पानीपत से घरौंडा जा रही हरियाणा रोडवेज बस में महिला के बैग से जेवर चोरी हो गए। आरोपियों ने मदद के बहाने महिला का बैग ऊपर रखने का ऑफर दिया। जब उसने अपना बैग वापस मांगा, तो आरोपियों ने उसे बैग नहीं लौटाया। आरोपियों ने कोहंड के पास जबरन बस रुकवाई और मौके से फरार हो गए। महिला ने बैग चेक किया तो उसके अंदर जेवर गायब मिले। पीड़िता ने शोर मचाया और चोरी की बात बस कंडक्टर काे बताई। जिसके बाद बस को घरौंडा थाने लाकर रोका गया और पीड़िता ने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पानीपत टोल से बस में चढ़े थे आरोपी घरौंडा के गुढा गांव की महिला रूबी पत्नी अंकुश 11 दिसंबर को पानीपत से घरौंडा आ रही थी। पीड़िता के अनुसार, वह पानीपत टोल से बस पर चढ़ी थी। बस रोहतक से चंडीगढ़ जा रही थी। इसी दौरान 10-12 अज्ञात लोग भी बस में चढ़े। उन्होंने मदद के बहाने उसका बैग ऊपर रखने की पेशकश की। जब उसने अपना बैग वापस मांगा, तो आरोपियों ने उसे नहीं लौटाया। बस कोहंड के पास पहुंची, तो अज्ञात व्यक्तियों ने बस रुकवाने की कोशिश की। इस बीच, पीड़िता ने बैग चेक किया, तो उसमें रखी ज्वैलरी गायब मिली। ज्वैलरी में एक सोने की गलसरी, एक मंगलसूत्र और एक अंगूठी शामिल थी। पीड़िता ने शोर मचाया, लेकिन आरोपी बस रुकवाकर फरार हो गए। महिला ने शोर मचाने पर रोकी बस बस यात्री मान सिंह, गंगा देवी व अन्य ने बताया कि टोल से करीब दो किलोमीटर ही बस चली होगी। इतने में ही शोर मच गया कि गाडी रोको गाडी रोको, जैसे ही गाड़ी रूकी तो बस में सवार 10-12 लाेग उतरकर भाग गए। इसके बाद महिला ने शोर मचाया कि उसके बैग से गहने चोरी हो गए। फिर सवारियां आरोपियों के पीछे दौड़ी। आरोपी ईधर उधर ईख में घुस गए। बस कंडक्टर युद्धवीर सिंह ने बताया कि महिला का बैग खुला हुआ था। महिला का आरोप है कि आरोपी उसके गहने लेकर भाग गए है। पानीपत से घरौंडा जा रही हरियाणा रोडवेज बस में महिला के बैग से जेवर चोरी हो गए। आरोपियों ने मदद के बहाने महिला का बैग ऊपर रखने का ऑफर दिया। जब उसने अपना बैग वापस मांगा, तो आरोपियों ने उसे बैग नहीं लौटाया। आरोपियों ने कोहंड के पास जबरन बस रुकवाई और मौके से फरार हो गए। महिला ने बैग चेक किया तो उसके अंदर जेवर गायब मिले। पीड़िता ने शोर मचाया और चोरी की बात बस कंडक्टर काे बताई। जिसके बाद बस को घरौंडा थाने लाकर रोका गया और पीड़िता ने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पानीपत टोल से बस में चढ़े थे आरोपी घरौंडा के गुढा गांव की महिला रूबी पत्नी अंकुश 11 दिसंबर को पानीपत से घरौंडा आ रही थी। पीड़िता के अनुसार, वह पानीपत टोल से बस पर चढ़ी थी। बस रोहतक से चंडीगढ़ जा रही थी। इसी दौरान 10-12 अज्ञात लोग भी बस में चढ़े। उन्होंने मदद के बहाने उसका बैग ऊपर रखने की पेशकश की। जब उसने अपना बैग वापस मांगा, तो आरोपियों ने उसे नहीं लौटाया। बस कोहंड के पास पहुंची, तो अज्ञात व्यक्तियों ने बस रुकवाने की कोशिश की। इस बीच, पीड़िता ने बैग चेक किया, तो उसमें रखी ज्वैलरी गायब मिली। ज्वैलरी में एक सोने की गलसरी, एक मंगलसूत्र और एक अंगूठी शामिल थी। पीड़िता ने शोर मचाया, लेकिन आरोपी बस रुकवाकर फरार हो गए। महिला ने शोर मचाने पर रोकी बस बस यात्री मान सिंह, गंगा देवी व अन्य ने बताया कि टोल से करीब दो किलोमीटर ही बस चली होगी। इतने में ही शोर मच गया कि गाडी रोको गाडी रोको, जैसे ही गाड़ी रूकी तो बस में सवार 10-12 लाेग उतरकर भाग गए। इसके बाद महिला ने शोर मचाया कि उसके बैग से गहने चोरी हो गए। फिर सवारियां आरोपियों के पीछे दौड़ी। आरोपी ईधर उधर ईख में घुस गए। बस कंडक्टर युद्धवीर सिंह ने बताया कि महिला का बैग खुला हुआ था। महिला का आरोप है कि आरोपी उसके गहने लेकर भाग गए है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में आज फिर सक्रिय होगा मानसून:13 जुलाई तक बारिश का अलर्ट; दिन के तापमान में गिरावट से बढ़ेगी नमी
हरियाणा में आज फिर सक्रिय होगा मानसून:13 जुलाई तक बारिश का अलर्ट; दिन के तापमान में गिरावट से बढ़ेगी नमी हरियाणा में मानसून आज रात से फिर सक्रिय हो जाएगा। 13 जुलाई तक प्रदेश के ज्यादातर जिलों में कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। चौधरी चरणसिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मानसून की सक्रियता के कारण ज्यादातर क्षेत्रों में 11 से 13 जुलाई के दौरान कहीं कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। परंतु 14 व 15 जुलाई के दौरान मानसूनी हवाओं की सक्रियता में थोड़ी कमी रहने की संभावना से उत्तरी जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश तथा पश्चिमी व दक्षिणी जिलों में कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। इस दौरान दिन के तापमान में हल्की गिरावट रहने तथा वातावरण में नमी की मात्रा में बढ़ोतरी होने की संभावना है। 10 दिनों में 73.5 MM बारिश हुई वहीं अभी तक मानसून की बात करें तो हरियाणा में 1 जून से 10 जुलाई तक कुल 73.5 मिली मिलीमिटर बारिश दर्ज हुई है, जबकि इस दौरान पूरे राज्य में 84.4 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, जो सामान्य से 17% कम हैं। मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्र मोहन के अनुसार, हरियाणा राज्य में मानसून ब्रेक और कमजोर मानसून की स्थिति बनी हुई है। आधा से ज्यादा जिलों में मानसून बारिश में कमी बनी हुई है। दक्षिण-पश्चिम में मेहरबान मानसून अभी तक हरियाणा के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में लगातार मानसून मेहरबान रहा है। यहां बारिश सामान्य से ज्यादा दर्ज हों रही है। जबकि उत्तरी और पूर्वी जिलों में अभी भी मानसून की झमाझम बारिश की दरकार बनीं हुईं हैं। हरियाणा-एनसीआर के दक्षिणी हिस्सों पर आज भी उत्तर-पूर्वी राजस्थान के ऊपर एक चक्रवातीय सर्कुलेशन (परिसंचरण तंत्र ) बना हुआ है। जिसका आंशिक असर देखने को मिलेगा। दक्षिण के जिलों महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, मेवात और सोनीपत में कहीं-कहीं बिखराव वाली छिटपुट बूंदा-बांदी/बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही है। बता दें कि हरियाणा-एनसीआर के दक्षिणी हिस्सों पर मानसून का आगमन 28 जून को हुआ था। 11 जुलाई को एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की वजह से एक चक्रवातीय सर्कुलेशन पंजाब पर बनेगा। इस दौरान मानसून ट्रफ लाइन अपनी सामान्य स्थिति यानी हरियाणा-एनसीआर पर पहुंचने की संभावना बन रही है। आज से 13 जुलाई तक हरियाणा-एनसीआर के उत्तरी और पूर्वी जिलों में मेघ गर्जन के साथ हल्की-मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। जबकि शेष हरियाणा में इस दौरान हल्की बारिश बूंदाबांदी देखने को मिलेगी। इस मौसम प्रणालियों द्वारा पिछली मौसम प्रणाली से विपरीत स्थानों पर बारिश की गतिविधियों की संभावना है। पिछली बार पश्चिमी और दक्षिणी जिलों पर ज्यादा असर रहा। इस बार उसके विपरीत उत्तरी और पूर्वी जिलों में ज्यादा असर देखने को मिलेगा। हरियाणा-एनसीआर में अधिकतर स्थानों पर रात्रि तापमान 25.0 से 29.0 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा था। राज्य में एक दिन पहले अधिकतर स्थानों पर दिन का तापमान 35.0 से 38.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। मानसून गतिविधियां न होने से धीरे-धीरे सम्पूर्ण इलाके में तापमान में बढ़ोतरी और प्रचुर मात्रा में नमी से आमजन को पसीने वाली उमस भरी गर्मी से रूबरू होना पड़ रहा है।
हरियाणा में BJP के निशाने पर कांग्रेसी वर्कर:कांग्रेस संगठन न बनने से नाराज वर्करों को भाजपा में शामिल करेगी; जिला वाइज जॉइनिंग समिति बनाई
