शराब का आदि था साइंटिस्ट का बेटा:4 महीने से स्कूल-कोचिंग से मार रहा था बंक, फीस के पैसों से पूरी करता था नशे की लत

शराब का आदि था साइंटिस्ट का बेटा:4 महीने से स्कूल-कोचिंग से मार रहा था बंक, फीस के पैसों से पूरी करता था नशे की लत

”अमन (बदला हुआ नाम) कम उम्र में ही शराब का आदि हो गया था। उसे शराब की ऐसी लत थी कि वह चार महीने से कोचिंग में बंक मार रहा था। यहां उसने फिजिक्स, कमेस्ट्री और मैथ्स पढ़ने के लिए एडमिशन लिया था। लेकिन घर से जो कोचिंग की फीस मिलती थी, उन पैसों से वो अपने नशे की लत को पूरी करता था। करीब दो महीने पहले अमन के पापा साइंटिस्ट राम मिलन उसे लेकर कोचिंग आए थे। यहां आने पर जब उन्हें पता चला कि वो करीब ढाई महीने से कोचिंग पढ़ने ही नहीं आ रहा तो उन्होंने यहीं पर उसकी पिटाई की थी। इसके बाद दो-चार दिन तो वह कोचिंग आया लेकिन फिर पता चला कि उसकी तबीयत खराब हो गई है और उसके पापा उसे अपने साथ लेकर इलाज कराने चेन्नई चले गए हैं। दो दिन पहले पता चला कि उसने अपनी मां की ही हत्या कर दी।” कुंवर शिवम सिंह, टीचर-श्रीराम एजुकेशन इंस्टीट्यूट ”यूं तो अमन स्कूल में बेहद शांत रहता था। वह स्कूल के बच्चों से ज्यादा दोस्ती भी नहीं रखता था। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह थी कि वह स्कूल ही बहुत कम आता था। वह इतना शातिर है कि स्कूल में घर वालों की जगह अपना ही नंबर दे रखा था। ताकि अगर कोई शिकायत भी करे तो उसके घर तक न पहुंचे। स्कूल में उसकी अटेंडेंस सबसे खराब थी। इसे लेकर प्रिंसिपल और टीचर लगातार उससे गार्जियन को लेकर आने की बात कर रहे थे। कुछ दिनों पहले हम लोग सख्त हुए कि तुम अगर अपने किसी गार्जियन को लेकर नहीं आओगे तो हम लोग शिकायत लेकर तुम्हारे घर चलेंगे। पहले तो उसने स्कूल को भी झांसा दिया और अपने किसी दोस्त को अपना बड़ा भाई बनाकर लाया। इसके बाद हम लोगों ने इसकी शिकायत उसके घर पर की। दिसंबर को अमन की मां आरती देवी स्कूल आईं। उनके आने पर हम लोगों ने उन्हें पूरी बात बताई कि न ही स्कूल की फीस जमा हो रही और न ही अमन स्कूल आता तो वह हैरान हो गईं। उन्होंने तत्काल फोन कर अमन को बुलाया और स्कूल में ही बहुत डांटा। अमन की मां ने यह भरोसा दिलाया कि अब वह रेग्युलर स्कूल आएगा। लेकिन, फिर दो-चार दिनों के बाद पता चला कि अमन ने अपनी मां की ही हत्या कर दी।” पीएन नेशनल पब्लिश स्कूल के टीचर और कर्मचारी पड़ोसी और टीचर्स ने बयां की साइंटिस्ट के बेटे की करतूत
यह वह दो बयान हैं, जहां पिपराइच इलाके में रहने वाले साइंटिस्ट राम मिलन का इकलौता बेटा पढ़ता था। उसके बारे में पड़ताल करने जब दैनिक भास्कर टीम पिपराइच इलाके के सुशांत सिटी स्थित राम मिलन के घर पहुंची। उनके घर पर इस वक्त ताला लगा हुआ है। बाहरी लोगों को देख पड़ोसी भी अपना गेट बंद कर ले रहे हैं। हालांकि, दबी जुबान से पड़ोसी भी यही कह रहे कि उसकी संगत ठीक नहीं थी। वह सोसाइटी में तो किसी से मतलब नहीं रखता था लेकिन कम उम्र ही वह नशे का आदी हो गया था। इसके बाद हम साइंटिस्ट के बेटे के बारे में जानने के लिए पीएन नेशनल पब्लिश स्कूल और श्रीराम एजुकेशन इंस्टीट्यूट पहुंचे तो बेटे की पूरी करतूत सामने आ गई। आइए जानते हैं, आखिर स्कूल-कोचिंग से बंक मारकर कहां जाता था साइंटिस्ट का नाबालिग बेटा… जहां से पुलिस ने पकड़ा, वही शिव मंदिर था अड्डा
