कुल एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ की तरह. और यह उनकी सबसे बड़ी ताकत भी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP की जीत की वजह सिर्फ एक ही है! आप भी जानें” href=”https://www.abplive.com/states/haryana/bjp-victory-in-haryana-election-results-2024-jat-and-non-jat-factor-in-congress-2800477″ target=”_self”>हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP की जीत की वजह सिर्फ एक ही है! आप भी जानें</a></strong></p>
हाईकोर्ट के फैसले के बाद संसद जा पाएंगे अफजाल अंसारी? गाजीपुर सांसद ने बताया अगला प्लान
हाईकोर्ट के फैसले के बाद संसद जा पाएंगे अफजाल अंसारी? गाजीपुर सांसद ने बताया अगला प्लान <p style=”text-align: justify;”><strong>Ghazipur News:</strong> इलाहाबादा हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से समाजवादी पार्टी सांसद अफजाल अंसारी की सजा रद्द कर दी है. हाईकोर्ट से सजा रद्द होने के बाद अफजाल अंसारी का बयान सामने आया है. अफजाल अंसारी ने अपने बयान में कहा कि समाजविरोधी लोगों ने मुझे गैंगेस्टर बना दिया था. उनको अपने षड्यंत्र में सफलता मिली थी. आज हमें राहत नहीं मिली है इंसाफ मिला है. सजा का आदेश रद्द किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अफजाल अंसारी ने कहा कि गाजीपुर कोर्ट का सजा का आदेश गलत था, दोषपूर्ण था इसलिये हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर कोर्ट के आदेश की समीक्षा कर उसे रद्द कर दिया. उत्तर-प्रदेश सरकार की याचिका भी खारिज हुई. अफजाल अंसारी ने कहा कि जिस दिन गाजीपुर में सजा हुई थी बच्चा-बच्चा जनता था साजिश हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संसद की कार्यवाही में होंगे शामिल</strong><br />हाईकोर्ट से सजा रद्द होने पर अफजाल अंसारी ने देश की न्यायपालिका का आभार जताया है. आज के फैसले से गाजीपुर की जनता की जीत हुई है. हम सत्य पर चलते हैं. धन्यवाद गाजीपुर की जनता को जिसने हमेशा से हमारा साथ दिया है. गाजीपुर की जनता को भयभीत किया जा रहा था की अफ़ज़ाल अंसारी का साथ छोड़ दो. हम सभी डर का मजबूती से सामना करेंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अफजाल अंसारी ने अपने बयान में आगे कहा कि मै कल की संसद की कार्यवाही में भाग लेने के लिए जाऊंगा. मेरा पूरा प्रयास रहेगा की मै कल की संसद की कार्यवाही में हिस्सा लूँ. साजिश करने वालों को जनता ने पहचान लिया है. गैंगस्टर मामले में अफजाल अंसारी को पिछले साल 29 अप्रैल 2023 को 4 साल की सजा सुनाई गई थी. 4 साल की सजा होने की वजह से अफजाल अंसारी को जेल जाना पड़ा था. अफजाल अंसारी ने गाजीपुर कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/coaching-institute-running-in-basement-in-prayagraj-administration-indifferent-even-after-delhi-accident-ann-2748717″><strong>Prayagraj News: दिल्ली हादसे के बाद भी नहीं चेता प्रशासन, प्रयागराज में बेसमेंट में संचालित कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई कब?</strong></a></p>
कुरूक्षेत्र में पराली जलाने के आरोप में दो गिरफ्तार:पुलिस टीमें कर रही गांवों का निरीक्षण, जिले में फसल के अवशेष जलाने पर बैन
कुरूक्षेत्र में पराली जलाने के आरोप में दो गिरफ्तार:पुलिस टीमें कर रही गांवों का निरीक्षण, जिले में फसल के अवशेष जलाने पर बैन कुरूक्षेत्र पुलिस ने पराली जलाने के आरोप में दो किसानों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने पराली जलाने के अलग-अलग मामलों मे गुरचरण सिंह निवासी गांव रायमाजरा और सोहना राम निवासी गांव लौहारा को गिरफ्तार किया है। उपायुक्त कुरूक्षेत्र ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत फसलों के अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसके बावजूद किसानों द्वारा पराली जलाई जा रही है। उपायुक्त के आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो वह भारतीय न्याय संहिता की धारा 223(ए) के तहत दंड का पात्र होगा। उपायुक्त कार्यालय के आदेशानुसार कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. कर्मचन्द कुरूक्षेत्र कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा ग्राम स्तर पर गठित की गई कमेटी द्वारा मौके का मुआयना करने पर गांव राय माजरा में रकबा एक एकड़ की जमीन पर आगजनी पाई गई थी। इस पर पुलिस ने 22 अक्टूबर को थाना शाहबाद में मामला दर्ज किया था। मामले की जांच करते हुए एएसआई देवेंद्र कुमार ने आगजनी के आरोप में गुरचरण सिंह निवासी गांव रायमाजरा थाना शाहबाद के मामले मे शामिल तफ्तीश किया गया। इसी प्रकार थाना लाडवा में 21 अक्टूबर के वायु प्रदूषण एक्ट की उल्लंघना करके अपराध में एसआई बलबीर दत्त ने सोहन सिंह निवासी गांव लौहारा के एक एकड़ क्षेत्र में आगजनी का मामला दर्ज किया गया था। इसमें आगजनी के आरोपी सोहन सिंह को मामले में शामिल किया गया।