श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से सुखबीर बादल एवं अन्य नेताओं को धार्मिक सजा के तौर पर दी गई सेवादारी का आखिरी दिन है। आज सजा पूरी करने के बाद सुखबीर बादल कल (शुक्रवार को) श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचेंगे। जहां सुखबीर बादल अन्य नेताओं के साथ नतमस्तक होकर अपनी सजा पूरी कर लेंगे। इस सजा के पूरे होने के बाद पंजाब में अकाली दल को दोबारा से खड़े करने के प्रयास शुरू हो जाएंगे। सुखबीर बादल आज श्री मुक्तसर साहिब में अपनी सजा पूरी कर रहे हैं। जहां सबसे पहले सेवादार का चौला पहन सेवा निभाई, फिर बर्तनों की सफाई व कीर्तन श्रवण का आदेश है। आज के दिन की सजा पूरी होने के बाद सुखबीर बादल के 10 दिन सजा के पूरे हो जाएंगे। इस दौरान उन्होंने श्री मुक्तसर साहिब के अलावा गोल्डन टेंपल, श्री केशगढ़ साहिब, श्री दमदमा साहिब और श्री फतेहगढ़ साहिब में सजा पूरी कर चुके हैं। अनुमान है कि वे कल अमृतसर पहुंचेंगे और आदेशों के अनुसार श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय में अपनी सजा के पूरे किए जाने की जानकारी देंगे। इसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास करवाकर वे अपनी सजा को पूरा करेंगे। कल के बाद कभी भी इस्तीफा हो सकता है मंजूर श्री अकाल तख्त साहिब ने सजा सुनाते समय स्पष्ट किया था कि अब शिरोमणि अकाली दल का दोबारा से गठन किया जाए। इन आदेशों के अनुसार, एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की देखरेख में कमेटी का गठन किया गया था। जिसकी जिम्मेदारी नई भर्ती कर 6 महीने में अकाली दल का नया ढांचा तैयार करने की है। इसके साथ ही अकाली दल कोर कमेटी को आदेश है कि सुखबीर बादल सहित अन्य लोगों के आए इस्तीफों को मंजूर कर रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब पर दी जाए। अब जब सुखबीर बादल की सजा पूरी हो रही है तो उनका इस्तीफा कभी भी मंजूर हो सकता है और अकाली दल के नए ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। बादल सरकार को 4 मामलों में सजा मिली 1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। 4 दिसंबर को सजा पूरी करते समय हुआ था हमला 4 दिसंबर 2024 (गुरुवार) को अमृतसर के गोल्डन टेंपल में सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने गोली चलाई थी। सुखबीर बादल गोल्डन टेंपल के गेट पर सेवादार बनकर सजा पूरी कर रहे थे। चौड़ा ने जैसे ही बादल पर गोली चलाई, तो सिविल वर्दी में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उसका हाथ पकड़कर ऊपर कर दिया। गोली गोल्डन टेंपल की दीवार पर जा लगी। इस हमले में बादल बाल-बाल बच गए। तीसरी बार बढ़ा चौड़ा का पुलिस रिमांड सुखबीर बादल पर हमला करने वाला नारायण सिंह चौड़ा अभी भी पुलिस हिरासत में है। पुलिस ने 5 दिसंबर को उसे कोर्ट में पेश किया था और तीन दिन का रिमांड मिला। तब से लेकर अभी तक चौड़ा दो और बार अमृतसर कोर्ट में पेश हो चुका है और कोर्ट 3-3 दिन का रिमांड पुलिस को दे रही है। मजीठिया बार-बार उठा रहे पुलिस जांच पर सवाल पंजाब अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया बार-बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंजाब पुलिस की एफआईआर और इंक्वायरी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। बिक्रम मजीठिया 10 के करीब वीडियो मीडिया के सामने रख चुके हैं। जिनमें उन्होंने आरोप लगाए हैं कि नारायण सिंह चौड़ा अकेला नहीं था। उनके साथ देखने वाला एक अन्य व्यक्ति बाबा धर्मा था, जो खुद आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है, वहीं एक अन्य भी इस मामले में साथ है। मजीठिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मांग रखी है कि चीफ सुखबीर बादल पर हुए हमले की जांच डीजीपी रैंक के अधिकारी को दी जाए। बिक्रम मजीठिया ने डीजीपी पंजाब गौरव यादव को 13 पन्नों का पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने एसपी हरपाल सिंह रंधावा के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार करने की भी गुहार लगाई है। वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर की इंक्वायरी को खारिज कर दिया है। श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से सुखबीर बादल एवं अन्य नेताओं को धार्मिक सजा के तौर पर दी गई सेवादारी का आखिरी दिन है। आज सजा पूरी करने के बाद सुखबीर बादल कल (शुक्रवार को) श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचेंगे। जहां सुखबीर बादल अन्य नेताओं के साथ नतमस्तक होकर अपनी सजा पूरी कर लेंगे। इस सजा के पूरे होने के बाद पंजाब में अकाली दल को दोबारा से खड़े करने के प्रयास शुरू हो जाएंगे। सुखबीर बादल आज श्री मुक्तसर साहिब में अपनी सजा पूरी कर रहे हैं। जहां सबसे पहले सेवादार का चौला पहन सेवा निभाई, फिर बर्तनों की सफाई व कीर्तन श्रवण का आदेश है। आज के दिन की सजा पूरी होने के बाद सुखबीर बादल के 10 दिन सजा के पूरे हो जाएंगे। इस दौरान उन्होंने श्री मुक्तसर साहिब के अलावा गोल्डन टेंपल, श्री केशगढ़ साहिब, श्री दमदमा साहिब और श्री फतेहगढ़ साहिब में सजा पूरी कर चुके हैं। अनुमान है कि वे कल अमृतसर पहुंचेंगे और आदेशों के अनुसार श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय में अपनी सजा के पूरे किए जाने की जानकारी देंगे। इसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास करवाकर वे अपनी सजा को पूरा करेंगे। कल के बाद कभी भी इस्तीफा हो सकता है मंजूर श्री अकाल तख्त साहिब ने सजा सुनाते समय स्पष्ट किया था कि अब शिरोमणि अकाली दल का दोबारा से गठन किया जाए। इन आदेशों के अनुसार, एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की देखरेख में कमेटी का गठन किया गया था। जिसकी जिम्मेदारी नई भर्ती कर 6 महीने में अकाली दल का नया ढांचा तैयार करने की है। इसके साथ ही अकाली दल कोर कमेटी को आदेश है कि सुखबीर बादल सहित अन्य लोगों के आए इस्तीफों को मंजूर कर रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब पर दी जाए। अब जब सुखबीर बादल की सजा पूरी हो रही है तो उनका इस्तीफा कभी भी मंजूर हो सकता है और अकाली दल के नए ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। बादल सरकार को 4 मामलों में सजा मिली 1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। 4 दिसंबर को सजा पूरी करते समय हुआ था हमला 4 दिसंबर 2024 (गुरुवार) को अमृतसर के गोल्डन टेंपल में सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने गोली चलाई थी। सुखबीर बादल गोल्डन टेंपल के गेट पर सेवादार बनकर सजा पूरी कर रहे थे। चौड़ा ने जैसे ही बादल पर गोली चलाई, तो सिविल वर्दी में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उसका हाथ पकड़कर ऊपर कर दिया। गोली गोल्डन टेंपल की दीवार पर जा लगी। इस हमले में बादल बाल-बाल बच गए। तीसरी बार बढ़ा चौड़ा का पुलिस रिमांड सुखबीर बादल पर हमला करने वाला नारायण सिंह चौड़ा अभी भी पुलिस हिरासत में है। पुलिस ने 5 दिसंबर को उसे कोर्ट में पेश किया था और तीन दिन का रिमांड मिला। तब से लेकर अभी तक चौड़ा दो और बार अमृतसर कोर्ट में पेश हो चुका है और कोर्ट 3-3 दिन का रिमांड पुलिस को दे रही है। मजीठिया बार-बार उठा रहे पुलिस जांच पर सवाल पंजाब अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया बार-बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंजाब पुलिस की एफआईआर और इंक्वायरी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। बिक्रम मजीठिया 10 के करीब वीडियो मीडिया के सामने रख चुके हैं। जिनमें उन्होंने आरोप लगाए हैं कि नारायण सिंह चौड़ा अकेला नहीं था। उनके साथ देखने वाला एक अन्य व्यक्ति बाबा धर्मा था, जो खुद आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है, वहीं एक अन्य भी इस मामले में साथ है। मजीठिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मांग रखी है कि चीफ सुखबीर बादल पर हुए हमले की जांच डीजीपी रैंक के अधिकारी को दी जाए। बिक्रम मजीठिया ने डीजीपी पंजाब गौरव यादव को 13 पन्नों का पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने एसपी हरपाल सिंह रंधावा के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार करने की भी गुहार लगाई है। वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर की इंक्वायरी को खारिज कर दिया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
लुधियाना में युवक की हत्या:नशा तस्करों पर हत्या का आरोप, परिजनों ने कहा- शराब बेचने का डालते थे दबाव
लुधियाना में युवक की हत्या:नशा तस्करों पर हत्या का आरोप, परिजनों ने कहा- शराब बेचने का डालते थे दबाव पंजाब के लुधियाना में फील्ड गंज के पास प्रेम नगर में गुरुद्वारा साहिब गए एक युवक की आज पिटाई कर दी गई। हमलावरों ने उसके सिर और छाती पर जोरदार वार किए। घायल युवक किसी तरह अपने घर पहुंचा। जब लोग उसे सिविल अस्पताल ले गए तो उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक का नाम सूरज कुमार है जो फील्ड गंज का रहने वाला था। गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने गया था सूरज जानकारी के अनुसार सूरज की बहन ने बताया कि वह सीएमसी अस्पताल में काम करती है। वह सुबह साढ़े पांच बजे अपने पति के साथ काम पर चली जाती है। सूरज की मौसी का बेटा शराब बेचने का अवैध काम करता है। वह सूरज पर शराब बेचने का दबाव बनाता है। जब सूरज शराब बेचने से मना करता है तो उसके साथ मारपीट की जाती है। परिजनों के अनुसार आरोपियों के नाम शीशा, मन्नू और तोता हैं। आज सुबह सूरज सात बजे गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने गया था। रास्ते में आते समय आरोपियों ने उसे घेर लिया। उसके चेहरे और पेट पर लात-घूंसे बरसाए। सूरज की नाक से भी काफी खून बह रहा था। कल रात भी पुलिस ने इलाके में शराब तस्करों पर दबिश दी थी, लेकिन रात में कोई पकड़ में नहीं आया। पुलिस अधिकारी ने लोगों को शराब बेचना बंद करने के लिए समझाया। बोले-SHO गुरजीत सिंह थाना डिवीजन नंबर 2 के एसएचओ गुरजीत सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि पुलिस अलग-अलग एंगलों से जांच कर रही है। जिन पर हत्या का आरोप है, उनसे भी पूछताछ की जा रही है। फिलहाल इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे भी कर्मचारी चेक कर रहे हैं।
पंजाब सरकार का हाईकोर्ट में दावा:खालिस्तान समर्थक सांसद-साथियों से CM भगवंत मान को ख़तरा, इसलिए दोबारा NSA लगाया, असम जेल में बंद अमृतपाल
पंजाब सरकार का हाईकोर्ट में दावा:खालिस्तान समर्थक सांसद-साथियों से CM भगवंत मान को ख़तरा, इसलिए दोबारा NSA लगाया, असम जेल में बंद अमृतपाल करीब डेढ़ साल से डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब के सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के साथियों पर दोबारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाने को लेकर पंजाब सरकार ने अदालत में जवाब दाखिल कर दिया है। इसमें सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि आरोपी राज्य की कानून व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है। वहीं, उनसे राज्य के सीएम भगवंत मान की जान को भी खतरा है। इस बात को मजबूती