दल खालसा के संस्थापक गजिंदर सिंह की पाकिस्तान के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह हृदय रोग से पीड़ित था। पाकिस्तानी अलगाववादियों ने इसकी पुष्टि की है। गजिंदर सिंह को 1981 में जरनैल सिंह भिंडरावाले की गिरफ्तारी के विरोध में विमान अपहरण के लिए जाना जाता है। गजिंदर की मौत के बाद खालिस्तान आंदोलन को दुनिया में बड़ा झटका लगा है। गजिंदर सिंह की बात करें तो 2021 में एक सोशल मीडिया पोस्ट से पता चला कि वह पाकिस्तान में छिपा हुआ है। 2021 में कट्टरपंथी संगठन दल खालसा के एक सदस्य ने गजिंदर सिंह की तस्वीर फेसबुक पर शेयर की और उसके पाकिस्तान में होने की जानकारी दी। 1996 से ही भारतीय खुफिया एजेंसियां उसकी लोकेशन का पता लगाने की कोशिश कर रही थीं। पोस्ट से पता चला कि वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के हसन अब्दाल में गुरुद्वारा पंजा साहिब में मौजूद है। भारत के वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल था गजिंदर को 2002 में 20 सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया गया था। वह उन पांच लोगों में शामिल था, जिन्होंने 29 सितंबर, 1981 को 111 यात्रियों और छह चालक दल के सदस्यों को लेकर उड़ान संख्या AI-423 का अपहरण किया था। यह उड़ान दिल्ली से अमृतसर आ रही थी और इसे अपहरण करके लाहौर में उतरने के लिए मजबूर किया गया था। इसके बाद आतंकवादियों ने जरनैल सिंह भिंडरावाले और कई अन्य खालिस्तानी चरमपंथियों की रिहाई के साथ 5 लाख अमेरिकी डॉलर की मांग की थी। पाकिस्तान से रिहा होने के बाद वह लापता हो गया इस घटना के बाद सभी पांच लोगों को पाकिस्तान में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई। 1995 में अपनी सजा पूरी करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। जिसके बाद गजिंदर 1996 में जर्मनी चला गया। लेकिन भारत द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद उसे जर्मनी में प्रवेश नहीं मिला और वह पाकिस्तान लौट आया। इसके बाद गजिंदर सिंह कभी नहीं मिला। भारतीय खुफिया एजेंसियां उसकी तलाश करती रहीं। भारत सरकार कई बार उसे सौंपने की मांग करती रही, लेकिन पाकिस्तान बार-बार उसकी मौजूदगी से इनकार करता रहा। दल खालसा के संस्थापक गजिंदर सिंह की पाकिस्तान के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह हृदय रोग से पीड़ित था। पाकिस्तानी अलगाववादियों ने इसकी पुष्टि की है। गजिंदर सिंह को 1981 में जरनैल सिंह भिंडरावाले की गिरफ्तारी के विरोध में विमान अपहरण के लिए जाना जाता है। गजिंदर की मौत के बाद खालिस्तान आंदोलन को दुनिया में बड़ा झटका लगा है। गजिंदर सिंह की बात करें तो 2021 में एक सोशल मीडिया पोस्ट से पता चला कि वह पाकिस्तान में छिपा हुआ है। 2021 में कट्टरपंथी संगठन दल खालसा के एक सदस्य ने गजिंदर सिंह की तस्वीर फेसबुक पर शेयर की और उसके पाकिस्तान में होने की जानकारी दी। 1996 से ही भारतीय खुफिया एजेंसियां उसकी लोकेशन का पता लगाने की कोशिश कर रही थीं। पोस्ट से पता चला कि वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के हसन अब्दाल में गुरुद्वारा पंजा साहिब में मौजूद है। भारत के वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल था गजिंदर को 2002 में 20 सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया गया था। वह उन पांच लोगों में शामिल था, जिन्होंने 29 सितंबर, 1981 को 111 यात्रियों और छह चालक दल के सदस्यों को लेकर उड़ान संख्या AI-423 का अपहरण किया था। यह उड़ान दिल्ली से अमृतसर आ रही थी और इसे अपहरण करके लाहौर में उतरने के लिए मजबूर किया गया था। इसके बाद आतंकवादियों ने जरनैल सिंह भिंडरावाले और कई अन्य खालिस्तानी चरमपंथियों की रिहाई के साथ 5 लाख अमेरिकी डॉलर की मांग की थी। पाकिस्तान से रिहा होने के बाद वह लापता हो गया इस घटना के बाद सभी पांच लोगों को पाकिस्तान में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई। 1995 में अपनी सजा पूरी करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। जिसके बाद गजिंदर 1996 में जर्मनी चला गया। लेकिन भारत द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद उसे जर्मनी में प्रवेश नहीं मिला और वह पाकिस्तान लौट आया। इसके बाद गजिंदर सिंह कभी नहीं मिला। भारतीय खुफिया एजेंसियां उसकी तलाश करती रहीं। भारत सरकार कई बार उसे सौंपने की मांग करती रही, लेकिन पाकिस्तान बार-बार उसकी मौजूदगी से इनकार करता रहा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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