हालांकि, अधिकांश लोग तो कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं हुए लेकिन सभी ने एक ही बात कही कि साइंटिस्ट के बेटे की संगत काफी खराब हो चुकी थी। वह न ही स्कूल जाता था और न ही कोचिंग। दोनों जगहों से बंक मारकर वह अपने घर सुशांत सिटी के पास स्थित शिव मंदिर के पोखरे पर ही कुछ लड़कों के साथ रहता था और शराब पीता था। आरती देवी की हत्या के बाद भी बेटा मां की लाश को घर में छिपाकर चार दिनों से इसी शिव मंदिर के पास स्थित पोखरे पर ही रह रहा था। वह पूरा दिन यहीं रहकर आसपास के लड़कों के साथ शराब पीता और नशा करता था। अमन का चल रहा था दीमागी इलाज
इतना ही नहीं, साइंटिस्ट के बेटे के साथ पढ़ने वाले स्टूडेंट्स ने बताया कि वह कुछ साइको या बीमार भी लगता था। काफी कम लोगों से मतलब रखता था और अपने पिता से काफी चिढ़ता था। क्योंकि उसके पापा उसकी पढ़ाई और संगत को लेकर काफी परेशान रहते थे। वह जब भी गोरखपुर आते थे तो स्कूल और कोचिंग जाकर जरूर उसके बारे में पता करते थे। हालांकि, उसकी मम्मी उसे बहुत मानती थीं और अगर शिकायत भी की जाए तो वह उसकी गलती नहीं देती थीं। स्टूडेंट्स ने बताया कि उसकी इलाज भी चल रहा था। उसके पापा अक्सर उसे डॉक्टर को दिखाने चेन्नई जाते थे। 10वीं तक तमिलनाडु में पढ़ा, 11वीं में गोरखपुर हुआ एडमिशन
साइंटिस्ट राम मिलन के बेटे को करीब से जानने वाले लोगों ने बताया, अमन ने 10वीं तक की पढ़ाई तमिलनाडु से की है। करीब दो साल पहले उसके पापा परिवार लेकर यहां आए और पिपराइच इलाके के सुशांत सिटी में अपना घर बनवाया। चूंकि, राम मिलन भाभा रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट हैं, इसलिए वह बाहर ही रहते थे। यहां अमन की मां आरती देवी और अमन ही रहते थे। जबकि, अमन की बड़ी बहन भी बाहर रहकर MBBS की पढ़ाई कर रही है। राम मिलन ने बेटे का पिपराइच इलाके में सबसे अच्छे स्कूल पीएन नेशनल पब्लिक स्कूल में दो साल पहले 11वीं में एडमिशन करवाया था। इंटरमीडिएट 12-B में पढ़ने वाला अमन मैथ्स का स्टूडेंट था। लेकिन वह स्कूल के नाम पर मौजमस्ती करने लगा। स्कूल से कंप्लेन आने के बाद बेटे की हरकतों से परेशान होकर 2 दिसंबर को उसकी मां आरती स्कूल गईं। वहां प्रिंसिपल ने बेटे की शिकायत की। इसके बाद प्रिंसिपल ने सबके सामने बेटे को डांट लगाई। यह बात उसे नागवार गुजरी थी। गुस्से में मैंने उन्हें धकेल दिया, बेहोश हो गईं
12वीं में पढ़ने वाले बेटे ने पुलिस को बताया कि 3 दिसंबर को मैं सुबह 8:30 बजे तक सो रहा था, तभी मां ने मुझे स्कूल जाने के लिए जगा दिया। मैंने मां से कहा कि मैं स्कूल नहीं जाऊंगा। इस पर मां गुस्सा हो गईं। इसके बाद मेरा उनसे झगड़ा हो गया। गुस्से में मैंने उन्हें धकेल दिया। वह फर्श गिर गईं और थोड़ी देर में बेहोश हो गईं। मां का खून देखकर डर गया, दरवाजा बंद कर स्कूल भाग गया
मां के सिर से खून बह रहा था। यह देखकर मैं डर गया। जल्दी-जल्दी स्कूल ड्रेस पहना और मां को छोड़कर स्कूल चला गया। घर के बाहर ताला भी लगा दिया था। शाम को घर लौटा तो देखा कि मां की सांसें नहीं चल रही थीं। उन्हें घसीटकर स्टोर रूम में ले जाकर छोड़ दिया। इसके बाद 5 दिन तक घर में ही रहा। किसी को शक न हो, इसलिए CCTV का कनेक्शन काट दिया। जब शव से बदबू आने लगी तो अगरबत्ती जलाना शुरू कर दिया। अब आइए जानते हैं, कैसे खुला हत्या का राज… पिता बोले- बेटा ऐसा कर सकता है, मैंने सोचा नहीं था
