सहारनपुर के जिला महिला अस्पताल में डॉक्टरों ने सर्जरी के बाद महिला के पेट में टॉवल छोड़ दिया। सिजेरियन के बाद महिला ने बेटी को जन्म दिया था। लेकिन कुछ दिन महिला के पेट में दर्ज हुआ तो पेट में तौलिया होने का पता चला। प्राइवेट हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बाद टॉवल तो निकाल दिया गया। लेकिन महिला की आंत फट गई है। जिस कारण महिला को गंभीर हालत में चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया गया। 25 नवंबर को हुआ था ऑपरेशन सढौली पिलखनी के रहने वाले सूरज की पत्नी करिश्मा प्रेग्नेट थी। 25 नवंबर को उसके पेट में दर्द हुआ। ससुराल वाले उसे जिला महिला अस्पताल लेकर पहुंच गए। करिश्मा ने सर्जरी के बाद एक बेटी को जन्म दिया। लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही ऐसी रही कि प्रसूता के पेट में तौलिया ही छोड़ दिया। कुछ सामान्य रहा। लेकिन पिछले दो दिनों से दर्द की शिकायत हुई। अस्पताल में लगाया इंजेक्शन तो फूल गया पेट पीड़िता ने बताया कि जब उसके ससुराल वाले उसे लेकर महिला अस्पताल में पहुंचे। पेट में दर्द होने की बात बताई। जिसके बाद डॉक्टरों ने उसके एक इंजेक्शन लगा दिया। महिला ने बताया कि इंजेक्शन लगाते ही उसका पेट फूलने लगा। दर्द ओर बढ़ गया। जिसके बाद डॉक्टरों बिना कुछ बताए ही प्रसूता को मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। बराड़ा में लग रहा था ज्यादा पैसा महिला ने बताया कि उसके मायके वाले भी जिला अस्पताल में आ गए। जहां पर उसके भाई ने बराड़ा ले जाने की बात कही। लेकिन महिला को अपने घर की स्थिति का पता था। उसने मना कर दिया। लेकिन मायके पक्ष के लोग उसे जबरन बराड़ा मेडिकल कॉलेज ले गए। जहां पर सारी जांच में करीब 7 हजार रुपए खर्च हो गए। वहां पर करीब 70 हजार रुपए खर्च बताया गया। महिला ने वहां पर ऑपरेशन करने से मना कर दिया। महिला अपने ससुरालियों के साथ सहारनपुर के मेडिकल कॉलेज आ गई। कर दिया था रेफर…प्राइवेट में कराया ऑपरेशन
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने महिला की हालत देखकर हॉयर सेंटर के लिए रेफर कर दिया था। लेकिन फिर प्रसूता का पति परिजनों और मायके पक्ष के दबाव में दिल्ली रोड के एक प्राइवेट अस्पताल में लेकर पहुंचा। जहां पर महिला का फिर से ऑपरेशन कराया गया और पेट से टॉवल निकाला गया। लेकिन महिला के पेट में टॉवल होने के कारण मवाद पड़ गई थी। जिस कारण महिला की आंत फट गई है। लेकिन गरीब होने की वजह से उनके पास पैसे नहीं थे। हॉस्पिटल ने भी उन्हें बंधक बना लिया। हालांकि सीएमओ के हस्तक्षेप के बाद महिला को हॉयर सेंटर चंडीगढ़ भेज दिया गया है। जहां पर उसका इलाज हो रहा है। हालांकि पीड़ित परिवार पर पैसों की कमी है। सीएमओ डॉ.प्रवीण कुमार का कहना है कि मामला संज्ञान में है। महिला का इलाज चंडीगढ़ में कराया जा रहा है। वहीं जिला महिला अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान क्यों लापरवाही बरती गई। इसकी जांच कराई जाएगी। किस डॉक्टर ने ऑपरेशन किया है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। सहारनपुर के जिला महिला अस्पताल में डॉक्टरों ने सर्जरी के बाद महिला के पेट में टॉवल छोड़ दिया। सिजेरियन के बाद महिला ने बेटी को जन्म दिया था। लेकिन कुछ दिन महिला के पेट में दर्ज हुआ तो पेट में तौलिया होने का पता चला। प्राइवेट हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बाद टॉवल तो निकाल दिया गया। लेकिन महिला की आंत फट गई है। जिस कारण महिला को गंभीर हालत में चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया गया। 25 नवंबर को हुआ था ऑपरेशन सढौली पिलखनी के रहने वाले सूरज की पत्नी करिश्मा प्रेग्नेट थी। 25 नवंबर को उसके पेट में दर्द हुआ। ससुराल वाले उसे जिला महिला अस्पताल लेकर पहुंच गए। करिश्मा ने सर्जरी के बाद एक बेटी को जन्म दिया। लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही ऐसी रही कि प्रसूता के पेट में तौलिया ही छोड़ दिया। कुछ सामान्य रहा। लेकिन पिछले दो दिनों से दर्द की शिकायत हुई। अस्पताल में लगाया इंजेक्शन तो फूल गया पेट पीड़िता ने बताया कि जब उसके ससुराल वाले उसे लेकर महिला अस्पताल में पहुंचे। पेट में दर्द होने की बात बताई। जिसके बाद डॉक्टरों ने उसके एक इंजेक्शन लगा दिया। महिला ने बताया कि इंजेक्शन लगाते ही उसका पेट फूलने लगा। दर्द ओर बढ़ गया। जिसके बाद डॉक्टरों बिना कुछ बताए ही प्रसूता को मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। बराड़ा में लग रहा था ज्यादा पैसा महिला ने बताया कि उसके मायके वाले भी जिला अस्पताल में आ गए। जहां पर उसके भाई ने बराड़ा ले जाने की बात कही। लेकिन महिला को अपने घर की स्थिति का पता था। उसने मना कर दिया। लेकिन मायके पक्ष के लोग उसे जबरन बराड़ा मेडिकल कॉलेज ले गए। जहां पर सारी जांच में करीब 7 हजार रुपए खर्च हो गए। वहां पर करीब 70 हजार रुपए खर्च बताया गया। महिला ने वहां पर ऑपरेशन करने से मना कर दिया। महिला अपने ससुरालियों के साथ सहारनपुर के मेडिकल कॉलेज आ गई। कर दिया था रेफर…प्राइवेट में कराया ऑपरेशन
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने महिला की हालत देखकर हॉयर सेंटर के लिए रेफर कर दिया था। लेकिन फिर प्रसूता का पति परिजनों और मायके पक्ष के दबाव में दिल्ली रोड के एक प्राइवेट अस्पताल में लेकर पहुंचा। जहां पर महिला का फिर से ऑपरेशन कराया गया और पेट से टॉवल निकाला गया। लेकिन महिला के पेट में टॉवल होने के कारण मवाद पड़ गई थी। जिस कारण महिला की आंत फट गई है। लेकिन गरीब होने की वजह से उनके पास पैसे नहीं थे। हॉस्पिटल ने भी उन्हें बंधक बना लिया। हालांकि सीएमओ के हस्तक्षेप के बाद महिला को हॉयर सेंटर चंडीगढ़ भेज दिया गया है। जहां पर उसका इलाज हो रहा है। हालांकि पीड़ित परिवार पर पैसों की कमी है। सीएमओ डॉ.प्रवीण कुमार का कहना है कि मामला संज्ञान में है। महिला का इलाज चंडीगढ़ में कराया जा रहा है। वहीं जिला महिला अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान क्यों लापरवाही बरती गई। इसकी जांच कराई जाएगी। किस डॉक्टर ने ऑपरेशन किया है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर