हरियाणा में रोहतक के प्रताप चौक स्थित एक मकान में शुक्रवार की देर शाम अचानक गैस सिलेंडर फट गया। गैस सिलेंडर फटने के धमाके के साथ मकान से आग की लपटें उठने लगी। वहीं घटना के पास आसपास के लोग भी एकत्रित हो गए और मामले की सूचना पाकर दमकल विभाग की गाड़ियां पहुंची। जिन्होंने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाने का प्रयास किया। गनीमत रही कि किसी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि मकान में काफी नुकसान हो गया। रोहतक के प्रताप चौक स्थित गौरव के मकान में 2 सिलेंडर अचानक से फट गए। जिसके कारण घर में आग लग गई। सिलेंडर फटने से हुए धमाके के आवाज सुनकर दूर तक के लोग सहम गए। वहीं गैस सिलेंडर फटने के बाद घटनास्थल पर आसपास के लोग भी एकत्रित हो गए। उन्होंने आग पर काबू पाने का प्रयास किया। मामले की सूचना पुलिस व दमकल विभाग को दी। सूचना पाकर दमकल विभाग की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंची। तीन मंजिला मकान होने के कारण अंदर तक दमकल विभाग की गाड़ियों को भी आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि अभी तक इस आग के स्पष्ट कारणों का पता नहीं चल पाया है। वहीं नुकसान का आंकलन भी नहीं हो पाया है। हरियाणा में रोहतक के प्रताप चौक स्थित एक मकान में शुक्रवार की देर शाम अचानक गैस सिलेंडर फट गया। गैस सिलेंडर फटने के धमाके के साथ मकान से आग की लपटें उठने लगी। वहीं घटना के पास आसपास के लोग भी एकत्रित हो गए और मामले की सूचना पाकर दमकल विभाग की गाड़ियां पहुंची। जिन्होंने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाने का प्रयास किया। गनीमत रही कि किसी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि मकान में काफी नुकसान हो गया। रोहतक के प्रताप चौक स्थित गौरव के मकान में 2 सिलेंडर अचानक से फट गए। जिसके कारण घर में आग लग गई। सिलेंडर फटने से हुए धमाके के आवाज सुनकर दूर तक के लोग सहम गए। वहीं गैस सिलेंडर फटने के बाद घटनास्थल पर आसपास के लोग भी एकत्रित हो गए। उन्होंने आग पर काबू पाने का प्रयास किया। मामले की सूचना पुलिस व दमकल विभाग को दी। सूचना पाकर दमकल विभाग की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंची। तीन मंजिला मकान होने के कारण अंदर तक दमकल विभाग की गाड़ियों को भी आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि अभी तक इस आग के स्पष्ट कारणों का पता नहीं चल पाया है। वहीं नुकसान का आंकलन भी नहीं हो पाया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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नायब सैनी ही हरियाणा के नए मुख्यमंत्री होंगे:2 डिप्टी CM भी संभव; मंत्रिमंडल में 2 पुराने और 10 नए चेहरे रखे जाएंगे हरियाणा विधानसभा में भाजपा की जीत की हैट्रिक के बाद अब नई सरकार के गठन की कवायद तेज हो गई है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि शनिवार को दशहरा के दिन मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट मंत्रियों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा। इससे पहले भाजपा विधायक दल की बैठक में नए नेता का चुनाव किया जाएगा। इसके लिए नायब सैनी दिल्ली भी गए हैं। वैसे तो पार्टी हाईकमान की ओर से नायब सिंह सैनी को ही मुख्यमंत्री बनाने को लेकर हरी झंडी दी जा चुकी है, लेकिन औपचारिक प्रक्रिया में फिर से उनके नाम का चयन किया जाएगा। वहीं, नई सरकार में मंत्री बनने के लिए विधायकों में भागदौड़ शुरू हो गई है। अधिकांश पुराने मंत्रियों के चुनाव हारने से अब नए लोगों को मौका मिलने की उम्मीद है। चुनाव के नतीजे आने के बाद केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के दिल्ली निवास पर कई नेताओं का जमावड़ा लग गया है। भाजपा के हरियाणा चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सह प्रभारी बिप्लव देब ने मनोहर लाल खट्टर के साथ बैठकर रणनीति तैयार की है। इस बैठक में मंत्रियों के नामों सहित अन्य मामलों पर चर्चा की गई। 2 डिप्टी CM बनाए जाने की चर्चा