हरियाणा में BJP के निशाने पर कांग्रेसी वर्कर:कांग्रेस संगठन न बनने से नाराज वर्करों को भाजपा में शामिल करेगी; जिला वाइज जॉइनिंग समिति बनाई हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा कांग्रेस में सेंधमारी की तैयारी कर रही है। BJP ने हर जिले में इसके लिए जॉइनिंग अभियान समिति बनाई है। इस समिति में जिला स्तर पर जिला संयोजक और सह संयोजक और विधानसभा स्तर पर 6 संयोजक नियुक्त किए हैं। इनकी नियुक्त मंडल अनुसार की गई है। प्रदेश में 90 विधानसभा में 540 संयोजक और जिला स्तर पर 44 जिला संयोजक और सह संयोजक लगाए गए हैं। BJP की जॉइनिंग समिति को बनाने का मुख्य उद्देश्य हरियाणा में कांग्रेस का संगठन न बनने से नाराज कार्यकर्ता को तोड़ना है। पंचकूला में पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने BJP की स्टेट बॉडी के साथ मीटिंग की थी। इस मीटिंग में अमित शाह ने साफ कहा था कि BJP को कांग्रेस व अन्य पार्टियों के किसी बड़े नेता की जरूरत नहीं है। शाह ने दूसरी पार्टियों के ग्राउंड स्तर पर काम कर रहे निष्ठावान कार्यकर्ताओं को तोड़ने का मूल मंत्र दिया था। भाजपा को इसलिए पड़ी जरूरत संगठन के बावजूद हरियाणा में BJP 49% बूथ हारी
हरियाणा में BJP बूथ स्तर पर संगठन होने के बाद भी लोकसभा चुनाव में 49% बूथों पर हार गई। हरियाणा में लोकसभा चुनाव में 19812 बूथ थे। इन बूथों में से BJP 9740 बूथ जीत पाई है। बाकी बचे 10,072 बूथ पर कांग्रेस सहित अन्य दल जीते। मगर, भाजपा से अधिक बूथ बिना संगठन वाली कांग्रेस ने जीते। इसी कारण से BJP चिंतित है और 2 महीने बाद विधानसभा चुनाव की बूथ स्तर पर तैयारी कर रही है। C और B ग्रेड पर काम करेगी पार्टी
BJP ने 19812 बूथों पर ग्रेडेशन करवाई है। बूथ की A, B और C ग्रेड से पहचान की गई है। 51% बूथ C ग्रेड के हैं, यही चिंता का कारण हैं और इसे C से B ग्रेड में लाने की तैयारी में BJP जुट गई है। भाजपा ने इसके लिए विधानसभा और मंडल वाइज संयोजक नियुक्त किए हैं। इनका काम बूथों पर जाकर फिर से कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना है। भाजपा ने A ग्रेड में उन बूथों को शामिल किया है जिसमें रिजल्ट बेहतर रहा है। B ग्रेड वाले बूथों पर रिजल्ट बराबरी या कम अंतर से जीत वाले हैं। वहीं C ग्रेड बूथ में ज्यादा अंतर से हार वाले बूथ हैं। भाजपा ने विधानसभा चुनाव से ज्यादा बूथ जीते
वहीं भाजपा के लिए यह राहत है कि भाजपा ने 2019 के विधानसभा की तुलना में इस बार लोकसभा में ज्यादा बूथ जीते हैं। पिछली लोकसभा में भाजपा ने 19481 बूथ में से 8528 बूथ जीते थे तो वहीं कांग्रेस 5934 बूथ ही जीत पाई थी। इस बार भाजपा ने 9740 बूथ जीते हैं। भाजपा इस बार ज्यादा से ज्यादा बूथ जीतकर विधानसभा जीतने का मंत्र अपनाकर आगे बढ़ रही है। 11.06% वोट शेयर घटा
हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है।वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है।
3 कृषि कानूनों के बयान पर कंगना रनोट का यू-टर्न:बोली- मैंने किसी को डिसअपॉइंट किया तो खेद है; BJP ने किनारा किया था
3 कृषि कानूनों के बयान पर कंगना रनोट का यू-टर्न:बोली- मैंने किसी को डिसअपॉइंट किया तो खेद है; BJP ने किनारा किया था हिमाचल प्रदेश से BJP सांसद एक्ट्रेस कंगना रनोट ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने को लेकर दिए के बयान पर बैकफुट पर आ गई हैं। उन्होंने एक वीडियो जारी कर अपना बयान वापस लिया है। कहा है- यदि मैंने अपने बयान से किसी को डिसअपॉइंट किया हो तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। कंगना ने अपने बयान पर सफाई तब दी है जब उनके बयान को लेकर विपक्ष BJP को घेरने में लगा था। हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच आए कंगना के बयान से भाजपा ने भी कि किनारा कर लिया था। BJP प्रवक्ता गौरव भाटिया ने वीडियो जारी कर कहा था कि कंगना को 3 कृषि कानूनों पर बोलने का हक नहीं है। कंगना ने वीडियो में क्या कहा
