पटियाला के परमेश्वर द्वारा गुरुद्वारा साहिब के बाहर 2012 में एक 22 साल की युवती की मौत के मामले में आज हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। एक दिन पहले ही इस मामले में गुरुद्वारा परमेश्वर द्वार के संत रंजीत सिंह ढडरियांवाले के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोपों के साथ एक नई एफआईआर दर्ज की गई थी। इसी मामले में आज कोर्ट में सुनवाई होगी। पंजाब के डीजीपी ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक हलफनामा प्रस्तुत किया। जिसमें कहा गया है कि पटियाला में पहले से दर्ज एफआईआर संख्या 208 के तहत पुराने मामले में नए आरोप जोड़े गए थे। हालांकि ढंडरियांवाला ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं, जल्द दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। 2012 में मृत मिली थी 22 साल की युवती यह मामला 2012 का है, और इसमें करनाल की एक 22 वर्षीय लड़की शामिल है। जो अपने परिवार के साथ परमेश्वर द्वार गई थी। 22 अप्रैल 2012 को लड़की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण जहर की मौजूदगी बताई गई। हालांकि परिवार ने आरोप लगाया कि लड़की के साथ बलात्कार किया गया और फिर उसे जहर देकर मार दिया गया। परमेश्वर द्वार के अधिकारियों ने दावा किया कि लड़की की मौत परिसर के बाहर हुई और कहा कि उस समय रंजीत सिंह ढडरियांवाले देश से बाहर थे। बाद में पीड़िता के परिवार के सदस्यों द्वारा एक याचिका दायर की गई। भाई ने दायर की थी हाईकोर्ट में याचिका 2012 में परमेश्वर द्वारा एक लड़की की हत्या के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जवाब मांगा था। इस मामले में मृतक के भाई ने याचिका दायर कर मामले की जांच सीबीआई या वरिष्ठ आईपीएस की अध्यक्षता वाली एसआईटी से कराने का निर्देश देने की मांग की थी। याचिका में रणजीत सिंह ढडरियांवाले पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि तब रणजीत सिंह ढडरियां वाले ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेशों पर जोड़ी गई धाराएं पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा- ये मामला दुखद स्थिति को दर्शाता है। न्यायालय ने कहा कि कथित बलात्कार और हत्या के संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा 24 मई 2012 को दी गई थी। पहली सूचना के आधार पर एफआईआर दर्ज करने के बजाय पुलिस ने आरोपों की विश्वसनीयता को सत्यापित करने के लिए एक अवैध और असंवैधानिक जांच शुरू कर दी। कौन है रंजीत सिंह ढंडरियांवाला… सिख धर्म के प्रचारक रंजीत सिंह ढंडरियांवाला पटियाला संगरूर रोड पर गुरुद्वारा परमेश्वर द्वार के मुख्य संत हैं। पंजाब में जब बेअदबियां हुई तो पहली बार ढंडरियांवाला का नाम चर्चा में आया था। सिर्फ पंजाब ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में ढंडरियांवाला कीर्तन करने के लिए जाते हैं। पटियाला के परमेश्वर द्वारा गुरुद्वारा साहिब के बाहर 2012 में एक 22 साल की युवती की मौत के मामले में आज हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। एक दिन पहले ही इस मामले में गुरुद्वारा परमेश्वर द्वार के संत रंजीत सिंह ढडरियांवाले के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोपों के साथ एक नई एफआईआर दर्ज की गई थी। इसी मामले में आज कोर्ट में सुनवाई होगी। पंजाब के डीजीपी ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक हलफनामा प्रस्तुत किया। जिसमें कहा गया है कि पटियाला में पहले से दर्ज एफआईआर संख्या 208 के तहत पुराने मामले में नए आरोप जोड़े गए थे। हालांकि ढंडरियांवाला ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं, जल्द दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। 2012 में मृत मिली थी 22 साल की युवती यह मामला 2012 का है, और इसमें करनाल की एक 22 वर्षीय लड़की शामिल है। जो अपने परिवार के साथ परमेश्वर द्वार गई थी। 22 अप्रैल 2012 को लड़की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण जहर की मौजूदगी बताई गई। हालांकि परिवार ने आरोप लगाया कि लड़की के साथ बलात्कार किया गया और फिर उसे जहर देकर मार दिया गया। परमेश्वर द्वार के अधिकारियों ने दावा किया कि लड़की की मौत परिसर के बाहर हुई और कहा कि उस समय रंजीत सिंह ढडरियांवाले देश से बाहर थे। बाद में पीड़िता के परिवार के सदस्यों द्वारा एक याचिका दायर की गई। भाई ने दायर की थी हाईकोर्ट में याचिका 2012 में परमेश्वर द्वारा एक लड़की की हत्या के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जवाब मांगा था। इस मामले में मृतक के भाई ने याचिका दायर कर मामले की जांच सीबीआई या वरिष्ठ आईपीएस की अध्यक्षता वाली एसआईटी से कराने का निर्देश देने की मांग की थी। याचिका में रणजीत सिंह ढडरियांवाले पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि तब रणजीत सिंह ढडरियां वाले ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेशों पर जोड़ी गई धाराएं पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा- ये मामला दुखद स्थिति को दर्शाता है। न्यायालय ने कहा कि कथित बलात्कार और हत्या के संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा 24 मई 2012 को दी गई थी। पहली सूचना के आधार पर एफआईआर दर्ज करने के बजाय पुलिस ने आरोपों की विश्वसनीयता को सत्यापित करने के लिए एक अवैध और असंवैधानिक जांच शुरू कर दी। कौन है रंजीत सिंह ढंडरियांवाला… सिख धर्म के प्रचारक रंजीत सिंह ढंडरियांवाला पटियाला संगरूर रोड पर गुरुद्वारा परमेश्वर द्वार के मुख्य संत हैं। पंजाब में जब बेअदबियां हुई तो पहली बार ढंडरियांवाला का नाम चर्चा में आया था। सिर्फ पंजाब ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में ढंडरियांवाला कीर्तन करने के लिए जाते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फरीदकोट में दिए विवादित बयान पर हंसराज की सफाई:बोले- सभी किसान गलत नहीं, गालियां देने वालों पर आया था गुस्सा पंजाब की लोकसभा सीट फरीदकोट से चुनाव हारने वाले भाजपा प्रत्याशी पद्मश्री हंसराज हंस ने आज जालंधर में प्रेस वार्ता की। हंस ने कहा कि मैं फरीदकोट के लोगों का सदैव आभारी रहूंगा जिन्होंने मुझे मतदान किया। हंस ने कहा कि भाजपा पंजाब में सभी सीट हार गई है। इस कारण हमें आत्म मंथन करने की जरूरत है। किन जगहों पर कमियां रह गई उसे समझना होगा। हार के पीछे के कारण पर मंथन करना चाहिए। फरीदकोट में शरारती लोगों ने किया था माहौल खराब ‘किसानों को 2 जून के बाद देख लूंगा’ वाले बयान को लेकर हंसराज ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मुझे कोई पछतावा नहीं है। जब हमारी बेटियों पर हमला किया जा रहा था, तो मैं कैसे सहन कर सकता था। शरारती लोग माहौल खराब कर रहे थे। इस वजह से मुझे इस तरह का बयान देना पड़ा। मोदी और शाह बोले- वॉरियर्स की तरह चुनाव लड़े उन्होंने कहा की मैंने सभी किसानों को नहीं कहा था। जिन्होंने वर्करों और महिलाओं को गालियां दी उन्हें सावधान होने के लिए कहा था। हार के बाद प्रधानमंत्री और अमित शाह से मेरी बात हुई है। उन्होंने कहा कि तुम बहुत अच्छा चुनाव लड़े हो। तुम एक वॉरियर्स की तरह चुनाव लड़े। आने वाले समय में चुनाव लड़ूंगा या नहीं इस बारे में अभी सोचा नहीं है। फरीदकोट से चुनाव इसलिए लड़ा था क्योंकि मुझ पर मेरी पार्टी का एहसान था। पार्टी मुझे दिल्ली लेकर गई और वहां पर बिना पैसा लगवाएं चुनाव जितवा दिया, अब मेरी बारी थी जहां से पार्टी ने मुझे कहा मैं वहां जाकर चुनाव लड़ा। कौन हैं हंसराज हंस और क्या राजनैतिक सफर? गायक हंस राज हंस पंजाब के दोआबा क्षेत्र में अच्छा प्रभाव रखते हैं। पंजाबी गायक हंस का जन्म 30 नवंबर, 1953 को शफीपुर (जालंधर) में हुआ। हंस 1983 से लगातार म्यूजिक इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं। उन्होंने ऊपर खुदा आसमां नीचे, टोटे-टोटे हो गया, तेरे बिन नई जीना मर जाना जैसे गानों से अपनी खास पहचान बनाई है। हंस ने 2009 में शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर लोकसभा इलेक्शन भी लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसलिए प्रभावित हुए, क्योंकि वे देश के गरीब लोगों के लिए कल्याणकारी सोच व देश के विकास व प्रगति की सोच रखते हैं। 2014 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली। इसके बाद 10 दिसंबर 2016 को उन्होंने भाजपा ज्वाइन की। वह उत्तर-पश्चिम दिल्ली के भाजपा सांसद रह चुके हैं। 1 जून 2024 फरीदकोट लोकसभा चुनाव में हंसराज हंस 5वें नंबर पर रहे। उन्हें यहां किसानों के विरोध का काफी सामना करना पड़ा। हंस को फरीदकोट से कुल 1,23,533 वोट पड़े है।
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