भाभा रिसर्च इंस्टीट्यूट में असिस्टेंट साइंटिस्ट राम मिलने ने बताया- 3 दिसंबर को मैंने चेन्नई से पत्नी को फोन किया, लेकिन उनका फोन बंद था। 2 दिन तक फोन करते रहे, लेकिन नहीं मिला। इसके बाद मैंने साली ज्ञांती देवी को घर भेजा, तो पता चला कि घर का गेट बंद था। साली ने अनहोनी की आंशका जाहिर की। मैं फ्लाइट से रविवार, 8 दिसंबर को गोरखपुर पहुंचा। यहां कमरे में जाकर देखा तो खून से लथपथ पत्नी की लाश पड़ी थी। बेटे से पूछा तो उसने बताया कि स्कूल से आकर खाना खाकर सो गया था। जगा तो मां फर्श पर पड़ी थीं, वहां खून फैला हुआ था। यह देखकर डर गया और ताला बंद कर मंदिर चला गया। इसके बाद मैंने पुलिस को सूचना दी। बेटा ऐसा कर सकता है, मैंने सोचा भी नहीं था। CCTV में सिर्फ बेटा ही दिखा
पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया। इसमें पता चला कि आरती की मौत 6 दिन पहले हुई थी। इसके बाद पुलिस ने CCTV कैमरे के DVR की जांच की। इसमें पता चला कि कोई बाहरी व्यक्ति घर के अंदर नहीं आया था। बेटा ही घर के अंदर गया था और अकेला बाहर निकला था। शक के आधार पर पुलिस ने बेटे से पूछताछ की तो सच्चाई कबूल कर ली। SP नॉर्थ ने बेटे से दो घंटे तक पूछताछ की, इसके बाद बेटे ने जुर्म स्वीकार कर लिया। वैज्ञानिक राम मिलन ने अपने बेटे के खिलाफ तहरीर दी। इसके बाद पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया। SP नॉर्थ जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया, नाबालिग पूछताछ में काफी देर तक वह इधर-उधर घुमाता रहा। दो घंटे बाद उसने बताया कि विवाद के दौरान उसने मां का सिर दीवार पर लड़ा दिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। ”अमन (बदला हुआ नाम) कम उम्र में ही शराब का आदि हो गया था। उसे शराब की ऐसी लत थी कि वह चार महीने से कोचिंग में बंक मार रहा था। यहां उसने फिजिक्स, कमेस्ट्री और मैथ्स पढ़ने के लिए एडमिशन लिया था। लेकिन घर से जो कोचिंग की फीस मिलती थी, उन पैसों से वो अपने नशे की लत को पूरी करता था। करीब दो महीने पहले अमन के पापा साइंटिस्ट राम मिलन उसे लेकर कोचिंग आए थे। यहां आने पर जब उन्हें पता चला कि वो करीब ढाई महीने से कोचिंग पढ़ने ही नहीं आ रहा तो उन्होंने यहीं पर उसकी पिटाई की थी। इसके बाद दो-चार दिन तो वह कोचिंग आया लेकिन फिर पता चला कि उसकी तबीयत खराब हो गई है और उसके पापा उसे अपने साथ लेकर इलाज कराने चेन्नई चले गए हैं। दो दिन पहले पता चला कि उसने अपनी मां की ही हत्या कर दी।” कुंवर शिवम सिंह, टीचर-श्रीराम एजुकेशन इंस्टीट्यूट ”यूं तो अमन स्कूल में बेहद शांत रहता था। वह स्कूल के बच्चों से ज्यादा दोस्ती भी नहीं रखता था। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह थी कि वह स्कूल ही बहुत कम आता था। वह इतना शातिर है कि स्कूल में घर वालों की जगह अपना ही नंबर दे रखा था। ताकि अगर कोई शिकायत भी करे तो उसके घर तक न पहुंचे। स्कूल में उसकी अटेंडेंस सबसे खराब थी। इसे लेकर प्रिंसिपल और टीचर लगातार उससे गार्जियन को लेकर आने की बात कर रहे थे। कुछ दिनों पहले हम लोग सख्त हुए कि तुम अगर अपने किसी गार्जियन को लेकर नहीं आओगे तो हम लोग शिकायत लेकर तुम्हारे घर चलेंगे। पहले तो उसने स्कूल को भी