कंगना ने आज X पर वीडियो जारी कर कहा, ‘बीते कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे फार्मर्स लॉ (कृषि कानून) पर कुछ सवाल किए। और मैंने यह सुझाव दिया कि किसानों को फार्मर्स लॉ लाने का प्रधानमंत्री जी से निवेदन करना चाहिए। मेरी इस बात से बहुत सारे लोग निराश हैं, और डिसअपॉइंटेड हैं। जब फार्मर्स लॉ प्रपोज (प्रस्तावित) हुए थे तो काफी सारे लोगों ने इनका समर्थन किया था। लेकिन, बड़ी ही संवेदनशीलता से और सहानुभूति से हमारे प्रधानमंत्री जी ने वे लॉ वापस ले लिए थे। और हम सब कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम उनके शब्दों की गरिमा रखें। मुझे भी यह बात अब ध्यान में रखनी होगी कि मैं अब केवल एक कलाकार नहीं, भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता भी हूं। और मेरे ओपिनियन (राय) मेरे नहीं होने चाहिए। वह पार्टी का स्टैंड होना चाहिए। तो अगर मैंने अपने शब्दों से और अपनी सोच से किसी को डिसअपॉइंट किया हो तो मुझे खेद रहेगा। आई टेक माय वर्ड्स बैक (मैं अपने शब्द वापस लेती हूं)।’ भाजपा क्या कह चुकी
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कंगना के बयान पर कहा, ‘सोशल मीडिया पर भाजपा सांसद कंगना रनोट का 3 कृषि कानूनों का लेकर दिया बयान चल रहा है। ये कानून पहले ही वापस लिए जा चुके हैं। मैं बिल्कुल स्पष्ट कहना चाहता हूं कि यह बयान कंगना रनोट का व्यक्तिगत है। BJP की ओर से कंगना ऐसा कोई बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं, और न ही उनका बयान पार्टी की सोच है। इसलिए, उस बयान का हम खंडन करते हैं।’ 2 दिन पहले ही हिमाचल में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए कंगना ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने को कहा था। कंगना ने कहा था कि किसानों को खुद ये कानून लागू करने की मांग करनी चाहिए। बता दें कि नवंबर 2021 में केंद्र सरकार ने 14 महीने के किसान आंदोलन के बाद ये कानून वापस लिए थे। विपक्ष ने घेरना शुरू किया तो भाजपा ने पल्ला झाड़ा
कंगना के बयान से भाजपा ने तब किनारा किया है, जब विपक्ष ने पार्टी को घेरना शुरू कर दिया था। पंजाब से अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर ने तो भाजपा से कंगना को पार्टी से निकालने और उन पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाने की मांग की थी। इसके साथ ही हरियाणा कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया। कहा कि भाजपा फिर से 3 कृषि कानून वापस लाने का प्लान बना रही है। कांग्रेस किसानों के साथ है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितना भी जोर लगा लें, ये कानून लागू नहीं होने दिए जाएंगे। वहीं, पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि भाजपा अपने किसान विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कंगना का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने सरकार से तत्काल स्पष्टीकरण देने की मांग रखी थी। इसके अलावा एक चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मंच से कंगना को चुनौती दी है। उन्होंने कहा, ‘BJP की सांसद कंगना रनोट का कहना है कि 3 कृषि कानून को लागू करने का समय आ गया है। हरियाणा में BJP की सरकार बनी तो ये 3 काले कानून लागू करेंगे। मैं चुनौती देता हूं, हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी और कोई ताकत नहीं है जो 3 काले कानूनों को फिर से लागू करवा सके।’ कंगना के बयान के बाद हरियाणा कांग्रेस की ओर से किया गया पोस्ट… कंगना के बयान से दूसरी बार भाजपा ने मुंह फेरा