नई सरकार में CM के साथ 2 डिप्टी CM बनाए जाने की चर्चा शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि वरिष्ठता के आधार पर पूर्व गृह मंत्री अनिल विज और एक ब्राह्मण विधायक को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। सियासी गलियारों में चर्चा यह भी है कि भाजपा हाईकमान विज जैसे वरिष्ठ नेताओं को उचित सम्मान देना चाहती है। पार्टी का मानना है कि जिस तरह से प्रदेश की जनता ने भाजपा को स्पष्ट जनादेश है, उसमें कई नेताओं को सरकार में समायोजित किया जाएगा। भाजपा लाना चाहती है डिप्टी CM फॉर्मूला
हरियाणा में BJP नई सरकार में डिप्टी CM फॉर्मूले को लाना चाहती है। इसकी सबसे बड़ी वजह सरकार में सीनियरिटी को लेकर होने वाला विवाद है। अभी अनिल विज नई सरकार में सबसे सीनियर नेता हैं। इसके अलावा वह CM बनने का दावा भी ठोक चुके हैं। ऐसे में उन्हें मैनेज करने के लिए पार्टी उन्हें डिप्टी CM बना सकती है। हालांकि, विज के अलावा दूसरे डिप्टी CM के चेहरे को लेकर अभी संशय बना हुआ है। कई नए चेहरों को मिल सकता है मंत्रिमंडल में मौका
नई सरकार में भाजपा के कई नए चेहरे शामिल हो सकते हैं। पुराने चेहरों में पूर्व गृह मंत्री अनिल विज, मूलचंद शर्मा और महिपाल ढांडा का नाम तो लगभग तय है। वहीं, नए चेहरों में जातीय और क्षेत्रीय तौर पर फरीदाबाद से विपुल गोयल, भिवानी से घनश्याम सर्राफ, बादशाहपुर से राव नरवीर, इसराना से कृष्ण लाल पंवार, नरवाना से कृष्ण कुमार बेदी, राई से कृष्णा गहलावत, जींद से डॉ. कृष्ण मिड्डा, गोहाना से डॉ. अरविंद शर्मा और यमुनानगर से घनश्याम अरोड़ा का नाम चर्चाओं में है। इसके अलावा करनाल के घरौंडा से विधायक हरविंदर कल्याण को विधानसभा स्पीकर बनाए जाने की चर्चाएं हैं। वहीं, पूर्व डिप्टी स्पीकर रणवीर गंगवा को अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। ग्राफिक्स में जानिए क्यों मिल सकती है इन नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह…
विनेश-बजरंग की सियासत ने हरियाणा को चौंकाया:चुनाव से पहले हुड्डा ग्रुप संग थे; अब कुमारी सैलजा के साथ नजर आए
विनेश-बजरंग की सियासत ने हरियाणा को चौंकाया:चुनाव से पहले हुड्डा ग्रुप संग थे; अब कुमारी सैलजा के साथ नजर आए रेसलिंग से राजनीति में आए बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट की सियासत ने सबको चौंका दिया है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले विनेश-बजरंग हुड्डा ग्रुप के साथ रहे। चुनाव के दौरान भी विनेश फोगाट के लिए दीपेंद्र हुड्डा प्रचार करते दिखे। हालांकि, मंगलवार (22 अक्टूबर) को बजरंग पूनिया ने दिल्ली में ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पदभार संभाला। इस दौरान उनके साथ सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा मौजूद रहीं। यह चौंकाने वाला इस वजह से है, क्योंकि हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा और सैलजा गुट आपस में विरोधी है। चुनाव में भी इनकी गुटबाजी नजर आती रही। चुनाव में हार के लिए भी सैलजा गुट भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को जिम्मेदार ठहरा रहा है। इसके बावजूद विनेश फोगाट के जुलाना से MLA बनने के बाद बजरंग को पदभार संभालते वक्त दीपेंद्र हुड्डा की गैरमौजूदगी से कई तरह की चर्चाएं खड़ी हो गई हैं। वहीं, इसे लेकर बजरंग पूनिया ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा हमारे सीनियर नेता हैं। आगे भी हम उनके नेतृत्व में काम करते रहेंगे। शुरू से हुड्डा गुट के करीबी रहे विनेश-बजरंग
विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया शुरू से ही हुड्डा गुट के ही करीबी रहे हैं। जब विनेश, बजरंग और साक्षी मलिक ने अन्य पहलवानों के साथ भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था, तब कांग्रेस पार्टी के कई नेता उनकी सपोर्ट में दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचे थे। ज्यादातर पहलवान हरियाणा के थे, इसलिए कांग्रेस पार्टी से हरियाणा के CM रहे भूपेंद्र हुड्डा भी उस समय पहलवानों के समर्थन में पहुंचे थे। शुरुआत में तो पहलवानों ने अपने मुद्दे पर राजनीति न करने के लिए कहा था, लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस का समर्थन पा लिया। तब से ही विनेश और बजरंग हुड्डा गुट के करीबी हो गए थे। पहलवान आंदोलन में हुड्डा दिखे
पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहलवानों के समर्थन में खुद जंतर-मंतर पर पहुंचे थे। उनके साथ हरियाणा कांग्रेस का विधायक दल भी वहां पहुंचा था। तब हुड्डा ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि न्याय मिलने में देर हो सकती है, मगर अंधेर नहीं होगी। खिलाड़ी संयम और हिम्मत बनाए रखें। देश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों के साथ कांग्रेस खड़ी है। विनेश के स्वागत में पहुंचे दीपेंद्र हुड्डा
जब विनेश फोगाट पेरिस ओलिंपिक के फाइनल से डिस्क्वालिफाई होकर देश लौटीं तो उनका स्वागत करने के लिए खुद सांसद दीपेंद्र हुड्डा दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे थे। एयरपोर्ट से लेकर विनेश के बलाली गांव पहुंचने तक तमाम कांग्रेस नेताओं, 2 विधायकों और पार्टी टिकट के कई दावेदारों ने विनेश का स्वागत किया। दीपेंद्र ने ही एयरपोर्ट के अंदर विनेश को रिसीव किया था। वह खुद सुरक्षाकर्मियों के घेरे में विनेश को लेकर दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर आए। जब रोड शो निकला तो विनेश की गाडी के बोनट पर विनेश के साथ बजरंग पूनिया व साक्षी मलिक के अलावा दीपेंद्र हुड्डा भी बैठे। पेरिस से लौटकर हुड्डा परिवार से मिलीं
विनेश फोगाट जब पेरिस से लौटीं तो वह नई दिल्ली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके परिवार से मिलीं। तब विनेश ने कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली थी, लेकिन चर्चा थी कि विनेश विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। तब भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था, “एथलीट सिर्फ एक पार्टी के नहीं होते। वे पूरे देश के होते हैं।” हुड्डा ने कहा कि विनेश के साथ अन्याय हुआ है। उन्हें उनका उचित सम्मान मिलना चाहिए। उन्हें राज्यसभा में मनोनीत किया जाना चाहिए। उन्हें वही सम्मान मिलना चाहिए जो स्वर्ण पदक विजेता को मिलता है। हुड्डा ने कांग्रेस जॉइन कराने की बात कही
जब विनेश और बजरंग की कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ने लगी थीं तो भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि अगर कोई पार्टी में शामिल होता है, तो हम उसका स्वागत करते हैं। उन्होंने विनेश के मामले में कहा था कि यह विनेश पर ही निर्भर करेगा। टिकट दिलाने और जिताने में भूमिका निभाई
वहीं, कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि चुनाव से पहले जब केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग हुई तब भूपेंद्र हुड्डा ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को टिकट देने की पैरवी की थी। हुड्डा ने कहा था कि पहलवानों के साथ खड़े होने से हरियाणा में लोगों का समर्थन कांग्रेस के पक्ष में आएगा। केंद्रीय चुनाव समिति ने इसके लिए चर्चा के बाद हामी भी भर दी थी। हालांकि, चुनाव लड़ने या न लड़ने और सीट चुनने का फैसला तब विनेश और बजरंग पर ही छोड़ा गया था। बाद में विनेश ने जुलाना से चुनाव लड़ा और बजरंग को ऑल इंडिया किसान कांग्रेस का वर्किंग चेयरमैन बनाया गया। हरियाणा में हुड्डा Vs सैलजा क्यों?
