नारनौल की बेटी ने IJSO में जीता गोल्ड:गांव पहुंचने पर हुआ स्वागत; रोमानिया में हुई प्रतियोगिता, 52 देशों के स्टूडेंट्स हुए शामिल

नारनौल की बेटी ने IJSO में जीता गोल्ड:गांव पहुंचने पर हुआ स्वागत; रोमानिया में हुई प्रतियोगिता, 52 देशों के स्टूडेंट्स हुए शामिल

हरियाणा के नारनौल में मंडी अटेली की बेटी भव्या गुणवाल ने रोमानिया में आयोजित इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलंपियाड (IJSO) में गोल्ड मेडल जीता है। गांव पहुंचे पर लोगों ने भव्या गुणवाल स्वागत किया। 15 वर्षीय भव्या गुणवाल ने विज्ञान और गणित में अपनी गहरी समझ और कठोर परिश्रम से यह बड़ी उपलब्धि हासिल की। डॉक्टर अनिल ने कहा कि भव्या ने बचपन से ही विज्ञान में रुचि दिखाई और अपनी लगन से यह मुकाम हासिल किया। उनकी मां डॉक्टर सुमन ने इस जीत को पूरे देश के लिए प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि भव्या की यह जीत केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं। 52 देशों के विद्यार्थियों ने लिया हिस्सा रोमानिया में आयोजित इस प्रतियोगिता में 52 देशों के 12-15 आयु वर्ग के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में भारत से 6 विद्यार्थियों की टीम शामिल हुई। चीन को हराकर भारत ने यह जीत हासिल की है। IJSO में पहली बार भारतीय टीम ने चीन को हराकर गोल्ड पदक जीता है। यह न केवल भारतीय टीम की मेहनत का प्रमाण है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत का शिक्षा और विज्ञान क्षेत्र कितनी तेजी से प्रगति कर रहा है। क्या है IJSO की महत्ता IJSO एक अंतरराष्ट्रीय मंच है, जहां छात्र विज्ञान, गणित और प्रौद्योगिकी में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करते हैं। इस बार प्रतियोगिता का आयोजन रोमानिया में हुआ। जिसमें भारतीय टीम ने न केवल भाग लिया, बल्कि अपनी प्रतिभा से सभी का दिल जीत लिया। हरियाणा के नारनौल में मंडी अटेली की बेटी भव्या गुणवाल ने रोमानिया में आयोजित इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलंपियाड (IJSO) में गोल्ड मेडल जीता है। गांव पहुंचे पर लोगों ने भव्या गुणवाल स्वागत किया। 15 वर्षीय भव्या गुणवाल ने विज्ञान और गणित में अपनी गहरी समझ और कठोर परिश्रम से यह बड़ी उपलब्धि हासिल की। डॉक्टर अनिल ने कहा कि भव्या ने बचपन से ही विज्ञान में रुचि दिखाई और अपनी लगन से यह मुकाम हासिल किया। उनकी मां डॉक्टर सुमन ने इस जीत को पूरे देश के लिए प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि भव्या की यह जीत केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं। 52 देशों के विद्यार्थियों ने लिया हिस्सा रोमानिया में आयोजित इस प्रतियोगिता में 52 देशों के 12-15 आयु वर्ग के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में भारत से 6 विद्यार्थियों की टीम शामिल हुई। चीन को हराकर भारत ने यह जीत हासिल की है। IJSO में पहली बार भारतीय टीम ने चीन को हराकर गोल्ड पदक जीता है। यह न केवल भारतीय टीम की मेहनत का प्रमाण है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत का शिक्षा और विज्ञान क्षेत्र कितनी तेजी से प्रगति कर रहा है। क्या है IJSO की महत्ता IJSO एक अंतरराष्ट्रीय मंच है, जहां छात्र विज्ञान, गणित और प्रौद्योगिकी में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करते हैं। इस बार प्रतियोगिता का आयोजन रोमानिया में हुआ। जिसमें भारतीय टीम ने न केवल भाग लिया, बल्कि अपनी प्रतिभा से सभी का दिल जीत लिया।   हरियाणा | दैनिक भास्कर