3 कृषि कानूनों पर कंगना का ये तीसरा बयान था। हिमाचल प्रदेश के मंडी में दिए गए बयान से पहले भी कंगना 2 बार कृषि कानूनों पर बोल चुकी हैं, और सांसद बनने के बाद यह उनका दूसरा बयान है। वहीं, सांसद बनने के बाद आए उनके बयान से भाजपा पहले भी पल्ला झाड़ चुकी है। 26 अगस्त को भाजपा को बयान जारी करना पड़ा था। उसमें लिखा था- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। उन्हें पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं है। वह पार्टी की तरफ से बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। भाजपा ने कंगना को हिदायत दी है कि वे इस मुद्दे पर आगे कोई बयान न दें। कंगना ने अपने बयान में कहीं 2 अहम बातें… 1. किसानों के हितकारी कानून वापस आने चाहिए
कंगना ने कहा कि किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। 2. हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ
ब्यूरोक्रेसी, हमारे लीडर, हर 3-3 महीने में इलेक्शन करवाते हैं। वन नेशन, वन इलेक्शन देश के विकास में जरूरी है। ऐसे ही हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। किसानों को लेकर 2 बार बयान दे चुकीं कंगना… पहला बयान- महिला किसान पर टिप्पणी
किसान आंदोलन के बीच कंगना रनोट ने 27 नवंबर 2020 को रात 10 बजे फोटो पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी। जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। हालांकि, बाद में कंगना ने पोस्ट डिलीट कर दिया था, लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पोस्ट को खूब शेयर किया था। इससे एक्ट्रेस विवादों में घिर गई थी। दूसरा बयान- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए
अगस्त में भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। किसान बिल को वापस ले लिया गया, वरना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। 2020 में लाए गए थे 3 कृषि कानून
5 जून 2020 को केंद्र सरकार एक अध्यादेश के जरिए 3 कृषि बिल लेकर आई थी। सितंबर 2020 को केंद्र सरकार लोकसभा और राज्यसभा में फार्म बिल 2020 लेकर आई। दोनों सदनों से यह बिल पास पास हो गए, लेकिन किसानों को यह बिल मंजूर नहीं थे। किसानों को आशंका थी कि नए बिल से मंडियां खत्म हो जाएंगी। MSP सिस्टम खत्म हो जाएगा। बड़ी कंपनियां फसलों की कीमतें तय करने लगेंगी। वे इसके विरोध में उतर आए। पंजाब के किसान रेल की पटरियों पर बैठ गए, लेकिन सरकार ने उन्हें वहां से हटा दिया। 19 नवंबर 2021 को कृषि कानून वापस लिए
किसान आंदोलन के दौरान अप्रैल-मई 2021 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हुए। असम में BJP सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन उसे 11 सीटों का नुकसान हुआ। पुडुचेरी में वह गठबंधन की सरकार बनाने में कामयाब रही। जबकि केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में BJP को हार का सामना करना पड़ा। इन चुनावों में विपक्ष ने प्रधानमंत्री और BJP को खूब घेरा था। किसान नेता राकेश टिकैत ने पश्चिम बंगाल में BJP के खिलाफ प्रचार किया था। इसके बाद BJP की इंटरनल रिपोर्ट, सेना में नाराजगी, उप-चुनावों में मिली हार और 5 राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए PM मोदी ने 19 नवंबर 2021 को तीनों कृषि कानून वापस ले लिए। आखिरकार 14 महीने की तकरार के बाद 29 नवंबर को लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों से बिना किसी चर्चा के ध्वनिमत से कृषि कानून वापस ले लिया गया। 11 दिसंबर को किसानों ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया और दिल्ली बॉर्डर पर विजय दिवस मनाया।