झांसा दिया और अपने किसी दोस्त को अपना बड़ा भाई बनाकर लाया। इसके बाद हम लोगों ने इसकी शिकायत उसके घर पर की। दिसंबर को अमन की मां आरती देवी स्कूल आईं। उनके आने पर हम लोगों ने उन्हें पूरी बात बताई कि न ही स्कूल की फीस जमा हो रही और न ही अमन स्कूल आता तो वह हैरान हो गईं। उन्होंने तत्काल फोन कर अमन को बुलाया और स्कूल में ही बहुत डांटा। अमन की मां ने यह भरोसा दिलाया कि अब वह रेग्युलर स्कूल आएगा। लेकिन, फिर दो-चार दिनों के बाद पता चला कि अमन ने अपनी मां की ही हत्या कर दी।” पीएन नेशनल पब्लिश स्कूल के टीचर और कर्मचारी पड़ोसी और टीचर्स ने बयां की साइंटिस्ट के बेटे की करतूत
यह वह दो बयान हैं, जहां पिपराइच इलाके में रहने वाले साइंटिस्ट राम मिलन का इकलौता बेटा पढ़ता था। उसके बारे में पड़ताल करने जब दैनिक भास्कर टीम पिपराइच इलाके के सुशांत सिटी स्थित राम मिलन के घर पहुंची। उनके घर पर इस वक्त ताला लगा हुआ है। बाहरी लोगों को देख पड़ोसी भी अपना गेट बंद कर ले रहे हैं। हालांकि, दबी जुबान से पड़ोसी भी यही कह रहे कि उसकी संगत ठीक नहीं थी। वह सोसाइटी में तो किसी से मतलब नहीं रखता था लेकिन कम उम्र ही वह नशे का आदी हो गया था। इसके बाद हम साइंटिस्ट के बेटे के बारे में जानने के लिए पीएन नेशनल पब्लिश स्कूल और श्रीराम एजुकेशन इंस्टीट्यूट पहुंचे तो बेटे की पूरी करतूत सामने आ गई। आइए जानते हैं, आखिर स्कूल-कोचिंग से बंक मारकर कहां जाता था साइंटिस्ट का नाबालिग बेटा… जहां से पुलिस ने पकड़ा, वही शिव मंदिर था अड्डा
हालांकि, अधिकांश लोग तो कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं हुए लेकिन सभी ने एक ही बात कही कि साइंटिस्ट के बेटे की संगत काफी खराब हो चुकी थी। वह न ही स्कूल जाता था और न ही कोचिंग। दोनों जगहों से बंक मारकर वह अपने घर सुशांत सिटी के पास स्थित शिव मंदिर के पोखरे पर ही कुछ लड़कों के साथ रहता था और शराब पीता था। आरती देवी की हत्या के बाद भी बेटा मां की लाश को घर में छिपाकर चार दिनों से इसी शिव मंदिर के पास स्थित पोखरे पर ही रह रहा था। वह पूरा दिन यहीं रहकर आसपास के लड़कों के साथ शराब पीता और नशा करता था। अमन का चल रहा था दीमागी इलाज
इतना ही नहीं, साइंटिस्ट के बेटे के साथ पढ़ने वाले स्टूडेंट्स ने बताया कि वह कुछ साइको या बीमार भी लगता था। काफी कम लोगों से मतलब रखता था और अपने पिता से काफी चिढ़ता था। क्योंकि उसके पापा उसकी पढ़ाई और संगत को लेकर काफी परेशान रहते थे। वह जब भी गोरखपुर आते थे तो स्कूल और कोचिंग जाकर जरूर उसके बारे में पता करते थे। हालांकि, उसकी मम्मी उसे बहुत मानती थीं और अगर शिकायत भी की जाए तो वह उसकी गलती नहीं देती थीं। स्टूडेंट्स ने बताया कि उसकी इलाज भी चल रहा था। उसके पापा अक्सर उसे डॉक्टर को दिखाने चेन्नई जाते थे। 10वीं तक तमिलनाडु में पढ़ा, 11वीं में गोरखपुर हुआ एडमिशन