से पेश करने के लिए पुलिस की तरफ से कुछ वीडियो क्लिप का हवाला भी दिया गया है। जिसमें आरोपी कहते हुए दिख रहे हैं कि पंजाब के सीएम का हश्र पूर्व सीएम बेअंत सिंह की तरह करेंगे। जिनकी एक बम धमाके में आतंकियों ने जान ले ली थी। इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्तूबर को तय होगी। इस दौरान अमृतपाल सिंह पर NSA लगाने संबंधी सारा रिकॉर्ड अदालत में केंद्र और पंजाब सरकार पेश करेगी। अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने दिया जवाब अमृतपाल सिंह और उसके साथियों ने दोबारा लगाए गए NSA को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इनमें से अभिनेता दलजीत सिंह कलसी और गुरमीत सिंह भुक्कनवाला को लेकर जवाब दाखिल किया है। अमृतसर ग्रामीण पुलिस की तरफ से यह हलफनामा दायर किया गया है। हलफनामे के अनुसार फरवरी 2023 में अजनाला स्टेशन की घटना के बाद वीडियो टेप किया था। जिसमें अमृतपाल सिंह कह रहा है कि हमने सीएम मान को सीएम बेअंत सिंह की राह न चलने की सलाह दी है। वह अभी भी बेअंत सिंह की राह पर चल रहे है। दिलावर ने मानव बम के रूप में काम किया और सीएम बेअंत सिंह काे उड़ा दिया। सीएम मान ने सुनिश्चित किया है आज इस भीड़ में कई दिलावर पैदा होंगे। कानून व्यवस्था अपने हाथ में ले सकते हैं सरकार का कहना है कि अमृतपाल सिंह और उसके साथी कभी भी कानून व्यवस्था को अपने हाथ में ले सकते हैं। वह उन लोगों को नुकसान पहुंचा सकते है। जो कि उनकी कट्टरपंथी विचारधारा से विपरीत बात करेंगे। वहीं, इससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। वहीं, वह जिस तरह भड़काऊ बातें करते हैं। वह युवाओं को गुमराह कर सकते हैं। ऐसे में उन पर लगाया गया एनएसए उचित है। विधानसभा का उप चुनाव लड़ने की तैयारी अमृतपाल सिंह के जेल से ही चुनाव लड़ने और खडूर साहिब का सांसद बनने के बाद अब उसके साथी भी चुनाव लड़ने की तैयारी में है। दलजीत सिंह कलसी डेरा बाबा नानक सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। यह सीट वहां के विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा के सांसद बनने से खाली हुई है। इसी तरह कुलवंत सिंह राउके बरनाला सीट से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। क्योंकि यह भी सीट भी गुरमीत सिह मीत हेयर के संगरूर से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है। भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके गिद्दड़बाहा भी अब राजनीति में आना चाहता है। वह गिद्दड़बाहा से विधायक बनना चाहता है। उसके बेटे आकाशदीप सिंह की तरफ से इस बारे में ऐलान किया गया था।
मोगा में दो बाइकों की टक्कर:हादसे में दो की मौत; धर्मकोट से घर जा रहा था युवक
मोगा में दो बाइकों की टक्कर:हादसे में दो की मौत; धर्मकोट से घर जा रहा था युवक मोगा जिले में दो बाइकों की आमने सामने टक्कर हो गई। हादसे में दोनों बाइक सवार 2 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। हादसा कोटईसेखान कस्बे के पास धर्मकोट मार्ग पर हुआ है। एएसआई सुरेंद्र कुमार ने बताया कि 36 वर्षीय सतपाल सिंह निवासी मानवां अपनी बाइक पर सवार होकर धर्मकोट से कोटईसेखान आ रहा था। इसी दौरान विपरीत दिशा से बाइक पर सवार वीरेंद्र सिंह पुत्र रंजीत सिंह निवासी जंडियाला जा रहा था। अचानक दोनों बाइक आपस में टकरा गई। जिसके कारण दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने दोनों लोगों को मृत घोषित कर दिया। परिजनों को सौंपे शव पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने परिवार के बयानों के आधार पर कार्रवाई करते हुए दोनों शवों को मोगा के सिविल अस्पताल से पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों के हवाले कर दिए हैं।