हरियाणा चुनाव के दौरान हुड्डा गुट की सैलजा गुट से ठनी रही। टिकटों के बंटवारे से लेकर चुनाव प्रचार तक दोनों ग्रुपों में खींचतान चलती रही। टिकट बंटवारे में भूपेंद्र हुड्डा ने अपना वर्चस्व दिखाते हुए ज्यादातर सीटों पर अपने समर्थकों को टिकट दिलाया। वहीं, कांग्रेस हाईकमान ने सैलजा समर्थक करीब 5 दावेदारों को टिकट दिए। जब सैलजा की बंटवारे में नहीं चली तो उन्होंने हुड्डा समर्थकों के चुनाव प्रचार से दूरी बना ली। वहीं, हुड्डा भी सैलजा समर्थक उम्मीदवारों की रैलियों में नहीं पहुंचे। इस दौरान दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर जुबानी हमले भी किए। भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा दोनों ही हरियाणा CM की कुर्सी पर अपनी दावेदारी ठोक रहे थे। हालांकि, हाईकमान ने किसी का नाम प्रस्तावित नहीं किया था।
बहादुरगढ़ में BJP केंडिडेट का विरोध:सगे भाई ने दिनेश को कहा अंहकारी, फूट-फूट कर रोए पूर्व विधायक नरेश कौशिक
बहादुरगढ़ में BJP केंडिडेट का विरोध:सगे भाई ने दिनेश को कहा अंहकारी, फूट-फूट कर रोए पूर्व विधायक नरेश कौशिक हरियाणा की बहादुरगढ़ सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार दिनेश कौशिक का विरोध शुरू हो गया है। कौशिक का विरोध किसी और ने नहीं, बल्कि उनके ही सगे बड़े भाई नरेश कौशिक ने किया है। नरेश का आरोप है कि उनका छोटा भाई अहंकारी है। उन्होंने कहा, ‘टिकट मिले हुए उसे 3 दिन हो गए, लेकिन उसने आज तक मुझे एक कॉल तक करना ठीक नहीं समझा। भले ही हमारे बीच मतभेद रहे हैं, लेकिन मैंने कभी अपने भाई के खिलाफ कुछ नहीं बोला। उल्टा वह मेरे खिलाफ लगातार गलत बयानबाजी करता रहा।’ नरेश ने फूट-फूटकर रोते हुए कहा, ‘मेरे परिवार में बेटी (दिनेश की बेटी) की शादी थी, लेकिन इस आदमी (दिनेश कौशिक) ने मुझे उस शादी तक में शामिल नहीं होने दिया। वह बहुत बड़ा अहंकारी है। मेरे परिवार को साजिश के तहत तोड़ा गया।’ शुक्रवार को नरेश कौशिक ने बहादुरगढ़ शहर में अपने समर्थकों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने बगैर नाम लिए ओमप्रकाश धनखड़ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उनके परिवार में ही फूट डाल दी। पूर्व विधायक नरेश कौशिक ने कहा इस परिस्थिति में पार्टी के कैंडिडेट का समर्थन कैसे संभव है? जो उनके पास एक कॉल तक नहीं कर सकता। मेरे साथ साजिश रची गई। मेरे घर को लूटने काम किया गया। मेरे परिवार को लूटने का काम किया गया। मेरी राजनीति को खत्म करने की कोशिश की गई। इसलिए मैंने पार्टी को कहा- ये फैसला बदलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे तो कमल के फूल पर लड़ेंगे। मैंने हमेशा पार्टी हित के लिए काम किया है। मैंने उन लोगों के खिलाफ आवाज उठाई जो लोग कहते थे वोट डालकर दिखा देना। हमने दो बार दीपेंद्र हुड्डा को यहां से हराने का काम किया। मुझे दुख इस बात का है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मैं बीमार हो गया। अगर मैं बीमार नहीं होता तो अबकी बार भी दीपेंद्र को यहां से हराकर भेजते। जो नेता अपनी सीट नहीं जीत पाए वो पूरे झज्जर जिले की सीट दिलाने का काम करते है और वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को घुमराह कर मेरे भाई को लेकर गए। उन्हें पता था कि उनका भाई जीत नहीं सकता। क्योंकि नरेश कौशिक के साथ हलके की जनता हैं। इसी साजिश के तहत मेरी टिकट कटवाई गई। नरेश ने कहा कि पार्टी दो दिन में अपना फैसला बदले। वरना उसके बाद कार्यकर्ता जो फिर फैसला लेंगे मुझे मंजूर हैं। हालांकि नरेश कौशिक ने पार्टी नहीं छोड़ी हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी वह पार्टी में थे और आज भी बीजेपी में हैं। आगे का निर्णय कार्यकर्ता लेंगे। पिछले चुनाव में मिली थी हार बता दें कि नरेश कौशिक बहादुरगढ़ में बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं। 2014 में वह इसी सीट से बीजेपी की टिकट पर जीतकर विधायक चुने गए थे। हालांकि 2019 में पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया, लेकिन वह कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र जून के सामने चुनाव हार गए। इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर उनके छोटे भाई दिनेश कौशिक को दिया। दोनों भाइयों के बीच मतभेद काफी समय से चले आ रहे है। इसी के चलते नरेश कौशिश दिनेश को टिकट दिए जाने से खासे नाराज दिखे। नरेश कौशिक का टिकट कटने की एक वजह उनका आईएनएलडी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या में नाम आना भी रहा। हालांकि नफे सिंह राठी हत्याकांड की जांच अभी सीबीआई कर रही हैं। राठी के परिवार ने कौशिक सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को नामजद कराया था। सीबीआई की टीम नरेश कौशिक के अलावा अन्य नामजद लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है।