साइंटिस्ट राम मिलन के बेटे को करीब से जानने वाले लोगों ने बताया, अमन ने 10वीं तक की पढ़ाई तमिलनाडु से की है। करीब दो साल पहले उसके पापा परिवार लेकर यहां आए और पिपराइच इलाके के सुशांत सिटी में अपना घर बनवाया। चूंकि, राम मिलन भाभा रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट हैं, इसलिए वह बाहर ही रहते थे। यहां अमन की मां आरती देवी और अमन ही रहते थे। जबकि, अमन की बड़ी बहन भी बाहर रहकर MBBS की पढ़ाई कर रही है। राम मिलन ने बेटे का पिपराइच इलाके में सबसे अच्छे स्कूल पीएन नेशनल पब्लिक स्कूल में दो साल पहले 11वीं में एडमिशन करवाया था। इंटरमीडिएट 12-B में पढ़ने वाला अमन मैथ्स का स्टूडेंट था। लेकिन वह स्कूल के नाम पर मौजमस्ती करने लगा। स्कूल से कंप्लेन आने के बाद बेटे की हरकतों से परेशान होकर 2 दिसंबर को उसकी मां आरती स्कूल गईं। वहां प्रिंसिपल ने बेटे की शिकायत की। इसके बाद प्रिंसिपल ने सबके सामने बेटे को डांट लगाई। यह बात उसे नागवार गुजरी थी। गुस्से में मैंने उन्हें धकेल दिया, बेहोश हो गईं
12वीं में पढ़ने वाले बेटे ने पुलिस को बताया कि 3 दिसंबर को मैं सुबह 8:30 बजे तक सो रहा था, तभी मां ने मुझे स्कूल जाने के लिए जगा दिया। मैंने मां से कहा कि मैं स्कूल नहीं जाऊंगा। इस पर मां गुस्सा हो गईं। इसके बाद मेरा उनसे झगड़ा हो गया। गुस्से में मैंने उन्हें धकेल दिया। वह फर्श गिर गईं और थोड़ी देर में बेहोश हो गईं। मां का खून देखकर डर गया, दरवाजा बंद कर स्कूल भाग गया
मां के सिर से खून बह रहा था। यह देखकर मैं डर गया। जल्दी-जल्दी स्कूल ड्रेस पहना और मां को छोड़कर स्कूल चला गया। घर के बाहर ताला भी लगा दिया था। शाम को घर लौटा तो देखा कि मां की सांसें नहीं चल रही थीं। उन्हें घसीटकर स्टोर रूम में ले जाकर छोड़ दिया। इसके बाद 5 दिन तक घर में ही रहा। किसी को शक न हो, इसलिए CCTV का कनेक्शन काट दिया। जब शव से बदबू आने लगी तो अगरबत्ती जलाना शुरू कर दिया। अब आइए जानते हैं, कैसे खुला हत्या का राज… पिता बोले- बेटा ऐसा कर सकता है, मैंने सोचा नहीं था
भाभा रिसर्च इंस्टीट्यूट में असिस्टेंट साइंटिस्ट राम मिलने ने बताया- 3 दिसंबर को मैंने चेन्नई से पत्नी को फोन किया, लेकिन उनका फोन बंद था। 2 दिन तक फोन करते रहे, लेकिन नहीं मिला। इसके बाद मैंने साली ज्ञांती देवी को घर भेजा, तो पता चला कि घर का गेट बंद था। साली ने अनहोनी की आंशका जाहिर की। मैं फ्लाइट से रविवार, 8 दिसंबर को गोरखपुर पहुंचा। यहां कमरे में जाकर देखा तो खून से लथपथ पत्नी की लाश पड़ी थी। बेटे से पूछा तो उसने बताया कि स्कूल से आकर खाना खाकर सो गया था। जगा तो मां फर्श पर पड़ी थीं, वहां खून फैला हुआ था। यह देखकर डर गया और ताला बंद कर मंदिर चला गया। इसके बाद मैंने पुलिस को सूचना दी। बेटा ऐसा कर सकता है, मैंने सोचा भी नहीं था। CCTV में सिर्फ बेटा ही दिखा
पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया। इसमें पता चला कि आरती की मौत 6 दिन पहले हुई थी। इसके बाद पुलिस ने CCTV कैमरे के DVR की जांच की। इसमें पता चला कि कोई बाहरी व्यक्ति घर के अंदर नहीं आया था। बेटा ही घर के अंदर गया था और अकेला बाहर निकला था। शक के आधार पर पुलिस ने बेटे से पूछताछ की तो सच्चाई कबूल कर ली। SP नॉर्थ ने बेटे से दो घंटे तक पूछताछ की, इसके बाद बेटे ने जुर्म स्वीकार कर लिया। वैज्ञानिक राम मिलन ने अपने बेटे के खिलाफ तहरीर दी। इसके बाद पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया। SP नॉर्थ जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया, नाबालिग पूछताछ में काफी देर तक वह इधर-उधर घुमाता रहा। दो घंटे बाद उसने बताया कि विवाद के दौरान उसने मां का सिर दीवार पर लड़ा दिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर